बच्चों के ऊधम मचाने से घर की क्या दुददशा हुई? - bachchon ke oodham machaane se ghar kee kya dudadasha huee?

इसे सुनेंरोकेंबच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई? Solution: बच्चों के उधम मचाने से घर अस्त-व्यस्त हो गया। मटके-सुराहियाँ इधर-उधर लुढक गए। घर के सारे बर्तन अस्त-व्यस्त हो गए।

कवि यह क्यों कहता है कि अच्छा होता दुख न कभी होता?

इसे सुनेंरोकेंकवि कहता है कि यह संसार तो अपूर्ण है इसलिए इसकी अपूर्णता मेरे हृदय को अच्छी नहीं लगती। मैं तो इस संसार की उपेक्षा करके अपने ही सपनों का संसार लेकर जी रहा हूँ। मैं तो अपने ही स्वप्निल संसार में डूबा रहता हूँ। 1.

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दीवाने भिखमंगों की दुनिया में क्या लुटाकर जीते है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (b) द्वंद्व समास। स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले।

अम्मा ने बच्चों को कितने पैसे दिए?

इसे सुनेंरोकें➲ अम्मा ने बच्चों को चार पैसे दिए थे। (ख) बच्चे ने अम्मा को क्या विचार करने को कहा? ➲ बच्चे ने अम्मा को ये विचार करने को कहा कि बच्चा कौन सा खिलौना ले।

सारा घर धूल से कैसे भर गया कामचोर पाठ के आधार पर बताइए?

इसे सुनेंरोकेंसारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों और आँखों में घुस गई। लेखिका कहती हैं कि जब सभी बच्चे फर्श पर बिछाई जाने वाली दरी से धूल निकालने के लिए उस पर ज़ोरदार डंडे बरसा रहे थे तब सारा घर धूल से भर गया था। खाँसते-खाँसते सब का साँस लेना मुश्किल हो गया था।

कविता में ऐसी कौन सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: कविता में सबसे अच्छी बात कवि का जीवन को जीने का नज़रिया है। वह हर परिस्थिति में खुश रहना चाहता है और सबको प्यार देकर खुश रखना चाहता है। ऐसा व्यक्ति विषम परिस्थितियों में भी खुश रहना जानता है।

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दीवानो के मन पर किसका भार है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: दीवानों के सीने पर अपने लक्ष्य स्वतंत्रता तथा लोगों को खुशहाल न बना पाने की असफलता का भार है।

मुन्नू व मोहन ने क्या क्या खरीदा था?

इसे सुनेंरोकेंमुन्नू ने गुड़िया खरीदी है और मोहन ने मोटरगाड़ी। सरला अपनी माँ से कहती है कि वह खिलौनेवाले से उसके लिए साड़ी खरीद ढूं। इस पर बालक अपनी माँ से कहता है कि क्या कभी खिलौनेवाले साड़ियाँ भी रखते हैं? साड़ियाँ तो कपड़े बेचनेवाले रखते हैं जो कभी-कभी आते हैं।

भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।


भरा पूरा परिवार सुखद तब बन सकता है जब सब मिल-जुलकर सभी कार्य करें व दुखद तब बनता है जब सभी स्वार्थ की भावना से कार्य करें, कोई अपने कार्यों के प्रति सचेत न हो। एक व्यक्ति पिसता रहे व दूसरे आराम करते रह। कामचोर कहानी के आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि बच्चों को पहले तो कोई काम सिखाया नहीं गया और न ही किसी काम की जिम्मेदारी उन पर डाली गई। सभी काम अम्मा या घर के नौकर करते थे। एक समय ऐसा आया कि अम्मा-अब्बा भी नौकरों से तंग आ गए। उन्हें अपने बच्चे भी निठल्ले लगने लगे। एकदम से उनका यह निर्णय लेना कि सभी काम बच्चे करें परिवार के लिए दुखदायी बन जाता है क्योंकि बच्चों को किसी काम को करने का सलीका ही नहीं आता। सारा घर तूफान आने की भांति बिखर जाता है। यह सब माँ सहन नहीं कर सकती और यह निर्णय लेती है कि यदि बच्चे काम करेंगे तो वह अपने मायके चली जाएँगी। अंत में अब्बा बच्चों को हिदायत देते हैं कि वे किसी काम को हाथ नहीं लगाएँगे। यदि कोई काम करेंगे तो उन्हें रात का खाना नहीं दिया जाएगा।
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि यदि बच्चों को थोड़ा-थोड़ा काम करने की आदत डाली जाती तो ऐसी दुखदायी स्थिति ही उत्पन्न न होती।

