समस्त प्राणियों में चीते को सबसे तेज दौड़ने वाला प्राणी माना जाता है। चीते की गति इतनी अधिक होती है कि वह 40 सेकेंड में 700 गज की दूरी नाप सकता है Show
चीता 3 सेकेंड में उसकी अधिकतम गति प्राप्त कर लेता है, किंतु लम्बे समय तक यह गति बनाए रखने में सक्षम नहीं होता। चीते के शक्तिशाली पैरों के अतिरिक्त उसकी लचीली पीठ भी उसे दौड़ने में सहायता करती है, जो दौड़ते समय एक स्प्रिंग की भांति कार्य करती है। अशोक वशिष्ठ लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें भोपाल: दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता (Cheetah) 71 साल बाद फिर भारत के जंगलों में फर्राटे भरता दिखाई देगा. लंबे अर्से से चल रही कोशिशों के बाद इस साल नवंबर में इस शानदार जानवर की भारत में वापसी होने जा रही है. कुनो नेशनल पार्क में रखा जाएगामध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि प्रायोगिक तौर पर अफ्रीका से एक चीते (Cheetah) को भारत लाया जा रहा है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से भी मंजूरी मिल गई है. इस चीता को प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में रखा जाएगा. वहां पर चीते का रहन-सहन देखने के बाद उसके जोड़ीदार को भी विदेश से लाने की कोशिश की जाएगी. 1947 में हो गया था विलुप्तबताते चलें कि आजादी से पहले तक भारत चीतों (Cheetah) का घर हुआ करता था. लेकिन बढ़ते शिकार और घटते जंगलों की वजह से 1947 में छत्तीसगढ़ में आखिरी चीते ने भी दम तोड़ दिया. आजादी के बाद वर्ष 1952 में इस जानवर को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया. इसी के साथ दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला यह जानवर भारत में बस किताबो में पढ़ाया जाने वाला विषय बनकर रह गया. सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरीवाइल्ड लाइफ इंस्टिटयूट ऑफ इंडिया (WII) पिछले कई सालों से इस जानवर को दोबारा से भारत में लाने की कोशिश में जुटा था. इसके लिए उसने प्रोजेक्ट तैयार किया. जिसे मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया. वहां से मंजूरी के बाद प्रायोगिक तौर पर एक चीता (Cheetah) को अफ्रीका से भारत लाने का रास्ता साफ हो गया. चित्रकायः शब्द से बना चीताबताते चलें कि चीता शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द चित्रकायः से हुई है. जिसका अर्थ होता है बहुरंगी. यही शब्द बाद में अपभ्रंश होकर हिंदी में चीता बन गया. चीता जमीन पर रहने वाला दुनिया का सबसे तेज़ जानवर है. यह एक छोटी सी छलांग में ही 120 कि॰मी॰ प्रति घंटे क की गति प्राप्त कर लेता है और दौड़ने पर 460 मी. तक की दूरी तय कर सकता है. ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय अभ्यारण्यों के लिए अफ्रीकी चीता लाने की इजाजत दी 3 सेकेंड में 103 किमी की स्पीडयह मात्र तीन सेकेंड में ही अपनी रफ्तार में 103 कि॰मी॰ प्रति घंटे का इज़ाफ़ा कर लेता है, जो अधिकांश सुपरकार की रफ्तार से भी तेज़ है. हालिया अध्ययन से ये साबित हो चुका है कि धरती पर रहने वाला चीता सबसे तेज़ जानवर है. 17 सितंबर को पीएम मोदी ने देश को 8 चीते भेंट के रूप में प्रदान किए. बता दें कि पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन के दिन नामीबिया से लाए 8 चीते म.प्र के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े. जिसके बाद अब एक बार फिरसे भारत के बच्चे चीते को देख पाएंगे. बता दें कि लोग चीते को सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर के रूप में जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि चीता विश्व का सबसे चेज दौड़ने वाला जानवर कैसे बना? देखें. PM Modi released 8 leopards from Namibia to MP's Kuno national park on 17th September. Generally, Leopards are known as the fastest animal. But do you know why? Watch in this vedio. अब जब शरीर की बात हो गई है तो इसके स्पीड की बात भी कर लेते हैं. चीता सिर्फ 3 सेकेंड में 112 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार (Cheetah top speed) पकड़ सकता है. इस हिसाब से चीता का पिकअप या एक्सेलेरेशन कई महंगी स्पोर्टस कारों से भी ज्यादा है. चीता का शरीर ही स्पीड के लिए बना है. लंबे पैर, स्पाइन, और पंजे उसे तेज भागने में मदद करते हैं. पूंछ संतुलन बनाने का काम करती है.यहां मैं बच्चों के लिए हिंदी में नैतिक के लिए शीर्ष कहानी साझा कर रहा हूं जो बहुत मूल्यवान हैं और अपने बच्चों को जीवन के सबक सिखाते हैं, जो आपके बच्चों को लोगों और दुनिया को समझने में मदद करते हैं इसलिए मैं आपके साथ हिंदी में नैतिक के लिए कहानी साझा कर रहा हूं। Best 77 Short Stories in Hindi with Moral 2022Moral Stories In Hindi Very Short:- Here I’m sharing the top Moral Very Short Story In Hindi For Kids which are very valuable and teach your kids life lessons, which help your children to understand the people & world that’s why I’m sharing with you. एन्ड्रोक्लीज और शेर (Hindi short stories)रोम में एन्ड्रोक्लीज़ नामक गुलाम अपने मालिक से परेशान होकर जंगल में भाग गया। वहाँ उसकी मुलाकात एक घायल शेर से हुई। शेर बार बार अपना पंजा उठा रहा था। पहले तो एन्ड्रोक्लीज़ डरा फिर साहस कर उसके पास गया और उसके पंजे में फँसा काँटा उसने निकाल दिया। शेर ने उसके हाथों को चाटकर आभार प्रकट किया और फिर जंगल में चुपचाप चला गया। एक दिन मालिक के आदमियों ने एन्ड्रोक्लीज़ को ढूंढ निकाला और पकड़कर सम्राट् के पास ले गए। सम्राट ने उसे भूखे शेर के सामने डलवाने की आज्ञा दी। सारी जनता के सामने एन्ड्रो क्लीज को एक खुले मैदान में लाया गया। एक भूखा शेर दौड़ता हुआ आया पर एन्ड्रोक्लीज़ पर आक्रमण की जगह उसका हाथ चाटने लगा। वस्तुतः यह वही शेर था जिसके पंजे से एन्ड्रोक्लीज़ ने काँटा निकाला था। वह एन्ड्रोक्लीज़ को पहचान गया था। आश्चर्यचकित सम्राट को एन्ड्रोक्लीज़ ने पूरी घटना सुनाई। सम्राट् ने उसे क्षमा कर आजाद कर दिया और शेर को जंगल में छुड़वा दिया। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : सभी के प्रति सहृदयता का भाव रखना चाहिए।
नाजुक चूजा (Short stories in hindi)एक बार की बात है, एक नाजुक चूजा जंगल में सैर के लिए निकला। वह देवदार के पेड़ के नीचे से जा रहा था तभी अचानक एक फल उसके सिर पर आ गिरा। नाजुक चूजे ने समझा कि हो न हो आसमान गिर रहा है। भयभीत होकर वह दौड़ने लगा। उसने जंगल के राजा शेर को यह बताने का निर्णय किया और तेजी से दौड़ने लगा। उसे बेतहाशा भागते देखकर मुर्गी ने पूछा, “अरे! ओ नाजुक चूजे, कहाँ दौड़े जा रहे हो?” हाँफता-हाँफता नाजुक चूजा बोला, “आह! आसमान गिर रहा है, भागो… मैं शेर भाई को सूचित करने जा रहा हूँ।” मुर्गी भी नाजुक चूजे के साथ हो ली। मार्ग में उनकी मुलाकात बत्तख से हुई। सारी बातें जानकर वह भी इनके साथ दौड़ने लगी। चलते-चलते उन्हें लोमड़ी मिली। उसने पूछा, “अरे भाई, तुम सब कहाँ जा रहे हो?” उन तीनों ने कहा, “हम लोग शेर को बताने जा रहे हैं कि आसमान गिर रहा है।” लोमड़ी उन तीनों को शेर के पास ले गई। शेर सभी के साथ उस पेड़ के नीचे आया तभी फिर से देवदार का एक फल नाजुक चूजे पर गिरा और वह घबराकर चिल्लाया, “आह! वह देखो, आसमान गिर रहा है।” यह सुनकर सभी एक साथ हँसने लगे। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : बिना समझे अपफवाहें न फैलाएं।
चींटी और टिड्डा (Short story for kids in hindi)गर्मियों के दिन थे। एक मैदान में एक टिड्डा अपनी ही मस्ती में झूम-झूम कर गाना गा रहा था। तभी उधर से एक चींटी गुजरी। वह एक मक्के का दाना उठाकर अपने घर ले जा रही थी। टिड्डे ने उसे बुलाया और कहा, “चींटी रानी, चींटी रानी, कहाँ जा रही होघ? इतना अच्छा मौसम है… आओ बातें करें… मस्ती करें…” चींटी ने कहा, “टिड्डे भाई, मैं सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा कर रही हूँ। बहुत काम पड़ा है… मुझे क्षमा कर दोए मैं बैठ नहीं सकती।” टिड्डे ने फिर कहा, “अरे! सर्दियों की चिंता क्यों करती हो? अभी तो सर्दी आने में बहुत देर है…” पर चींटी मुस्कराकर चलती रही। उसे अपना काम पूरा करना था। शीघ्र ही सर्दियाँ आ गईं। टिड्डे के पास खाने के लिए कुछ नहीं था जबकि चींटी अपने इकट्ठे किए अनाज को आराम से बैठकर खा रही थी। टिड्डे को अब आभास हुआ कि कठिन दिनों के लिए उसे भी पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए थी। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : आज किए गए कार्य का फल आने वाले समय में मिलता है।
गधा, लोमड़ी और शेर (Short stories for kids in hindi)एक बार एक लोमड़ी और एक गधे में दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलकर आपस में एक समझौता किया। उन्होंने सदा एक दूसरे की सहायता करने का वादा किया। एक दिन दोनों साथ मिलकर भोजन ढूँढने के लिए जंगल में गए। वहाँ उनकी मुलाकात एक शेर से हुई। लोमड़ी चतुराई से शेर के पास गई। उसने शेर से कहा, “महाराज! यदि आप मुझे कोई नुकसान नहीं पहुँचाएंगे तो मैं गधे को आपके पास ले आऊगीं। आप को अपना भोजन मिल जाएगा और मुझे भी।” शेर ने लोमड़ी की बात मान लिया। लोमड़ी गधे को अपनी बातों में उलझाकर एक गहरे गड्ढे की ओर ले गई। बात करते करते बेचारे गधे ने ध्यान नही दिया और वह गडे मे गिर गया। शेर अवसर की तलाश में ही था। सबसे पहले उसने लोमड़ी पर हमला करके उसे मार डाला। छककर उसने लोमड़ी का भोजन किया। बाद में उसने आराम से गधे को भी मारा और खा लिया। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : मित्रा को धेखा देने वाला स्वयं अपनी ही बर्बादी को आमंत्रित करता है।
