Show
मरीजों को 140/90 mmHg से कम बीपी का लक्ष्य रखना चाहिए। हालांकि डायबिटीज रोगियों को ये लेवल हासिल करना थोड़ा मुश्किल होता है।खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि ब्लड प्रेशर का बढ़ना और गिरना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। अक्सर ब्लड प्रेशर के मरीज अन्य बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति का रक्तचाप 120/80 mm Hg या उससे कम माना जाता है। वहीं दूसरी ओर, यदि व्यक्ति का रक्तचाप 140/90 mm Hg या इससे अधिक है, तो समझ लें कि यह उसके लिए बहुत खतरनाक है। आपका स्वास्थ्य। और ऐसे में आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन कारणों से बढ़ता है ब्लड प्रेशरब्लड प्रेशर बढ़ने के कई कारण होते हैं, जिनमें से तनाव, खराब लाइफस्टाइल, खान-पान पर ध्यान न देना, एक्सरसाइज न करना आदि हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण माने जाते हैं। इसके अलावा खाने में नमक का अधिक मात्रा में सेवन करने वाले लोगों में भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ जाती है साथ ही जो लोग ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और उस दवा का सेवन बंद कर देते हैं तो ऐसे लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी बढ़ जाती है। । बढ़ने लगती है। जब रक्तचाप 140/90 तक पहुंच जाए तो क्या करें?आइए जानते हैं कि अगर आपका ब्लड प्रेशर मीटर 140/90 पर पहुंच जाए तो आपको क्या करना चाहिए। ब्लड प्रेशर के दौरान घबराएं नहीं मरीजस्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जब मरीज का ब्लड प्रेशर हाई हो जाए तो ऐसे में मरीज को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। दरअसल, अगर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो मरीज में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए मरीज को शांत रखने की कोशिश करें। हाई बीपी होने पर मरीज को अकेला न छोड़ेंब्लड प्रेशर बढ़ने पर मरीज को अकेला न छोड़ें, क्योंकि कई बार मरीज की हालत इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज खुद को संभाल भी नहीं पाता। इसलिए ऐसे समय में मरीज को तब तक अकेला न छोड़ें जब तक मरीज डॉक्टर के पास न पहुंच जाए। बीपी वाले मरीज खाने में नमक और सोडियम की मात्रा कम लेंब्लड प्रेशर के मरीजों को अक्सर खाने में नमक और सोडियम की मात्रा कम से कम लेनी चाहिए क्योंकि नमक और सोडियम की अधिक मात्रा लेने से मरीज में ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ जाता है और दिल का दौरा पड़ता है। और स्ट्रोक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बीपी 140/90 तक पहुंच गया है तो खान-पान में बदलाव करें। नमक का सेवन कम करें।हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी परेशानी है जिसके मरीजों की तादाद दिनों- दिन बढ़ती जा रही है। बढ़ता तनाव, खराब लाइफस्टाइल और बिगड़ता खान-पान इस बीमारी के पनपने का मुख्य कारण हैं। देश और दुनियां में बीपी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। हालात ऐसे हैं कि तीन में से एक आदमी हाई बीपी का शिकार है। ये बीमारी 30-40 साल के युवाओं में भी तेजी से पनप रही है। हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए मोटापा भी काफी हद तक जिम्मेदार है। बीपी बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। बीपी हाई होने पर बदन दर्द, सिर में दर्द, धुंधला दिखाई देना और चक्कर आने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसी भी इनसान का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 होना चाहिए। जब बीपी 120/80 से उपर चला जाए तो ब्लड प्रेशर की हाई रेंज में शामिल होता है। 140/90 चला जाता है तो इस अवस्था को हाइपरटेंशन कहते है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से कई बीमारियों जैसे हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगता है। खाने में ज्यादा नमक का सेवन, नशीले पदार्थों का सेवन और ऑयली फूड्स का सेवन करने से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है। आइए जानते हैं कि अगर ब्लड प्रेशर 140/90 तक पहुंच जाए तो उसे कैसे कंट्रोल करें।
