बच्चों के बालों में खुजली क्यों होती है? - bachchon ke baalon mein khujalee kyon hotee hai?

सर्दी के मौसम में कई लोगों को अलग-अलग किस्म की तकलीफों का सामना करना पड़ता है, सिर में खुजली उनमें से एक है। www.myupchar.com से जुड़े ऐम्स, दिल्ली के डॉ. ओमर अफरोज़ का कहना है, सिर में खुजली से...

बच्चों के बालों में खुजली क्यों होती है? - bachchon ke baalon mein khujalee kyon hotee hai?

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बच्चों के बालों में खुजली क्यों होती है? - bachchon ke baalon mein khujalee kyon hotee hai?
Thu, 12 Dec 2019 01:32 PM

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सर्दी के मौसम में कई लोगों को अलग-अलग किस्म की तकलीफों का सामना करना पड़ता है, सिर में खुजली उनमें से एक है। www.myupchar.com से जुड़े ऐम्स, दिल्ली के डॉ. ओमर अफरोज़ का कहना है, सिर में खुजली से सिहरन और दर्द महसूस हो सकता है। सिर खुजलाने से आपको बेहतर महसूस हो सकता है, या इससे दर्द भी हो सकता है। सिर में खुजली के साथ होने वाले प्रमुख लक्षण हैं: गंजापन, सिर की रूखी त्वचा, सिर में सफेद पपड़ी, पस से भरे घाव, त्वचा का लाल होना, सिर में सूजन, सिर में घाव, त्वचा पर जलन, हल्का बुखार आदि।


परेशानियों की वजह
ऐसी हर वो परिस्थिति जो सिर की त्वचा को इतना सूखा बना दे कि पपड़ियां निकलने लगे, डेंड्रफ के तेजी से फैलने की वजह बन सकती है। अगर पीड़ित या पीड़िता ने इलाज नहीं कराया तो यह उसकी खोपड़ी और बालों के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकता है।  सिर में शुष्क या सूखी त्वचा कई बीमारियों की जड़ है। सूखी त्वचा, रूसी और इन्फेक्शन जैसी समस्याओं के साथ ही सिर में कई तरह की तकलीफें हो सकती हैं। सेबोरिक डर्माइटिस, एक्जिमा, स्केल्प सोरायसिस और स्केल्प रिंगवर्म भी डेंड्रफ या सिर की सूखी त्वचा की वजह बन सकता है। 


फंगल इन्फेक्शन: टिनिया केपिटिस या रिंगवर्म खोपड़ी में बहुत जमकर खुजली की वजह बन सकता है। कुछ लोगों की त्वचा पर तो पपड़ियां और फफोले तक हो जाते हैं। कुछ अन्य फंगल इन्फेक्शन भी डेंड्रफ की वजह बनकर बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। एंटीफंगल उपचार से फायदा हो सकता है।
स्केल्प सराइसिस: सराइसिस एक किस्म की ऑटो इम्यून स्थिति है जो सिर की त्वचा पर असर डालकर त्वचा को खुजलीवाला और परतदार बना सकता है। हालांकि यह डेंड्रफ तो नहीं है, लेकिन डेंड्रफ जैसे ही लक्षण हैं। इससे परेशान व्यक्ति के सिर पर जगह-जगह गंजेपन के स्पॉट से बन जाते हैं। 
फॉलिकल्टिस डिकेल्वेन्स: यह बेहद दुर्लभ स्थिति बालों के रोमों को नष्ट कर देती है। साथ ही इसके साथ खोपड़ी पर लाल चकत्ते बन जाते हैं। खुजली के कारण पीड़ित को डेंड्रफ होने की गलतफहमी हो सकती है। 
 

लिचेन प्लेनोपाइलेरिस: यह महिलाओं में आम होती है। इसमें सिर की त्वचा पर खराश सी बन जाती है। यह भी गुच्छों में बालों के गिरने की वजह बन सकता है। इसके लक्षण भले ही डेंड्रफ जैसे हों, लेकिन ऐसी स्थिति में केवल डेंड्रफ की दवाओं से कोई राहत नहीं मिलेगी। 
 