नीलकंठ और मोर (Hindi short story)एक समय की बात है… एक नीलकंठ ने मोरों को नाचते हुए देखा। वह उनके सुंदर पंखों से मोहित हो गया। वह घूमता-घूमता मोरों के रहने की जगह पहुँचा। वहाँ उसने मोरों के ढेर सारे पंख गिरे हुए देखे। नीलकंठ ने सोचा कि यदि मैं इन पंखों को लगा ले तो मैं भी मोरों की तरह सुंदर बन जाऊँगा। यह सोचकर उसने सभी पंखों को उठाया और अपनी पूँछ के चारों ओर रखकर बाँध लिया। फिर ठुमकता हुआ वह मोरों के बीच पहुँचा और उन्हें घूम-घूमकर दिखाने लगा। मोरों ने उसे पहचान लिया और चोंच से मारना शुरु कर दिया। चोंच मारने के साथ वे बँधे हुए पंखों को भी खींचते जाते थे। सारे पंख निकालकर ही वे शांत हुए। नीलकंठ के भाई-बंधु दूर से यह तमाशा देख रहे थे। नीलकंठ दुखी मन से अपने भाई बंधु के बीच पहुँचा। सभी उससे नाराज थे उन्होंने कहा, “सुंदर पक्षी बनने के लिए मात्र सुंदर पंख आवश्यक नहीं है। ईश्वर ने सबको अलग-अलग सुंदरता दी है।” Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : स्वाभाविक रहें, और दूसरों की नकल न करें। गंजा आदमी और मक्खी (Short moral stories in hindi)एक समय की बात है… गर्मी की दोपहर थी। एक गंजा आदमी सुबह से काम करते-करते थककर आराम करने बैठा था। एक मक्खी कहीं से उड़ती हुई आई और उसके आस-पास मंडराने लगी। गंजा आदमी उसे उड़ाता पर बार-बार वह उसके माथे पर बैठ जाती और उसे काट लेती। परेशान होकर उसने एक जोर का पंजा उसे मारा। मक्खी तो उड़ गई पर अपना ही हाथ उसे सिर पर जोर का लगा। कुछ पलों बाद मक्खी फिर से आकर काटने लगी। सिर पर बैठने पर गंजे ने उसे फिर से जोर से मारा। मक्खी इस बार भी बच गई। कुछ देर शांत रही। शीघ्र ही मक्खी ने फिर से भिनभिनाना शुरु कर दिया। गंजा व्यक्ति समझ गया। उसने कहा, “दुष्ट शत्रुओं पर ध्यान देने से व्यक्ति अपना ही नुकसान करता है उस पर ध्यान न देने में ही भलाई है…” थोड़ी देर बाद मक्खी उड़कर किसी और को बताने चली गई। Moral of Short Stories In Hindiशिक्षा : दुष्ट शत्राओं पर ध्यान देने से व्यक्ति अपना ही नुकसान करता है। चमगादड़, पक्षी और पशु (वेरी शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी)एक बार पशुओं और पक्षियों के बीच में किसी बात को लेकर अनबन हो गई। युद्ध की ठन गई। दोनों ओर की सेना इकट्ठी हो गईं। चमगादड़ बेचारा परेशान… वह समझ ही नहीं पा रहा था कि किसकी ओर जाए। उसे सोच में पड़ा देखकर पक्षियों ने आमंत्रित करते हुए कहा, “हमारे साथ आ जाओ” चमगादड़ ने उत्तर दिया, “अरे भाई, मैं तो पशु हूँ।” पशुओं ने उसे अकेला देखा तो अपनी ओर आने के लिए कहा। चमगादड़ ने कहा, “मैं तो पक्षी हूँ।” सौभाग्य से दोनों पक्षों में अनबन समाप्त हो गई और युद्ध नहीं हुआ। दोनों पक्षों में दोस्ती हो गई। चमगादड़ अब पक्षियों के दल के पास गया पर उन्होंने उसे अपने दल में लेने से मना कर दिया। हारकर वह पशुओं के पास पहुँचा तो उन्होंने भी नहीं स्वीकारा। उसने समझ लिया कि आवश्यकता पड़ने पर साथ नहीं देने से कोई भी मित्र नहीं रहता है। उसके बाद से ही चमगादड़ अकेले रहने पर मजबूर हो गया। Moral of Short Stories In Hindiशिक्षा : समय पर साथ नहीं देने पर कोई मित्र नहीं होता। बिल्ली के गले में घंटी (Short hindi story)एक मकान में ढेर सारे चूहे रहते थे। कहीं से एक दिन एक बिल्ली आ गई। बिल्ली से बचने का उपाय ढूँढने के लिए चूहों ने एक सभा बुलाई। एक चूहे ने कहा, “एक घंटी लानी चाहिए और उसे बिल्ली के गले में बाँध दें, वह जहाँ भी जाएगी हमें पता चल जाएगा।” तभी एक बूढ़े चूहे ने कहा, “सलाह तो ठीक है पर बिल्ली के गले में घंटी बाँधेगा कौन?” सारे चूहे एक दूसरे की ओर देखने लगे पर किसी ने कुछ भी नहीं कहा। Moral of Short Stories In Hindiशिक्षा : असंभव कार्य कहना आसान है पर करना कठिन। बकरी और लोमड़ी (Moral stories for childrens in hindi)एक समय की बात है, एक लोमड़ी जंगल में घूमते-घूमते एक कुएँ के पास पहुँची। कुएँ के चारों ओर दीवार नहीं थी। लोमड़ी ने ध्यान नहीं दिया और भीतर गिर गई। हालांकि कुआँ बहुत गहरा नहीं था पर लोमड़ी बाहर नहीं निकल पा रही थी। निराश होकर वह वहीं बैठ गई। तभी ऊपर से एक बकरी जाती दिखाई दी। बकरी ने लोमड़ी को कुएँ में देखकर पूछा, “अरे बहन, तुम भीतर क्या कर रही हो?” लोमड़ी ने कहा, “बकरी बहन! तुम्हें पता नहीं है… शीघ्र ही भयंकर सूखा पड़ने वाला है। यहाँ कोई और आए उससे पहले ही मैं भीतर आ गई। कम से कम यहाँ पानी तो है। तुम भी क्यों नहीं भीतर आ जाती हो?” बकरी ने सोचा कि लोमड़ी बहुत अच्छी सलाह दे रही है और वह भी कुएँ में कूद गई। बकरी के कुएँ के भीतर पहुँचते ही लोमड़ी उछलकर बकरी की पीठ पर चढ़ी और फिर बाहर निकल आई। उसने बकरी से कहा, “अलविदा बहन, मैं तो चली” और लोमड़ी सिर पर पैर रखकर भाग गई। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा: आँख मूंदकर विश्वास मत करो। लोमड़ी और अंगूर (Very short story in hindi)एक बार जंगल में लोमड़ी भोजन की खोज में घूम रही थी। गर्मी से परेशान लोमड़ी एक बगीचे में पहुँच गयी। पास ही उसे अंगूर का एक बाग दिखा। ढेर सारे अंगूर गुच्छों में लटके हुए थे। उसे बहुत प्यास लगी थी। तभी उसे अंगूर का एक पका गुच्छा लटका हुआ दिखाई दिया। पके अंगूर देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी भर आया। उसने सोचा, “आहा! कितने अच्छे अंगूर हैं, इनसे मेरी प्यास बुझ जाएगी।” वह थोड़ा पीछे गई, निशाना साधा और दौड़कर उछली पर अंगूर तक न पहुँच पाई। उछल-उछल कर गुच्छा पकड़ने की कोशिश करी पर सफल न हो सकी। अंगूर का गुच्छा उसकी पहुँच से बस जरा सा बच जाता था। उछल-उछल कर बेचारी लोमड़ी थक गई। अंत में वह वापस जाने लगी। जाते-जाते उसने यह सोचकर संतोष किया, “ये अंगूर खट्टे हैं! इन्हें पाने के लिए अपना समय बर्बाद करना व्यर्थ है।” Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : इच्छित वस्तु न मिलने पर मूर्ख उसकी बुराई करने लगते हैं। सारस और लोमड़ी (Hindi short stories for kids)एक समय की बात है, एक सारस और एक लोमड़ी में गाढ़ी मित्रता थी। लोमड़ी बहुत चालाक थी पर सारस सीधा-साधा प्राणी था। एक दिन लोमड़ी ने सारस को भोजन के लिए आमंत्रित किया। सारस मित्र के घर आया। लोमड़ी ने सूप बनाया था। उसने एक छिछली तश्तरी में सूप परोसा। लोमड़ी ने अपनी जीभ से चाटकर सूप का भरपूर आनंद लिया पर सारस मात्र अपनी चोंच का अगला भाग ही गीला कर पाया। उसे भूखा ही वापस जाना पड़ा। लोमड़ी ने कहा, “क्षमा करना, क्या तुम्हें सूप अच्छा नहीं लगा?” सारस ने कहा, “क्षमा मत मांगो, ऐसी कोई बात नहीं है। तुम कल मेरे घर भोजन पर आना।” सारस ने लोमड़ी को सबक सिखाने की सोची। अगले दिन लोमड़ी सारस के घर खाना खाने गई। सारस ने भी ही सूप बनाया था। उसने एक लंबी सुराहीदार गर्दन वाले बर्तन में सूप परोसा। लोमड़ी का मुँह भीतर जा ही नहीं पाया और वह किसी भी प्रकार सूप नहीं चख पाई और भूखी रह गई। सारस ने आराम से सूप पिया। लोमड़ी को अपने किए का फल मिल गया था। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : जैसे को तैसा मिलता है। मेंढक और बैल (Hindi short stories)एक जंगल में एक मेंढक अपने बच्चों के साथ रहता था। वह मेंढक खा पीकर खूब तगड़ा हो गया था और सदा डींग हाँकता था कि वही सबसे बड़ा है। एक दिन बच्चों ने एक बड़े से जानवर को देखा। वह एक किसान का बैल था। जंगल में देखकर उन्होनें सोचा, “यह प्राणी तो पहाड़ की तरह बड़ा है। इसके सिर पर सींग हैं और पीछे एक लंबी सी पूँछ है… लगता है संसार का सबसे बड़ा प्राणी है।” यह बात बच्चों ने अपने पिता से बताई। मेंढक ने सोचा कि वह मुझसे बड़ा कैसे हो सकता है? उसने एक लंबी साँस खींची, स्वयं को फुलाया और पूछा, “क्या वह इतना बड़ा था?” बच्चों ने कहा, “इससे भी बड़ा।” मेंढक ने पुनः एक गहरी साँस भीतर भरी, स्वयं को और फुलाया और पूछा, “इतना बड़ा?” बच्चों ने कहा, “इससे भी बड़ा।” मेंढक ने और जोर से गहरी साँस भरी, स्वयं को फुलाया पर इस बार वह स्वयं ही फट गया। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : घमंड पतन का कारण बनता है। शेर और सूअर (Short story in hindi)किसी जंगल में एक शेर रहता था। गर्मी के कारण जंगल में पानी सूखता जा रहा था। एक पोखर में थोड़ा पानी देखकर शेर वहाँ पहुँचा। तभी एक सूअर भी वहाँ पानी ढूँढता हुआ आ गया। दोनों में कौन पानी पीयेगा इस बात को लेकर झगड़ा शुरु हो गया। लड़ाई बराबरी पर थी। प्यास से दोनों बेहाल थे। अचानक उन्होंने आसमान में बहुत सारे गिद्ध उड़ते देखे। गिद्धों ने सोचा, “अच्छा है, लड़ लें दोनों… कोई तो मरेगा ही फिर मजा आएगा… जमकर आज हमारी दावत होगी।” गिद्धों को ऊपर मंडराते देखकर शेर और सूअर ने अपनी लड़ाई रोक दी। उन्हें माजरा समझ में आ गया था। शेर ने सूअर से कहा, “यदि हम लोग इसी तरह लड़ेंगे तो अवश्य ही लड़ते-लड़ते मर जाएँगे और गिद्धों को दावत खाने का अवसर मिल जाएगा। उनका भोजन बनने की जगह मित्रता करने में ही हमारी भलाई है…” और फिर दोनों ने साथ में पानी पी लिया। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : झगड़ा करने से अच्छा है दोस्त बनाना। शेर और लोमड़ी (Short stories in hindi)एक बार जंगल का राजा शेर बीमार हो गया। कमजोरी के कारण शिकार करने में असमर्थ शेर ने एक चाल चली। अपनी वसीयत सुनाने की इच्छा से उसने अपने राज्य के सभी जानवरों को अपनी गुफा में बुलाया। सबसे पहले एक बकरी आई और अपने महाराज के पास गई। अगले दिन एक पेड़ आया और फिर एक बछड़ा राजा की वसीयत सुनने गया। भाग्यवश शेर स्वस्थ हो गया और गुफा से बाहर आया। बाहर उसने एक लोमड़ी को बैठे देखा। शेर ने कहा, “मैं भीतर तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा था… तुम आई क्यों नहीं?” लोमड़ी ने कहा, “महाराज! मैं तो आपके पास ही आई थी। यहाँ पर मुझे बहुत सारे खुर के निशान दिखे जो भीतर की ओर गए हैं पर बाहर आता हुआ एक भी नहीं मिला। इसलिए मैं यहीं बैठकर किसी के बाहर आने की प्रतीक्षा करने लगी।” ऐसा कहकर लोमड़ी भाग गई और शेर गुर्राता रह गया। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : शत्रु के जाल बाहर निकलना आसान नहीं। कछुआ और खरगोश (Short story for kids in hindi)किसी जंगल में एक खरगोश रहता था। उसे अपनी तेज गति पर बहुत घमंड था। जंगल में रहने वाले पशुओं के सामने वह सदा अपनी बड़ाई किया करता था कि उससे तेज कोई भाग ही नहीं सकता। एक दिन उसने सभी जानवरों को दौड़ लगाने की चुनौती दे दी। एक कछुआ सामने आया और बोला, “मुझे तुम्हारी चुनौती स्वीकार है।” खरगोश ने जोर से ठहाका मारा और कहा, “कछुए भाई, तुम अच्छा मजाक कर लेते हो… तुम दौड़ोगे मेरे साथ?” कछुए ने कहा, “अधिक न इतराओ, कल मैदान में देख लेना।” अगले दिन नियमित समय पर दोनों दौड़ के लिए आए। सभी जानवर इकट्ठे थे। दूरी तय हुई और दौड़ शुरु हुई। खरगोश भागा और आँखों से ओझल हो गया। थोड़ी दूर जाकर खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा, कछुआ नहीं दिखा। उसने सोचा कि वह धीरे-धीरे आएगा तब तक क्यों न थोड़ा आराम कर लूँ? खरगोश एक पेड़ के नीचे लेटा और उसकी आँख लग गई। इधर कछुआ बिना रुके लगातार चलता रहा और खरगोश को सोता छोड़कर जीत की रेखा तक पहुँच गया। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : सतत् प्रयत्न करने वाला सदा विजयी होता है। कानी हिरणी (Short stories for kids in hindi)एक हिरणी की एक आँख में किसी शिकारी का तीर लग गया। उसे अब एक ही आँख से दिखाई देता था। पर वह दुखी नही हुई किसी भी खतरे से बचने के लिए वह ऊँची पहाड़ी पर चरा करती थी। एक बार नाव पर सवार होकर समुद्र की ओर से शिकारी आए। हिरणी आवाज से चौकन्नी हो गई। उसने सिर घुमाकर चारों ओर देखा। नाव से निशाना साधते शिकारी को देखकर वह सब समझ गई और पलक झपकते चौकड़ी भरकर नौ दो ग्यारह हो गई। Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा : सूझबूझ से अपने को बचाया जा सकता है। आलसी हिरन (Hindi short story)एक दिन एक हिरनी अपने बेटे को एक बुद्धिमान के पास लेकर गई और उससे बोली, “मेरे बुद्धिमान भाई, कृपया मेरे बेटे को भी अपनी जान बचाने की कुछ तरकीबें सिखा दो, ताकि वह कभी संकट में फँसे तो अपनी जान बचा सके।” बड़ा हिरन मान गया । छोटा हिरन बहुत शैतान था और उसका मन दूसरे बच्चों के साथ खेलने में ही लगा रहता था। जल्द ही, वह कक्षा से गायब रहने लगा और उसने बचाव की कोई तरकीब नहीं सीखी। एक दिन, खेलते-खेलते वह एक जाल में फँस गया। जब उसकी माँ को यह पता चला तो वह बहुत रोई बड़ा हिरन उसके पास गया और उससे बोला, “प्यारी बहना, मुझे दुख है कि तुम्हारा बच्चा जाल में फँस गया। मैंने उसे सिखाने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन वह कुछ सीखना ही नहीं चाहता था । अगर कोई विद्यार्थी सीखना ही नहीं चाहे तो शिक्षक उसे कैसे सिखा सकता है। “ जादुई मुर्गी (Short moral stories in hindi)एक दिन, एक निर्धन व्यक्ति एक किसान के पास गया और एक मुर्गी के बदले, उससे एक बोरी चावल ले आया। किसान की पत्नी को जब पता चला कि उसके पति ने एक साधारण मुर्गी के बदले बोरी भर चावल दे दिए तो वह बहुत नाराज हुई। हालाँकि, अगले दिन सुबह किसान की पत्नी मुर्गी के पास गई तो उसे एक सोने का अंडा मिला । जादुई मुर्गी हर दिन सोने का एक अंडा देने लगी । कई सप्ताह तक ऐसा चलता रहा। जल्द ही वह किसान गाँव में सबसे धनी हो गया । हालाँकि किसान की लालची पत्नी इससे संतुष्ट नहीं थी । एक दिन जब किसान घर पर नहीं था, तो वह एक बड़ा चाकू ले आई और मुर्गी का पेट काट डाला। वह सोच रही थी कि मुर्गी के पेट से एक साथ सारे सोने के अंडे मिल जाएँगे। जब उसे एक भी अंडा नहीं मिला तो उसे बहुत निराशा हुई। अब उसे हर दिन जो अंडा मिलता था, वह उससे भी हाथ धो बैठी। गधा और धोबी (वेरी शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी)एक निर्धन धोबी था । उसके पास एक गधा था। गधा काफी कमजोर था क्योंकि उसे बहुत कम खाने-पीने को मिल पाता था। एक दिन, धोबी को एक मरा हुआ बाघ मिला। उसने सोचा, “मैं गधे के ऊपर इस बाघ की खाल डाल दूँगा और उसे पड़ोसियों के खेतों में चरने के लिए छोड़ दिया करूँगा। किसान समझेंगे कि वह सचमुच का बाघ है और उससे डरकर दूर रहेंगे और गधा आराम से खेत चर लिया करेगा। ” धोबी ने तुरंत अपनी योजना पर अमल कर डाला। उसकी योजना काम कर गई । एक रात, गधा खेत में चर रहा था कि उसे किसी गधी की रेंकने की आवाज सुनाई दी। उस आवाज को सुनकर वह इतने जोश में आ गया कि वह भी जोर-जोर से रेंकने लगा। गधे की आवाज सुनकर किसानों को उसकी असलियत का पता लग गया और उन्होंने गधे की खूब पिटाई की ! इसीलिए कहा गया है कि अपनी सच्चाई नहीं छिपानी चाहिए । Get Your Hard Copy Now!
चतुर किसान (Short hindi story)एक बार एक किसान एक बकरी, घास का एक गट्ठर और एक शेर को लिए नदी के किनारे खड़ा था। उसे नाव से नदी पार करनी थी लेकिन नाव बहुत छोटी थी कि वह सारे सामान समेत एक बार में पार नहीं जा सकता था। वह अगर शेर को पहले ले जाकर नदी पार छोड़ आता है तो इधर बकरी घास खा जाएगी और अगर घास को पहले नदी पार ले जाता है तो शेर बकरी को खा जाएगा । अंत में उसे एक समाधान सूझ गया। उसने प बकरी को साथ में लिया और नाव में बैठकर नदी के पार छोड़ आया। इसके बाद दूसरे चक्कर में उसने शेर को नदी पार छोड़ दिया लेकिन लौटते समय बकरी को फिर से साथ ले आया। इस बार वह बकरी को इसी तरफ छोड़कर घास के गट्ठर को दूसरी ओर शेर के पास छोड़ आया। इसके बाद वह फिर से नाव लेकर आया और बकरी को भी ले गया। इस प्रकार, उसने नदी पार कर ली और उसे कोई हानि भी नहीं हुई। Get Your Hard Copy Now!
हाथी और गौरैया (Moral stories for childrens in hindi)एक दिन, एक जंगली हाथी ने एक पेड़ की डाली तोड़ी, जिससे उस पर बना गौरैया का घोंसला टूट गया और उसमें रखे अंडे फूट गए। गौरैया का रोना सुनकर एक कठफोड़वा वहाँ आया और उससे रोने का कारण पूछने लगा। गौरैया ने उसे सारी बात बताई। कठफोड़वा बोला, “चलो, मक्खी की सलाह लेते हैं।” वे मक्खी के पास गए और उसे गौरैया की दर्द भरी कहानी सुनाई। मक्खी ने मेंढक की सहायता लेने की सलाह दी। गौरैया, कठफोड़वा और मक्खी, तीनों मेंढक के पास गए और उसे पूरी बात बताई। मेंढक बोला, “हम सब एकजुट हो जाएँ तो हमारे सामने हाथी क्या कर लेगा? जैसा मैं कहता हूँ, वैसा ही करो। मक्खी, तुम दोपहर में हाथी के पास जाना और उसके कानों में कोई मीठी सी धुन सुनाना । जब वह धुन में मग्न होकर अपनी आँखें बंद कर ले तो कठफोड़वा उसकी आँखें फोड़ देगा। वह अंधा हो जाएगा और जब उसे प्यास लगेगी तो वह पानी की खोज करेगा । तब मैं दलदल के पास जाकर वहाँ से टर्र-टर्र करने लगूगा । वह समझेगा कि वहाँ पानी है और वह वहीं पहुँच जाएगा और दलदल में फँसकर मर जाएगा।” चारों ने मेंढक की योजना के अनुसार अपने-अपने काम अच्छी तरह से किए और बिना सोचे-समझे काम करने वाला हाथी मारा गया । Get Your Hard Copy Now!
एकता में ही बल है (Very short story in hindi)एक बार की बात है। कबूतरों का एक झुंड था। अपने राजा के साथ वह भोजन की तलाश में इधर-उधर उड़ता रहता था। एक दिन, वे सारे कबूतर एक जाल में फँस गए। उन्होंने जाल से छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। कबूतरों के राजा के मन में एक विचार आया । उसने सारे कबूतरों से कहा कि अगर वे सभी एक साथ उड़ने के लिए बल लगाएँ तो वे जाल को साथ में लेकर उड़ सकते हैं। सारे कबूतरों ने उसकी बात मानी और पूरा बल लगाकर जाल को साथ ले उड़े। शिकारी ने जब कबूतरों को जाल के साथ ही उड़ते देखा तो वह हैरान रह गया। कबूतर उड़ते-उड़ते एक चूहे के पास पहुँचे। चूहा उनका विश्वसनीय मित्र था। चूहे ने तुरंत ही अपने दाँतों से जाल काट दिया और सारे कबूतर मुक्त हो गए । Get Your Hard Copy Now!
मेंढक और साँप (Hindi short stories for kids)एक साँप ने एक झील में रहने वाले सारे मेंढकों को खा जाने की योजना बनाई । साँप ने मेंढकों से कहा, “एक ब्राह्मण के शाप के कारण मैं तुम लोगों की सेवा करने यहाँ आया हूँ।’ मेंढकराज बहुत उत्साहित हुआ और उसने मेंढकों को यह बात बताई। सारे मेंढक उछलकर साँप की पीठ पर चढ़कर सवारी करने निकल पड़े। अगले दिन, साँप बोला, “मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है। मैं तेजी से रेंग तक नहीं पा रहा हूँ। ” मेंढकराज बोला, “तुम अपनी पूँछ पर सबसे पीछे बैठे सबसे छोटे मेंढक को खा सकते हो । ‘ साँप ने वैसा ही किया। कुछ दिनों में साँप एक-एक करके सारे मेंढकों को खा गया । केवल मेंढकराज ही बचा । अगले दिन, मेंढकराज फिर बोला, “तुम अपनी पूँछ पर सबसे पीछे बैठे एक मेंढक को खा सकते हो,” साँप तुरंत उसको ही खा गया। Get Your Hard Copy Now!
हंस और उल्लू (Hindi small stories)बहुत समय पहले, एक झील के किनारे एक हंस रहता था । एक उल्लू भी वहीं आकर रहने लगा। वे दोनों साथ में खुशी खुशी रहने लगे। जब गर्मियों का मौसम आया, तो उल्लू वापस अपने घर जाने के बारे में सोचने लगा। उसने हंस से भी साथ चलने को कहा। हंस बोला, “जब नदी सूख जाएगी, तो मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगा।” जब नदी सूख गई तो हंस उल्लू के पास उसके बरगद के पेड़ पर पहुँच गया। हंस जल्दी सो जाता था। तभी कुछ राहगीर वहाँ से निकले और आराम करने के लिए उसी पेड़ के नीचे बैठ गए। उन राहगीरों को देखकर, उल्लू जोर से चिल्लाया। राहगीरों ने इसे अपशकुन माना और उल्लू पर तीर से निशाना मार दिया। उल्लू को तो अंधेरे में दिखता था, इसलिए वह तीर से बच गया और उड़ गया। उसके बदले में वह तीर हंस को लग गया और वह मर गया! इसी कारण सही कहा गया है कि नई जगह पर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
दो सिर वाला पक्षी (Short story in hindi for kids)भरुंड नाम का एक दो सिर वाला पक्षी था । एक दिन उसे एक सुनहरा फल मिला। पहला सिर उस सुनहरे फल को खाने लगा। उसे वह फल बहुत स्वादिष्ट लगा दूसरा सिर बोला, “मुझे भी यह फल खाने दो । ” पहले सिर ने जवाब दिया, “हमारा पेट तो एक ही है। चाहे जो भी सिर खाए, जाएगा तो वह पेट में ही।” एक दिन बाद, दूसरे सिर को विषैले फलों वाला एक पेड़ मिला। उसने वह विषैला फल लिया और पहले वाले सिर से बोला, “मैं यह विषैला फल खाऊँगा और तुमसे बदला लूँगा।” पहला सिर चिल्लाने लगा, “अरे, इस फल को मत खाओ। अगर तुमने यह फल खाया तो हम दोनों ही मर जाएँगे। ” हालाँकि, दूसरे सिर ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और वह विषैला फल खा गया। इस प्रकार, दोनों को अपनी जान गँवानी पड़ी ।
हवा और चंद्रमा (Short story in hindi with moral)एक शेर और एक बाघ अच्छे दोस्त थे और साथ में रहते थे। पास में ही एक साधु रहता था । एक दिन, बाघ बोला, “जब चंद्रमा छोटा होता जाता है, तो सर्दियाँ आने लगती हैं। ” शेर ने जवाब दिया, “तुम मूर्ख हो, जब चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तब सर्दियाँ आती हैं। ” सही उत्तर जानने के लिए वे दोनों दोस्त साधु के पास गए। साधु बोला, “चंद्रमा की किसी भी स्थिति में सर्दी हो सकती है, चाहे उसका आकार बढ़ रहा हो अथवा कम रहा हो। सर्दी तो हवा की वजह से होती है, अब चाहे वह पश्चिम दिशा से आए, उत्तर दिशा से आए या पूर्व दिशा से आए | इस प्रकार, तुम दोनों ही सही हो । ” साधु ने यह भी बताया, “सबसे महत्वपूर्ण बात बिना झगड़े के और एकजुट होकर रहना है। ” उसके बाद दोनों अच्छे दोस्तों की तरह प्रसन्नतापूर्वक रहने लगे। मौसम तो आते-जाते रहे, पर उनकी दोस्ती हमेशा बनी रही ।
डॉल्फिन और नन्हीं मछली (शार्ट स्टोरी इन हिंदी)डॉल्फिनों और व्हेलों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था । जब झगड़ा बहुत ज्यादा बढ़ गया तो एक नन्हीं सी मछली ने दोनों पक्षों में सुलह कराने की कोशिश की। हालाँकि डॉल्फिनों ने नन्हीं मछली से कोई भी सहायता लेने से इन्कार कर दिया। आश्चर्यचकित मछली ने इसका कारण जानना चाहा। इस पर एक डॉल्फिन चिल्लाकर बोली, “दूर रहो । हम तुम्हारी जैसी छोटी-सी मछली से सुलह करवाने के बजाय मर जाना पसंद करेंगे। तुम्हारी हमारे सामने क्या बिसात !” नन्हीं मछली को बहुत बुरा लगा और वह वहाँ से चली गई । डॉल्फिनें लड़ती रहीं और सारी बहुत बुरी तरह से घायल हो गईं। एक-एक करके जब वे मरने लगीं, तब भी उनके चेहरे से घमंड झलक रहा था। घमंडी लोग किसी भी तरह की हानि सह सकते हैं लेकिन अपने से नीचे स्तर के लोगों से सहायता स्वीकार नहीं करते । Get Your Hard Copy Now!
