अपने क्षेत्र में एक नया पुस्तकालय स्थापित करने हेतु सांसद महोदय को एक पत्र लिखिए - apane kshetr mein ek naya pustakaalay sthaapit karane hetu saansad mahoday ko ek patr likhie

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अपने क्षेत्र में एक नया पुस्तकालय स्थापित करने हेतु सांसद महोदय को एक पत्र लिखिए - apane kshetr mein ek naya pustakaalay sthaapit karane hetu saansad mahoday ko ek patr likhie

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अपने क्षेत्र में एक नया पुस्तकालय स्थापित करने हेतु सांसद महोदय को एक पत्र लिखिए - apane kshetr mein ek naya pustakaalay sthaapit karane hetu saansad mahoday ko ek patr likhie

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4/37, सुभाष नगर
बेंगलूरु
दिनांकः 3 मार्च, 2019

सेवा में,
सचिव शिक्षा विभाग
बेंगलूरु.

महोदय,
विषय : सार्वजनिक पुस्तकालय एवं वाचनालय की स्थापना निवेदन है कि हम बेंगलूरु के नव-स्थापित इलाका सुभाष नगर के निवासी हैं। हम पिछले 3 वर्षों से यहाँ रह रहे हैं। यहाँ परिवहन, सड़क, जल, बिजली, खेल का मैदान आदि सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो चुकी है, लेकिन किसी पुस्तकालय या वाचनालय खोलने की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। पुस्तकालय से संबंधित किसी भी काम के लिए लोगों को यहाँ से तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिससे बहुत परेशानी होती है। खासतौर पर बूढ़े और महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता हैं। आपसे निवेदन है कि कृपया इस ओर ध्यान दें। हमारे इलाके में एक नियमित पुस्तकालय तथा वाचनालय खोलने की कृपा करें।

धन्यवाद।

भवदीय
समीर


(21) अपने क्षेत्र में सार्वजनिक पुस्तकालय खुलवाने की आवश्यकता समझाते हुए दिल्ली के शिक्षा-मंत्री के नाम एक पत्र लिखिए।

सेवा में,
शिक्षा-मंत्री महोदय,

दिल्ली सरकार, दिल्ली।

दिनांक: 27/03/20XX

विषयः सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दिल्ली के शिक्षा-मंत्री के नाम पत्र।

मान्यवर,
मैं अपने इस पत्र के द्वारा आपका ध्यान अपने क्षेत्र के लोगों के लिए एक पुस्तकालय की व्यवस्था की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। वर्तमान तकनीकी युग में पुस्तकों के अध्ययन के प्रति लोगों का लगाव कम होता जा रहा है। परिणामतः उनका समय मोबाइल या अन्य व्यर्थ के विवादों में व्यतीत हो रहा है। लोगों की रचनात्मक शक्ति क्षीण होती जा रही है।

अतः आपसे निवेदन है कि सरकारी अनुदान से मेरे क्षेत्र में एक सार्वजनिक पुस्तकालय की व्यवस्था एक उसके संचालन के लिए धन की व्यवस्था दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा करवाने की कृपा की जाए। इससे न केवल सामान्य जन अपितु सुविधाविहीन छात्र भी अपने अध्ययन के लिए लाभ उठा पाएँगे।
आपकी इस व्यवस्था के लिए हम सभी क्षेत्रवासी आपके आजीवन आभारी रहेंगे।
अ. ब. स.
अ. ब. स. क्षेत्र
दिल्ली।

(22) कक्षा में अनजाने हो गए अभद्र व्यवहार के लिए कक्षा-अध्यापक से क्षमा-याचना करते हुए पत्र लिखिए।

सेवा में,
कक्षा अध्यापक महोदय,
अ. ब. स. विद्यालय,
अ. ब. स. नगर।

दिनांक- 27/03/20XX

विषय- अभद्र व्यवहार के लिए कक्षा अध्यापक से क्षमा-याचना करते हुए पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं कक्षा नौ ‘अ’ का छात्र हैं। पिछली कक्षा में मुझसे अनजाने में अपने कक्षा के सहपाठियों के साथ अभद्र व्यवहार हो गया। मेरे कुछ मित्र एक-दूसरे के ऊपर पानी डाल रहे थे। मैं भी उन सबके साथ इस खेल में सम्मिलित था। बाद में मुझे ज्ञात हुआ कि मेरे इस व्यवहार से आपको बहुत कष्ट हुआ है।