सेबोरिक डर्माइटिस: यह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर यह खोपड़ी की त्वचा को प्रभावित करता है। इससे लाल या भूरे रंग के चकत्ते बन जाते हैं, जिनके कारण सिर में बहुत खुजली होती है। बहुत ज्यादा खुजाने पर उस हिस्से को नुकसान पहुंच सकता है। हर वो परिस्थिति जिसमें सिर में खुजली या जलन होती है, सिर के खुजाने या बालों को तोड़ने-मरोड़ने से बालों का झड़ना तेज हो सकता है।

In this article

  • क्रेडल कैप क्या है?
  • शिशु को क्रेडल कैप कैसे होती है?
  • शिशु के क्रेडल कैप का उपचार मुझे कैसे करना चाहिए?
  • शिशु की क्रेडल कैप के लिए मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

क्रेडल कैप क्या है?

आपके शिशु के सिर पर शायद पपड़ी जमी है (क्रेडल कैप)। क्रेडल कैप अक्सर बहुत ज्यादा रुसी (डैंड्रफ) होने जैसा लगता है। यह आपके नवजात शिशु के सिर की त्वचा पर लाल हिस्से जैसा दिख सकता है, जो चिकने, पीले या भूरे पपड़ीदार धब्बे से ढका हुआ हो।

समय के साथ ये पपड़ी सूखने लगती है, जिसे झाड़ कर आसानी से हटाया जा सकता है, डैंड्रफ की तरह। मगर अक्सर इसके साथ चिपके हुए बाल भी टूट जाता है। क्रेडल कैप कैसी दिखती है, हमारा स्लाइडशो बचपन के चकत्ते और त्वचा समस्याएं में देखें।

कई बार क्रेडल कैप पूरे सिर की त्वचा पर जम जाती है। यह शिशु के चेहरे पर, नैपी क्षेत्र, बगल और नाक के आसपास भी दिख सकती है। इन जगहों पर इसे क्रेडल कैप की जगह सेबोरहोरिक एक्जिमा (डर्माटाइटिस) कहा जाता है।

आठ महीने से कम उम्र के शिशुओं में क्रेडल कैप अधिक आम है। यह शिशु के शुरुआती दो महीनों में होने की संभावना रहती है, और कई हफ्तों या महीनों तक बनी रह सकती है। थोड़े बड़े शिशुओं और बच्चों को भी क्रेडल कैप हो सकती है। हालांकि, यह भद्दी दिख सकती है, मगर इसमें खुजलाहट नहीं होती और शिशु को इससे कोई असहजता नहीं होती।

शिशु को क्रेडल कैप कैसे होती है?

माना जाता है कि क्रेडल कैप आपकी गर्भावस्था के दौरान शिशु के शरीर में बचे रह गए हॉर्मोनों की वजह से होता है। ये त्वचा में तेल ग्रंथियों को स्त्रावित होने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे त्वचा कोशिकाएं सिर की त्वचा पर ही चिपकी रह जाती हैं। शिशु के जन्म के हफ्तों और महीनों बाद यह स्त्राव कम होने लगता है, जिसकी वजह से क्रेडल कैप अपने आप ठीक हो जाती है।

शिशु में क्रेडल कैप होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि आपके परिवार में एलर्जी जैसे कि एक्जिमा आदि का इतिहास रहा है। यदि आपके शिशु के सिर की त्वचा पर पपड़ी जमी है, तो इस बार की संभावना रहती है कि बड़े होने पर उसे अन्य सेबोरहोरिक डर्माटाइटिस की स्थितियां जैसे कि रुसी आदि हो सकती है।

क्रेडल कैप संक्रामक नहीं है और न ही ये इस बात का संकेत है कि आप शिशु को अच्छे से साफ नहीं रख रही हैं।

शिशु के क्रेडल कैप का उपचार मुझे कैसे करना चाहिए?