बटेर और शिकारी (Very short stories in hindi)एक बहेलिया था, जो हर दिन बहुत सारी बटेरों का शिकार किया करता था । बटेरों की संख्या तेजी से घटने लगी । बटेरों के राजा ने अपने साथियों की बैठक बुलाई और बोला, “कल, जब बहेलिया हमें पकड़ने के लिए आएगा, तो हम सब एक साथ बल लगाकर जाल लेकर उड़ चलेंगे और अपनी जान बचाएँगे । ” बटेरों की योजना सफल रही। और उस दिन बहेलिया एक भी बटेर नहीं पकड़ पाया। कुछ दिनों बाद बहेलिया फिर से आया। उसने फिर से अपना जाल फैला दिया और बटेरें फिर से फँस गईं। हालाँकि जब वे एक साथ उड़ने के लिए तैयार हुईं तभी एक बटेर का पैर दूसरी बटेर के सिर पर लग गया। दोनों में झगड़ा हो गया और बचना भूलकर वे एक दूसरे से लड़ने लगीं! बहेलिया आया और सारी बटेरों को जाल में लपेटकर ले गया। संकट के समय बटेरों ने एकजुटता दिखाने के बजाय, आपस में लड़ना शुरू कर दिया, जिससे बहेलिए को उन्हें पकड़ने में सफलता मिल गई।
बरगद के पेड़ का जन्म (Short hindi stories)तीन दोस्त थे- कौआ, बंदर और हाथी। तीनों के बीच अक्सर किसी न किसी बात पर मतभेद हो जाते, लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पाते। एक दिन, वे एक बड़े बरगद के पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे। तभी बंदर बोला, “जब तुम लोगों ने इस पेड़ को देखा था तो इसका आकार कितनता था? हाथी बोला, “जब मैं बच्चा था, तब मैं इसकी नर्म नर्म डालियों से अपना पेट रगड़ा करता था।” “जब मैं छोटा था, तब मैंने कुछ बेर खाए थे और उसकी कुछ गुठलियाँ यहाँ डाल दी थी । उन्हीं गुठलियों से यह पेड़ उगा है,” कौआ आराम से बोला । उसकी बात सुनकर बंदर बोला, “दोस्त, जब मैंने पहली बार इसे देखा था तो यह एक पौधा ही था । तो, अब भाई, अब ऐसा लगता है कि तुम्हीं हम सब लोगों से बड़े हो । अब हम तुम्हारी ही राय सुना करेंगे।
शरारती बंदर (short stories in hindi for kids)बोधिसत्व ने एक बार साधु के रूप में जन्म लिया। हर रोज साधु गाँव जाकर भिक्षा माँगता । जब साधु गाँव जाता तो एक बंदर उसकी कुटिया में घुस जाता और खाने-पीने का सारा सामान चटकर जाता तथा सारा सामान अस्त-व्यस्त कर जाता। एक बार जब बंदर साधु की कुटिया में घुसा तो उसे खाने को कुछ नहीं मिला। वह साधु को देखने गाँव तक चला गया। गाँव वाले पूजा करने के बाद साधु को प्रसाद दे जा रहे थे। बंदर साधु के पास जाकर हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। गाँव वालों को लगा कि यह बंदर तो ध्यान कर रहा है। वे उसकी भक्ति देखकर बहुत प्रसन्न हुए। तभी साधु ने बंदर को पहचान लिया। उसने गाँव वालों को बता दिया कि यह तो वही बंदर है, जो उसकी कुटिया में घुसकर सारा सामान तोड़-फोड़ देता है और उसे परेशान करता है। क्रोधित गाँव वालों ने बंदर को खदेड़कर भगा दिया।
लोमड़ी और अंगूर (Hindi short story for kids)एक भूखी लोमड़ी जंगल में इधर-उधर घूम रही थी। अचानक उसकी नजर पके और रसीले अंगूरों की बेल पर पड़ी। उसने मन में सोचा, “ये अंगूर तो बहुत स्वादिष्ट होने चाहिए। मैं इन्हें जरूर खाऊँगी। “ अंगूर काफी ऊँचाई पर लगे थे। लोमड़ी ने छलांग लगाकर अंगूर तोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह उन तक नहीं पहुँच पाई। वह छलाँग लगा-लगाकर अंगूर तोड़ने की कोशिश करती रही, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। जब वह प्रयास कर-करके थक गई तो उसे समझ में आ गया कि अब और प्रयास करना बेकार है। वह अपने आप से बोली, “अरे! मुझे नहीं चाहिए ये अंगूर। ये तो खट्टे हैं।” लोमड़ी का व्यवहार यह दिखाता है कि जब किसी को कोई चीज नहीं मिलती, तो वह उसमें कमियाँ निकालने लगता है।
मोर और सारस (Short moral story in hindi)एक झील किनारे एक मोर रहता था। उसे अपने सुंदर-सुंदर पंख बहुत अच्छे लगते थे। एक दिन एक सारस भी वहीं रहने आ गया। मोर ने कहा, “तुम्हारा इस स्थान पर स्वागत है।” अब मोर ने अपने पंख फैलाए। चमकीली धूप में उसके रंगीन पंख बहुत सुंदर लग रहे थे। झील के पानी में उनकी परछाई दिख रही थी। वह अपने पंखों को देखकर गर्व महसूस करने लगा। गर्व में डूबा मोर बोला, “मेरे पंख देखो। देखा, कितने सुंदर और आकर्षक हैं। तुम्हारे पंखों से बहुत अधिक सुंदर हैं ये । ” सारस मोर के घमंडी भाव को पहचान गया। वह बोला, “मेरे पंख जैसे भी हैं, पर उनकी सहायता से मैं उड़ तो लेता हूँ। तुम्हारी सुंदरता किसी काम की नहीं है। तुम अपने पंखों से उड़ तक नहीं सकते।” सारस की सीधी-सपाट बात से मोर को वास्तविकता का अहसास हो गया। उसने फिर घमंड करना छोड़ दिया।
अरब और ऊँट (Kids short story in hindi)एक व्यक्ति अरबी रेगिस्तान को पार करके लंबी यात्रा पर निकलने वाला था। यात्रा पर जाने से पहले, उसने काफी समय तक अपना सामान लगाया। उसके बाद उसने सारा आवश्यक सामान ऊँट की पीठ पर लादा। जब उसकी सारी तैयारियाँ हो गईं तो उसने ऊँट से पूछा, “तुम चढ़ाई के रास्ते से चलना चाहते हो या ढाल के रास्ते से?” ऊँट ने उसकी बात ध्यान से सुनी और अपनी पीठ पर लदे सामान के भार का अनुमान लगाया। कुछ देर बाद ऊँट ने पूछा, “मालिक, क्या जाने का कोई मैदानी रास्ता भी है? अगर हो, तो मैं उसी मैदानी रास्ते से जाना चाहूँगा। मेरे ऊपर जो भार लदा है, उसके हिसाब से मैदानी रास्ता ही ठीक रहेगा।”
दो बिल्लियों की कहानी (बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी short)एक निर्धन वृद्ध महिला एक छोटी-दुबली बिल्ली के साथ एक झोपड़ी में रहती थी। बिल्ली बचे-खुचे टुकड़ों और कभी-कभार मिलने वाले पतले से दलिया से ही अपना पेट भरती थी। एक दिन सुबह, दुबली बिल्ली ने सामने वाले मकान की दीवार के पास एक मोटी बिल्ली देखी। दुबली बिल्ली ने मोटी बिल्ली को आवाज लगाई, “अरे सहेली, ऐसा लगता है कि तुम तो हर दिन दावत के मजे उड़ाती हो। मुझे भी बता दो तुम्हें इतना सारा खाना कहाँ से मिल जाता है।” मोटी बिल्ली ने जवाब दिया, “राजा की चौकी पर, और कहाँ मिलता है! हर दिन जब राजा खाना खाने बैठता है, तो मैं उसकी चौकी के नीचे छिप जाती हूँ और वहाँ पर गिरने वाले स्वादिष्ट टुकड़े चुपके से उठा उठाकर खाती रहती हूँ। दुबली बिल्ली आह भरकर रह गई। मोटी बिल्ली ने फिर कहा, “मैं 1. तुम्हें राजा के महल में कल ले चलूँगी। लेकिन याद रखना, वहाँ पर तुमको छिपकर रहना पड़ेगा।” “अरे वाह! धन्यवाद!” बोलकर बिल्ली खुशी के मारे म्याऊँ-म्याऊँ चिल्लाने लगी और अपनी मालकिन को बताने चल दी। वृद्ध महिला ने जब उसकी बात सुनी तो वह प्रसन्न नहीं हुई और समझाने लगी, “मेरी विनती है कि तुम यहीं पर रहो और यहाँ मिलने वाले दलिए से ही संतुष्ट रहो। अगर वहाँ पर राजा के नौकरों-चाकरों ने तुम्हें चोरी करते देख लिया तो क्या होगा?” लेकिन दुबली बिल्ली लालच में फंस चुकी थी। उसने महिला की एक न सुनी। अगले दिन दोनों बिल्लियाँ महल की ओर चल दीं। उधर, एक दिन पहले ही राजा के भोजन -कक्ष में बहुत सारी बिल्लियाँ घुस आई थीं। इससे नाराज होकर राजा ने आदेश दिया था कि महल में घुसने वाली हर बिल्ली को वहीं पर जान से मार दिया जाए। जब मोटी बिल्ली चुपके-चुपके महल के द्वार से घुस रही थी, तो एक दूसरी बिल्ली ने उसे राजा के आदेश के बारे में बताकर खतरे से सावधान किया। उसकी बात सुनकर मोटी बिल्ली तुरंत वहाँ से भाग गई। उधर, दुबली बिल्ली चुपके-चुपके भोजन-कक्ष तक पहुँच चुकी थी। उत्साह में आकर उसने एक रोशनदान से छलाँग मारी और अंदर घुस गई। वह एक बर्तन में रखा मछली का टुकड़ा उठाने ही वाली थी कि राजा के नौकर ने उसे देख लिया और मार डाला।
स्वार्थी हंस (बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी short)एक दयालु राजा था। उसके महल में एक तालाब था। तालाब में सुनहरे हंस रहते थे। वे बहुत आराम का जीवन जी रहे थे। वे हर माह राजा को सोने के पंख देते थे। एक दिन वहाँ बाहर से एक पक्षी आया। हंस उसे देखकर मन ही मन जलने लगे। “देखो, ये पक्षी तो बिलकुल सोने जैसा ही है। राजा तो अब उसे अधिक महत्व दिया करेगा हमें इसे खदेड़कर यहाँ से भगाना होगा, नहीं तो हमारी कोई पूछ नहीं रहेगी,” हंसों ने आपस में बातचीत की। अचानक, राजा के सिपाहियों ने देखा कि हंसों ने उस बाहरी पक्षी पर आक्रमण कर दिया है। राजा महल से बाहर दौड़ा आया। उसने भी लड़ाई का यह दृष्य देखा। “पकड़ो इन हंसों को और पिंजरे में बंद कर दो। वे उस नए पक्षी से ईर्ष्या कर रहे हैं,” राजा ने क्रोध में आकर आदेश दिया। हंस तुरंत उड़कर वहाँ से चले गए। ईज़्या के कारण हंसों ने अपनी सारी सुख-सुविधाएँ खो दीं।
बाघिन की कहानी (Moral stories for kids in hindi)बोधिसत्व ने एक बार एक विद्वान के रूप में जन्म लिया। वे तपस्वी बन गए और उनके कई शिष्य भी बन गए। एक दिन, बोधिसत्व अपने शिष्य अजित के साथ वन से गुजर रहे थे कि उन्हें एक भूखी बाघिन दिखी, जो अपने ही बच्चों को खाने जा रही थी। इस दृष्य को देखकर बोधिसत्व को बहुत दुख हुआ। उन्होंने स्वयं को बाघिन के भोजन के लिए प्रस्तुत करने का निश्चय किया। यह सोचकर, उन्होंने किसी बहाने से अजित को कहीं भेज दिया और स्वयं को बाघिन के सामने प्रस्तुत कर दिया। बाघिन ने अपने बच्चों के साथ मिलकर उन पर टूट पड़ी। जब अजित वापस लौटा तो उन्होंने अपने गुरु के रक्त से सने कपड़े देखे। वह दुख से रोने लगा, “हे भगवान! ये तो गुरुजी के कपड़े हैं। इसका मतलब कि ये जानवर उन्हें मारकर खा गए… दुखी मन अजित लौट आया और सबको उसने अपने गुरु की दया, करुणा और बलिदान के बारे में बताया।