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कामचोर NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 10

प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न 1.
कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के हैं? किन के बारे में और क्यों कहा गया?
उत्तर:
कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? यह घर के उन आलसी बच्चों के लिए है, जो स्वयं अपना काम करना तो दूर, उठकर पानी भी नहीं पीते थे। – ऐसा इसलिए कहा गया है कि वे अपने काम के लिए नौकरों पर आश्रित रहते थे और स्वयं कोई काम नहीं करना चाहते थे। अपने पिता की निगाह में वे खा-खाकर मोटे हो रहे थे।

प्रश्न 2.
बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई?
उत्तर:
बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की निम्नलिखित दुर्दशा हुई –

  • घर के बर्तन, तसले, बाल्टियाँ, लोटे, कटोरे टूटे हुए इधर-उधर बिखरे थे।
  • सारे घर में मुर्गियाँ और भेड़ें इधर-उधर घूम रही थी।
  • घर में कीचड़ हो गया था, जिसमें दरी सनकर गीली हो रही थी।

प्रश्न 3.
“या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ?
उत्तर:
“या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” यह बात अम्मा ने उस समय कही जब बच्चों द्वारा ऊधम में लगने के कारण घर में तूफान उठ खड़ा हुआ था। परिणाम-इसका परिणाम यह हुआ कि –

  • अम्मा अपना सामान बाँधकर आगरा जाने को तैयार हो गई।
  • अब्बा ने उन सभी बच्चों को कतार में खड़ा करके सख्त आदेश दिया कि अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज को हाथ लगाया, तो उनका रात का खाना बंद कर दिया जाएगा।

प्रश्न 4.
‘कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती है ?
उत्तर:
‘कामचोर’ कहानी यह संदेश देती है कि बच्चों को शुरू से ही कुछ-न-कुछ काम करने के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए, जिससे वे कामचोर व आलसी न बन सकें।

प्रश्न 5.
क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएंगे।
उत्तर:
बच्चों द्वारा यह निर्णय लिया जाना कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएंगे, यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। इससे बच्चों में कामचोरी एवं आलस्य की प्रवृत्ति बढ़ती ही जाएगी। इससे वे घर-परिवार और समाज पर बोझ बन जाएँगे।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें करा आवश्यक क्यों है?
उत्तर:
घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें करना आवश्यक है क्योंकि –

  • काम करने से शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
  • शरीर का व्यायाम हो जाता है।
  • कामचोरी की प्रवृत्ति और आलस्य की आदतें नहीं पनपने पाती हैं।
  • व्यक्ति घर-परिवार और समाज पर बोझ नहीं बनता है। वह समाजोपयोगी नागरिक बनता है।

प्रश्न 2.
भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।
उत्तर:
भरा-पूरा परिवार निम्नलिखित तरीकों से सुखद बन सकता है –

  • घर के प्रत्येक सदस्य को अपना निजी काम कर लेना चाहिए।
  • किसी बड़े या सामूहिक कार्य में अवश्य हाथ बँटाना चाहिए।
  • माता-पिता द्वारा बताए कार्य को व्यवस्थित ढंग से करना चाहिए।

दुखद कैसे बन सकता है –

  • अपना काम कराने के लिए दूसरों पर आश्रित रहना।
  • दिनभर पड़े-पड़े आलसी एवं कामचोर होना।
  • काम को अव्यवस्थित तरीके से करना। अथवा इस तरह से करना कि किए गए काम से ज्यादा अन्य काम बिखेर देना।

प्रश्न 3.
बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? कामचोर कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
बड़े होते बच्चे माता-पिता के कामों में हाथ बँटाकर उनके सहयोगी बन सकते हैं। ये बच्चे माँ-बाप के द्वारा किए गए उद्योग-धंधों में भी हाथ बँटाकर उनके उत्पादन या आय में वृद्धि कर सकते हैं तथा माँ-बाप की चिंता को कम कर सकते हैं। इस प्रकार वे समाज तथा देश के लिए उपयोगी नागरिक बन सकते हैं।

प्रश्न 4.
‘कामचोर’ कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की ? इन दोनों तरह के परिवारों में क्या-क्या अंतर होते हैं?
उत्तर:
‘कामचोर’ कहानी ‘संयुक्त परिवार’ की कहानी है। उसका कारण यह है कि इस परिवार में बच्चे, माता-पिता के अलावा बुआ, मौसी, चाचा आदि का भी जिक्र आया है। इन दोनों परिवारों में अनलिखित अंतर हैं –

बच्चों के ऊधम मचाने से घर की क्या दुददशा हुई? - bachchon ke oodham machaane se ghar kee kya dudadasha huee?