शिशु के​ सिर पर जमी पपड़ी जन्म के कुछ हफ्तों या महीनों बाद अपने आप ठीक हो जानी चाहिए।

जब आपके शिशु के सिर पर क्रेडल कैप हो, तो कुछ तरीके हैं, जिन्हें आजमाकर इस पपड़ी को सौम्यता से हटाया जा सकता है:
  • शिशु के बालों को नियमित तौर पर सौम्य बेबी शैम्पू से धोएं। फिर मुलायम ब्रश से पपड़ी को ढीला करें।
  • शिशु के सिर की त्वचा पर हल्का बेबी आॅयल, वनस्पति तेल या नारियल का तेल लगाएं। आप चाहें तो तेल रातभर लगा रहने दें, इसके बाद सुबह नरम पपड़ी को ब्रश से हटा दें। इसके बाद सौम्य बेबी शैम्पू लगाकर बचे हुए तेल को हटा दें। शिशु के सिर की त्वचा पर जैतून का तेल न लगाएं, क्योंकि यह उसकी त्वचा के बैरियर (त्वचा की बाहरी परत) को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां जानें कि शिशुओं की मालिश के लिए कौन से तेल बेहतर हैं।
बहरहाल, ध्यान रखें कि केवल तेल का इस्तेमाल शायद बहुत ज्यादा प्रभावी न रहे। हो सकता है आपको डॉक्टर की सलाह से रुसी हटाने वाले हल्के शैम्पू या दवायुक्त शैम्पू इस्तेमाल करना पड़े।

दवाई की दुकानों पर कई तीक्ष्ण शैम्पू उपलब्ध होते हैं, मगर डॉक्टर की सलाह के बिना इनका इस्तेमाल न करें। यदि आप ऐसा कोई शैम्पू इस्तेमाल करें भी, तो सुनिश्चित करें कि यह शिशु की आंखों में न जाए।

यदि आपके शिशु को एक्जिमा है, तो बेहतर है कि उसे डॉक्टर को दिखाए। वे इसका बेहतर उपचार आपको बता सकती हैं।

कुछ माता-पिता होम्योपैथिक दवाओं को ज्यादा प्रभावी मानते हैं। यदि आप भी इन्हें आजमाना चाहें तो हमेशा रजिस्टर्ड होम्योपैथिक डॉक्टर को दिखाएं।

क्रेडल कैप को दूर करने के लिए कुछ परिवारों में कच्चे दूध, मलाई, बेसन और हल्दी से बना लेप प्रभावित जगह पर लगाया जाता है। यह कोई असरकारक उपाय नहीं है, इसके इस्तेमाल के अपने कुछ जोखिम है और शिशु को इनफेक्शन भी हो सकता है।

कच्चे दूध में जीवाणु (बैक्टीरिया) जैसे कि ई. कोली और साल्मोनेला हो सकते हैं जिनसे दस्त (डायरिया) और पेचिश जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

साथ ही, लेप दानेदार और खुरदरा होने की वजह से शिशु के सिर की नाजुक त्वचा पर खरोंच या रगड़ लग सकती है। लेप के सूखने पर इसे हटाने में शिशु को काफी असहजता हो सकती है। लेप के अंश पूरी तरह हटाने के लिए आपको शायद बार-बार शिशु का सिर धोना पड़ सकता है।

हो सकता है आप बच्चे के सिर से क्रेडल कैप को चुनकर या छीलकर हटाना चाहें, मगर ऐसा न करें। इसे चुनकर हटाने से दर्द भरे पैच हो सकते हैं, जिनमें इनफेक्शन हो सकता है। यदि रोजाना मालिशवाली शिशु की मालिश करती है, तो उसे भी बता दें कि वह खुद शिशु की क्रेडल कैप हटाने का प्रयास न करे।

