बालकों में कितने प्रकार का शब्द भंडार पाया जाता है? - baalakon mein kitane prakaar ka shabd bhandaar paaya jaata hai?

  • हमारा टेलीग्राम चैनल Join करें !
  • हमारा YouTube Channel, Knowledge Unlimited Subscribe करें ! 

विषय सूची

  • 1 शब्द भण्डार 
  • 2 शब्दों का वर्गीकरण
  • 3 1. उत्पत्ति के आधार पर
  • 4 2. रचना के आधार पर
  • 5 प्रयोग के आधार पर
  • 6 रूपान्तरण या व्याकरणिक आधार पर
  • 7 अर्थ के आधार पर वर्गीकरण 

शब्द भण्डार 

  • शब्द- ऐसा स्वतंत्र वर्ण-समूह जिसका एक निश्चित अर्थ हो, शब्द कहलाता है। जैसे-सुन्दर कमल, मनुष्य आदि। 
  • शब्द-भंण्डार- किसी भाषा में प्रयुक्त होने वाले शब्दों के समूह को उस भाषा का शब्द-भंडार कहते हैं। प्रत्येक भाषा का शब्द भंडार समय के साथ घटता-बढ़ता रहता है। समय के साथ नए शब्दों का समावेश होता रहता है हिन्दी भाषा में लगभग 85% शब्द भारतीय भाषाओं के हैं, तथा शेष 15% शब्द विभिन्न विदेशी भाषाओं के हैं। 

शब्दों का वर्गीकरण

1. उत्पत्ति के आधार पर

किसी भी भाषा का शब्द-भंडार लम्बी परंपरा से निर्मित होता है अध्ययन के आधार पर शब्दों को पाँच स्रोतों से लाया माना जाता है।

  • तत्सम शब्द-जो शब्द संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यो हिन्दी में ले लिए गए है वे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं।उदाहरणतया पुष्प, मुख, आम्र, अग्नि, रात्रि आदि।
  • तद्भव शब्द-ऐसे शब्द जो संस्कृत पाली प्राकृत, अपभ्रंश के दौर से गुजर कर समय के साथ परिवर्तित होकर हिन्दी में प्रचलित है, वह तद्भव कहलाते हैं। उदाहारणतया-सात, साँप, घी, शक्कर, अंधेरा, आदि।
  • देशी या देशज शब्द-ऐसे शब्द जो भारत के ग्राम्य क्षेत्रों से या उनकी बोलियों से लिए गए हैं या जिनकी उत्पत्ति का पता न हो उदाहरणतया-झाडू, चीनी, टाँग, खाट, चपत, लोटा, डिब्बा, आदि।
  • विदेशी या आगत शब्द-अंग्रेजी, अरबी, फारसी, तुर्की, पुर्तगाली आदि विदेशी भाषाओं के शब्द जो हिन्दी में | प्रचलित हो गए हैं, वे शब्द विदेशी शब्द कहलाते है। | जैसे-अरबी-फारसी शब्द-कागज, कानून, लालटेन (लैन्टर्न से) खत, जिला, दरोगा आदि। अग्रेजी शब्द-कमीशन, डायरी, पार्टी, क्रिकेट, फुटबाल, मोटर, आदि, पुर्तगाली शब्द-कनस्तर, नीलाम, गमला, चाबी, फीता आदि।, तुर्की शब्द-तोप, लाश, बेगम, सुराग, कालीन आदि।
  • संकर शब्द-दो भिन्न भाषाओं के शब्दों को मिलाकर जो नया शब्द बनता है, उसे संकर शब्द कहते हैं। उदाहरणतया-हिन्दी और अरबी/फारसी-थानेदार, घड़ीसाज हिन्दी और संस्कृत-वर्षगाँठ, पूँजीपति अग्रेजी और अरबी/फारसी-अफसरशाही, बीमा पॉलिसी आदि।

2. रचना के आधार पर

रचना के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं। (1) मूल शब्द (2)व्युत्पन्न शब्द (यौगिक)

(i) मूल (रूढ़) शब्द-ऐसे शब्द जो किसी अन्य शब्द के योग से न बने हो, रूढ़ के खण्ड नहीं हो सकते है। उदाहरणतया-मकान, मजदूर, कलम आदि।

(ii) व्युत्पन्न शब्द-दो शब्दों या शब्दांशों के योग से बने शब्दों को व्युत्पन्न शब्द कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं (a) यौगिक (b) योगरूढ़

  • (a) यौगिक शब्द-जो शब्द किसी उपसर्ग प्रत्यय या अन्य किसी शब्द के मेल से बने हैं उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। | जैसे-प्रधानमंत्री अन्याय, नम्रता, पाठशाला।
  • (b) योगरूढ़ शब्द-जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हैं लेकिन वह अपना अर्थ छोड़कर कोई विशेष अर्थ देने लगते हैं योगरूढ़ता शब्द कहलाते हैं। जैसे-चिड़ियाघर, चारपाई, लम्बोदर, गिरिधर, आदि।

