अमीबा भोजन का पाचन कैसे करता है - ameeba bhojan ka paachan kaise karata hai

अमीबा एक प्रकार का सिंगल-कोशिका प्रोटोज़ोअल जीव होता है। एक अमीबा में न्यूट्रीशन एक प्रक्रिया के माध्यम से होता है जिसे फागोसाइटोसिस कहा जाता है।

यह भोजन ज्यादातर छोटे बैक्टीरिया, एलगी या अन्य पौधे या मृत जानवर जो अमीबा के आसपास उपलब्ध होता है। यह एक आश्चर्य की बात है कि अमीबा, जिनके पास मुंह नहीं होता है और न ही कोई सक्शन तंत्र वास्तव में भोजन लेते हैं, यह केवल और केवल आकारहीन सेल्स हैं।

अमीबा और संरचना के बुनियादी घटक:

अमीबा एक सूक्ष्म यूनिसेलर जीव होता है। यह ज्यादातर तालाब के पानी जैसे स्थानों में रहता है। इसकी संरचना में निम्नलिखित बुनियादी घटक शामिल होते हैं:

  1. एक सेल मेम्ब्रेन(Cell-membrane)
  2. एक न्यूक्लियस(Nucleus)
  3. साइटोप्लाज्म – एंडोप्लाज्म और एक्टोप्लाज्म
  4. छोटे भोजन वैक्यूल्स (ये छोटे बुलबुले की तरह दिखते हैं)
  5. उंगलियों की तरह दिखने वाले प्रोजेक्शन को स्यूडोपोडिया कहा जाता है (जिसे “झूठे पैर” भी कहा जाता है)

अमीबा में पोषण की प्रक्रिया (process of nutrition in amoeba in hindi)

अमीबा भोजन का पाचन कैसे करता है - ameeba bhojan ka paachan kaise karata hai

अमीबा भोजन का पाचन कैसे करता है - ameeba bhojan ka paachan kaise karata hai

सेल सामग्री एक आकारहीन सेल मेम्ब्रेन से घिरी होती है। सेल के अंदर, एक घना न्यूक्लियस होता है, कुछ बुलबुले की तरह कॉन्ट्रैक्टाइल वैक्यूलस्(contractile vacuoles) होते हैं, और ये सभी साइटोप्लाज्म से घिरे होते हैं। जब अमीबास पास के कुछ भोजन को सेंस करते हैं तो वे अपने सुडोपोडिया(pseudopodia) या झूठे पैर के साथ इसकी ओर बढ़ते हैं। अमीबा कुछ खाना महसूस करता है और खुद को खाद्य कण की ओर प्रोजेक्ट करने के लिए तैयार हो जाता है।

सेल का साइटोप्लाज्म सेल मेम्ब्रेन की सीमा को push करता है उंगली की तरह के आकार या प्रोजेक्शन बनाता है। ये प्रोजेक्शन जब भोजन को छूते हैं, तब यह एक खाद्य वैक्यूल बनाते हैं। यह वैक्यूल तब सेल में गहराई से पहुंचाया जाता है। भोजन वैक्यूल के अंदर, एंजाइम नामक डाइज़ेस्टीव जूस होते हैं। एंजाइम जटिल खाद्य अणुओं को घुलनशील प्रकृति के सरल पदार्थों में पूर्ण पाचन में मदद करते हैं। इसके बाद, पोषक तत्व भोजन वैक्यूल की दीवार के माध्यम से अमीबा के शरीर में अवशोषित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को हम डिफ्फ्यूशन के नाम से जानते हैं।

भोजन अमीबा के सेल बॉडी में सचमुच फैलता है। यदि अमीबा ने उसकी जरूरत से ज्यादा भोजन किया है, तो अतिरिक्त ऊर्जा साइटोप्लाज्म में ही संग्रहित हो जाती है। अवांछित सामग्री खाद्य वैक्यूल में बनी हुई होती है और अब इस अवांछित सामग्री को उत्सर्जित किया जाना होता है। दोबारा, साइटोप्लाज्म सेल मेम्ब्रेन सीमा की ओर वैक्यूल को धक्का देता है और उस भाग में सेल मेम्ब्रेन को तोड़ देता है और इसी के साथ अपशिष्ट बाहर निकल जाता है।
इस प्रक्रिया से ऊर्जा का उपयोग अन्य जीवित जीवों की तरह अन्य शारीरिक कार्यों को विकसित करने, पुनरुत्पादन, रिपेयर और निष्पादित करने के लिए किया जाता है।

अमीबा में भोजन और पाचन की प्रक्रिया (digestion in amoeba in hindi)

अमीबा में न्यूट्रीशन का एक होलोज़िक मोड होता है और प्रक्रिया को “फागोसाइटोसिस” के रूप में जाना जाता है। न्यूट्रीशन में शामिल बुनियादी प्रक्रियाए निम्नलिखित हैं:

अमीबा प्राणीसम भोजी विधि से पोषण करता है। यह एक सर्वाहारी जंतु है। इसका भोजन जल में तैरते हुए जीवाणु, शैवाल, डायटम आदि के सूक्ष्म जीवों के रूप में होता है।

इन सूक्ष्म जीवों के निगलने (Ingestion) में जो विधि अपनाई जाती है, उसे फैगोसाइटॉसिस (Phagocytosis) कहते हैं। यह अपने भोजन को शरीर के किसी भी सतह से कूटपाद द्वारा ग्रहण करता है। पोषण विधि के निम्नलिखित चरण हैं.

