भारत के शहरी क्षेत्र में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है? - bhaarat ke shaharee kshetr mein kaun see berojagaaree paee jaatee hai?

शहरी क्षेत्रों में कौन सी बेरोज़गारी पाई जाती है?...

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भारत के शहरी क्षेत्र में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है? - bhaarat ke shaharee kshetr mein kaun see berojagaaree paee jaatee hai?

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आपने पूछा है शहरी क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है आपने पूछा है तो बताना चाहता हूं बेरोजगारी देकर चार पांच प्रकार की होती है जिसे चेक बेरोजगारी अनैच्छिक बेरोजगारी संरचनात्मक बेरोजगारी चक्रीय बेरोजगारी और बेरोजगारी इसमें काफी कुछ भेजो बेरोजगारी जो है वह शहरी क्षेत्रों से जुड़ी हुई है जैसे अल्प बेरोजगारी जिसमें किसी की व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता और अनुभव से कम भुगतान प्राप्त होता है यह अल्प बेरोजगारी होती है इस प्रकार की बेरोजगारी अक्सर देखी जाती है ठीक है आपका चक्रीय बेरोजगारी भी शहरी क्षेत्र में पाई जाती अर्थव्यवस्था में आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण जो मौद्रिक और राजकोषीय नीति से बेरोजगारी होती अर्थव्यवस्था के कारण जो बेरोजगारी उत्पन्न होती है संरचनात्मक बेरोजगारी यह भी देखिए थी तो बेरोजगारी ओके काफी प्रकार शायरी चित्र मौतें धन्यवाद

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भारत के शहरी क्षेत्र में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है? - bhaarat ke shaharee kshetr mein kaun see berojagaaree paee jaatee hai?

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भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?

July 30, 2021

(A) मौसमी बेरोजगारी
(B) प्रच्छन्न बेरोजगारी
(C) ऐच्छिक बेरोजगारी
(D) A और B दोनों

Answer : A और B दोनों

Explanation : भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी और प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी, अर्थात् छुपी हुई बेरोजगारी, यह वह स्थिति है, जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है, लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में एक श्रमिक किसी खास काम में इसलिये लगा रहता है, क्योंकि उसके पास उससे बेहतर करने को कुछ भी नहीं होता। इस स्थिति में श्रमिक के पास कोई विकल्प नहीं होता बल्कि किसी खास काम को करने की मजबूरी होती है। उदाहरण के तौर पर देखे तो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र में अक्सर देखने को मिलता है, कि जिस खेत पर काम करने के लिए एक-दो लोग काफी होते हैं। उसी खेत पर कई लोग काम करते रहते हैं। इसलिए, यहां तक कि अगर हम कुछ लोगों को (कृषि व्यवसाय से) बाहर ले जाते हैं, तो उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। (ii) शहरी क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र में हजारों अनियत कर्मचारी हैं, जहाँ वे पूरे दिन काम करते हैं, परन्तु बहुत कम कमा पाते हैं, एक ही दुकान पर आपको कई भाई काम करते मिल जाएँगे। उनको अलग-अलग दुकान चलानी चाहिए, लेकिन सही अवसर के अभाव में उन्हें एक ही दुकान पर काम करने को बाध्य होना पड़ता है।....अगला सवाल पढ़े

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विषयसूची

  • 1 भारत में बेरोजगारी के लिए उत्तरदायी कारक क्या है?
  • 2 बेरोजगारी कैसे खत्म करें?
  • 3 नगरीय क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?
  • 4 शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या है कैसे?
  • 5 कार्य शिक्षा बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए कैसे सहायक है?

भारत में बेरोजगारी के लिए उत्तरदायी कारक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबेरोजगारी का मुख्य कारण वृद्धि की धीमी गति है । रोजगार का आकार, प्रायः बहुत सीमा तक, विकास के स्तर पर निर्भर करता है । कृष्णामूर्ति ने विकास की प्रारम्भिक स्थिति में वृद्धि और रोजगार के बीच के संघर्ष का सही अवलोकन किया है, जोकि बेरोजगारी का मुख्य कारण है ।

क्या उपायों ग्रामीण भारत में बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए हैं?

इसे सुनेंरोकेंग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने के लिए आवश्यक है कि ग्रामीण विकास तथा कृषि गैर कृषि उत्पादन में विज्ञान एवं तकनीकी का अधिकाधिक प्रयोग किया जाए । साथ ही ग्रामी क्षेत्रों में निर्माण, विधायन तथा सामाजिक सेवाओं का विकास करके आर्थिक क्रियाओं में विविध उत्पन्न करनी होगी ।

बेरोजगारी कैसे खत्म करें?

इसे सुनेंरोकें(1) जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण- जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना चाहिये। इससे श्रमिकों की पूर्ति दर में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ यह भी अति आवश्यक है। (2) लघु और कुटीर उद्योगों का विकास- ये उद्योग ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थापित हैं तथा अंशकालीन रोजगार प्रदान करते हैं।

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?