मैं अपने इस अनुचित कृत्य से लज्जित हैं तथा क्षमा याचना के साथ आपको विश्वास दिलाता हूँ कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी।
आपसे प्रार्थना है कि आप मेरे इस अभद्र व्यवहार को क्षमा कर मुझे अनुगृहित करेंगे। मैं इसके लिए आपका आभारी रहूँगा।
सधन्यवाद!

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अ. ब. स
कक्षा- नौ ‘अ’

(23) चौराहों पर भीख माँगते बच्चों को देखकर आपको कैसा इस समस्या के समाधान के लिए अपने विचार एक पत्र द्वारा किसी समाचार पत्र के संपादक को लिखिए।

सेवा में,
संपादक,
अ. ब. स. समाचार पत्र,
अ. ब. स. क्षेत्र,
अ. ब. स. नगर।

दिनांक- 00/00/00

विषय- चौराहे पर भीख माँगते बच्चों को की गंभीर समस्या और समाधान।

महोदय,
निवदेदन है कि मैं अ. ब. स. नगर के अ. ब. स. मुहल्ले का निवासी हूँ। इस पत्र के द्वारा मैं आपका तथा सरकार का ध्यान उपर्युक्त समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। मैं प्रतिदिन सुबह 8 बजे अपने पिता जी के साथ गाड़ी से विद्यालय के लिए जाता हूँ। रास्ते में एक चौराहा आता है जहाँ कुछ हम उम्र बालकों को भीख माँगते देख मेरा मन द्रवित हो उठा। मैं सोचने के लिए विवश हो गया कि आज भी भारत में इतनी गरीबी है कि लोग अपने बच्चों से पढ़ने की आयु में भीख मँगवाकर अपना पेट भरने का काम करते हैं। भारत में आज भी संसाधनों का इतना अभाव है कि जिन बच्चों के हाथों में पुस्तकें और लेखनी होनी चाहिए वे भीख के लिए हाथ फैला रहे हैं।

महाशय, यह एक गंभीर समस्या है। इस विकृत समस्या के समाधान के लिए सरकार और समाज दोनों को आगे आना होगा और मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार के द्वारा ऐसे बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा, आवास और भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए तथा समाज के द्वारा इन बच्चों को शिक्षा प्राप्ति के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

विश्वास है, अपने समाचार पत्र में मेरे पत्र को प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस समस्या की और आकर्षित करेंगे।

अ. ब. स.
अ. ब. स. क्षेत्र
अ. ब. स. नगर

(24) अपनी पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों के बारे में बताते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए।

अ. ब. स. नगर
अ. ब. स. क्षेत्र

दिनांक- 00/00/00

आदरणीय पिता जी,
सादर प्रणाम।
मैं कुशल हूँ, विश्वास है कि आप भी परिवार के सभी सदस्यों के साथ स्वस्थ होंगे।
पिता जी! प्रसन्नता के साथ आपको सूचित करना चाहता हूँ कि हर साल की भाँति इस बार भी विद्यालय की वार्षिक-परीक्षा अगले माह से प्रारंभ होने वाली है। परीक्षा में उत्तम परिणाम के समय-तालिका के अनुसार मैं यथायोग्य परिश्रम कर रही हैं। समय पर भोजन, शयन क्रीड़ा आदि का पूरा ध्यान रखता हूँ। सामाजिक कार्यक्रमों में भी पूरी सहभागिता रहती है। विद्यालय की शैक्षणिकेत्तर गतिविधियों में मैं अपने मित्रों के साथ पूरे उत्साह के साथ भाग लेता रहता हूँ।

आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं मेहनत करता रहूँगा और सर्वोत्तम स्थान पर स्थित रहूँगा। ग्रीष्मावकाश में घर आकर आपके तथा माता जी के दर्शन करूंगा।
परिवार में सबको यथायोग्य अभिवादन।