अंतर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण वहिक्षेपण। जब यह किसी भोज्य पदार्थ के संपर्क में आता है तो उसे पकड़ने के लिए कूटपाद बनावन् उसकी ओर बढ़ता है तो यह कूटपादों (Pseudopodia) द्वारा चारों ओर से घेर लेता है जिससे एक प्यालेनुमा रचना बनती जिसे फूड कप (Food cup) कहते हैं।

अमीबा भोजन का पाचन कैसे करता है - ameeba bhojan ka paachan kaise karata hai
अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है-

बाद में कूटपाद अपने सिरों पर परस्पर संगलित होकर खाद्य रिक्तिका (Food vacoule) का निर्माण करके इसे एंडोप्लाज्म में डाल देते हैं। अमीबा में अंतः कोशिकीय पाचन (Intracellular Digestion) होता है।

भोजन का पाचन खाद्य रिक्तिका (Food Vacuole) में होता है। भोजन पचाने के लिए ट्रिप्सिन, पेटिसन, एमाइलेज एंजाइम पाये जाते हैं। खाद्य रिक्तिका में पचा हुआ भोजन एंडोप्लाज्म में विसरित (Diffuse) हो जाता है। बाद में पचा हुआ भोजन शरीर (Cell) के अंदर जीव द्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) में बदल जाता है। शरीर में यदि भोजन की अधिक मात्रा पाई जाती है।

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तो यह ग्लाइकोजन, पैरामाइलोन तथा लिपिड्स आदि के रूप में संचित कर ली जाती है। अपच पदार्थ इसमें अपच पदार्थ को बाहर निकालने के लिए विशेष एनस नहीं पाया जाता है। अपच भोजन (भोजन अविशेष) शरीर के किसी भी स्थान से बाहर निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया को वहिक्षेपण (Egestion) कहते हैं।

अमीबा अपना भोजन एंडोसाइटोसिस (endocytosis) विधि द्वारा करता है .अमीबा के पादाभ भोजन को पकड़ने व निगलने का कार्य करते हैं। अमीबा के भोज्य सूक्ष्म जीव खाद्य धानी में फँसने पर पाचक रसों द्वारा सरल. भागों में बदल दिए जाते हैं और इस प्रकार पचा हुआ खाद्य धीरे-धीरे अवशोषित कर लिया जाता है जो अमीबा की वृद्धि, रख-रखाव एवं जनन में उपयोग में लाया जाता है। बिना पचा हुआ अपशिष्ट खाद्य धानी के द्वारा उत्सर्जित कर दिया जाता है।

अमीबा जल में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को अपना आहार बनाता है । वह अपने भोजन को किसी भी सत्तह से कूटपाद (pseudopodia, false feet) के द्वारा ग्रहण कर लेता है। जब भोज्य पदार्थ उसके संपर्क में आता है तो वह अपने कूटपादों से उसे चारों ओर से घेर लेता है और वह प्यालेनुमा रचना के द्वारा करता है जिसे खाद्यधानी या रिकि्तका कहते हैं ।

इस तरह खाद्य पदार्थ कोशिका के भीतर एक थैली में बंद हो जाता है। अंतकोशिकीय पाचन प्रणाली से भोजन का पाचन एंजाइमों की सहायता से खाद्यधानी में होता है । पचा हुआ भोजन विसरण प्रक्रिया से कोशिका द्रव में जाकर अवशोषित हो जाता है जिसे स्वांगीकरण कहते हैं । जो भोजन पच नहीं पाता वह शारीरिक सतह के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इसे वाह्य क्षेपण कहते हैं।

अमीबा अपने भोजन का पाचन कहाँ से करता है?

आंतर रस में ही एक बड़ा केंद्रक भी होता है। संपूर्ण आंतर रस अनेक छोटी बड़ी अन्नधानियों तथा एक या दो संकोची रसधानियों से भरा होता है। प्रत्येक अन्नधानी में भोजनपदार्थ तथा कुछ तरल पदार्थ होता है। इनके भीतर ही पाचन की क्रिया होती है।

अमीबा का पाचन अंग कौन सा है?

अमीबा (Amoeba) का पाचन खाद्यधानी के द्वारा होता है

अमीबा अपना भोजन प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?

अमीबा एंडोसटोसिस ( Endocytosis ) द्वारा भोजन ग्रहण करता है। प्लैज़्मा झिल्ली अंदर की ओर मुड़कर कप के आकार का गड्ढा ( cavity ) बना लेती है जिसमें भोजन प्रविष्ट हो जाता है। इसके बाद यह भोजनधानी ( खाद्यधानी ) का रूप ले लेती है

अमीबा के लक्षण क्या है?

लक्षण : अमीबायसिस के लक्षण के दिखाई देने में कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक का समय लग सकता है। फिर भी आमतौर पर इसके लक्षण दो से चार सप्ताह के भीतर दिखाई देने लगते हैं। इसके होने पर पेट में ऐंठन व दर्द होता है। संक्रमण होने पर रोगी को डायरिया और डिसेंट्री की शिकायत भी हो जाती है।