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डाली में लगा हुआ बेर का फल बेर (वानस्पतिक नाम : Ziziphus mauritiana) फल का एक प्रकार हैं। कच्चे फल हरे रंग के होते हैं। पकने पर थोड़ा लाल या लाल-हरे रंग के हो जाते हैं। बेर एक ऐसा फलदार पेड़़ है जो कि एक बार पूरक सिंचाई से स्थापित होने के पश्चात वर्षा के पानी पर निर्भर रहकर भी फलोत्पादन कर सकता है। यह एक बहुवर्षीय व बहुउपयोगी फलदार पेड़ है जिसमें फलों के अतिरिक्त पेड़ के अन्य भागों का भी आर्थिक महत्व है। शुष्क क्षेत्रों में बार-बार अकाल की स्थिति से निपटने के लिए भी बेर की बागवानी अति उपयोगी सिद्ध हो सकती है। इसकी पत्तियाँ पशुओं के लिए पौष्टिक चारा प्रदान करती है जबकि इसमें प्रतिवर्ष अनिवार्य रूप से की जाने वाली कटाई-छंटाई से प्राप्त कांटेदार झाड़ियां खेतों व ढ़ाणियों की रक्षात्मक बाड़ बनाने व भण्डारित चारे की सुरक्षा के लिए उपयोगी है। बेर खेती ऊष्ण व उपोष्ण जलवायु में आसानी से की जा सकती है क्योंकि इसमें कम पानी व सूखे से लड़ने की विशेष क्षमता होती है बेर में वानस्पतिक बढ़वार वर्षा ऋतु के दौरान व फूल वर्षा ऋतु के आखिर में आते है तथा फल वर्षा की भूमिगत नमी के कम होने तथा तापमान बढ़ने से पहले ही पक जाते है। गर्मियों में पौधे सुषुप्तावस्था में प्रवेश कर जाते है व उस समय पत्तियाँ अपने आप ही झड़ जाती है तब पानी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इस तरह बेर अधिक तापमान तो सहन कर लेता है लेकिन शीत ऋतु में पड़ने वाले पाले के प्रति अति संवेदनशील होता है। अतः ऐसे क्षेत्रों में जहां नियमित रूप से पाला पड़ने की सम्भावना रहती है, इसकी खेती नहीं करनी चाहिए। जहां तक मिट्टी का सवाल है, बलुई दोमट मिट्टी जिसमें जीवांश की मात्रा अधिक हो इसके लिए सर्वोत्तम मानी जाती है, हालाकि बलुई मिट्टी में भी समुचित मात्रा में देशी खाद का उपयोग करके इसकी खेती की जा सकती है। हल्की क्षारीय व हल्की लवणीय भूमि में भी इसको लगा सकते है। बेर में 300 से भी अधिक किस्में विकसित की जा चुकी है परन्तु सभी किस्में बारानी क्षेत्रों में विशेषकर कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त नहीं है। ऐसे क्षेत्रों के लिए अगेती व मध्यम अवधि में पकने वाली किस्में ज्यादा उपयुक्त पाई गई है। [1] सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
बेर के पेडबेर के फल में कई प्रकार के पोषक तत्वों पाए जाते हैं। बेर का टेस्ट खट्टा और मीठा होता है। बेर का फल हर किसी को पसंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं की इसके फायदे भी अनेकों है। जी हां, बेर का टेस्ट जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही ये हमारे हेल्थ के लिए भी लाभकारी माना जाता है। जब बेर के फल कच्चे होते हैं, तो हरे रंग के होते हैं और जब ये पक जाते हैं तो इसका रंग थोड़ा थोड़ा लाल होने लगता है। बेर का फल विटामिन और खनिजो से भरा पड़ा है। इस फल में मैग्नीशियम, विटामिन k, कैल्शियम जैसे गुण भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बेर में टार्टरिक और सक्सीनिक जैसे कुछ जैविक अम्ल भी पाया जाता है। mahashivratri के दिन व्रत rakhne वाले श्रद्धालु बेर के फल का सेवन जरूर करते हैं । इसमे विटामिन C पर्याप्त मात्रा मे पाया जाता है । बेर का वृक्ष कहां पाया जाता हैमुख्य रूप से बेर के वृक्ष अमूमन शुष्क और अर्द्धशुष्क जैसे क्षेत्रों में ज्यादातर उगाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रजाति की उत्पत्ति दक्षिण-पूर्व एशिया के इंडो-मलेशियाई क्षेत्र में हुई थी। वर्तमान मे यह दक्षिणी अफ्रीका से मध्य पूर्व से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप और चीन, इंडोमालय, और आस्ट्रेलिया और प्रशांत द्वीप समूह में पुरानी दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से पाया जाता है। यह मध्यम उम्र के साथ तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है, जो जल्दी से 10-40 फीट (3 से 12 मीटर) तक लंबा हो सकता है। भारतीय उपमहाद्वीप मे यह कम तापमान के समय फल देता है , इसकी कुछ प्रजातियाँ अक्टूबर मे फल दे देते हैं जबकि कुछ फरवरी से अप्रैल तक फल देते हैं । भारत बेर उत्पादन देशों मे सबसे अग्रणी है इसके अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश व कुछ अफ्रीकी देशों मे भी बेर का अच्छा उत्पादन होता है । बेर का वानस्पतिक नाम क्या हैबेर के वृक्ष का वानस्पतिक नाम Ziziphus mauritiana ( जिजिफस मौरिशियाना ) है। इंगलिश मे इसे Indian Zuzube ,Indian plum, Chinese date आदि नामों से जाना जाता है । बेर के पत्तों से होने वाले लाभ जानने के लिए यह वीडियो देखें बेर के लाभतो आइए दोस्तों, आगे के इस पोस्ट में हम आपको बेर के लाभ से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं :-
क्या आप भी अपने हड्डियों को मजबूत और लचीला बनाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको बेर का सेवन करना चाहिए। फॉस्फोरस, कैल्शियम और लोहे जैसे खनिजों का भोग कर आप चाहे तो अपने हड्डियों को मजबूत और लचीला बना सकते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाने के गुण भरपूर मात्रा में बेर के फल में पाए जाते हैं। आज के समय में उम्र बढ़ने के साथ ही साथ लोगों को हड्डियों से संबंधित परेशानी भी हो रही है। ज्यादातर मामले घुटनो के दर्द के आ रहे हैं। इसलिए यदि आप अपना हड्डी मजबूत रखना चाहते हैं और हड्डियों से जुड़ी समस्या को दूर करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको बेर का सेवन करना होगा।
यदि आपको सूजन जैसी गंभीर समस्या है, तो इससे राहत पाने के लिए आपको बेर का सेवन करना चाहिए। क्योंकि बेर में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जिसकी मदद से आप अपने सूजन को कम कर सकते हैं। बेर में पाए जाने वाले बायोमोलिक्यूल आपकी सूजन को कम करने और रोकने में काफी सहायता प्रदान करता है।
यदि आपको सिर दर्द की समस्या बार बार होती है, तो इससे पीछा छुड़ाने के लिए आपको बेर का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि बेर में एनाल्जेसिक जैसे प्रभाव होते हैं, जो कि हमें सिर दर्द से राहत दिलाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। यदि आप भी अपने दर्द को कम या इससे पूरी तरह से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको बेर या बेर की चटनी का सेवन करना चाहिए।
आज कल हर किसी के बाल झरने और टूटने लगे है ऐसे में यदि आप भी अपने बालों को मजबूत और लंबे होते देखना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको बेर के बीजों से निर्माण एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि उस तेल को आप अपने बालो में लगा कर उसे लंबा, मोटा और मजबूत बना सकते हैं। बेर में काफी मात्रा में पोषक तत्वों पाए जाते हैं, जो हमारे बालों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। बालों को लंबा, घना और मजबूत बनाने के लिए आपको बेर के बीजों के ऑयल में नारियल ऑयल लगाकर अपने बालो की मालिस करनी होती है। उसके थोड़ी देर बाद आप अपने बालों को धो सकते हैं। ये उपाएं आपके बालों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