बलशाली मछली (Hindi moral stories for kids)बहुत समय पहले की बात है। एक दयालु और नेक मछली थी। तभी भयानक सूखा पड़ा। संकट समझकर नेक मछली ने अपनी और अपने साथियों की जान बचाने का निश्चिय किया। एक दिन, हर तरह के खतरों का सामना करते हुए नेक मछली कीचड़ में जगह बनाती हुई सतह पर आई । उसने वर्षा के देवता इंद्र से प्रार्थना की, “हे देव! हमारे पाप क्षमा कर दो। कृपया बारिश को भेजकर हमें इस संकट से निकालो।” उसकी यह गुहार सुनकर स्वर्ग से लेकर नर्क तक, हर किसी के मन में दया पैदा हो गई। इंद्र ने वर्षा को पृथ्वी पर भेज दिया और महान नेक मछली तथा उसके साथी बच गए।
उपचार और कौए (Kids moral stories in hindi)एक बार एक राजा ने अपने राजवैद्य को अपने बीमार हाथियों के उपचार के लिए बुलाया। राजमहल जाते समय राजवैद्य एक पेड़ की छाया में लेट गया। अचानक, एक कौए की बीट उसके माथे पर गिरी! वह बहुत क्रोधित हुआ और उसने सारे कौओं को मरवा देने का निश्चय किया। उसने राजा के पास जाकर सुझाव दिया, “हाथियों के घावों पर कौओं की चर्बी मलने से वे ठीक हो जाएँगे।” राजा ने आदेश दिया कि दवा बनाने के लिए सारे कौओं को मार डाला जाए। कौओं को मारने का काम शुरू कर दिया गया। कौओं का सरदार राजा के पास गया और विनती करने लगा, “हम लोगों को मत मारिए। सच तो यह है कि कौओं के शरीर में चर्बी होती ही नहीं है ।” राजा को अपनी गलती महसूस हुई और उसने दुष्ट राजवैद्य को दंड देने का आदेश दिया।
गधा और गाड़ी वाला (Small story for kids in hindi)एक गाड़ी वाला अपने गधे को गाड़ी में जोते जा रहा था। अचानक गधा रस्सी तोड़कर गाड़ी से भाग निकला। वह अंधाधुंध भागता गया और ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर निकल गया। वह बिना सोचे-समझे भागे जा रहा था। भागते-भागते वह एक ऊँचे टीले पर पहुँच गया, जहाँ से वह आगे कदम बढ़ाने ही वाला था कि उसके मालिक ने उसकी पूँछ पकड़ ली और उसे पीछे खींच लिया। गधे ने छुड़ाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन मालिक भी पूरी ताकत से उसे पीछे खींच रहा था। मालिक गधे को गिरने से बचाना चाहता था लेकिन गधे को यह बात समझ में नहीं आ रही थी। आखिरकार, मालिक ने उसे छोड़ दिया। “ले, अगर तू जाना ही चाहता है, तो फिर तेरी इच्छा। हठ करने वाले को बाध्य नहीं करना चाहिए।” मालिक से छूटते ही गधा आगे बढ़ा और टीले से नीचे गिरकर मर गया।
कछुए ने बचाई अपनी जान (शार्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी)एक राजा ने अपने छोटे बच्चों के लिए एक तालाब बनवाया। उसने अपने सिपाहियों से उस तालाब में कुछ मछलियाँ डालने को भी कह दिया। संयोग से उन मछलियों के साथ एक कछुआ भी तालाब में आ गया। जब राजकुमारों ने कछुए को देखा तो डरकर भागे। राजा ने कछुए को मार डालने का आदेश दिया। सिपाहियों को समझ में नहीं आ रहा था कि वे कछुए को कैसे मारें। काफी सोच-विचार के बाद एक सिपाही बोला, “इसको नदी में पड़े पत्थरों पर फेंक देते हैं, जिससे यह मर जाएगा और नदी की ओर बह जाएगा।” कछुए ने यह सुना तो अपने खोल से सिर बाहर निकालकर बोला, “तुम लोग मुझे सीधे ही पानी में फेंक दो। मैं उसी से मर जाऊँगा!” सिपाहियों ने उसे नदी के पानी में फेंक दिया। कछुआ हँसता हुआ तैरकर अपने घर वापस चला गया।
कृतघ्न शेर (Short hindi story for kids)एक बार एक शेर पिंजरे में फंस गया। उसने निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। तभी उसे बगल के रास्ते गुजरता हुआ एक आदमी दिखा। शेर ने उससे सहायता माँगी और वादा किया कि वह बाहर निकलने पर उसे नहीं खाएगा। शेर की बात पर विश्वास कर, उस आदमी ने पिंजरा रोल दिया। शेर बाहर आ गया लेकिन बाहर आते ही वह अपना वादा भूल गया। अब वह उस आदमी को खाना चाहता था! वह आदमी घबरा गया और अपनी जान बचाने का तरीका सोचने लगा। उसने सुझाव रखा कि वे अपने मामले को सुलझाने के लिए किसी की सहायता लेते हैं। वहीं से निकल रहे एक सियार से उन दोनों ने फैसला करने का अनुरोध किया। सियार बहुत चतुर था। उसने कहा कि जो-जो हुआ. वह सब उसके सामने फिर से करके दिखाओ। शेर फिर से पिंजरे में घुस गया और सियार के कहे अनुसार, उस आदमी ने जल्दी से पिंजरा बंद कर दिया और उस पर ताला लगा दिया। इसके बाद वह आदमी और बह सियार, दोनों वहाँ से भाग निकले और कृतघ्न शेर फिर से पिंजरे में बंद रह गया। मुर्गी और बाज (Short hindi moral stories)एक बाज और एक मुर्गी आपस में बातें कर रहे थे। बाज ने मुर्गी से कहा, “तुम सबसे अधिक अहसानफरामोश पक्षी हो।” “ऐसा क्यों कह रहे हो?” मुर्गी ने गुस्से से पूछा। बाज ने जवाब दिया, “तुम्हारा मालिक तुम्हें खाना खिलाता है लेकिन जब वह तुम्हें पकड़ने के लिए आता है, तो तुम इस कोने से उस कोने तक उड़ने लगती हो। मैं तो जंगली पक्षी हूँ, फिर भी मैं दयालु लोगों का ख्याल रखता हूँ।” मुर्गी धीरे से बोली, “अगर तुम किसी बाज को आग पर भुनते हुए देखो, तो तुम्हें कैसा लगेगा ? मैंने यहाँ सैकहों मुर्गे-मुर्गियों को आग पर भूने जाते हुए देखा है। अगर तुम मेरी जगह होते, तो तुम भी अपने मालिक को कभी अपने पास नहीं आने देते। मैं तो सिर्फ इस कोने से उस कोने तक उड़ती ही हूँ, पर तुम तो पहाड़ियों पर उड़ते फिरते।” चूहा बन गया शेर (Small stories in hindi)एक दिन, एक साधु ने देखा कि एक बिल्ली चूहे को खदेड़ रही थी। साधु ते अपनी अलौकिक शक्तियों से उस चूहे को बिल्ली बना दिया और उसकी जान बच गई। एक दिन उस बिल्ली के पीछे एक कुत्ता दौड़ पड़ा। अब साधु ने उसको कुत्ता बना दिया। एक बार, उस कुत्ते पर शेर ने हमला कर दिया। साधु ने तुरंत उस कुत्ते को शेर बना दिया। जो गाँव वाले इस नए शेर का रहस्य जानते ये, वे उसका मजाक उड़ाते थे। उनके लिए वह एक पिद्दी-सा चूहा ही था, जो शेर बना फिरता था! अब इस शेर ने सोचा कि जब तक यह साधु जीवित रहेगा, सब लोग उसका ऐसा ही मज़ाक उड़ाते रहेंगे। साधु ने इस शेर को अपनी ओर आते देखा, तो उसके इरादे समझ गया। साधु बोला, जाओ, तुम फिर से चूहा ही बन जाओ। तुम अहसानफरामोश हो और शेर बनने लायक नहीं हो।” और इस प्रकार वह शेर फिर से सिकुड़कर दुबारा चूहा बन गया। ऊँट का बदला (Hindi story short)एक ऊँट और एक सियार बहुत पक्के दोस्त थे। एक दिन, वे एक खेत में तरबूज खाने गए। भरपेट तरबूज खाने के बाद सियार हुआ-हुआ चिल्लाने लगा। अरे, चित्लाओ मत, तुम्हारा वित्लाना सुनकर किसान आ जाएगा!” ऊँट ने उसे समझाया। “गाना गाए बगैर मेरा खाना नहीं पचता, सियार ने जवाब दिया। जल्द ही किसान वहाँ आ गया। किसान को आते देख, सियार तो भाग लिया लेकिन किसान ने ऊँट की लाठियों से जमकर पिटाई की। एक दिन, ऊँट ने सियार से कहा, “चलो नदी में तेरते हैं। मैं बोलूंगा और तुम मेरी पीठ पर बैठे रहना।” सियार तैयार हो गया। ऊँट सियार को पीठ पर बैठाए हुए गहरे पानी में पहुंचा, तो डुबकी लगाने लगा। सियार चिल्लाने लगा, “अरे, ये क्या कर रहे हो ? मैं डूब जाऊँगा।” “लेकिन मैं तो पानी में जाकर उसको लगाता ही हूँ। मेरी सेहत के लिए यह बहुत अच्छा होता है.” ऊँट बोला और सियार को मझधार में छोड़, गहरे पानी में डुबकी लगाने लगा। झूठा दोस्त (Short story with moral in hindi)एक हिरन और एक कौआ पक्के दोस्त थे। एक दिन कौए ने हिरन को एक सियार के साथ देखा। सियार बहुत चालाक जानवर माना जाता है। कौए ने अपने दोस्त हिरन को समझाया कि सियार पर भरोसा नहीं करना चाहिए। हिरन ने कौए की सलाह पर ध्यान नहीं दिया और सियार के साथ एक खेत में चला गया। हिरन वहाँ लगे जाल में फस गया। सियार उससे कहने लगा, “मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूँ। वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा। मुझे भी वह तुम्हारे गोश्त का हिस्सा देगा।” हिरन चिल्लाने लगा। कौए ने अपने दोस्त के चिल्लाने की आवाज़ सुनी तो तुरंत उसकी सहायता के लिए आ गया। उसने हिरन से कहा कि वह ऐसे लेट जाए, जैसे वह सचमुच मर गया हो। थोड़ी ही देर में, सियार की आवाज सुनकर किसान वहाँ आ पहुँचा। उसने देखा कि जाल में हिरन तो मरा पड़ा है। उसने जाल खोल दिया। जाल खुलते ही हिरन को मौका मिल गया और वह तुरंत उछलकर वहाँ से भाग गया। गुस्साए किसान ने सियार की पिटाई कर दी और उसे वहाँ से भगा दिया। शैतान मेमना (10 lines short stories with moral in hindi)एक बकरी अपने शैतान बच्चे के साय रहती थी। एक दिन सुबह, उछलते-कूदते मेमना जंगल की ओर चला गया। उसकी माँ ने बच्चे को काफी मना किया कि वह घने-अंधेरे जंगल में अकेले न जाए। उसने कहा, “वहाँ बहुत सारे जंगली और खतरनाक जानवर होंगे। बेटे, वहाँ अकेले मत जाओ।” माँ, चिंता मत करो। मैं ज्यादा दूर नहीं जाऊँगा.” मेमने ने जवाब दिया। नन्हा मेमना उछल-कूद करते हुए खेल में मग्न हो गया और उसे पता ही नहीं चला कि वह जंगल में कितने दूर आ गया है। जल्द ही अंधेरा हो गया। अब वह वापस अपनी माँ के पास जाना चाहता था, लेकिन बेचारा इरा-घबराया मेमना रास्ता भूल गया! वह गुम हो चुका था और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। वह अपनी माँ को पुकारते हुए चिल्लाने लगा। उसे अपने आरामदायक घर की याद सताने लगी। उसे महसूस हुआ कि उसने अपनी माँ की बात न मानकर बड़ी गलती कर दी। तभी, एक भेडिया वहाँ आ पहुँचा औट बोला, अरे! आज रात तो मैं इसी मेमने का स्वादिष्ट गोश्त खाऊँगा!” भेड़िया ने झपटकर मेमने को दबोच लिया। वेचारे मेमने को अपनी माँ की बात न मानने का दंड भुगतना पड़ा। बोलने वाली गुफा (Moral short story in hindi)एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन वह आराम करने