ऑक्सीजन सिलेंडर के बिना एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय कौन थे?
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Answer (Detailed Solution Below)Option 3 : शेरपा फु दोरजी माउंट एवरेस्ट 8848 मीटर की ऊँचाई वाली सबसे ऊँची चोटी है जो हिमालय में स्थित है| यह नेपाल में स्थित है| शेरपा फु दोरजी 1984 में ऑक्सीजन सिलेंडर के बिना दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ने वाले पहले भारतीय थे| ऑस्ट्रियाई महिला पर्वतारोही गेरलिंडे काटेनब्रुनर मंगलवार को विश्व की ऐसी पहली पर्वतारोही बन गईं, जिन्होंने बिना ऑक्सीजन मॉस्क लगाए काराकोरम पर्वत श्रृंखला की आठ हजार मीटर ऊंची चोटी की चढ़ाई की. इस कामयाबी की जानकारी काटेनब्रुनर की टीम ने दी. काटेनब्रुनर के पति और अक्सर चढ़ाई में उनका साथ देने वाले राल्फ डोयुमित्स ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, "स्थानीय समय के अनुसार शाम 6.18 बजे चोटी फतह हो गई!. गेरलिंडे के2 की चोटी पर पहुंच गई है." रिकॉर्ड बनाने के लिए यह चोटी गिरलिंडे की आखिरी मंजिल थी. अपने पति के साथ काटेनब्रुनरतस्वीर: R. Dujmovits40 साल की काटेनब्रुनर एक ट्रेंड नर्स हैं और विश्व की सभी सबसे ऊंची 14 चोटियां चढ़ने वाली तीसरी महिला हैं. लेकिन वह बिना कृत्रिम ऑक्सीजन के चढ़ाई करने वाली पहली महिला बनी है. राल्फ ने वेबसाइट पर लिखा है, "वह चांद पर है" . के2 नामक यह पर्वत-चोटी कोराकोरम पर्वतमाला पर भारत, चीन और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है. 8,611 मीटर ऊंची यह चोटी जोमोलुंगमी के बाद दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है. रंग लाई कोशिश इससे पहले 6 बार वह चढ़ाई कर चुकी हैं लेकिन चोटी तक पहुंचे बिना उन्हें लौटना पड़ा. मंगलवार को काटेनब्रुनर ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ चोटी तक पहुंची. के2 पर चढ़ाई के इरादे से दो महीने पहले टीम ने अभियान की शुरुआत की थी. एवरेस्ट पर्वत के बाद के2 सबसे ऊंचा पहाड़ है. चीन की तरफ पड़ने वाला हिस्सा काफी खतरनाक माना जाता है. इससे पहले काटेनब्रुनर ने पाकिस्तान की तरफ से चोटी पर चढ़ने की कोशिश की थी. मंगलवार सुबह टीम को खराब मौसम की वजह से चोटी पर चढ़ने की योजना टालनी पड़ी थी. टीम ने 7.30 बजे सुबह एक और कोशिश की. साफ आसमान ने टीम को चोटी तक पहुंचने में मदद की. तस्वीर: DW/Stefan Nestlerटीम का एक सदस्य बेस कैंप से चढ़ाई पर नजर बनाए हुए था और पल पल की जानकारी वेबसाइट पर डाल रहा था. काटेनब्रुनर ने अपनी वेबसाइट के जरिए कहा है, "हम चोटी तक शानदार मौसम और मुश्किल चढ़ाई के बाद पहुंच पाए हैं. यह एक उपहार जैसा है." काटेनब्रुनर ने अपने तीन और पर्वतारोही साथियों के साथ मंगलवार देर शाम वापसी शुरू कर दी. ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति ने काटेनब्रुनर को इस कामयाबी पर बधाई दी है. रिपोर्ट: एएफपी / आमिर अंसारी संपादन: आभा एम पियाली बसाक भारत की पहली महिला पर्वतारोही बन गईं, जिन्होंने बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही माउंट एवरेस्ट फतह कर लिया. वह रविवार सुबह साढ़े आठ बजे माउंट एवरेस्ट पर पहुंची. कोलकाता : बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोहीं बनीं पियाली बसाक. पियाली प. बंगाल के हुगली जिले के चंदननगर की रहने वाली हैं. आपको बता दें कि उन्होंने यह कामयाबी दूसरे प्रयास में हासिल की है. पिछली बार भी वह चोटी के काफी करीब पहुंच गई थीं, लेकिन फंडिंग की कमी की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकीं. माउंट एवरेस्ट पर भारतीयों द्वारा चड़ाई करने का पहला प्रयास 1960 में किया गया था। 1965 में कप्तान एम एस कोहली के नेतृत्व में एक दल शिखर पर पहुंचने वाले पहले भारतीय थे। 1965 और 2018 के बीच 422 भारतीयों ने कुल 465 प्रयास किए। इनमें से 29 जनों ने शिखर पर 43 बार प्रयास किया हैं। भारत की 74 महिलाओं द्वारा 81 प्रयास किए गए हैं और 4 महिला शिखरों द्वारा 7 बार प्रयास किए गए हैं। प्रमुख उपलब्धियां[संपादित करें]