आपका प्यारा पुत्र,
अ. ब. स.।

(25) एक चौराहे पर स्कूल जाने की उम्र की किसी लड़की को भीख माँगता देखकर आपके मन में क्या भाव उठे? अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखकर बताइए।

अ. ब. स. नगर,
अ. ब. स. क्षेत्र,

दिनांक- 19/04/20XX

आदरणीय बड़ी बहन,
सादर प्रणाम।
मैं कुशल हूँ, विश्वास है कि आप भी परिवार के सभी सदस्यों के साथ स्वस्थ होंगी।
दीदी, आज इस पत्र के द्वारा मैं अपने मन की बात को आपके साथ बाँटना चाहता हूँ। आज सुबह जब मैं अपने विद्यालय जा रहा था तो चौराहे पर एक हम उम्र बालिका को भीख माँगता देख मेरा मन काँप उठा। मैं सोचने को विवश हो गया कि आज भी भारत में इतनी गरीबी है कि लोग अपने बच्चों से पढ़ने की आयु में भीख मँगवाकर अपना पेट भरने का काम कराते हैं।

मैंने माता जी से इस संदर्भ में विस्तार से बात की है तथा उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे उस लड़की के लिए शिक्षा की व्यवस्था में उसके माता-पिता का सहयोग करेंगी। अब जाकर मेरे मन को कुछ शांति मिली है।
शेष अगले पत्र में। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखियेगा।

आपका प्यारा भाई,
अ. ब. स.।।

(26) ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान का आपके आस-पड़ौस में क्या प्रभाव दिखाई देता हैं? उसकी अच्छाइयों और सीमाओं की चर्चा करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।

सेवा में
मुख्य संपादक महोदय,
अ. ब. स. समाचारपत्र,
अ. ब. स. नगर।।

दिनांक : 03 अप्रैल, 20XX

विषय- ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान का आस-पड़ोस पर क्या प्रभाव।

मान्यवर,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने इलाके में ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान का क्या प्रभाव हुआ। है इस विषय पर आकर्षित करना चाहता हूँ। महोदय ! इस अभियान के कारण हमारे समाज में एक क्रांति-सी आ गई है। कोई भी बच्चा हो या बूढ़ा सड़क पर या गलियों में कूड़ा-करकट फेंकना नहीं चाहता है। अस्पतालों या रेलवे प्लेटफॉर्म पर तो गंदगी का नामों-निशान मिट गया। है। इन सबका हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। अब डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता कम हो गई है। अधिक से अधिक लोग स्वच्छता के प्रति सावधान और स्वस्थ रह रहे हैं। इसकी सबसे अच्छी बात है कि इससे समाज में आने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी तथा एक स्वस्थ और स्वच्छ भारत का निर्माण होगा।

आपसे अनुरोध है कि समाज के हित को ध्यान में रखते हुए इस अभियान के विज्ञापन को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र के मुख्पृष्ठ पर जगह देकर लागों को इसके प्रति आकृष्ट करने की कृपा करें।
इसके लिए हम सब आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।

भवदीय,
अ. ब. स.
अ. ब. स. मोहल्ला,
अ. ब. स. नगर।

(27) बस में छूट गए सामान को आपके घर तक सुरक्षित रूप से पहुँचाने वाले बस कंडक्टर की प्रशंसा करते हुए उसे पुरस्कृत करने के लिए परिवहन अध्यक्ष को एक पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखिए।

महाप्रबंधक महोदय,
दिल्ली परिवहन निगम
पीतम पुरा, दिल्ली

दिनांक- 25 मार्च, 20XX

विषय- बस संख्या DL-IP 3845 (शादीपुर) के कंडक्टर की प्रशंसा हेतु पत्र।

महोदय,
मुझे इस बात की सूचना देते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि दिल्ली परिवहन निगम की बस संख्या DL-IP 3845 (शादीपुर डिपो) के कंडक्टर रामविलास जुनेजा ने कल अत्यंत प्रशंसनीय तथा साहसिक कार्य किया। एक व्यक्ति अपनी बेटी की शादी के लिए गहने खरीदकर आ रहा था। वह बस में सवार हुआ। थोड़ी ही देर में वह चिल्लाने लगा कि उसका बैग छीनकर कोई जेबकतरा बस से उतर गया है। रामविलास ने तुरंत बस रुकवा दी और जेबकतरे के पीछे दौड़ा और अपनी बहादुरी से उससे बैग भी छीन लिया। इस घटना को देखने में अपने जरूरी कागजात का बैग बस में ही भूल गयी। शाम के पाँच बजे मुझे मेरे घर पर मेरा कागजात का बैग लौटाने रामविलास जी मिले।

