भारत में अब तक कितनी बार राष्ट्रीय आपात लगा है? - bhaarat mein ab tak kitanee baar raashtreey aapaat laga hai?

तत्कालीन प्रधानंमत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा भारत में 1975 में लगाया गया आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ी घटना है। आज की पीढ़ी आपातकाल के बारे में सुनती जरूर है, लेकिन उस दौर में क्या घटित हुआ, इसका देश और तब की राजनीति पर क्या असर हुआ, इसके बारे में बहुत कम ही पता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर तानाशाही की वापसी की आशंका जताकर इस विषय पर तीखी बहस छेड़ दी है। 

आडवाणी की आशंका को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता क्योंकि 1975 में जब आपातकाल की घोषणा की गई थी तब सत्ता और संगठन के सारे सूत्र श्रीमती इंदिरा गांधी के हाथ में ही थे और आज भी कमोबेश स्थितियां वैसी ही बन रही हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जबकि पार्टी अध्यक्ष पद पर उनके खासमखास अमित शाह हैं। 

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देश में किन परिस्तिथियों में राष्ट्रीय आपातकाल लागू किया जा सकता है?

भारत के संविधान में 3 प्रकार के आपातकालों का उल्लेख है. राष्ट्रीय आपातकाल को अनुच्छेद 352, राष्ट्रपति शासन के लिए अनुच्छेद 356 और वित्तीय आपातकाल के लिए अनुच्छेद 360 का प्रबंध किया गया है. भारत में पहला राष्ट्रीय आपातकाल इंदिरा गाँधी की सरकार ने 25 जून 1975 को लगाया था जबकि देश में वित्तीय आपातकाल अभी तक नहीं लगाया गया है.

भारत में अब तक कितनी बार राष्ट्रीय आपात लगा है? - bhaarat mein ab tak kitanee baar raashtreey aapaat laga hai?

भारत में अब तक कितनी बार राष्ट्रीय आपात लगा है? - bhaarat mein ab tak kitanee baar raashtreey aapaat laga hai?

National Emergency

भारत के राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह बाह्य आक्रमण, सशक्त विद्रोह अथवा आसन्न खतरे के आधार पर सम्पूर्ण देश या देश के किसी विशेष हिस्से में राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की घोषणा कर सकता है.

अनुच्छेद 352 के अंतर्गत घोषित किये जाने वाले राष्ट्रीय आपातकाल के लिए संविधान में केवल “आपातकाल की घोषणा” शब्द का इस्तेमाल किया है. ध्यान रहे कि राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा सम्पूर्ण देश या देश के किसी विशिष्ट भाग के लिए भी लागू की जा सकती है. राष्ट्रपति को यह अधिकार संविधान के 42वें संशोधन (1976) के आधार पर दिया गया है.

जानिये देश में तीसरा आपातकाल कब और क्यों लगाया गया था?

किन परिस्तिथियों में राष्ट्रीय आपातकाल को लागू किया जा सकता है?

1.यदि सम्पूर्ण भारत अथवा इस के किसी भाग की सुरक्षा को युद्ध के कारण खतरा उत्पन्न हो गया हो.

2. यदि सम्पूर्ण भारत अथवा इसके किसी भाग पर बाह्य आक्रमण किया गया हो या खतरा उत्पन्न हो गया हो.

3. यदि सम्पूर्ण भारत अथवा इसके किसी भाग पर “सशत्र विद्रोह” के कारण खतरा उत्पन्न हो गया हो, तो राष्ट्रपति; राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है.

ध्यान रहे कि राष्ट्रपति के पास यह अधिकार है कि वह राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा, वास्तविक युद्ध अथवा सशक्त विद्रोह अथवा बाह्य आक्रमण के पहले भी कर सकता है. यदि वह समझे कि देश में इस तरह के आसार बन रहे हैं.

जानिये देश में आपातकाल कब और क्यों लगाया गया था?

जब राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा; युद्ध अथवा बाह्य आक्रमण के आधार की जाती है तो इसे “बाह्य आपातकाल” कहा जाता है. जब घोषणा; “सशक्त विद्रोह” के आधार पर की जाती है तो इसे “आंतरिक आपातकाल” कहा जाता है.