के लिए जगह तलाश कर रहा था, कि उसे एक बड़ी गुफा दिखाई दी। शेर ने अंदर देखा, उसे कोई नहीं दिखा। शेर को लग तो रहा था कि कोई न कोई तो इस गुफा में अवश्य रहता है, लेकिन उसे वह गुफा इतनी पसंद आई कि उसका मन उसी में रहने का करने लगा। वह गुफा एक सियार की थी। योड़ी ही देर में शाम हो गई और सियार अपनी गुफा में आ गया। गुफा के बाहर उसे शेर के पैरों के निशान दिखाई दिए। सियार बहुत होशियार था। वह सतर्क हो गया। वह शेर का शिकार नहीं बनना चाहता था। गुफा में शेर है या नहीं, यह पता करने के लिए सियार ने एक चाल चली। वह जोर से चिल्लाया, “ओ गुफा! अगर तुमने रोज की तरह मुझसे बात नहीं की, तो मैं यहाँ से चला जाऊंगा।” शेर ने सियार की आवाज सुनी तो उसके मन में लालच आ गया। उसकी गुफा के बदले जवाब देने का निश्चय किया। उसने दहाड़ मार दी। शेर की दहाड़ सुनकर चतुर सियार समझ गया और जान बचाकर भाग गया। किंग कोबरा और चीटियां (Hindi short stories with moral)बहुत समय पहले की बात है, एक भारी किंग कोबरा एक घने जंगल में रहता था शिकार करता था और दिन में सोता रहता था। धीरे-धीरे वह काफी मोटा हो गया और पेड़ वह रात में के जिस बिल में वह रहता था, वह उसे छोटा पड़ने लगा। वह किसी दूसरे पेड़ की तलाश में निकल पड़ा। आखिरकार, कोबरा ने एक बड़े पेड़ पर अपना घर बनाने का निश्चय किया, लेकिन उस पेड़ के तने के नीचे चीटियों की एक बड़ी बाँबी थी, जिसमें बहुत सारी चीटियाँ रहती थीं। वह गुस्से में फनफनाता हुआ बीवी के पास गया और चीटियों को हॉँटकर बोला, “मैं इस जंगल का राजा हूँ। मैं नहीं चाहता कि तुम लोग मेरे आस-पास रहो। मेरा आदेश है कि तुम लोग अभी अपने रहने के लिए कोई दूसरी जगह तलाश लो। अन्यथा, सब मरने के लिए तैयार हो जाओ!” चीटियों में काफी एकता थी। वे कोबरा से बिलकुल भी नहीं डरी। देखते ही देखते हज़ारों चीटियाँ बाँबी से बाहर निकल आई। सबने मिलकर कोबरे पर हमला बोल दिया। उसके पूरे शरीर पर चीटियां रेंग-रेंग कर काटने लगी! दुष्ट कोबरा दर्द के मारे चिल्लाते हुए वहाँ से भाग गया। बदसूरत राजकुमार और मंदबुद्धि राजकुमारी (A short story in hindi)एक राज्य में रानी ने बहुत सुंदर लड़की को जन्म दिया। तभी एक परी वहाँ आई और बोली-“यह लड़की बहुत सुंदर परंतु मंदबुद्धि होगी। जो भी आदमी इससे शादी करेगा वह इसके प्रभाव से सुंदर हो जाएगा।” वहीं पड़ोस के राज्य में रानी ने एक बदसूरत राजकुमार को जन्म दिया। परी ने रानी से कहा-“राजकुमार बहुत बुद्धिमान होगा। वह एक ऐसी लड़की से शादी करेगा, जो इसके प्रभाव से बुद्धिमान हो जाएगी।” कुछ साल बाद राजकुमार और राजकुमारी जवान हो गए। परन्तु कोई भी उनसे शादी नहीं करना चाहता था। एक दिन उदास राजकुमारी अकेले जंगल में घूम रही थी, तभी वह राजकुमार से मिली। राजकुमार ने राजकुमारी से पूछा कि, “क्या वह उससे शाद करेगी?” राजकुमारी मान गई, तब राजकुमार ने उससे एक साल बाद शादी करने का फैसला किया। एक साल में राजकुमार सुंदर हो गया और राजकुमारी बुद्धिमान हो गई। दोनों ने शादी कर ली और खुशी-खुशी रहने लगे। Hindi Short Stories – लालची सियारएक जंगल में एक शिकारी ने एक मोटे-तगड़े सुअर पर बुकीले तीर से निशाना लगाया। सुअर ने घायल होने के बावजूद, शिकारी पर पलटकर हमला किया और उसे मार डाला। इसके बाद सुअर भी अपने शरीर के घाव की वजह से मर गया। कुछ देर बाद, एक भूखा सियार वहाँ आ पहुंचा। उसे शिकारी और सुअर के रूप में दो-दो शिकार पड़े मिले। वह स्वयं से कहने लगा, “आज ईश्वर ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की है। चलो, पहले, इस धनुष की होरी से ही खाने की शुरुआत की जाए।” सियार सियार की लाश के पास गया और धनुष की डोरी को कुतरने लगा। जैसे ही धनुष की डोरी टूटी, वैसे ही उसमें लगा तीर पूरे जोर से निकल पड़ा और सीधे सियार के शरीर में घुस गया और वह वहीं पर मर गया। उसे खाना शुरू करने से पहले सोचना चाहिए था। ऐसा जो करके, वह लालच में आकर बिना सोचे-समझे टूट पड़ा और अपनी जान गंवा बैठा। समुद्र का देवता और पहाड़ों की रानी (Short story hindi)बहुत समय पहले ग्रीक समुद्र का देवता, ग्रीक देवी एथेना के राज्य एथेन्स को पाना चाहता था। उसने उस पहाड़ी पर हमला किया जिस पर एथेन्स राज्य बसा हुआ था। उस हमले से पहाड़ी एक तरफ से टूट गई और वहाँ से खारे पानी का झरना फूट पड़ा। ग्रीक देवी एथेना ने अपना राज्य वापस पाने के लिए एक तरकीब सोची। उसने खारे पानी के झरने को सुखाने का निश्चय किया। इसके लिए उसन झरने के पास बलूत के पेड़ के बीज बोये। यह वही पेड़ है। जो अब भी एथेन्स में है। उस पेड़ के कारण वह झरना सूख गया। एक बार फिर एथेंस को एथेन्स पर राज हो गया। समुद्र का देवता फिर कभा भी द्वारा हमला नहीं कर सका। तभी से एथेन्स के लोग अपनी देवी एथेंस के राज्य में सुरक्षित है, जर खुशी-खुशी रह रहे हैं। दुष्ट बिचौलिया (Story for kids in hindi with moral)एक गैया ने एक पेड़ पर खाली छेद में अपना घर बनाया। एक दिन, वह भोजन की तलाश में निकली और फिर कई दिन तक नहीं लौटी। इस बीच, एक खरगोश वहाँ आया और उसका घर खाली देखकर, उसमें रहने लगा। काफी दिनों बाद गोरिया लौटी तो खरगोश ने वह घर खाली करने से इन्कार कर दिया। गौस्या बोली, “चलो किसी से अपना फैसला करवाते हैं। वह जैसा कहेगा, हम दोनों वैसा ही करेंगे।” इस बीच, एक दुष्ट बिल्ली को उनके झगड़े के बारे में पता चल गया। यह उन दोनों के पास आ गई। दोनों ने उन्हें अपने झगड़े के बारे में बताया। बिल्ली बड़ी मीठी आवाज में बोली, “मैं बहुत बड़ी हो गई हूँ और मुझे ठीक से सुनाई नहीं देता। पास आकर अपनी बात समझाओ।” जब बेचारी गौरैया और खरगोश उसके पास आ गए, तो बिल्ली जे झपटकर दोनों को दबोच लिया और उन्हें मारकर खा गई! अगर तुम लोग भी लड़ोगे तो तुम्हारी शक्ति कम हो जाएगी और दूसरे इसका लाभ उठा ले जाएंगे। सबसे चालाक कौन? (Short stories with moral in hindi)एक बार, तीन चोर सबसे चालाक होने का दावा कर रहे थे। उसी समय, एक किसान एक गधे पर सवार वहाँ आया। उसका गधा एक बकरी से बंधा था जिसके गले में घंटी थी। चोरों ने उसकी बकरी, उसका गधा और उसके कपड़े चुराने का फैसला किया। पहले चोर ने चुपके से बकरी की घंटी निकाल कर गधे की पूंछ में बांध दी और बकरी ले गया। एक घंटे बाद किसान को पता चला तो वह रोने लगा। अब दूसरा चोर उसके पास आया और बोला-“मैंने तुम्हारी बकरी के चोर को उस पतली गली में जाते देखा है। किसान अपने गधे को वहीं छोड़कर उस गली की ओर भागा। तभी चोर उसका गधा ले गया। किसान ने तीसरे चोर को रोते हुए देखा। चोर ने उसे कहा- ‘मेरा बटुआ कुएँ में गिर गया है। अगर तुम निकाल दो तो मैं तुम्हें दस सोने की मोहरें दूंगा।” कुएँ में उतरने के लिए जैसे ही किसान ने कपड़े उतारे, चोर कपड़े लेकर भाग गया। इस प्रकार, उन तीनों चोरों ने किसान से उसकी बकरी, गधा और उसके कपड़े चुरा लिये। इन सब में तीसरा चोर ही चालाक माना गया। पिस्सू और बेचारा खटमल (Small story in hindi for kids)एक खटमल एक राजा के पलंग में रहता था। एक पिस्सू शयनकक्ष में आया और खटमल से बोला, “मैंने कभी किसी राजा का खून नहीं पिया। आज तुम्हारे साथ मैं भी राजा का खून पिऊंगा।” खटमल ने जवाब दिया, “तुम प्रतीक्षा करना। मेरा पेट भर जाने के बाद ही तुम्हारी बारी आएगी। तब तुम अपना पेट भर लेना।” पिस्सू सहमत हो गया। इस बीच, राजा शयनकक्ष में आ गया। बेसन पिस्सू अपने पर नियंत्रण नहीं कर पाया। राजा के सोने से पहले ही उसने उसका खून चूसना शुरू कर दिया। पिस्सू के काटने से राजा पलंग पर उठकर बैठ गया। उसने अपने सेवकों को बुलाकर पलंग की अच्छी तरह से जाँच-पड़ताल करने को कहा। राजा के सेवकों ने पलंग को बहुत ध्यान से देखा। पिस्सू तो धीरे से पलंग के अंधेरे कोने में खिसककर छिप गया लेकिन खटमल उन्हें दिख गया। उन्होंने खटमल को मार डाला। बड़ी बिल्ली और आत्मा (Best short story in hindi)बहुत पहले, रूस में एक शिकारी ने एक सफेद भालू पकड़ा। वह उसे राजा ज़ार को दिखाना चाहता था। वह महल की ओर चल पड़ा। रास्ते में एक जंगल था। उस जंगल से गुज़रते समय रात हो गई। उसने एक झोंपड़ी देखी तो उसका दरवाज़ा खटखटाया। उसमें से एक आदिवासी निकला। शिकारी ने उससे पूछा-“क्या मैं यहाँ रुक सकता हूँ?” आदिवासी मान गया परंतु वह बोला-“आज रात दुष्ट आत्माएँ मेरे घर में एक उत्सव मनाने आ रही हैं।” यह सुनकर शिकारी चुपचाप जाकर सो गया। आधी रात को आत्मा आई। भालू को देखकर, वे उसे एक बड़ी बिल्ली समझी और उसे छेड़ने लगीं। भालू को गुस्सा आ गया और वह ज़ोर से दहाड़ा। आत्माएँ डर कर वहाँ से भाग गईं। अगले साल आत्माओं ने आदिवासी से पूछा-“क्या बिल्ली अभी भी तुम्हारे घर में है?” आदिवासी ने कहा-“हाँ, उसने बच्चों को जन्म दिया है जो उससे भी बड़े हैं।” यह सुनकर आत्मा इतना डर गई कि वह कभी आदिवासी के घर नहीं आई। बुरी संगत (Small hindi story)एक किसान कौओं से बहुत परेशान था। दुष्ट कौए आते और रोज उसकी फसल खा जाते उन कौओं को भगाने के लिए किसान ने खेत में कुछ विजूका भी लगाए लेकिन कौए इतने चालाक थे कि वे बिजूका को भी नोंच-फाड़ देते थे। एक दिन, किसान ने अपने खेत में जाल फैला दिया। जाल के ऊपर उसने अनाज फैला दिया। कौआ जाल में फस गए। जाल में फंसे कौओं ने किसान से दया की भीख माँगी लेकिन किसान बोला, “मैं तुम लोगों को जिंदा नहीं छोडूंगा। अचानक किसान को एक दर्दभरी आवाज सुनाई दी। उसने ध्यान से जाल में देखा। उसे दिखाई दिया कि कौओं के साथ एक कबूतर भी फैसा किसान कबूतर से बोला, “तुम