भारत में स्थानांतरण कृषि को क्या कहा जाता है? - bhaarat mein sthaanaantaran krshi ko kya kaha jaata hai?

इसे सुनेंरोकेंस्थानांतरित कृषि से मृदा अपरदन तथा वनों का हास्य होता है जिस कारण प्रायः इसकी आलोचना की जाती है। इससे मृदा तथा वन संपदा की हानि होती है और मृदा की उपजाऊ शक्ति कम होती है कृषि उपज में कमी आती है। कुछ प्रदेशों में तो भूमि पूर्णतया बंजर हो जाती है और किसी के लिए स्थाई रूप से अयोग्य हो जाती है।

झूम कृषि का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्थानांतरण कृषि या झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है।

बाजारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: बाजारीय सब्ज़ी कृषि जिसमें सब्जियाँ, फल व पुष्प उगाये जाते हैं, उनकी माँग वे खपत नगरीय क्षेत्रों में अधिक होती है। कृषि के इस रूप में गहन श्रम तथा अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है जिसकी भरपाई उच्च आयवाले उपभोक्ता ही कर पाते हैं। अतः यह कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही की जाती है।

पढ़ना:   बहादुर पर चोरी का झूठा आरोप लगा तो उसने क्या किया?

कृषि के लिए कौन परिवार अनुकूल है?

इसे सुनेंरोकेंकृषि विस्तार का प्राथमिक लक्ष्य कृषक परिवारों को तेजी से परिवर्तित होती सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों को धयान में रखते हुए उनके उत्पादन और विपणन संबंध रणनीतियों को उनके अनुकूल बनाने में सहायता करना है ताकि वे आगे चलकर अपनी निजीतथा समुदाय की प्राथमिकताओं के अनुसार अपने जीवन को ढाल सकें।

झूम खेती के लिए प्रसिद्ध राज्य कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंफसल स्थानांतरण का ये तरीका अभी भी उत्तर पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों जैसे उड़ीसा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और केरल के कुछ हिस्सो में छोटे पैमाने पर किया जाता है इसे असम में झूम खेती, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में पोडू, मध्य प्रदेश में बेवर और केरल में पोनम कहा जाता है।

छत्तीसगढ़ में झूम खेती कहाँ होती है?

इसे सुनेंरोकेंछत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले की बात करें तो यहां किसान हजारों की संख्या में फूल, फल और सब्जियों की खेती में लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।

मलेशिया में झूम खेती को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंझूम खेती को मलेशिया में लाडांग, फिलीपीन्स में चौगन, मैक्सिको में मिलपा, श्रीलंका में चेन्ना और वेनेजुएला में कोनुको कहते हैं। जायद फसल का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंस्थानांतरी कृषि के लिए वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखंड को साफ किया जाता है। फिर रख को मृदा में मिलकर फसलों को उगाया जाता है। भूमि की उर्वकता खत्म होने के बाद कृषक नए भूखंड पर चला जाता है। स्थानांतरी कृषि को ‘कर्तन एवं दहन’ कृषि के रूप में भी जाना जाता है।

पढ़ना:   करौली में तहसील कितनी है?

गेहूं में खाद कब डाले?

इसे सुनेंरोकेंबुवाई का समय, बीज दर व उर्वरक की सही मात्रा गेहूं की बुवाई करने से 15-20 दिन पहले पहले खेत तैयार करते समय 4-6 टन/एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है।

कृषि के दो प्रकार कौन से हैं?

भारत में कृषि के प्रकार

  • स्थानांतरित कृषि: यह कृषि अभ्यास मुख्य रूप से जनजातीय समूहों द्वारा कंद और जड़ो वाली फसलों को विकसित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • निर्वाह खेती:
  • गहन कृषि:
  • व्यापक कृषि:
  • वाणिज्यिक कृषि:
  • बागवानी कृषि:
  • सूखी भूमि खेती:
  • गीले भूमि की खेती:

स्थानांतरित कृषि पर रोक क्यों लगाई गई?

इसे सुनेंरोकेंजंगल के नुकसान के साथ, इसलिए खेती को स्थानांतरित करना यूरोप के परिधीय स्थानों तक सीमित हो गया, जहां स्थायी कृषि गैर-आर्थिक थी, परिवहन लागत में बाधा उत्पन्न हुई या इलाके ने मसौदा जानवरों या ट्रैक्टरों के उपयोग को रोका।

गेहूं में यूरिया कितनी बार डालें?