दशकों मे[संपादित करें]माउंट एवरेस्ट पर भारतीय पर्वतारोही का दशक-दर-दशक लेखा जोखा। 1960 से 1999[संपादित करें]1960[संपादित करें]1960 में ब्रिगेडियर ज्ञान सिंह के नेतृत्व में भारतीय सेना द्वारा एवरेस्ट फतह करने वाला पहला भारतीय अभियान किया गया था लेकिन यह असफल रहा। पर्वतारोही कर्नल नरेंद्र कुमार, सोनम ग्यात्सो और शेरपा नवांग गोम्बू 28,300 फीट (8,625 मीटर) की उचाई तक पहुंच गए, लेकिन बेहद खराब मौसम के कारण उन्हें वहाँ से वापस लौटना पड़ा।[22][23] 1962[संपादित करें]एवरेस्ट फतह करने का दूसरा भारतीय अभियान 1962 में मेजर जॉन डायस के नेतृत्व में भारतीय सेना द्वारा किया गया था और यह भी असफल रहा। पर्वतारोही कप्तान एम एस कोहली, सोनम ग्यात्सो और हरि डांग 28,600 फीट (8,720 मीटर) तक पहुंच गए, लेकिन बेहद खराब मौसम के कारण उन्हें भी वापस लौटना पड़ा।[24][23] 1965[संपादित करें]1965 में, भारतीय सेना द्वारा तीसरे अभियान, जिसका नेतृत्व कप्तान एम एस कोहली ने किया था। इस अभियान मे 21 मुख्य सदस्य और 50 शेरपा शामिल थे। प्रारंभिक प्रयास अप्रैल के अंत के दौरान किया गया था और खराब मौसम के कारण, वे बेस कैंप में वापस आए और बेहतर मौसम के लिए 2 सप्ताह तक इंतजार किया। मई के अंत तक, वे लगातार चार प्रयासों में पहाड़ पर चढ़ने मे सफल हुए । कर्नल नरेंद्र "बुल" कुमार टीम के उपनेता थे। इस प्रकार भारत माउंट एवरेस्ट फतह करने वाला चौथा देश बन गया था।
दो दिन बाद 22 मई को सोनम ग्यात्सो और सोनम वांग्याल शिखर पर पहुंचे और एक साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भाई-बहन बने।
अभियान के रिकॉर्ड
साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
1966 से 1983[संपादित करें]1966 और 1983 के बीच 17 वर्षों तक कोई आरोहण नहीं हुआ।[28] 1984[संपादित करें]1984 में, चौथे भारतीय अभियान का नेतृत्व दर्शन कुमार खुल्लर ने किया और कुल 5 जनों ने चढ़ाई दर्ज की, जिसमें भारत की पहली महिला बछेंद्री पाल भी थी। इस अभियान मे लेफ्टिनेंट कर्नल प्रेम चंद उपनेता थे।[29][30] 23 मई 1984 को, बछेंद्री पाल ने एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में इतिहास रचा। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
1985 to 1991[संपादित करें]1985 और 1991 के बीच 6 वर्षों तक कोई चढ़ाई नहीं हुई।[31][32][33][34][35][36][37] 1992[संपादित करें]1992 में भारत तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा माउंट एवरेस्ट पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अभियान का नेतृत्व अतिरिक्त उप-अधीक्षक मेजर हुकम सिंह ने किया था जिसमे संतोष यादव सहित 8 भारतीयों द्वारा शिखर पर विजय प्राप्त की।[38] वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी चित्तरंजन आर पटनायक इस अभियान के उपनेता थे।[39][40] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
1993[संपादित करें]1993 का भारत-नेपाल एवरेस्ट अभियान भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया और खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित पहला महिला अभियान था। 21 सदस्यीय टीम का नेतृत्व बछेंद्री पाल ने किया। इस ऐतिहासिक अभियान ने उस समय कई विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए जिसमें माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक ही अभियान में 18 सबसे अधिक संख्या में व्यक्ति शामिल थे, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए किसी एक देश से 7 महिलाओं की सबसे बड़ी संख्या थी। संतोष यादव दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला बनीं, जबकि डिकी डोलमा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की (19 साल की) महिला बनीं। संतोष यादव और रीता गोम्बू मारवाह इस अभियान मे उपनेता थे[41][42][43] कुल 18 आरोहण हुए जिनमें से 11 भारतीय थे और उनमे से 7 महिलाएं थीं। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