बेहतर है कि आप शिशु की देखभाल करने वाले परिवार के सदस्यों से इस बारे में बात करें। यदि मालिशवाली रोजाना आपके शिशु की मालिश करती है, तो उससे भी बात करें।

शिशु की क्रेडल कैप के लिए मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि शिशु की क्रेडल कैप लाल और सूजी हुई दिखाई दे या फिर इसमें से खून आने लगे तो उसे डॉक्टर को दिखाएं। हो सकता है इसमें इनफेक्शन हो गया हो। डॉक्टर आपको एंटि-फंगल क्रीम या दवा युक्त शैम्पू के इस्तेमाल की सलाह दे सकती हैं या फिर आपको एंटिबायोटिक्स का कोर्स शुरु करना पड़ सकता है।

यदि क्रेडल कैप में खुजलाहट होने लगे या यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगे तो भी डॉक्टर को दिखाएं।

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हमारे लेख पढ़ें:
  • शिशुओं में थ्रश (यीस्ट संक्रमण)
  • शिशुओं में लंगोट क्षेत्र में चकत्ते (नैपी रैश)
  • शिशुओं और बच्चों में टाइफाइड

References

Lawton S. 2014. Managing Cradle Cap (Infantile Seborrhoeic Dermatitis). Good Practice Points for Health Visitors. Institute of Health Visiting. www.ihv.org.uk.

NES. 2015. Seborrhoeic Dermatitis in Infants. National Eczema Society. www.eczema.org.

NHS. 2013a. Cradle cap. NHS Choices, Health A-Z. www.nhs.uk

NHS. 2013b. Cradle cap - causes. www.nhs.uk

NHS. 2013c. Cradle cap - treatment. www.nhs.uk

NSE.2008. Factsheet: Infantile Seborrhoeic Eczema. National Eczema Society.

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बच्चे के सिर में खुजली हो तो क्या करें?

नींबू के रस को पानी में डालें और इससे बच्‍चे के बाल धोएं। एलोवेरा के गूदे को बालों में लगाने से डैंड्रफ और सिर में खुजली कम होती है। रातभर सिर में जैतून का तेल लगा रहने दें और सुबह सिर धो दें।.
कान, माथे, आइब्रो या स्‍कैल्‍प के आसपास लाल रैश बनना।.
स्किन का ड्राई होना।.
कुछ समय के लिए बाल झड़ना।.

छोटे बच्चों के सिर में खुजली क्यों होती है?

अगर आपका बच्चा (Child) खेलते या पढ़ते हुये बार-बार सिर खुजलाता है तो आपको इस ओर ध्यान (Care) देने की जरूरत है. क्योंकि यह खुजली आपके बच्चे के बालों में रूसी होने का संकेत भी हो सकती है. जिसका मुख्य लक्षण है सिर की त्वचा यानी स्कैल्प पर सूखापन और सिर में खुजली होना. सर्दियों के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ सकती है.

सिर के बालों में खुजली होने का क्या कारण है?

इसके पीछे का कारण बालों में मौजूद गंदगी और डैंड्रफ की समस्या हो सकती है. इसके अलावा डैंड्रफ होने का कारण हेयर डाई, तनाव, फंगल इंफेक्शन, चिंता या फिर जूं होना भी हो सकता है. वहीं, सिर में खुजली लगने की बीमारी को सेबोरिक डर्मटाइटिस कहा जाता है, यह बीमारी अधिक डैंड्रफ के कारण होती है.

Balo में बहुत खुजली हो तो क्या करें?

नैचुरल तेलों से मसाज करेंः खुजली करने से स्कैल्प में जलन होती हैं. जलन और खुजली को कम करने के लिए आप नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. नारियल तेल में लॉरिक एसिड होने की वजह से खुजली और जलन से राहत मिलती है. हफ़्ते में कम से कम एक दिन नारियल या सरसों के तेल से सिर की मसाज ज़रूर करें.