भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बांटा है उसमें क्या समस्या है? - bhaarateey itihaas ko jis tarah kaal khandon mein baanta hai usamen kya samasya hai?

इतिहासकार पुराने अख़बारों से जो जानकारी जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?  


सामान्यतः अख़बार के रिपोर्ट गलत नहीं होते। इन रिपोर्टों में घटनाओं का सही विवरण दिया जाता है। दूसरी तरफ, सरकारी अर्थातः पुलिस की रिपोर्ट के पक्षपातपूर्ण होने की संभावना होती थी। प्राय: ये रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों के दवाब में या उन्हें खुश करने के लिए लिखा जाता था।

इन रिपोर्टों में जाँच अधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी पक्षपात कर सकते थे। अतः यदि इतिहासकार केवल पुलिस रिपोर्ट से उपलब्ध जानकारी पर आधारित होते तो संभव था कि इतिहास प्रस्तुत होगा।

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सही और गलत बताएँ

A.

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था |

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सही और गलत बताएँ

A.

सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है की आप लोग क्या सोचते हैं |

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अंग्रेज़ों ने सरकारी दस्तावेज़ों को किस तरह सुरक्षित रखा?


अंग्रेज़ों का मानना था कि आधिकारिक दस्तावेजों को संरक्षित करके यह उनके लिए आसान होगा या अतीत में किए गए फैसले के बारे में जानना होगा। ब्रिटिश के अनुसार, अभिलेखों में दस्तावेजों के रूप में बोलने से लेखन अधिक महत्वपूर्ण था और संग्रहालयों को पढ़ने के लिए या बहस के लिए आवश्यक होने के बाद बहुत देर बाद संदर्भ में उपयोग किया जा सकता है। अंग्रेज़ों नें दस्तावेज़ों को संग्रहालय और अभिलेखागार बनाकर सुरक्षित रखा।

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जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमे क्या समस्याएँ है?       


एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनैतिक दार्शनिक जेम्स मिल, ने 1817 में 'ब्रिटिश भारतीय इतिहास' का एक विशाल तीन खंड प्रकाशित किया था। इसमें उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन अवधियों में विभाजित किया - हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश।

इतिहास की किसी भी अवधि को 'हिंदू' या 'मुस्लिम' के रूप में संदर्भित करना मुश्किल है क्योंकि इन कालों के दौरान एक साथ विभिन्न धर्मों की मौजूदगी थी। किसी भी युग को उस समय के शासकों के धर्म के माध्यम से एक उम्र को चिह्नित करने के लिए भी उचित नहीं है।

यह भी मूल्य-उल्लेख है कि प्राचीन भारत के शासकों ने भी उसी विश्वास का हिस्सा नहीं किया।

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इतिहास के काल खंडों में बांटने का क्या कारण है?

इतिहास को हम अलग-अलग काल खंडों में बाँटने की कोशिश क्यों करते हैं? इसकी भी एक वजह है। हम एक दौर की ख़ासियतों, उसके केंद्रीय तत्वों को पकड़ने की कोशिश करते हैं। इसीलिए ऐसे शब्द महत्वपूर्ण हो जाते हैं जिनके सहारे हम समय को बाँटते हैं।

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बांटा है उसमें क्या समझाएं?

Solution : जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को तीन कालखण्डों-हिन्दू, मुस्लिम तथा ब्रिटिश में बाँटा उसके अनुसार भारत में अंग्रेजों के आने से पहले यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिम तानाशाहों का ही राज चलता था।

इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को कैसे विभाजित किया है?

इन धारणाओं के बीच इतिहास को विभिन्न साम्राज्यों के इतिहास, राजा-महाराजाओं के जीवन तक ही सीमित कर दिया गया। इसके कुछ समय बाद राष्ट्रवादी इतिहासकारों ने इतिहास के धार्मिक काल विभाजन पर सवाल उठाए और उसे प्राचीन, मध्य और आधुनिक काल में विभाजित किया। लेकिन इस विभाजन के भीतर भी शासकों के धर्म को ही केंद्र में रखा गया।

जेम्स मिल ने अपनी पुस्तक ब्रिटिश भारत का इतिहास कब प्रकाशित की?

जेम्स मिल ने 1817 में 'ब्रिटिश भारत के इतिहास' व्यवस्थित ढंग से रखा। इसे भारत का पहला प्रामाणिक इतिहास मान लिया गया।