अधिक मोबाइल देखने से क्या होता है? - adhik mobail dekhane se kya hota hai?

* मोबाइल फोन से रहे सावधान....जानिए 10 कारण

क्या आप मोबाइल फोन का अत्यधि‍क इस्तेमाल करते हैं... ? या आप मोबाइल फोन को अपने साथ रखकर सोते हैं...? क्या आप जानते हैं मोबाइल फोन से होने पैदा होने वाले खतरे को...? अगर आपका जवाब है नहीं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर आपको मोबाइल फोन का उपयोग करने के आदत है, तो जान लें आपकी सेहत को इससे खतरा है।

मोबाइल फोन से निकलने वाले विकिरण आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। इतना ही नहीं यह आपको कई तरह की बीमारियों को शि‍कार बना सकता है। जानिए इसके अधि‍क प्रयोग से होती है कौन से नुकसान -

1 मोबाइल फोन के रेडिएशन से उत्पन्न खतरों में सबसे बड़ा खतरा है कैंसर। अगर आप अपने मोबाइल फोन को पूरा दिन अपनी जेब में या शरीर से चिकाकर रखते हैं तो संबंधि‍त स्थान पर ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है और आप आसानी से कैंसर के शि‍कार हो सकते हैं।

2 रात के समय मोबाइल फोन को शरीर से सटाकर या सीने पर रखकर सोने की आदत है तो यह आदत आपके लिए बेहद खतरनाक ही नहीं जानलेवा भी हो सकती है। इसके अलावा इसके रेडिएशन का प्रभाव आपके मस्तिष्क पर भी नकारात्मक पड़ता है।

3 ज्यादातर पुरुषों में आदत होती है कि वे अपना मोबाइल फोन बेल्ट के पास बने पॉकेट में रखते हैं। पूरा दिन मोबाइल फोन को इस तरह से रखना आपके लिए बेहद हानिकारक है। मोबाइल फोन के इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों का प्रभाव आपकी हड्डियों पर भी पड़ता है और उनमें मौजूद मि‍नरल लिक्विड समाप्त हो सकता है।

4 पुरुषों में कमर के पास मोबाइल फोन को रखना और भी खतरनाक हो सकता है। दरअसल मोबाइल के रेडिएशन का नकारात्मक प्रभाव शुक्राणुओं में कमी के रूप में भी देखा जा सकता है।

5 वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के एक शोध के अनुसार मोबाइल फोन का अत्यधि‍क इस्तेमाल मस्तिष्क के कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। इसके विकिरणों के प्रभाव के चलते ब्रेन में ट्यूमर हो सकता है।

6 मोबाइल फोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों से आपका डीएनए तक क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा इसका अधि‍क इस्तेमाल आपको मानसिक रोगी भी बना सकता है।

7 तनाव और डि‍प्रेशन के कारणों में एक प्रमुख कारण मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के खतरनाक प्रभाव भी हैं। यह आपके दिमाग की कोशि‍काओं को संकुचित करती हैं, जिससे ब्रेन में ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं पहुंच पाती।

8 गर्भवती महलाओं द्वारा मोबाइल फोन का अधि‍क इस्तेमाल, गर्भस्थ शि‍शु को प्रभावित कर सकता है। इससे शि‍शु के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है जिससे उसका विकास प्रभावित होता है।

9 मोबाइल फोन के हानिकारक विकिरण न केवल कैंसर जैसी बीमारी को जन्म देते हैं, बल्कि यह डाइबिटीज और हृदय रोगों की संभावनाओं को भी कई गुना बढ़ा देती हैं।

10 मोबाइल फोन का जरूरी और सीमि‍त इस्तेमाल ही इलेक्ट्रोमेगनेटि‍क विकिरणों के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है। इसके अलावा इसे अपने शरीर से सटाकर न रखते हुए, पर्स में या फिर अन्य स्थान पर रखना ज्यादा सही होगा।

नई दिल्ली: अगर आपको भी देर रात तक फोन चलाने की आदत है तो इसे तुरंत बदल लें. रात को लंबे समय तक फोन चलाने की आदत आपको बीमार कर सकती है. ये आंखों के साथ ही मेंटल हेल्थ के लिए भी नुकसानदेह है. जानिए रात को सोते समय मोबाइल फोन के इस्‍तेमाल के गंभीर नुकसान-

स्ट्रेस और थकान बढ़ने का कारण

देर रात तक मोबाइल चलाने का असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. इससे थकान और तनाव बढ़ने लगता है. रात को लंबे समय तक मोबाइल चलाने से मेलाटोनिन नामक हार्मोन का लेवल कम हो जाता है. इसकी वजह से स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और आप थकान महसूस करने लगते हैं.

डार्क सर्कल की समस्या

देर रात तक फोन चलाने का असर त्वचा पर भी पड़ता है. अगर आप रात को लंबे समय तक फोन यूज करते हैं, तो इससे आंखों के नीचे डार्क सर्कल की समस्या हो सकती है. 
मोबाइल चलाने से आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है.

ब्रेन हेल्थ के लिए

देर रात तक फोन यूज करने का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है. लंबे समय तक फोन चलाने से मेमोरी कमजोर हो सकती है. इससे कई तरह की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि, ये आदत दिमाग को कमजोर करती है.

नींद न आने की प्रॉब्लम

देर रात तक फोन यूज करने से आपको अनिद्रा की समस्या हो सकती है. रात को सोने से पहले मोबाइल यूज करने से मेलोटोनिन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है. इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है.