तेनजिंग नोर्गे के भतीजे लोबसंग शेरिंग भोटिया ने ताशी वांगचुक तेनजिंग के नेतृत्व में 1993 के ऑस्ट्रेलियाई मैसेडोनियन एवरेस्ट अभियान के सदस्य के रूप में भाग लिया। वह शिखर पर पहुंच गये लेकिन उतरते समय गिरने से उसकी मृत्यु हो गई।[44] 1994 से 1995[संपादित करें]1994 और 1995 में भारतीयों द्वारा कोई चढ़ाई नहीं की गई थी.[45][46] 1996[संपादित करें]भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा माउंट एवरेस्ट पर 1996 मे दूसरा अभियान का नेतृत्व मोहिंदर सिंह ने किया। इस अभियान मे तीन पर्वतारोही मारे गए। इस अभियान को एवरेस्ट की उत्तर की ओर से पहली बार भारतीयों द्वारा चढ़ाई की गई जिसमे 8 जनों को सफलता प्राप्त हुई।[47][48] भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान, परश मणि दास और हरभजन सिंह उपनेता थे। नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
1997[संपादित करें]1997 में भारतीयों द्वारा कोई चढ़ाई नहीं की गई थी. 1998[संपादित करें]1998 में, माउंट एवरेस्ट पर एक अभियान का नेतृत्व ऋषिकेश यादव ने भारतीय स्वतंत्रता स्वर्ण जयंती समारोह के हिस्से के रूप में किया था। इस अभियान के दौरान कुल 8 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे जिनमें से 2 भारतीय और 6 शेरपा थे। यह किसी भी 8000 मीटर की चोटी पर पहला सफल भारतीय नागरिक अभियान था।.[49][50] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
एक अन्य भारतीय, कुसांग दोरजी शेरपा, डेविड वॉल्श के नेतृत्व में हिमालयी साम्राज्य अभियान के एक किराए के सदस्य के रूप में शीर्ष पर पहुंचे। 1999[संपादित करें]1999 के भारतीय एवरेस्ट मिलेनियम अभियान का नेतृत्व संतोष यादव ने किया था। इस अभियान के दौरान 4 भारतीयों द्वारा शिखर पर सफलता प्राप्त की गई थी। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2000 - 2009[संपादित करें]2000 में भारतीयों द्वारा कोई चढ़ाई नहीं की गई थी।.[51] 2001[संपादित करें]2001 के भारतीय सेना के माउंट एवरेस्ट अभियान का नेतृत्व कर्नल कृष्ण कुमार ने किया था। इस अभियान के दौरान 15 लोग शिखर पर पहुंचे जिनमें से 7 भारतीय थे और 8 शेरपा थे। सतीश चंदर शर्मा उपनेता थे।.[52][53][54][55] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2002[संपादित करें]2002 में भारतीयों द्वारा कोई चढ़ाई नहीं की गई थी।.[56] 2003[संपादित करें]2003 में एवरेस्ट और ल्होत्से पर भारत-नेपाल सेना जिसका नेतृत्व कर्नल अशोक एब्बे ने किया। इस अभियान ने कुल 16 व्यक्तियों को शिखर पर पहुंचने मे मदद किया उनमें से 9 भारतीय थे और 7 शेरपा थे। मेजर चंद्रशेखर मंडा उपनेता थे।[57][58][59] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
इसके अलावा, हिमालय पर्वतारोहण संस्थान के प्रमुख कर्नल विजय सिंह ठाकुर के नेतृत्व में 2003 के हिमालय पर्वतारोहण संस्थान एवरेस्ट अभियान में भारतीयों द्वारा कुल 2 चढ़ाई दर्ज की गई। इसमे कुलवंत सिंह धामी उपनेता थे। नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2004[संपादित करें]सत्यव्रत दाम के नेतृत्व में भारतीय नौसेना द्वारा 2004 के पहले भारतीय नौसेना माउंट एवरेस्ट नॉर्थ फेस एक्सपेडिशन ने शिखर तक पहुंचने वाले कुल 12 व्यक्तियों में से 5 भारतीय और 7 शेरपा थे। इसके उपनेता लेफ्टिनेंट अमित पांडे थे।[60][61][62] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2005[संपादित करें]मेजर सौरभ सिंह शेखावत के नेतृत्व में 2005 के भारतीय सेना महिला एवरेस्ट अभियान मे कुल 15 व्यक्तिय शिखर तक पहुंचने मे सफल रहे उनमें से 9 भारतीय थे और 6 शेरपा थे। इसके उपनेता लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद स्वरूप थे।[63][64][65] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