प्रयोग के आधार पर

प्रयोग की दृष्टि से शब्द तीन प्रकार के हैं 1. सामान्य शब्दावली 12. तकनीकी शब्दावली 3. अर्धतकनीकी शब्दावली

  • सामान्य शब्दावली-आम नागरिकों द्वारा प्रयोग की जाने वाली सामान्य शब्दावली। उदाहरणतया-मकान, नमक, साइकिल, घर आदि।
  • तकनीकी शब्दावली-किसी विशेष विधा, व्यवसाय अथवा ज्ञान या शास्त्र आदि से सम्बंधित शब्दाबली, तकनीकी शब्दवली तकनीकी कहलाती है। उदाहरणतया-पर्यावरण, भूगोल, पदोन्नति, कनिष्ठ आदि।
  • अर्धतकनीकी शब्दावली-ऐसे शब्द जो तकनीकी होते हुए भी सामान्य लोगों द्वारा प्रयुक्त किए जाते हैं। | उदाहरणतया-कविता, चुनाव, राज्य, साम्यवाद आदि। 

रूपान्तरण या व्याकरणिक आधार पर

रूपान्तरण के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं 1. विकारी 2. अविकारी

  • विकारी-जिन शब्दों में लिंग, वचन या कारक के कारण परिवर्तन होता रहता है, वे शब्द विकारी कहलाते हैं। उदाहरणतया-नारी, अच्छा, बालक, मैं आदि।
  • अविकारी-ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, विभक्ति कारक आदि के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं होता वे अपने मूल रूप में ही रहते हैं, अविकारी या अवव्यय शब्द कहलाते हैं। उदाहरणतया-आज, कल, किन्तु, अरे, परन्तु आदि। 

अर्थ के आधार पर वर्गीकरण 

1. एकार्थी शब्द 2. अनेकार्थी शब्द 3. समरूप भिन्नार्थक शब्द 

  • एका शब्द-ये वह शब्द होते हैं, जिनका वाच्यार्थ एक उदाहरणतया-सम्राट, उत्तम, अहकार, छात्र आदि।
  • अनेकार्थी शब्द-ऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ उदाहरणतया-अवधि-सीमा, निर्धारित समय। अक्षर-ईश्वर, वर्ण, नष्ट न होने वाला, कला-गुण, युक्ति तरीका।
  • समरूप भिन्नार्थक शब्द-वह शब्द जो उच्चारण की दृष्टि से इतने मिलते-जुलते हैं कि वह एक जैसे ही लगते हैं, किन्तु उनका अर्थ पूर्णत भिन्न होता है। उदहरणतया-अणु – कण, अकथ – जो कहा न जा सके अनु – पीछे, अथक- बिना थके।
  • पर्यायवाची शब्द-एक अर्थ को प्रकट करने वाले अनेक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। उदाहरणतया-जल-नीर, वारि, पानी, आँख-दृग, लोचन, नेत्र
  • विलोम शब्द-ऐसे शब्द युग्म जो परस्पर विरोधी होते हैं, विपरीतार्थक कहलाते हैं। उदाहरणतया-उन्नति-अवनति, प्राचीन-नवीन जीत-हार, भद्र-अभद्र

शब्द भंडार कितने प्रकार के होते हैं?

शब्द भंडार के कितने स्रोत हैं? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार भाषाओं के शब्द-भण्डार को उस भाषा का शब्द-समूह कहा जाता है। विश्व भर की अन्य भाषाओं की तरह हिन्दी के शब्द-समूह को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है– १) परम्परागत शब्द २) देशज(देशी) शब्द ३) विदेशी शब्द

हिंदी शब्द भंडार को कितने भागों में बाँटा गया है?

हिंदी शब्द भंडार को कितने भागों में बाँटा गया है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: प्रयोग के आधार 8 भेद होते है – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया – विशेषण, संबंध बोधक, समुच्चय बोधक तथा विस्मयादि बोधक।

2 वर्ष के बच्चे का शब्द भंडार कितना होता है?

दो से चार वर्ष की अवस्था में बच्चे का शब्दकोश 300 शब्दों का हो जाता है।

शब्द भंडार से क्या अभिप्राय है?

शब्द भंडार की परिभाषा : हिंदी साहित्य या हिंदी भाषा में शब्दों का ऐसा समूह जिसमें पर्यायवाची, विलोम, एकार्थी, अनेकार्थी, समरूपी भिन्नार्थक और अनेक शब्दों के लिए एक शब्द जैसे शब्दों को एक जगह इकट्ठा करके रखना ही शब्द भंडार कहलाता है।