इन दुष्ट कौओं के साथ क्या कर रहे थे? अब तुम भी अपनी इसी बुरी संगत की वजह से अपनी जान गंवा बैठोगे।” और फिर किसान ने उन कौओं और कबूतर को अपने शिकारी कुत्तों को खिला दिया। किसी ने सच ही कहा है, बुरी संगत हमेशा हानिकारक होती है। उत्सुक बच्चा (Short hindi stories for kids)एक बार, एक बच्चा जंगल में घूम रहा था। उसने एक बड़ा और भारी बक्सा देखा। उसने उसे खोलने की बहुत कोशिश की परंतु नहीं खोल पाया। वह सोचने लगा कि उसमें क्या होगा। पहले उसने सोचा उसे बहुत धन होगा। फिर उसने सोचा कि उसमें खज़ाने का नक्शा होगा। तभी उसने वहाँ पर भविष्य बताने वाले की झोंपड़ी देखी। लड़का उसके पास गया। भविष्य बताने वाले ने बक्सा सूंघा और कहा-“इसके अंदर कोई अच्छी चीज है।” लड़के ने पूछा- वह क्या है?” भविष्य बताने वाले ने कहा- “मैं तुम्हें इतना ही बता सकता हूँ। लड़का उदास हो अपने घर की ओर मुड़ गया। लेकिन वह इतना उत्सुक था कि उससे रहा न गया और उसने उस बक्से पर पत्थर दे मारा। बक्सा टूट गया और उसमें से मीठा पेय बह निकला। बच्चा बहुत पछताया क्योंकि वह इस पेय को नहीं पी पाया था। कुत्ता चला विदेश (Moral story for kids in hindi)एक नगर में चित्रांगन नामक एक होशियार कुत्ता रहता था। एक साल उस नगर में भयानक अकाल पड़ा। चित्रांगन को खाने के लाले पड़ गए। परेशान होकर वह कहीं दूर के नगर में चला गया। नई जगह पर खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी। वह एक घर के पिछवाढे में रहता और यहां मनपसंद खाना खाता। एक दिन, कुछ वहीं के कुत्तों ने उसे देख लिया। उसे देखते ही वे समझ गए कि यह कुत्ता तो बाहर से आया है उन कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। सारे कुत्ते उस पर भोंकते हुए टूट पड़े और उसे जगह-जगह से बुरी तरह घायल कर दिया। आखिरकार, किसी तरह वह उन कुत्तों के चंगुल से छूट पाया। अब वह सोचने लगा, “यह जगह छोड़ देने में ही भलाई है। मेरे नगर में भले ही अकाल पड़ा हो, लेकिन कम से कम वहाँ मेरे साथी तो हैं।” भगवान की इच्छा (Short stories for kids hindi)एक बार एक लुहार था जिसकी दो बेटियाँ थीं। एक का नाम था काजल जो सुंदर परंतु घमंडी थी। दूसरी का नाम था कोयल जो काजल से कम सुन्दर थी, लेकिन वह बहुत दयालु थी। उनका पिता हमेशा कहता-“मैं काजल का विवाह किसी राजकुमार से करूंगा।” जब लोग कोयल के बारे में पूछते तो वह कहता-“जो भी पहला आदमी उसका हाथ मांगने आएगा, उसी के साथ उसका विवाह कर दूंगा।” कोयल ने कभी भी अपने पिता के शब्दों का बुरा नहीं माना। उसका मानना था कि सभी काम भगवान की इच्छा से होते हैं। एक दिन एक सुंदर युवक उनके घर आया। उसने लुहार से कोयल का हाथ मांगा। लुहार खुशी से राजी हो गया अगले दिन एक और युवक आया और बोला-“मैं राजकुमार हूँ और मैं काजल से शादी करना चाहता हूँ।” लुहार बहुत खुश हुआ। दोनों बहनों की शादी एक ही दिन हो गई। तब पिता को पता चला कि काजल का पति नाम का ही राजकुमार था। जबकि कोयल का पति वास्तव में एक राजकुमार था। यह जानकर लुहार को बहुत दुख हुआ, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। मूर्ख समुराई और नौकर (Hindi story for kids with moral)तुम्हें पता है समुराई कौन होता है? समुराई जापान में सेना का एक अफसर होता है। बहुत पहले एक समुराई अपने घर लौट रहा था। वह अपने लिए एक नौकर ढूंढ रहा था, जो उसका सामान उठा सके। रास्ते में उसे एक और समुराई मिला। दोनों दोस्त बन गए। उन्होंने एक साथ सफर करने का फैसला किया। भाग्य से उन्हें एक नौकर भी मिल गया। नौकर ने उनका सामान और तलवारें उठा रखी थीं। समुराइयों के पास बात करने को जब कुछ नहीं बचा, तो वे दोनों नौकर का मज़ाक उड़ाने लगे। पहले तो नौकर ने बुरा नहीं माना। परंतु लगातार अपमान से उसे चिड़ होने लगी। उसने तलवार निकाली और बोला-“मुझे अपना पैसों का बैग दो। समुराइयों को उसकी बात माननी पड़ी। नौकर ने उनका सामान और तलवारें कुएँ में फेंक दिए। वह बोला- अपना सामान स्वयं निकालो। मैं ये पैसे के बैग उठाकर खुश हूँ।” यह कहकर वह भाग गया। दोनों अमराइयों के पास अब कुछ नहीं बचा था। दोनों की मर्खता के कारण ही यह सब हुआ था। कछुए की इच्छा (Small moral stories in hindi)एक जंगल में एक कछुआ रहता था। वह जब भी पक्षियों को उड़ते देखता तो उदास हो जाता ।वह सोचता,”काश! मैं भी इन पक्षियों की तरह उड़ पाता।” एक दिन वह अपनी मित्र चील के पास जाकर बोला, “क्या तुम मुझे उड़ना सिखा सकती हो।” चील हँसते हुए बोली, “नहीं। तुम कैसे उड़ सकते हो? तुम्हारे तो पंख ही नहीं हैं।” चील ने कछुए को समझाने की बहुत कोशिश की, पर वह मानने को तैयार ही नहीं था। वह चील से बोला, “मैं कुछ नहीं जानता। बस, तुम मुझे आकाश में उड़ना सिखाओ।” हारकर चील उसे चोंच में पकड़कर आकाश में ले गई और वहाँ जाकर बोली, “अब उड़ने की कोशिश करो।” जैसे ही उसने चोंच खोली, कछुआ धड़ाम से जमीन पर आ गिरा और मर गया। शिक्षा : किसी बात के लिए हठ करना उचित नहीं होता। चोर की माँ (Hindi short moral stories)एक छोटा बच्चा हर रोज स्कूल जाता था। एक दिन वह अपने एक सहपाठी की किताब चुराकर घर ले आया। घर आकर उसने वह किताब अपनी माँ को दिखाते हुए कहा, “देखो माँ! मैं कितनी सुंदर किताब चुराकर लाया हूँ।” किताब देखकर माँ बहुत प्रसन्न हुई और बोली, “शाबाश बेटा! तुम बहुत चतुर हो।” इस तरह बच्चा हमेशा बाहर से कोई न कोई वस्तु चुराकर लाता और माँ उसे समझाने की बजाय और बढ़ावा देती। आखिर में बड़ा होकर वह एक नामी चोर बन गया। एक दिन पुलिस उसे पकड़कर ले जाने लगी तो उसकी माँ रोते हुए उसके पीछे चल पड़ी। चोर ने सिपाही से एक क्षण रुकने के लिए कहा। फिर वह अपनी माँ की ओर घूमा और एक जोरदार तमाचा जड़ दिया। फिर बोला, “माँ! अब रो मत, क्योंकि मुझे चोर बनाने में तुम्हारा हाथ है। यदि तुमने बचपन में मुझे चोरी करने पर सजा दी होती तो आज यह नौबत न आती।” शिक्षा : कभी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मेढकों की लड़ाई (Moral stories in hindi for kids)एक कुएँ में बहुत सारे मेंढक रहते थे। एक बार दो मेंढकों में लड़ाई होने लगी। शेष मेंढक दोनों में से किसी-न-किसी का पक्ष लेने लगे। इस प्रकार मेंढकों के दो समूह बन गए। उनकी लड़ाई बढ़ती चली गई। एक दिन मेंढकों का एक समूह एक साँप के पास सहायता के लिए गया। उनका मुखिया साँप से बोला, “हम एक कुएँ में रहते हैं। वहाँ पर रहने वाले कुछ मेंढक हमारे दुश्मन हैं। हम तुमसे विनती करने आए हैं कि तुम चलकर हमारे कुएँ में रहो और उन्हें मारकर खा जाओ। इस प्रकार तुम्हें आसानी से भोजन प्राप्त हो जाएगा और हमें भी अपने दुश्मनों से छुटकारा मिल जाएगा।” यह जानकर साँप उनके साथ कुएँ में रहने के लिए खुशी-खुशी चल दिया। अब साँप ने दुश्मन मेंढकों को खाना शुरू कर दिया। जल्दी ही वह सारे दुश्मन मेंढकों को खा गया। तब दूसरे समूह के सरदार ने साँप से कुआँ छोड़कर जाने को कहा। लेकिन साँप ने उसकी बात मानने से इंकार कर दिया। अब वह मुफ्त के भोजन का आदी जो हो चुका था। इसलिए वह कुएँ में ही रहा और धीरे-धीरे सारे मेंढकों को मारकर खा गया। इस प्रकार, व्यर्थ की लड़ाई में सभी मेंढक अपनी जान गंवा बैठे। सोच ( Kids moral story in hindi)एक दिन एक बुजुर्ग व्यक्ति एक समारोह में शामिल होने रहा जा था। ठीक उसी समय एक युवक अपनी मंगेतर से मिलने जा रहा था। रास्ते में उनमें बातचीत होने लगी और थोड़ी ही देर में वे काफी घुलमिल गए। वह युवक बोला, “हे महानुभाव! मेरी इच्छा है कि आप मेरे साथ मेरी मंगेतर से मिलने चलें।” लेकिन उस बुजुर्ग व्यक्ति ने मना करते हुए कहा, “नहीं धन्यवाद। मैं एक धार्मिक समारोह में जा रहा हूँ। इसलिए मैं चाह रहा था कि तुम मेरे साथ चलो।” युवक ने विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। फिर वे दोनों अपने-अपने रास्ते चले गए। जब बुजुर्ग व्यक्ति धार्मिक समारोह में पहुँचा तो वह उस खूबसूरत लड़के के बारे में सोचने लगा, जिससे मिलने का मौका उसे मिला था। वहीं वह युवक उस धार्मिक समारोह के विषय में सोचने लगा, जहाँ जाने का उसे अवसर मिला था। इस प्रकार दोनों जो उन्हें नहीं मिला, उसके बारे में सोच रहे थे। व्यक्ति का स्वभाव ही कुछ ऐसा होता है कि जो चीज उसके पास होती है, उसके बारे में न सोचकर वह दूसरों को उपलब्ध चीजों के विषय में सोचता रहता है। हाथी के दाँत (Short hindi story with moral)एक बार एक भूखे चूहे को एक अखरोट मिला। उसने उसे तोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसका छिलका कठोर होने के कारण वह उसे तोड़ने में असफल रहा। चूहे के छोटे-छोटे दाँत उसे तोड़ने में असमर्थ थे। तब वह चिढ़कर बोला,”हे भगवान! तुमने मुझे इतने छोटे-छोटे दाँत क्यों दिए? मेरे पास भोजन है, लेकिन मैं उसे खा नहीं सकता।” उसकी आवाज सुनकर भगवान प्रकट हुए और बोले, “प्रिय चूहे, जाओ और दूसरे जानवरों के दाँत देखो। तुम्हें जिसके भी दाँत पसंद आएंगे, मैं तुम्हें वैसे ही दाँत दे दूंगा।” खुश होकर चूहा विभिन्न जानवरों की खोज में गया। उसने बहुत सारे जानवरों के दाँत देखे। अन्तत: वह हाथी के लंबे सफेद दांत देखकर बड़ा प्रभावित हुआ। उसने हाथी के पास जाकर उससे पूछा, “दोस्त, क्या तुम अपने दाँतों से खुश हो?” यह सुनकर हाथी बोला,”अरे! मेरे दोस्त, मेरे दाँत तो सिर्फ दिखाने के लिए हैं। मैं इनका प्रयोग कुछ खाने के लिए नहीं कर सकता हूँ। उल्टे मैं अपने इन दाँतों से भारी सामान उठाने का कार्य करता हूँ।” यह सुनकर चूहे ने अपने छोटे दाँतों