वायु सेना के विंग कमांडर अमित चौधरी के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना द्वारा 2005 के भारतीय वायु सेना एवरेस्ट अभियान में कुल 7 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे उनमें से 3 भारतीय थे और 4 शेरपा थे।[66][67] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2006[संपादित करें]मेजर शारब चंदूब नेगी के नेतृत्व में 2006 मे पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एवरेस्ट अभियान मे कुल 16 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे उनमें से 7 भारतीय थे और 9 शेरपा थे। [69][70][71][72] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
हरभजन सिंह के नेतृत्व में माउंट एवरेस्ट पर 2006 के तीसरे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अभियान ने कुल 14 व्यक्तियों को शिखर पर पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया उनमें से 12 भारतीय थे और 2 शेरपा थे। प्रेम सिंह उपनेता थे।[73][74] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2007[संपादित करें]लेफ्टिनेंट कर्नल ईश्वर सिंह थापा के नेतृत्व में 2007 के भारतीय सेना एवरेस्ट अभियान ने कुल 24 व्यक्तियों को शिखर पर पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया उनमें से 12 भारतीय थे और 12 शेरपा थे।[75][76][77] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
शेखर बाबू बच्चनपल्ली दो अलग लोगों के अभियान में शिखर पर पहुंचे। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले ओंगडा ग्यालज़ेन शेरपा, माइकल पैट्रिक विलियम (माइक) ग्रोकॉट के नेतृत्व में कैडवील एक्सट्रीम एवरेस्ट में शेरपा के रूप में शिखर पर पहुंचे। 2008[संपादित करें]भारतीय सेना के 2008 स्नो लायन एवरेस्ट अभियान, सेना के अधिकारी अशोक एब्बे के नेतृत्व में, शिखर पर पहुंचने वाले कुल 18 व्यक्ति थे उनमें से 9 भारतीय थे और 9 शेरपा थे।[78][79] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2008 के ग्यामत्सो शेरिंग भूटिया एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 22 व्यक्तियों में से 10 भारतीय थे और 12 शेरपा थे।[79] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
एक भारतीय वकील और पर्वतारोही कल्पना दास उन्होंने 3 शेरपाओं की मदद से, शिखर पर पहुंच गईं। उसने पहले दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास किया था, एक बार 2004 में और एक बार 2006 में, लेकिन खराब मौसम और स्वास्थ्य स्थितियों के कारण असफल रही। 2009[संपादित करें]2009 नेहरू पर्वतारोहण संस्थान एवरेस्ट अभियान, ब्रिगेडियर मंगल मूर्ति मसूर, वी एस एम के नेतृत्व में 17 व्यक्तियों को शिखर पर पहुंचने मे सफलता हासिल हुई उनमें से 10 भारतीय थे और 7 शेरपा थे।[80] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