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।
उत्तर:
नौकरों को हटाने की बात निम्नलिखित परिस्थितियों में उठ सकती है।

  • घर के प्रत्येक सदस्य द्वारा अपना निजी काम स्वयं कर लिया जाए।
  • बच्चे घर के हर छोटे-बड़े काम में हाथ बँटाने लगें।
  • घर में आय के साधन अचानक कम हो जाएँ।
  • घर में खेती-बाडी या जानवरों से संबंधित उद्यम न किए जाते हों।
  • गृहणियाँ कार्य-कुशल हों और वे सभी कार्यों का ध्यान स्वयं रख रही हों।

प्रश्न 2.
कहानी में एक समृद्ध परिवार के उधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों बिगड़ी होगी? उन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए आप क्या-क्या सुझाव देना चाहेंगे?
उत्तर:
मेरे अनुमान से उनकी आदत इसलिए बिगड़ी होगी क्योंकि –

  • उनकी निजी आवश्यकताएँ समयाभाव के कारण माँ-बाप द्वारा स्वयं पूरी न कर नौकरों के भरोसे छोड़ दी जाती होंगी।
  • बच्चों के मन में यह मनोवृत्ति पनप चुकी होगी कि उनका काम करने के लिए नौकर हैं।
  • उनका सोचना था कि वे समृद्ध परिवार में जन्मे हैं और काम करना उनकी शान के खिलाफ़ है।
  • उन्हें शारीरिक श्रम की महत्ता न बताई गई होगी।

सुझाव –

  • उन्हें शारीरिक श्रम की महत्ता से अवगत कराऊँगा।
  • आलस्य और कामचोरी से उत्पन्न शारीरिक दुष्प्रभावों का उन्हें ज्ञान कराऊँगा।.
  • पशु-पक्षी, कीट-पतंगे तथा अन्य जीवों द्वारा शारीरिक श्रम करने की कहानियाँ उन्हें सुनाऊँगा।

प्रश्न 3.
किसी सफल व्यक्ति की जीवनी से उसके विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या के बारे में पढ़ें और सुव्यवस्थित कार्यशैली पर एक लेख लिखें।
उत्तर:
हर सफल व्यक्ति की दिनचर्या के बारे में स्वयं – पढ़ें तथा सुव्यवस्थित कार्यशैली के बारे में स्वयं लिखें।

भाषा की बात – “धुली-बेधुली बालटी लेकर आठ हाथ चार थनों पर पिल पड़े।” धुली शब्द से पहले ‘बे’ लगाकर बेधुली बना है। जिसका अर्थ है ‘बिना धुली’। ‘बे’ एक उपसर्ग है। ‘बे’ उपसर्ग से बननेवाले कुछ और शब्द हैं

बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई दौन उदाहरण लिखें?

Solution : बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर में ऐसा लगने लगा कि तूफान आ गया हो। घर के बर्तन इधर-उधर बिखर गये। सारे घर में मुर्गियाँ और भेड़ें खुलकर इधर-उधर घूमने लगीं। घर में कीचड़ हो गया जिसमें दरी सनकर गीली हो गयी।

कामचोर कहानी से हमें क्या संदेश मिलता है?

कामचोर से यही सीख मिलती है कि काम के लिए समझदारी होना आवश्यक है। बिना सोचे समझे किया गया काम हमेशा नुकसान ही देता है, जैसे पिताजी द्वारा करने को दिए गए कामों को अपनी नासमझी से बच्चों ने बर्बाद कर दिया। अगर वो इसी काम को आराम से व समझदारी से करते तो उनके घर का बुरा हाल न होता।

कमजोर इस कहानी में बच्चों को कौन कौन से काम बताए गए?

कामचोर पाठ सार प्रस्तुत पाठ 'कामचोर' में भी जब बच्चों को घर के कुछ काम जैसे गन्दी दरी को झाड़ कर साफ करना, आँगन में पड़े कूड़े को साफ़ करना, पेड़ों में पानी देना आदि बताए गए और कहा गया कि अगर वे यह सब काम करेंगे तो उन्हें कुछ-न-कुछ ईनाम के तौर पर मिलेगा।

क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे short answer?

बच्चों के द्वारा लिया गया यह निर्णय कि वह हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे यह उचित नहीं था। पिताजी तो यह चाहते थे कि वह स्वयं उठकर जाएँ और पानी पिएँ जिससे वह कमज़ोर बनें परन्तु सब बच्चों ने उससे तात्पर्य निकला कि पानी हिल-हिलकर पीना चाहिए।