ध्यान रहे कि भारत में इंदिरा गाँधी ने 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा “आंतरिक उपद्रव” के आधार पर की थी, क्योंकि उनका मानना था कि “कुछ लोग” पुलिस और सशत्र बलों को देश में तख्ता पलट के लिए भड़का रहे थे. यहाँ पर “कुछ लोगों” से इंदिरा गाँधी का मतलब जयप्रकाश नारायण की तरफ था जिन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में पुलिस और सेना से सरकार के आदेश ना मानने की अपील की थी.

लेकिन “आंतरिक उपद्रव” शब्द काफी अस्पष्ट था इसलिए 1978 के 44वें संविधान संशोधन के द्वारा इस शब्द को “सशक्त विद्रोह” शब्द से विस्थापित कर दिया गया था. अतः अब देश में “आंतरिक उपद्रव” की संभावना मात्र के आधार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा नहीं की जा सकती है.

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन

देश में कब कौन कौन से आपातकाल लागू किये गए हैं?

भारत में अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल 3 बार लगाया जा चुका है. देश में सबसे पहले राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा अक्टूबर 1962 में ‘नेफा नार्थ फ्रंटियर एजेंसी’ जिसे अब अरुणाचल प्रदेश कहा जाता है, में चीनी आक्रमण के दौरान लागू किया था इस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल थे. यह आपातकाल लगभग 6 साल चला था जिसके कारण 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में अलग से नए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा नहीं करनी पड़ी थी.

दूसरे राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा दिसम्बर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू होने दशा की में गयी थी. इस आपातकाल के प्रभावी रहते हुए ही तीसरे आपातकाल की घोषणा 25 जून 1975 को की गयी थी. दूसरे और तीसरे आपातकाल की घोषणाएं मार्च 1977 में समाप्त की गयीं थीं.

यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि पहली और दूसरी दोनों घोषणाएं बाह्य आक्रमण के आधार पर जबकि तीसरी घोषणा आंतरिक विद्रोह के आधार पर लागू की गयी थी.

देश में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) का अब तक लगभग 117 (आधिकारिक डेटा नहीं है) बार उपयोग किया जा चुका है. भारत में सबसे अधिक बार राष्ट्रपति शासन उत्तर प्रदेश (10 बार) इसके बाद बिहार में 9 बार इस्तेमाल किया गया है. देश में 1971 से 1990 के बीच लगभग 63 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है.

ज्ञातव्य है कि भारत में अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपात की घोषणा कभी नहीं की गयी है.

इस प्रकार स्पष्ट हो जाता है कि देश में आपातकालीन उपबंधों में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला अनुच्छेद 356 है. इसके उलट राष्ट्रीय आपातकाल लगाना एक बहुत पेचीदा प्रक्रिया है और इसे बहुत ही विपरीत परिस्तिथियों में लागू किया जा सकता है. उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि देश में राष्ट्रीय आपातकाल किन परिस्तिथियों में लगाया जा सकता है.

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भारत में राष्ट्रीय आपातकाल कितनी बार लग चुका है?

सही उत्तर तीन बार है। स्वतंत्रता के बाद से भारत में तीन बार आपातकाल की स्थिति घोषित की गई है। 26 अक्टूबर 1962 से 10 जनवरी 1968 के बीच भारत-चीन युद्ध के दौरान आपातकाल लागू किया गया था, यह वह समय था जब "भारत की सुरक्षा" को "बाहरी आक्रमण से खतरा" घोषित किया गया था।

भारत में दूसरी बार आपातकाल कब लगा?

1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की। बाहरी आक्रामकता: – पाकिस्तान के हमले के मद्देनजर 1971 में राष्ट्रीय आपातकाल की दूसरी घोषणा की गई थी। जब यह आपातकाल लागू था, तब भी राष्ट्रीय आपातकाल का तीसरा उद्घोषणा जून 1975 में किया गया था। मार्च 1977 में दूसरे और तीसरे उद्घोषणों को रद्द कर दिया गया था।

राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कौन करता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, यदि भारत के राष्ट्रपति को लगता है कि बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा है तो राष्ट्रपति पूरे भारत या किसी एक हिस्से में आपातकाल की घोषणा जारी कर सकते हैं। आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा बाद में रद्द की जा सकती है।

राष्ट्रीय आपातकाल क्या होता है?

राष्ट्रीय आपातकाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान है। यह राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए युद्ध, बाहरी आक्रमण या हथियारों के विद्रोह के समय राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है। इसे संविधान द्वारा 'आपातकाल की उद्घोषणा' के रूप में दर्शाया गया है।