21 मई 2009 को, कृष्णा पाटिल ने शिखर पर चढ़ाई की और दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की महिला (16 साल और 7 महीने की उम्र) बन गईं।[81]गौरव शर्मा और तापी मिरा भी दो अलग-अलग अभियानों के हिस्से के रूप में शिखर पर पहुंचे। 2010 - 2019[संपादित करें]2010[संपादित करें]2010 में भारतीयों द्वारा अलग-अलग भ्रमण के माध्यम से कुल 4 चढ़ाई दर्ज की गईं ये सभी दक्षिण की ओर (नेपाल) से।[82] 22 मई 2010 को, अर्जुन वाजपेयी 16 साल, 11 महीने और 18 दिन की उम्र में शिखर पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बने। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2011[संपादित करें]2011 में दक्षिण की ओर (नेपाल)से कुल 20 चढ़ाई दर्ज की गई 19 भारतीयों द्वारा (डबल आरोहण अंशु जमसेनपा ) ।[83] प्रेमलता अग्रवाल 48 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला बनीं। अंशु जमसेनपा 12 मई और 21 मई को दो बार चढ़ाई की। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2011 भारतीय वायु सेना महिला एवरेस्ट अभियान लेफ्टिनेंट कर्नल नरेंद्र कुमार दहिया के नेतृत्व में 2011 के भारतीय वायु सेना महिला एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 19 व्यक्ति थे , जिनमें से 7 भारतीय और 12 शेरपा थे।[84][85][86] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2012[संपादित करें]2012 में भारतीयों द्वारा कुल 52 आरोहण दर्ज किए गए, उनमें से 10 महिलाएं थीं, 7 उत्तर की ओर (चीन/तिब्बत) से और 45 दक्षिण की ओर (नेपाल) से[87] 2012 माउंट एवरेस्ट पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अभियान[संपादित करें]प्रेम सिंह के नेतृत्व में माउंट एवरेस्ट पर चौथे 2012 के भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 8 व्यक्तियों में से 7 भारतीय और 1 शेरपा थे[88][89] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2012 भारतीय सेना महिला एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]लेफ्टिनेंट कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में 2012 भारतीय सेना महिला एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर कुल 28 व्यक्ति पहुंचे उनमें से 15 भारतीय और 13 शेरपा थे। [90][91] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
प्रभु दयाल बिष्टी प्राची रमेश गोले राजेंद्र सिंह जलाल (3 का दूसरा समय) गैरी जरमन लामारे स्मिता लक्ष्मण ( कर्नाटक की पहली महिला) [92]
2012 भारतीय सेना स्नो लायन एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]लेफ्टिनेंट कर्नल भूपेश हाडा के नेतृत्व में 2012 भारतीय सेना स्नो लायन एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर कुल 11 व्यक्तियों की पहुंच दर्ज की, जिनमें से 7 भारतीय और 4 शेरपा थे। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2012 हिमालय पर्वतारोहण संस्थान एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]2012 में हिमालय पर्वतारोहण संस्थान एवरेस्ट अभियान ने हिमालय पर्वतारोहण संस्थान द्वारा 2012 में लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज राणा के नेतृत्व में शिखर पर कुल 10 व्यक्ति पहुंचे उनमें से 6 भारतीय और 4 शेरपा थे। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2012 के अन्य पर्वतारोही[संपादित करें]
[94] 2013[संपादित करें]2013 में भारतीयों द्वारा कुल 67 चढ़ाई दर्ज की गई। उनमें से 11 महिलाएं थीं - सभी दक्षिण की ओर (नेपाल) से।[95] बेगूसराय के मूल निवासी रवींद्र कुमार एवरेस्ट पर चढ़ने वाले एकमात्र आई ए एस अधिकारी हैं[संपादित करें]19 मई 2013 को, रवींद्र कुमार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बने। [96] 23 मई 2019 को, कुमार दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बने।[97]
अरुणिमा सिन्हा - पहली विकलांग महिला[संपादित करें]21 मई 2013 को, अरुणिमा सिन्हा माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली विकलांग महिला बनीं
ताशी और नुंग्शी मलिक - पहले भाई-बहन और पहले जुड़वां[संपादित करें]नुंग्शी मलिक और ताशी मलिक, जो एक साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले जुड़वां बहने थी, जिन्होंने शिखर पर चढ़ाई की।