यदि आप अपने आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको बेर का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि बेर हमारी आंखों को स्वस्थ रखने में हमारी काफी मदद कर सकता है। बेर के इस्तेमाल से आप आंखों में हुए इन्फेक्शन को सही कर सकते हैं। बेर में एंटीमाइक्रोबियल जैसे पोषक तत्वों पाए जाते हैं, जो आपको लगभग सभी आंखों से संबंधित संक्रमण को ठीक करने में आपकी मदद करता है।
गुणकारी फलों में से एक बेर है, जो हमारे माइंड को शांत रखता है। बेर का सेवन करने से हमे नींद भी अच्छी आती है। इसके अलावा बेर में पाए जानें वाले न्यूरोप्रोटेक्टिव जैसे गुण हमारी दिमाग के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है। यही नहीं यदि आपको दिमाग से संबंधित कोई समय है, तो इससे राहत दिलाने में बेर आपकी मदद कर सकता है। यदि आप भी बेर का सेवन करते रहेंगे, तो ब्रेन हेमरेज जैसी गंभीर समस्या से दूर रहेंगे।
यदि आपको मुंह में छाले,मसूड़ों से खून निकलना, गले में दर्द इत्यादि जैसी समस्या होती है, तो आपको बेर का इस्तेमाल करना चाहिए। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आपको बेर के पत्ते का काढ़ा बनाना होगा और उसमे नमक मिश्रण कर गरारे करने होते हैं। ऐसा करने से आपकी मुंह से संबंधित सभी तकलीफ दूर हो जाती है। इसके अलावा बबूल और बेर की छाल को मिश्रण करके काढ़ा बना लें और फिर उससे गरारे करें। इससे आपके मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।
वर्तमान समय में इस प्रदूषण से भरे वातावरण के कारण लोगों को स्कीन से संबंधित समस्या होनी लाजमी है। आज के समय में हर इंसान किसी न किसी स्कीन प्लॉबल्म से जूझ रहा है। लेकिन अब आपको इस समस्या को झेलने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब इससे राहत दिलाने में बेर आपकी पूरी मदद कर सकता है। आपको बेर के वृक्ष की जड़ का काढ़ा बनाना होता है और उस काढ़े में आपको अपने चावल को पकाना है और उसका सेवन करना है इससे आपको काफी लाभ होगा। बेर के वृक्ष इस्तेमाल करने वाले हिस्से
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बेर का पेड़ लगाने से क्या होता है?बेर का पेड़
मान्यता है कि इसको घर में लगाना किसी मुसीबत के बराबर है। माना जाता है कि बेर के पेड़ में कांटे लगे होने की वजह से नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। घर के अंदर बेर का पेड़ लगाने की वजह से घर के सदस्यों के विचार नकारात्मक होने लगते हैं और आर्थिक नुकसान की स्थिति बन जाती है।
बेर का पेड़ क्या होता है?बेर के पेड़ अमूमन शुष्क और अर्द्धशुष्क इलाकों में पाए जाते हैं। बेर का फल हरे रंग का होता है और पकने पर लाल हो जाता है। बेर के पकने का समय दिसंबर से मार्च तक होता है। बेर की एक और प्रजाति भारत में पाई जाती है, जिसका वानस्पतिक नाम जिजिफस नुम्मुलारिया है।
पेड़ किसका प्रतीक है?पेड़- पेड़ गांव के पुरुषों का प्रतीक है। नदी- नदी गांव की विवाहिता महिलाओं की प्रतीक है। लता-- लता बादल की पत्नी का प्रतीक है।
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