इसे सुनेंरोकेंइसी प्रकार गेहूं में पहली सिंचाई 60 दिन के बाद करनी चाहिए, जिसमें 100 लीटर पानी में 2 किलो यूरिया के साथ आधा किलो जिंक के घोल का छिड़काव करना चाहिए। गेहूं की फसल में यह छिड़काव बुआई के बाद पहला 60 दिन में तो दूसरा छिड़काव इसके 20 दिन बाद और तीसरा छिड़काव 15 दिन बाद किया जाना चाहिए।

पढ़ना:   क्यों शबनम उसके परिवार को मार डाला?

गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए क्या करें?

इसे सुनेंरोकेंपहली सिंचाई के पहले फसल में उर्वरक खाद का जरूर उपयोग करें। जिसमे एक एकड़ में 25 से 35 किलो तक यूरिया व पोटास जिंक सलफेट का उपयोग करें साथ में plant growth promotor का उपयोग करें। इस से पौधे का अच्छे तरीखे से विकास होगा। खेत में अगर खरपतवार दिखाई दे रहे है तो उनको ख़तम करने के लिए खरपतवार नाशी दवा का छिड़काव करें।

भारत में कृषि के कितने प्रकार होते हैं?

कृषि कितने प्रकार की होती है

  • १. सिंचित कृषि
  • २. मिश्रित कृषि
  • ३. एकल और बहु-फसल कृषि
  • ४. विविध कृषिऔर विशेष कृषि
  • ५. उपउत्पाद कृषि
  • ६. स्थानांतरण कृषि
  • ७. बागवानी कृषि
  • ८. व्यापारिक कृषि

भारत में कृषि कितने प्रकार की होती हैं?

इसे सुनेंरोकेंकृषि कितने प्रकार की होती है? आज के समय में मोटे तौर पर 2 प्रमुख प्रकार हैं – कार्बनिक और पारंपरिक (रासायनिक)। औजारों और मशीनरी के संबंध में, जैविक किसान और पारंपरिक किसान दोनों एक ही प्रकार का उपयोग करते हैं।

कृषि कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउपयोग किया जाता है। अधिकांश कार्य मशीनों के द्वारा किया जाता है। वाणिज्यिक कृषि में वाणिज्यिक अनाज कृषि, मिश्रित कृषि और रोपण कृषि शामिल हैं (चित्र 4.5)। रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का एक प्रकार है जहाँ चाय, कहवा, काजू, रबड़, केला अथवा कपास की एकल फ़सल उगाई जाती है।

भारत में स्थानांतरण कृषि को क्या कहते हैं?

स्थानान्तरी कृषि अथवा स्थानान्तरणीय कृषि जीविका कृषि का एक प्रकार है जिसमें कोई भूमि का टुकड़ा कुछ समय तक फसल लेने के लिए चुना जाता है और उर्वरता समाप्ति के बाद इसका परित्याग कर दूसरे टुकड़े को ऐसी ही कृषि के लिए चुन लिया जाता है। पहले चुने गए टुकड़े पर वापस प्राकृतिक वनस्पति का विकास होता है।

स्थानांतरित कृषि का दूसरा नाम क्या है?

सही उत्तर झूम है। स्थानांतरित कृषि कृषि पद्धति का एक रूप है जिसमें किसान कृषि उद्देश्यों के लिए वनस्पतियों को काटकर और जंगलों को जलाकर भूमि के एक क्षेत्र को साफ करते हैं। इस प्रथा को स्लैश-एंड-बर्न कृषि के रूप में भी जाना जाता है। झूम कृषि को स्थानांतरित कृषि या स्लेश एंड बर्न कृषि के रूप में भी जाना जाता है।

स्थानांतरित कृषि को क्या कहा जाता है?

स्थानांतरण कृषि या झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है।

राजस्थान में स्थानांतरित कृषि को क्या कहा जाता है?

सही उत्तर वालरा है। झूम खेती को वालरा भी कहा जाता है और बर्न कृषि फसल उगाने वाली कृषि गतिविधि का एक रूप है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में कृषि मुख्य रूप से झूम खेती पर आधारित है।