2013 भारत नेपाल संयुक्त सेना एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]कर्नल रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में 2013 के भारत नेपाल संयुक्त सेना एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर कुल 43 व्यक्तियों की पहुंच दर्ज की, उनमें से 11 भारतीय और 32 शेरपा थे।[98] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2013 नेशनल कैडेट कॉर्प (एनसीसी) एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]सतीश चंदर शर्मा के नेतृत्व में 2013 के राष्ट्रीय कैडेट कोर एनसीसी एवरेस्ट अभियान के कुल 25 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे उनमें से 11 भारतीय और 14 शेरपा थे।[99] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2013 विशेष सेवा ब्यूरो (एसएसबी) एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]सोमित जोशी के नेतृत्व में सशस्त्र सीमा बल द्वारा 2013 के विशेष सेवा ब्यूरो (एसएसबी) एवरेस्ट अभियान मे 11 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे जिनमें से 5 भारतीय और 6 शेरपा थे।[100][101] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2013 उत्तर पूर्व भारत एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]सुरजीत सिंह लीशंगथेम के नेतृत्व में 2013 के उत्तर पूर्व भारत एवरेस्ट अभियान मे कुल 21 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे उनमें से 11 भारतीय और 10 शेरपा थे।[102][103][104] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2013 लॉरेंस स्कूल, सनावर एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]नीरज राणा के नेतृत्व में लॉरेंस स्कूल, सनावर एवरेस्ट अभियान मे कुल 13 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे उनमें से 7 भारतीय और 6 शेरपा थे।[105][106] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2013 के अन्य पर्वतारोही[संपादित करें]साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2014[संपादित करें]2014 में भारतीयों द्वारा कुल 5 चढ़ाई दर्ज की गई और उनमें से एक महिला - सभी उत्तर की ओर (चीन/तिब्बत) से।[107] मालवथ पूर्णा - माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की[संपादित करें]शेखर बाबू बच्चनपल्ली के नेतृत्व में 2014 के ट्रान्सेंड एडवेंचरस एवरेस्ट अभियान ने एक नया इतिहास रचा, मालवथ पूर्णा 25 मई 2014 को, 13 साल और 11 महीने की उम्र में, शिखर पर पहुंचने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई[108][109][110] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2015[संपादित करें]2015 में भारतीयों द्वारा कोई चढ़ाई नहीं की गई थी।[111] 2016[संपादित करें]2016 में भारतीयों द्वारा कुल 50 चढ़ाई दर्ज की गई, जिनमें से 15 महिलाएं भी थीं। एक की मौत हो गई। छह उत्तर की ओर (चीन/तिब्बत) से और 44 दक्षिण की ओर (नेपाल) से थे।[112] 2016 ट्रान्सेंड एडवेंचरस एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]शेखर बाबू बच्चनपल्ली के नेतृत्व में 2016 के ट्रान्सेंड एडवेंचरस एवरेस्ट अभियान के शिखर पर पहुंचने वाले कुल 13 व्यक्ति थे, उनमें से 5 भारतीय और 8 शेरपा थे। [113][114] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2016 भारतीय सेना एवरेस्ट मासिफ अभियान[संपादित करें]कर्नल रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में 2016 के भारतीय सेना एवरेस्ट मासिफ अभियान मे कुल 27 व्यक्ति शिखर पर पहुंचे उनमें से 10 भारतीय और 17 शेरपा थे।