भारत में क्यों बंद हुई फोर्ड कंपनी? - bhaarat mein kyon band huee phord kampanee?

अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड ने भारत में दो दशक से अधिक तक बिजनेस करने के बाद देश से निकलने का फैसला किया है। कंपनी देश में कारों की मैन्युफैक्चरिंग बंद करेगी। इसका गुजरात में साणंद प्लांट इस वर्ष की चौथी तिमाही और तमिलनाडु का प्लांट अगले वर्ष की दूसरी तिमाही तक बंद कर दिया जाएगा।

कंपनी के लिए क्या गलत हुआ

देश की एक बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ फोर्ड ने ज्वाइंट वेंचर कर अपने बिजनेस को मजबूत करने की कोशिश की थी। इसमें फोर्ड के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स का प्लेटफॉर्म और इंजन बनाने के लिए इस्तेमाल होना था। हालांकि, यह ज्वाइंट वेंचर इस वर्ष की शुरुआत में टूट गया और इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया गया।

फोर्ड की भारतीय यूनिट के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, अनुराग मल्होत्रा ने बताया कि कंपनी ने पार्टनरशिप, प्लेटफॉर्म शेयरिंग और अपने प्लांट्स बेचने जैसे विकल्पों पर विचार किया था। हालांकि, वर्षों से हो रहे नुकसान, इंडस्ट्री में अधिक कैपेसिटी और देश के कार मार्केट में ग्रोथ कम होने के अनुमान के कारण फोर्ड ने बिजनेस को समेटने का फैसला किया है।

एक अन्य अमेरिकी कार कंपनी जनरल मोटर्स की तरह फोर्ड देश में अपना बिजनेस पूरी तरह बंद नहीं कर रही। कंपनी ने बताया है कि वह अपनी कारों के लिए स्पेयर पार्ट्स और सर्विसिंग उपलब्ध कराना जारी रखेगी।

फोर्ड के इस फैसले से डीलरशिप्स पर असर पड़ सकता है लेकिन  कंपनी मस्टैंग और फोर्ड रेंजर जैसे प्रीमियम मॉडल्स का इम्पोर्ट जारी रखेगी।

हालांकि, इकोस्पोर्ट, फिगो, एस्पायर, फ्रीस्टाइल और एंडेवर जैसे मौजूदा मॉडल्स की बिक्री इनवेंटरी समाप्त होने के बाद बंद हो जाएगी।

नई दिल्ली
अमेरिका की प्रमुख वाहन कंपनी, फोर्ड मोटर (Ford Motor Company) ने भारत में अपने दो प्लांट्स में वाहनों का उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। कंपनी अब देश में केवल आयातित वाहनों को ही बेचेगी। फोर्ड के इस कदम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं यह भारत में कारोबार समेटने की दिशा में कंपनी का पहला कदम तो नहीं है। ऐसे कयासों की वजह है कि इससे पहले भी वाहनों से जुड़ी दो अमेरिकी कंपनियां भारत में अपना कारोबार समेट चुकी हैं और इसकी शुरुआत कारोबार की रिस्ट्रक्चरिंग से ही हुई थी। फोर्ड से पहले जो दो अमेरिकी कंपनियां भारत में कारोबार समेट चुकी हैं, वे हैं- जनरल मोटर्स (General Motors) और हार्ले डेविडसन (Harley)..

जनरल मोटर्स का कारोबार
मई 2017 में अमेरिका की जनरल मोटर्स ने भारत में अपनी बिक्री बंद करने का ऐलान किया था। साल 2020 के आखिर से कंपनी ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग और यहां से एक्सपोर्ट भी बंद करने का फैसला किया। जनरल मोटर्स ने भारत में 1928 में परिचालन शुरू किया था। कंपनी कार, ट्रक और बस की असेंबलिंग करती थी, जो इसने 1954 में बंद कर दिया। जनरल मोटर्स ने जब भारत में कारोबार बंद किया था तो पैसेंजर कार बिक्री में उसकी हिस्सेदारी केवल 1 फीसदी थी।

जनरल मोटर्स, शेवरोले ब्रांड के जरिए कारों की बिक्री करती थी। एक जमाने में शेवरोले की कारें काफी पॉपुलर थीं और जनरल मोटर्स, भारत में 5वीं सबसे बड़ी कार कंपनी थी। कंपनी भारत में कारों को बनाकर मेक्सिको और कुछ अन्य लैटिन अमेरिकी कंपनियों को एक्सपोर्ट भी करती थी।

हार्ले डेविडसन का कारोबार
अमेरिकी टूव्हीलर कंपनी हार्ले डेविडसन (Harley-Davidson) ने सितंबर 2020 में भारत में अपनी बिक्री व मैन्युफैक्चरिंग बंद की थी। कंपनी हाई एंड मोटरसाइकिलों की बिक्री करती है। कंपनी ने भारत में साल 2009 में एंट्री की थी, लेकिन 10 सालों के बाद भी उसकी पैठ अच्छी नहीं बन पाई। देश में कारोबार बंद करने की शुरुआत हार्ले डेविडसन ने अपनी डीलरशिप्स को कम खर्चे वाली जगहों पर शिफ्ट करने, कर्मचारियों की छंटनी और बावल प्लांट को बंद करने से की थी।