सिटी रिपोर्टर रायपुर ये हुए शामिल पुरूषों में बढ़ रही है इंपोटेंसी तीन साल की उम्र से हो बीपी चेक बच्चों के इन लक्षणों पर ध्यान दें हाइपर टेंशन के लक्षण ञ्चयूरीन का रंग बेहद डार्क होना ञ्चबॉडी के किसी हिस्से पर लाली की झलक ((फ्लशिंग)) ञ्चसिरदर्द ञ्चउल्टियां आना ञ्चचक्कर आना ञ्चचिड़चिड़ाहट होना ((ये सारे लक्षण किडनी संबंधी समस्या और उनकी वजह से होने वाले हाइपरटेंशन की वजह से हो सकते हैं।)) ञ्चबहुत जल्दी थकान आना ञ्चहांफनी होना ञ्चसूजन रहना ञ्चरात में अचानक नींद खुलना ञ्चअचानक पसीना आना ञ्चसिर में दर्द रहना ञ्चछाती में दर्द होना सर्वे के अनुसार 52 प्रतिशत यानी हर दो में से एक पुरुष को कम उम्र में इरेक्शन डिसफंक्शन या डिसऑर्डर हो रहा है। रात के समय में अचानक बीपी शूट अप होना, ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए दी जाने वाली दवा, डिसऑर्डर या दूसरे कारणों से होने वाला टेंशन इसकी मुख्य वजह है। डॉक्टर अनूप वर्मा ने प्रेजेंटेशन के दौरान कहा कि तीन साल की उम्र से ही साल में एक बार बीपी जरूर चेक करवाना चाहिए। हाइपर टेंशन के केस किड्स में बढ़ रहे हैं। हालांकि बच्चों में 80 प्रतिशत से भी अधिक हाइपरटेंशन किडनी संबंधी तकलीफों की वजह से होता है। वहीं लगभग 20 प्रतिशत बच्चे मोटापा, फिजिकली एक्टिव ना होने और बिगड़ती लाइफ स्टाइल की वजह से हाइपर टेंशन के शिकार हो रहे हैं। इरेक्शन डिसऑर्डर से ऐसे बचें ञ्चहेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाएं, हेल्दी खाना खाएं और एक्सरसाइज के साथ रूटीन लाइफ जीएं। ञ्चतीन महीने में एक बार ब्लड प्रेशर चेक कराएं। ञ्चसमस्या होने पर तुरंत फिजिशियन की सलाह लें। ञ्चबीपी की दवा लेने के बाद समस्या हो रही है, तो डॉक्टर को बताएं। ताकि आपको नो साइड इफेक्ट वाली दवा दी जा सके। ञ्चडॉक्टर्स को भी एजग्रुप ध्यान में रखकर पेंशेंट को बीपी की दवा देनी चाहिए। प्रेग्नेंसी में हर माह बीपी चेक करानी चाहिए प्रेग्नेंट वुमेन को हर महीने अपनी स्क्रीनिंग और बीपी चेक करानी चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन की वजह से मिसकैरेज हो सकता है। दरअसरल बच्चे और मां दोनों तक ब्लड पहुंचाने की वजह से हार्ट पर लोड बढ़ता है और प्रेग्नेंसी में बीपी बढऩे के चांसेस ज्यादा होते हैं। इसलिए सूजन और झटके आने जैसे लक्षण काफी रिस्की माने जाते हैं, ऐसा होने पर तुरंत चेकअप कराएं। देश की सातवीं सबसे बड़ी समस्या हाइपरटेंशन एक्सपट्र्स ने बताया कि हाइपरटेंशन देश की सातवीं और विश्व की चौथी सबसे बड़ी सेहत की समस्या है। अर्बन एरिया में 25 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 10 से 15 प्रतिशत लोग इससे ग्रस्त हैं। बीपी के आधे मरीजों में बीमारी का पता नहीं चलता। पता लगने के बाद भी 50 प्रतिशत को ट्रीटमेंट नहीं मिलता और ट्रीटमेंट लेने के बाद भी आधे लोग बीपी नियंत्रित नहीं कर पाते। क्योंकि हम लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन की तरफ ध्यान नहीं देते। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया की हाइपरटेंशन समिट दिल्ली से डा. विनेंद शर्मा, डा. राजीव राठी, आईपीए रायपुर चैप्टर के अध्यक्ष डा. अजय सहाय सहित राज्य के कई विशेषज्ञ समिट में आए। मुख्य अतिथि डा. जीबी गुप्ता सम्माननीय अतिथि पद्मश्री डा. एटी दाबके और विशेष अतिथि डा. शशांक गुप्ता रहे। डा. अनूप वर्मा, डा. जावेद अली खान, डा. आशीष मित्तल जैसे राज्य भर के एक्सपर्ट ने हाइपरटेंशन के इलाज के तरीके और कारणों पर चर्चा की। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया की हाइपरटेंशन समिट में एक्सपर्टज ने बताया कि हाइपटेंशन ((एचटी)) की वजह से कई दूसरी बीमारियों के खतरे की संभावना बढ़ जाती है। बीपी 140 हो तो क्या करना चाहिए?वहीं दूसरी ओर, यदि व्यक्ति का रक्तचाप 140/90 mm Hg या इससे अधिक है, तो समझ लें कि यह उसके लिए बहुत खतरनाक है। आपका स्वास्थ्य। और ऐसे में आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
140 बीपी कितना होता है?सामान्य रूप से ब्लडप्रेशर 120-80 होना चाहिए। लेकिन अगर आपका बीपी 140-90 है, तो हर महीने चेकअप कराइए। लगातार तीन बार ब्लड प्रेशर 140-90 या उससे ज्यादा आए, तो समझिए खतरे की घंटी बज गई है। लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की कोशिश करें और साथ ही फिजिशियन की सलाह पर दवा लेनी शुरू करें।
बीपी तुरंत कैसे कम करें?Cause of High BP: तनाव, गुस्सा, पलूशन, अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे कई कारण हैं, जिनके चलते आज के समय में लोगों में हाई बीपी (High BP) की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. ... . हाई बीपी के लक्षण. भीड़ से तुरंत दूर हो जाएं. ताजी-खुली हवा में बैठें. गहरी सांसें लें. ताजा पानी पिएं. आंखें बंद करके लेट जाएं. हाई ब्लड प्रेशर को 3 मिनट में कैसे ठीक करें?लाइफस्टाइल बीपी की समस्या में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए एक्सपर्ट भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों को लाइफस्टाइल सुधारने की सलाह देते हैं. सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg तक होता है.
|