[115][116] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2016 नेशनल कैडेट कॉर्प (एनसीसी) गर्ल्स एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]गौरव कार्की के नेतृत्व में 2016 के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गर्ल्स एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 28 लोगों में से 14 भारतीय और 14 शेरपा थे[118][119] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2016 सटोरी एडवेंचरस इंटरनेशनल एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]2016 सटोरी एडवेंचरस इंटरनेशनल एवरेस्ट अभियान जितेश पोपटियल मोदी के नेतृत्व में शिखर पर कुल 16 व्यक्ति पहुंचे, उनमें से 6 भारतीय और 10 शेरपा थे। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2016 सेवन समिट ट्रेक्स एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]ईरानी अजीम घेचिसाज़ के नेतृत्व में 2016 सेवन समिट ट्रेक्स एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 25 व्यक्तियों को रिकॉर्ड किया, जिनमें से 7 भारतीय थे। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2016 मे अन्य पर्वतारोही[संपादित करें]साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2017[संपादित करें]2017 में 48 भारतीयों द्वारा कुल 49 आरोहण दर्ज किए गए जिसमे अंशु जमसेनपा द्वारा दोहरी चढ़ाई की गई, एक मृत्यु 18 उत्तर की ओर (चीन/तिब्बत) से और 31 दक्षिण की ओर (नेपाल) से।[120] अंशु जमसेनपा - सबसे तेज दोहरा शिखर आरोहण, भारतीय महिला द्वारा सबसे अधिक बार (5)[संपादित करें]अंशु जमसेनपा ने रचा नया इतिहास। एक सीजन में दो बार माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला और 5 दिनों के भीतर ऐसा करने वाली पहली महिला। यह किसी महिला द्वारा सबसे ऊंची शिखा का सबसे तेज दोहरा आरोहण भी है। यह उनका पांचवां आरोहण था और इस तरह वह सबसे अधिक बार चढ़ाई करने वाली भारतीय महिला बनीं। . साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2017 ट्रान्सेंड एडवेंचरस एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]शेखर बाबू बच्चनपल्ली के नेतृत्व में 2017 के ट्रान्सेंड एडवेंचरस एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर कुल 37 व्यक्तियों की पहुंचाया उनमें से 16 भारतीय और 21 शेरपा थे।[121] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2017 भारतीय नौसेना एवरेस्ट-ल्होत्से अभियान[संपादित करें]लेफ्टिनेंट कमांडर संजय के. कुलकर्णी के नेतृत्व में भारतीय नौसेना द्वारा 2017 इंडियन नेवी एवरेस्ट-ल्होत्से अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 20 लोगों को रिकॉर्ड किया, उनमें से 9 भारतीय और 11 शेरपा थे। इस अभियान मे लेफ्टिनेंट कमांडर विनीत दोशी डिप्टी लीडर थे।[123][124] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2017 भारतीय सेना स्नो लायन एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]विशाल दुबे के नेतृत्व में 2017 मे भारतीय सेना स्नो लायन एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर कुल 13 व्यक्तियों को पहुंचाया जिनमें से 7 भारतीय और 6 शेरपा थे।[125][126] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2017 एशियाई ट्रेकिंग ओएनजीसी इको एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]सतेंद्र के. सांगवान के नेतृत्व में तेल और प्राकृतिक गैस निगम द्वारा 2017 एशियाई ट्रेकिंग ओएनजीसी इको एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर 16 व्यक्तियों को पहुंचाया उनमें से 7 भारतीय और 9 शेरपा थे।[127] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