उनके साहस और ईमानदारी को देखते हुए मैंने उन्हें 1.000 रुपए का पुरस्कार देना चाहा, परंतु उन्होंने लेने से इंकार कर दिया और कहा कि ''मैंने अपना कर्तव्यपालन किया है।''
मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि श्री रामविलास को पुरस्कृत और सम्मानित किया जाए जिससे कि अन्य व्यक्ति भी इनसे प्रेरणा लें।
धन्यवाद!

भवदीया
रुचि गुप्ता
ई-393, रमेश नगर, नई दिल्ली

(28) अपने बैंक के प्रबंधक को पत्र लिखकर अपने आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने का अनुरोध कीजिए।

प्रबंधक महोदय
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
सरस्वती विहार, दिल्ली

दिनांक- 25 फरवरी 2018

विषय- खाता संख्या-13457398 के साथ आधार कार्ड जोड़ने का आग्रह

महोदय,
मैं सोनिया गर्ग, बचत खाता संख्या-13457398 की धारक हूँ। मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि मेरे आधार कार्ड, संख्या-631345678915 को मेरे बचत खाते के साथ जोड़ दीजिए। इस पत्र के साथ मेरे आधार कार्ड की प्रतिलिपि संलग्न है।
धन्यवाद!

भवदीय
सोनिया गर्ग

(29) विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर उन्हें रोकने का अनुरोध कीजिए।

सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय
क. ख, ग विद्यालय
अ. ब. स स्थान

दिनांक- 25 जनवरी, 20XX

विषय- विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश में जंक फूड बेचने से रोके जाने के सम्बन्ध में पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचा जाता है। जंक फूड मिलने की वजह से अधिकतर विद्यार्थियों ने टिफिन लाना भी बंद कर दिया है। यह जंक फूड विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जंक फूड खाने से कई बच्चों की तबियत भी खराब हुई है।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यथाशीघ्र इन्हें हटवाने का प्रबन्ध करें।
धन्यवाद!

आपकी आज्ञाकारी शिष्या
क, ख, ग
कक्षा-दसवीं

(30) विदेश में रहने वाले अपने मित्र को भारतीय त्योहारों के विषय में पत्र लिखिए।

मित्र को पत्र

परीक्षा भवन
दिल्ली।

दिनांक : 20 अक्तूबर, 20XX

प्रिय मित्र,
सस्नेह नमस्कार!
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर एक नई जानकारी प्राप्त हुई। तुमने ऑस्ट्रेलिया में मनाए जाने वाले त्योहारों का बड़ा ही सुंदर वर्णन किया है। अब मैं इस पत्र में भारतीय त्योहारों के विषय में लिख रहा हूँ। भारत त्योहारों का देश है जिनमें दीवाली, दशहरा, होली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, लोहड़ी, करवाचौथ, बसंत पंचमी, बैसाखी, 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्तूबर, 14 नवंबर आदि प्रमुख हैं। पर इसके अतिरिक्त भी यहाँ बहुत-से त्योहार मनाए जाते हैं। दीवाली अज्ञान पर ज्ञान की विजय, दशहरा असत्य पर सत्य की जीत, होली में सभी पुराने बैरों को भूलकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं। हर त्योहार भारतीय बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। दीवाली दीपों का त्योहार है, दशहरा मेलों का त्योहार तथा होली रंगों का त्योहार है। मित्र, इस पत्र में इतनी जानकारी पर्याप्त है। शेष अगले पत्र में लिखेंगा। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना तथा छोटे भाई को। प्यार देना।

तुम्हारा अभिन्न मित्र,
क. ख. ग.