इसे सुनेंरोकें➤ ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाने वाली बेरोजगारी ‘प्रच्छन्न बेरोजगारी’ पायी जाती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी वो बेरोजगारी होती है, इसमें एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है, लेकिन उसकी उस कार्य में अधिक आवश्यकता नही होती है।

नगरीय क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंकामकाजी पुरुष जनसंख्या का कम से कम ७५% अकृषि कार्यों में संलग्न। जनसंख्या घनत्व कम से कम ४०० व्यक्ति प्रति वर्ग किमी।

भारत में कितनी बेरोजगारी है?

इसे सुनेंरोकेंआंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की दिसंबर 2020 में खत्म तीसरी तिमाही में शहरी भारत में बेरोजगारी दर 10.3 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली यानी जुलाई से सितंबर 2020 की तिमाही में बेरोजगारी दर 13.2 फीसदी थी. आंकड़ों के अनुसार इसके एक साल पहले यानी दिसंबर 2019 में खत्म हुई तिमाही में बेरोजारी दर सिर्फ 7.8 फीसदी थी.

शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या है कैसे?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षित बेरोज़गारी भारत के लिए एक विशेष समस्या है। एक अध्यन से पता चला है कि मैट्रिक कि तुलना में स्नातक और स्नातकोत्तर युवकों में बेरोजगार की समस्या अत्यधिक गंभीर रूप लेती जा रही है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर स्थिति है जिसके निम्नलिखित कारण है- (i) शहरी बेरोज़गारी का एक प्रमुख कारण रोजगार केंद्रित शिक्षा का अभाव है।

क्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय जा सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंक्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय सुझा सकते हैं? (i) कौशल विकास पर ज़ोर दिया जाना चाहिए। शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करके काम किया जा सकता है। (iv) उपयुक्त ट्रेनिंग और विकसित कौशल के माध्यम से श्रमिकों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

कार्य शिक्षा बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए कैसे सहायक है?

इसे सुनेंरोकेंबेरोजगारी दूर करने के दीर्घगामी उपाय के रूप में हमे अपनी शिक्षा-व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करना पड़ेगा । हमें तकनीशियनों और हाथ का काम करने वालों की आवश्यकता है न कि क्लर्को की । अत: हाई स्कूल तक सामान्य साक्षरता के बाद हमें व्यावसायिक शिक्षा का व्यापक प्रबन्ध करना चाहिए ।

इसे सुनेंरोकेंकृषि पर अधिक निर्भरता तथा गैर-कृषि गतिविधियों की धीमी संवृद्धि रोजगार सृजन को सीमित करती है। i ) जनसंख्या में तीव्र वृद्धि : बढ़ती हुई जनसंख्या श्रम की पूर्ति में वृद्धि का कारण हुई हैं तथा बढ़ती हुई श्रम शक्ति के अनुसार, रोजगार अवसरों में वृद्धि न होने के कारण बेरोजगारी की समस्या और अधिक बढ़ गई है।

इसे सुनेंरोकेंवर्तमान में बेरोजगारी का प्रमुख कारण जनसंख्या वृद्धि है जिसे जनसंख्या विस्फोट के नाम से भी जाना जाता है। भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी को बहुत बढ़ावा मिला है वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश के लगभग 11% जनसंख्या बेरोजगार है जिन्हे रोजगार की आवश्यकता है।

शहरी क्षेत्र में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?

ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी एवं प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है जबकि नगरीय क्षेत्रों में अधिकांशत : शिक्षित बेरोजगारी पाई जाती है ।

हमारे शहर में कितने प्रकार के बेरोजगार है?

ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी के तीन मुख्य रूप दिखाई देते हैं – खुली बेरोजगारी, मौसमी बेरोजगारी और छिपी हुई बेरोजगारीशहरों में पाई जाने वाली बेरोजगारी मुख्यत: दो प्रकार की है- औद्योगिक बेरोजगारी और शिक्षित बेरोजगारी

भारत के नगरीय क्षेत्रों में अधिकांश कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?

अनैच्छिक बेरोजगारी को आगे चक्रीय बेरोजगारी, मौसमी बेरोजगारी, संरचनात्मक बेरोजगारी, संघर्षात्मक बेरोजगारी तथा प्रच्छन्न बेरोजगारी में विभाजित किया जा सकता है। चक्रीय या मांग में कमी के कारण बेरोजगारी तब होती है, जब अर्थव्यवस्था को कम श्रम शक्ति की आवश्यकता होती है।

कौन सी बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है?

ग्रामीण भारत में मौसमी और प्रच्छन्न दोनों बेरोजगारी प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं। यह उस रोजगार को संदर्भित करता है जो केवल व्यस्‍ततम अवधि में होता है। कृषि आधारित उद्योग और पर्यटन उद्योग बेरोजगारी के इस रूप के उदाहरण हैं।