2018[संपादित करें]2018 में भारतीयों द्वारा कुल 69 चढ़ाई दर्ज की गई उनमें से 8 महिलाएं थी। उनमे से 18 ने नॉर्थ कॉल से और 51 ने साउथ कॉल से चढ़ाई की। अजीत बजाज और दीया सुज़ाना बजाज, दिल्ली के एक पिता-पुत्री की जोड़ी ने 16 मई को माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया। संगीता सिंधी बहल 53 साल की उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला बन गईं।[128] Ajeet Bajaj and Dia Susanna Bajaj, a father-daughter duo from Delhi, made history by conquering Mount Everest on 16 May. Sangeeta Sindhi Bahl became the oldest Indian woman to have scaled the world's tallest peak at the age of 53 years. लव राज सिंह धर्मशक्तु के नेतृत्व में दूसरे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एवरेस्ट अभियान 2018, ने 30 व्यक्तियों को शिखर तक पहुंचाया।[129][130][131][132] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
संजय कुमार गुंज्याल के नेतृत्व में 2018 उत्तराखंड राज्य पुलिस एवरेस्ट अभियान ने 16 व्यक्तियों को शिखर तक पहुंचाया उनमें से 8 भारतीय और 8 शेरपा थे।[134][135] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2018 निमास इंडिया एवरेस्ट अभियान[संपादित करें]कर्नल सरफराज सिंह के नेतृत्व में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स द्वारा 2018 NIMAS इंडिया एवरेस्ट अभियान ने शिखर पर पहुंचने वाले कुल 13 व्यक्तियों में से 8 भारतीय और 5 शेरपा थे।[136][137][138] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले[संपादित करें]
सौरज झिंगन के नेतृत्व में 2018 फोर्स मोटर्स एवरेस्ट अभियान ने शिखर तक पहुंचने वाले कुल 4 व्यक्तियों को रिकॉर्ड किया, उनमें से 2 भारतीय थे और 2 शेरपा थे।[139][140] साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
18 अन्य लोग विभिन्न अभियानों के हिस्से के रूप में शिखर पर पहुंचे। वो थे:
शेखर बाबू बच्चनपल्ली के नेतृत्व में 2018 ट्रान्सेंड एडवेंचरस एवरेस्ट अभियान ने 40 व्यक्तियों को शिखर तक पहुंचाया उनमें से 18 भारतीय थे और 22 शेरपा थे।[143] नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2019[संपादित करें]2019 में भारतीयों द्वारा कुल 77 चढ़ाई दर्ज की गई उनमें से 18 महिलाएं थी साउथ कॉल और नॉर्थ कॉल दोनों तरफ से। साउथ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
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नॉर्थ कॉल से विजय प्राप्त करने वाले
2019[संपादित करें]2020 में नेपाल और तिब्बत के रूप में शिखर सम्मेलन के प्रयास नहीं हुए थे, दोनों पक्ष COVID-19 महामारी के दौरान बंद थे। 2022[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें]सन्दर्भ[संपादित करें]
बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय कौन थे?दरअसल, हुगली जिले की रहने वाली पियाली बसाक बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोहीं बनीं हैं। वे हुगली जिले के चंदननगर की रहने वाली हैं। उन्होंने यह कामयाबी दूसरे प्रयास में हासिल की है।
बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे?ऑक्सीजन के बिना माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला आदमी कौन था ? ऑस्ट्रियाई महिला पर्वतारोही गेरलिंडे काटेनब्रुनर मंगलवार को विश्व की ऐसी पहली पर्वतारोही बन गईं, जिन्होंने बिना ऑक्सीजन मॉस्क लगाए काराकोरम पर्वत श्रृंखला की आठ हजार मीटर ऊंची चोटी की चढ़ाई की।
एवरेस्ट पर बिना ऑक्सीजन के कौन चढ़ाई करने वाले थे class 9?अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के ही चढ़ाई करनेवाला था।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला भारतीय आदमी कौन था?20 मई 1965 को लेफ्टिनेंट कर्नल अवतार एस चीमा, गुरदयाल सिंह और नवांग गोम्बू शेरपा चोटी पर चढ़े और यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बने। यह दूसरी बार था जब नवांग गोम्बू शेरपा ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। पहला 1963 में अमेरिकी अभियान के साथ था। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति तेनजिंग नोर्गे उनके चाचा थे।
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