आंखों से जुड़ी समस्याएं

अधिक समय या देर रात तक फोन चलाने से आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इससे रेटिना पर असर पड़ता है और आंखों की रोशनी कमजोर होती है. देर रात तक मोबाइल चलाने से ग्लूकोमा का खतरा भी बढ़ जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Mobile Phone Radiations Impact मोबाइन का इस्तेमाल ज्यादा वक्त तक करने से सिर दर्द नींद में गड़बड़ी याददाश्त में कमजोरी चि़ड़चिड़ापन हाथ और गर्दन में दर्द और आंखों से कम दिखने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल दिमाग की गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mobile Phone Radiations Impact:मोबाइल हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, जिसके बिना हम एक मिनट भी गुजारना पसंद नहीं करते। हमारे ऑफिस के कामों से लेकर पढ़ाई तक हम मोबाइल पर करते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल आपकी बॉडी पर साइड इफेक्ट भी डालता है। हम ज्यादा से ज्यादा वक्त मोबाइल के साथ गुजारते हैं और मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन हमारी सेहत और आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं।

लॉकडाउन में हमने ज्यादा से ज्यादा वक्त मोबाइल और लेपटॉप पर चैटिंग और ब्राउजिंग करने में गुजारा है। लेकिन आप जानते हैं कि ज्यादा समय मोबाइल के साथ गुजारने से सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता हैं। मोबाइन का इस्तेमाल ज्यादा वक्त तक करने से सिर दर्द, नींद में गड़बड़ी, याददाश्त में कमजोरी, चिड़चिड़ापन, हाथ और गर्दन में दर्द और आंखों से कम दिखने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल दिमाग की गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

एम्स और एन्वायरोनिक ने अध्ययन किया है कि मोबाइल रेडिएशन मानव शरीर को कैसे प्रभावित करती है। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों को मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से अवगत कराया गया। अध्ययन में पाया गया कि कैसे मोबाइल की रेडिएशन मस्तिष्क के वेव पैटर्न में परिवर्तन करती है।

सिनर्जी एन्वायरोनिक के एमडी अजय पोद्दार ने कहा हमने अपने अध्ययन के लिए इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम का मूल्यांकन किया, जो मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि की निगरानी करता है। हमारे मस्तिष्क से मूल रूप से चार तरंगें अल्फा, बीटा, थीटा और डेल्टा निकलती हैं जो मस्तिष्क की विभिन्न गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 30 स्वयंसेवकों के एक सांख्यिकीय आकार और एक बहुत परिष्कृत उपकरण चुना। हमने लोगों से फोन पर 5 मिनट बिना एनवायरमेंट के और फिर एनवायरोशिप के साथ बात की। उसके बाद हमने उनकी मस्तिष्क गतिविधि की जाँच की।

अध्ययन में जब डेटा का विश्लेषण किया गया, तो पाया कि अल्फा और थीटा तरंगें जो रिलेक्सेशन महसूस कराती है दोनों में उतार-चढ़ाव देखा गया। ये उतार-चढ़ाव बॉडी के लिए तनावपूर्ण था।

मोबाइल फोन के हानिकारक प्रभाव

मोटे तौर पर, मोबाइल रेडिएशन के दो हानिकारक प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ते हैं। एक हीट इफेक्ट है। एक घंटे अगर आप कान पर फोन लगाकर बात करते हैं तो आपको उतनी ही गर्मी मिलती है जितनी एक मिनट में माइक्रोवेव देता है। दूसरा बॉयोलॉजिकल इफेक्ट। हमारी कोशिकाएं एक-दूसरे से संपर्क करती हैं और मोबाइल फोन विकिरण इस संचार को बाधित करते हैं।

मोबाइल कंपनियों द्वारा दी गई सूचना:

मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल करने में हमें सावधानी बरतने की हमेशा जरूरत है। क्या आप जानते हैं सभी मोबाइल फोन की वेबसाइट फोन के अत्याधिक इस्तेमाल से संबंधित चेतावनी देती हैं, जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं। ये साइट हमें टॉकटाइम को सीमित करने और डिवाइस को आपके शरीर से दूरी पर रखने का सुझाव देती हैं। इसके अतिरिक्त, वे हैंड्सफ्री पर फोन का उपयोग करने की सलाह देती हैं। 

              Written By: Shahina Noor

Edited By: Shilpa Srivastava

1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?

एक व्यक्ति को एक दिन में लगभग 1 से 2 घंटे फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारे आखों और मानशिक में काफी तनाव पड़ता है।

लगातार मोबाइल देखने से क्या नुकसान होता है?

आंखों को पहुंचता है नुकसान- लगातार मोबाइल के इस्तेमाल से आंखों पर दबाव पड़ सकता है. कभी-कभी हमें इसका एहसास नहीं होता है, लेकिन यह हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. हमारी आंखें शरीर के सबसे संवेदनशील हिस्सों में से एक हैं. मोबाइल की नीली स्क्रीन आपकी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकती है.

ज्यादा मोबाइल देखने से कौन सी बीमारी होती है?

मोबाइन का इस्तेमाल ज्यादा वक्त तक करने से सिर दर्द, नींद में गड़बड़ी, याददाश्त में कमजोरी, चिड़चिड़ापन, हाथ और गर्दन में दर्द और आंखों से कम दिखने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल दिमाग की गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

मोबाइल ज्यादा देखने से आंखों पर क्या असर पड़ता है?

जब हम लगातार मोबाइल स्क्रीन को देखते हैं तब हमारी पलकें कम झपकती हैं. इससे आंखों में सूखापन आने लगता है क्योंकि आंखों का पानी सूखने लगता है. इस कारण आंखों में खुजली और जलन की समस्या भी होने लगती है. इसके अलावा आंखों की पुतलियां और नसें भी सिकुड़ने लगती हैं.

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