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सर्विस और आफ्टर सेल्स सपोर्ट रहेगा जारी
फोर्ड का कहना है कि भारत में कारोबार की रिस्ट्रक्चरिंग का मतलब देश में लगभग 10 लाख ग्राहकों के लिए सर्विस और आफ्टर सेल्स सपोर्ट का खत्म होना नहीं है। कंपनी की 30 ऑड डीलरशिप सर्विस के लिए खुली रहेंगी। फोर्ड ने भारत में 1995 में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के साथ मिलकर कारोबार शुरू किया था। 1998 में यह पार्टनरशिप टूटी और फोर्ड ने अकेले परिचालन शुरू किया।

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Ford India बंद करेगी अपनी दोनों फैक्टरी; मिलती रहेंगी ये दो गाड़ियांFord India भारी नुकसान में है और इसलिए अब वो भारत में अपना कारोबार समेट रही है. वह अपनी दो फैक्ट्री को बंद करने जा रही है.

बंद होगी Ford India की फैक्ट्री

Ford India अपनी गुजरात के साणंद और तमिलनाडु के चेन्नई संयंत्र को बंद करने जा रही है. इसमें साणंद की फैक्ट्री पहले बंद होने की संभावना है क्योंकि ये अभी 10% से भी कम क्षमता पर काम कर रही है. वहीं कंपनी चेन्नई के संयंत्र को 2022 तक बंद करेगी ताकि भारत में कारोबार को एकीकृत कर सके और बचे हुए ग्लोबल ऑर्डर की पूर्ति कर सके. 

चलती रहेगी इंजन की फैक्ट्री

रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कंपनी साणंद में अपनी इंजन की फैक्ट्री को चालू रखेगी ताकि भारत में अपने प्रोडक्ट्स की सर्विस के लिए काम करती रह सके. वहीं कंपनी Ford Mustang और Ford Endeavour की बिक्री को भी चालू रखेगी. कंपनी इन मॉडल को भी देश में CKD (Completely Knocked Down) मॉडल के तौर पर बेचेगी.

खबर के मुताबिक कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने Ford Figo और Ford Freestyle के उत्पादन को कम करने के लिए अपने कर्मचारियों को कहा है. Ford से पहले 2017 में General Motors ने भी भारत से अपना कारोबार समेट लिया था.

जाएगा 4,000 का रोजगार

Ford India के अपना कारोबार समेटने और दोनों फैक्ट्रियां बंद करने से करीब 4,000 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. कंपनी का इंडियन ऑपरेशन भारी नुकसान में है. पिछले कुछ सालों में कंपनी ने भारत में 1 से 1.5 अरब डॉलर (73 अरब रुपये) का नुकसान दिया है. भारत के कार बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 2% से कम है.

बचाना चाहती है कारोबार

सूत्रों ने बताया कि Ford भारत में अपने 25 साल पुराने कारोबार को बचाए रखने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है. Mahindra & Mahindra के साथ जॉइंट वेंचर की डील नाकाम रहने के बाद कंपनी ने Tata Motors, Chagan Automobiles, Skoda-Volkswagen Group, Shanghai Automotive या MG Motor, Hyundai Motor जैसी बड़ी ऑटो कंपनियों के साथ संपर्क करने की खबर है. वहीं कंपनी ने Ola Electric जैसी नई इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टार्टअप के साथ भी संपर्क किया है.

भारत में फोर्ड क्यों बंद हो रही है?

बंद करने के पीछे वजह कंपनी ने नुकसान की बताई. फोर्ड कंपनी का कहना है कि उसे भारत में कारें बनाने में दो बिलियन डॉलर यानी 200 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है. इसलिए वो गुजरात के साणंद और तमिलनाडु के चेन्नई में अपने दोनों प्लांट बंद करने जा रही है.

वर्तमान में फोर्ड कंपनी का मालिक कौन है?

फोर्ड कंपनी के मालिक Henry Ford है.

फोर्ड कंपनी बंद हो गई क्या?

फोर्ड ने भारत में अपने दोनों मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में प्रोडक्शन बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। दोनों प्लांट में करीब 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इंवेस्टमेंट किया है। फोर्ड मोटर (Ford motor) भारत मेंअब सिर्फ इम्पोर्टेड की हुई गाड़ियों की सेल करेगी । ऑटो डेस्क ।

फोर्ड का नया नाम क्या है?

नई फोर्ड मस्टैंग का ग्लोबल डेब्यू 14 सितंबर, 2022 को डेट्रॉइट ऑटो शो में होगा. इसमें कई इंजन ऑप्शन मिल सकते हैं. इसके साथ ही, एक मैनुअल गियरबॉक्स भी मिल सकता है. डिजाइन की बात करें तो आने वाली सातवीं पीढ़ी की नई फोर्ड मस्टैंग अपने प्रतिष्ठित मस्कुलर सिल्हूट को जारी रखेगी.