के लिए भगवान को शुक्रिया अदा किया। हरी-भरी धरती (Short hindi moral story)भगवान ने सबसे पहले खूबसूरत हरी-भरी धरती बनाई। धरती पर घास के हरे मैदान और हरे-भरे पेड़ बनाए। भगवान ने पशु-पक्षी भी बनाए। अन्ततः उसने अपने इस सुंदर सृजन की देखभाल के लिए मनुष्य को बनाया। साथ ही ईश्वर ने मनुष्य को चेतावनी देते हुए कहा, “तुम हमेशा धरती की हरियाली एवं उसकी खूबसूरती को सुरक्षित रखना। ठीक उसी तरह, जिस तरह मैंने इसे बनाया है। कभी कोई पाप-कर्म नहीं करना, जिससे कि धरती अपनी सुंदरता खो बैठे।” यह चेतावनी देने के बाद भगवान ने मनुष्य को धरती पर भेजा। लेकिन जल्दी ही मनुष्य भगवान की चेतावनी को भूल गया। उसने चोरी, हत्या, झूठ बोलना, पेड़ों को काटना जैसे पाप-कर्म करने शुरू कर दिए। इस वजह से धरती की सुंदरता खो गई और वह मरुस्थल में परिवर्तित हो गई। अब मनुष्य अपने किए पर पछता रहा था। तब उसने भगवान से माफी माँगी। फिर भगवान ने उसे क्षमा कर दिया। हाथी की सूँड (Very short stories for kids in hindi)बहुत समय पहले की बात है, जब हाथी की सूँड छोटी होती थी। तब वह आज की सूडों जैसी लम्बी नहीं थी। एक दिन हाथी नदी के तट पर पानी पीने गया। उसे वहाँ एक मगरमच्छ दिखाई दिया। हाथी ने मगरमच्छ को छेड़ते हुए कहा,”अरे! तुम तो एक रेंगने वाले जीव हो। मुझे समझ नहीं आता कि तुम्हारा शरीर इतना लंबा क्यों है?” मगरमच्छ ऐसे अपमानजनक शब्द सुनकर अपना आपा खो बैठा। वह गुस्से से बोला, “मैं तुम्हें अपने शरीर का उपयोग अभी दिखाता हूँ।” यह कहते हुए मगरमच्छ ने तीव्रता से हाथी की सूँड अपने मुँह में पकड़ ली। हाथी दर्द के मारे चिल्लाने लगा। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर सियार, घोड़ा, जिराफ आदि जानवर उसकी सहायता के लिए आ गए और हाथी की सूंड को मगरमच्छ के से छुड़ाने के लिए उसकी पूँछ पकड़कर खींचने लगे। आगे और पीछे दोनों ओर से खींचने के कारण हाथी की सूँड लंबी हो गई, जैसी कि वह आजकल दिखाई देती है। गधे की परछाई (Hindi small story)एक व्यापारी ने बाजार से कुछ सामान खरीदा। सामान भारी होने के कारण उसने उसे चोदने के लिए एक गधा भी किराए पर लिया।गधे का मालिक भी साथ था। गर्मियों के दिन थे और दोनों चलते-चलते थक गए थे। इसलिए वे एक जगह बैठकर आराम करने लगे गधे की परछाई देखकर व्यापारी उसमें बैठने लगा। अचानक गधे का मालिक चीखा,”हटो यहाँ से। मैंने तुम्हें गधा किराए पर दिया है. उसकी परछाई नहीं। परछाई पर मेरा हक है।” इस बात को लेकर दोनों में बहस छिड़ गई। उन्हें लड़ते देखकर गधे ने सोचा, ‘सुनहरा मौका है, दोनों लड़ाई में उलझे हैं और किसी का ध्यान मेरी ओर नहीं है। भाग चलता हूँ।’ गधा चुपचाप वहाँ से भाग निकला। शिक्षा: दो लोगों की लड़ाई में तीसरा फायदा उठा लेता है। शेर की चाल (Short stories in hindi with moral)एक जंगल में चार बैल रहते थे। उनमें गहरी मित्रता थी।शेर जब भी उन चारों को देखता तो यही सोचता, ‘कहीं मुझे कोई बैल अकेला मिल जाए तो मैं उसे मारकर खा जाऊँ।’ शेर की यह इच्छा कभी पूरी नहीं हुई, क्योंकि चारों हमेशा झुंड बनाकर रहते थे। उनके बड़े-बड़े सींग देखकर शेर दूर से ही जाता था। वह यह बात भली-भाँति समझ गया था कि चारों के साथ रहते तो वह उनका सामना नहीं कर सकता। इसलिए वह कोई ऐसी योजना सोचने लगा जिससे उनकी मित्रता तोड़ी जाए। एक दिन वह एक बैल के पास गया और उससे बोला, “तुम्हारे तीनों मित्र कहते हैं कि तुम सबसे निर्बल और मूर्ख हो।” यह सुनकर बैल को बहुत बुरा लगा और उसने दूसरे बैलों से बोलना छोड़ दिया। शेर ने बाकी तीनों को भी इसी तरह भड़काया। चारों आपस में नाराज हो गए। तब शेर ने एक दिन एक बैल पर हमला कर दिया, पर बाकी बैल तुरंत उसकी सहायता को आ पहुँचे और उसे खदेड़ दिया। जब पहले बैल ने उनको धन्यवाद दिया तो वे बोले, “हम मूर्ख नहीं हैं, जो शेर की चाल में आ जाते।” शिक्षा : एकता में ही बल है। बुद्धिमान गधा (शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी)एक बार एक गधा जंगल में नर्म हरी घास खाने में मग्न था। इधर एक शेर शिकार के इरादे से धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था। गधा इस बात से अंजान था। शेर गधे के पास पहुँचा तो उसे देखकर गधा डर गया। शेर बहुत ही खतरनाक और भयानक लग रहा था। लेकिन गधा भी कम चालाक न था। वह बोला,”महाराज, मुझे आपको देखकर बहुत खुशी हुई। मुझे आपका भोजन बनने में बड़ा गर्व होगा। लेकिन उससे पहले मैं आपको गधे को सही तरीके से खाने की विधि बताता हूँ। कहते हैं कि गधे जाता है।” को पीछे के पैरों से खाना शुरू करना चाहिए। इससे उसे खाने का स्वाद बढ़ शेर ने उसकी बात पर विश्वास कर लिया। फिर वह गधे को खाने के लिए उसके पीछे गया। जैसे ही शेर गधे के पीछे खड़ा हुआ, वैसे ही गधे ने शेर के मुँह पर बड़े जोर से लात मारी। फलस्वरूप शेर नीचे झाड़ियों में जा गिरा। जब तक शेर उठता, तब तक गधा वहाँ से दूर भाग चुका था। सिंह और चूहा (हिंदी शार्ट स्टोरी)हम सभी जानते हैं, शेर जंगल का राजा है। एक बार एक शेर तेजी से सो रहा था जब एक छोटा माउस उसके ऊपर और नीचे दौड़ा। इससे शेर जाग गया। वह क्रोधित हुआ और उसने अपने विशाल पंजे के साथ चूहे को पकड़ लिया। फिर उसने उसे निगलने के लिए अपना बड़ा मुँह खोला। “कृपया मुझे माफ कर दो, हे जंगल के राजा”, छोटे चूहे को पुकारा। “मैं तुम्हारी दया को कभी नहीं भूलूंगा। मैं छोटा हो सकता हूं लेकिन कौन जानता है, किसी दिन मैं तुम्हारी किसी तरह की मदद कर सकता हूं। ” शेर ने हँसकर दया की और माउस को आज़ाद कर दिया। कुछ दिनों बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। वह दहाड़ता रहा लेकिन व्यर्थ। छोटा चूहा सुना और शेर की तरफ भागा। तुरंत ही चूहे ने अपने छोटे-छोटे दांतों से जाल काटना शुरू कर दिया। जल्द ही शेर मुक्त हो गया और उसने छोटे चूहे को धन्यवाद दिया। इसके बाद, वे दोस्त बन गए। Moral: जरूरत में एक दोस्त वास्तव में एक दोस्त है। किसी पर विश्वास मत करो (Hindi very short stories)एक बार एक व्यापारी, अपने ऊँट के साथ जंगल से गुजर रहा था। उसने ऊंट को जंगल में छोड़ दिया, चूंकि यह बीमार था और खुद ही अपनी यात्रा जारी रखी। इसने जंगल में जो कुछ भी उपलब्ध था, खा लिया। जल्द ही ठीक हो गया, और खुश था। शेर, लोमड़ी और कौआ, उसी जंगल में एकता में रह रहे थे। उन्हें ऊंट के बारे में पता चला और उन्होंने उससे पूछताछ की। ऊंट ने घटना बताई, और चारों अच्छे दोस्त बन गए। एक दिन, जब शेर ने एक हाथी का शिकार किया, यह बहुत बुरी तरह से आहत हो गया। इसलिए, वह अपनी मांद के अंदर ही रहा और बाहर नहीं आ सका। इसलिए, शेर शिकार करने बाहर नहीं जा सकता था। दूसरे जानवर शिकार नहीं कर सकते थे, और वे सभी भूखे रह गए। शेर ने लोमड़ी, कौआ और ऊंट को बुलाया। “Mr.Fox, मुझे बहुत भूख लगी है,” “इस दिशा में जाओ और मुझे कुछ खाने को दो”। “Mr.Crow, आप दूसरी दिशा में जाएं” “मि। मिसेल, आप विपरीत दिशा में जाते हैं, और कुछ मिलता है। ” आप तीनों, भोजन करके लौट आएं। ठीक है, अब आप जा सकते हैं। तीनों अलग-अलग दिशाओं में गए, कुछ खाने को नहीं मिला। वे फिर से एक साथ मिले, और एक निर्णय लिया। तदनुसार, वे शेर के सामने खड़े हो गए। राजा शेर, मैंने हर जगह खोजा, लेकिन खाना नहीं मिला, अपनी भूख को पूरा करने के लिए। इसलिए, मैं खुद को भोजन के रूप में पेश करता हूं और आप मुझे खा सकते हैं। नहीं मेरे भगवान, कौवा बहुत छोटा है … मैं तुम्हारी भूख को तृप्त कर सकूंगा, तुम मुझे मारकर खा सकते हो। नहीं, आपका सम्मान, और तीनों में से अंतिम और मैं केवल एक ही हूं, जो न केवल आपकी भूख को संतुष्ट कर सकता है। लेकिन दूसरों की भूख भी … इसलिए, तुम मुझे मार डालो और खा जाओ … हालांकि हर एक ने अपने अपने विचार दिए, जैसे ही कैमल ने अपना आइडिया दिया। शेर और लोमड़ी तुरंत उस पर चढ़ गए … नैतिक, जो चालाक हैं, वे हमेशा पूरा करेंगे, उनके दुष्ट विचार हालांकि आपके अनुकूल हो सकते हैं। Moral:- यदि आप दूसरों पर आसानी से भरोसा करते हैं, आपको स्वाभाविक रूप से, अप्रत्याशित कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। लोमड़ी और कौआ (Hindi short kahani)एक दिन एक भूखा लोमड़ी भोजन खोज रही थी। उसने खोजा और सब जगह खोजा, लेकिन उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिला! फिर उसने एक कौवा देखा, जो उसकी चोंच में पनीर का एक महीन टुकड़ा लेकर उड़ रहा था! “वह चीज मेरे लिए है” लोमड़ी ने कहा और वह कौवा का पीछा करने लगी। कौआ एक शाखा पर बैठ गया, और पनीर खाने वाला था, जब लोमड़ी नीचे से चिल्लायी। “शुभ दिन मालकिन क्रो” कौआ हैरान था, और लोमड़ी को देखा। चालाक लोमड़ी ने कौवे से कहा “आज आप कितने अच्छे दिख रहे हैं!” “आपके पंख कितने अच्छे हैं” “आपकी आंख कितनी चमकीली है!” “क्या उत्तम सौंदर्य” लोमड़ी को माफ कर दिया! तब लोमड़ी ने कहा, “कृपया मुझे अपनी आवाज सुनने दो, जो मुझे यकीन है कि सभी दूसरों को पार कर लेंगे ” “फिर मैं आपको पक्षियों की रानी घोषित करूंगा” कौवा वास्तव में तारीफ से खुश था, और मूर्ख कौवा यह भी सोचा कि उसकी आवाज सुंदर थी! कौआ ने सिर उठा लिया, और उसे अपना सर्वश्रेष्ठ देना शुरू कर दिया! लेकिन जिस पल उसने अपना मुँह खोला, पनीर नीचे गिर गया, और यह लोमड़ी द्वारा तड़क गया था! तब लोमड़ी ने कहा, “तुम मूर्ख हो कौवा, आपको कभी भी चापलूसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए! हा हा .. हा हा ।। कौवे को अपनी गलती का एहसास हुआ, और लोमड़ी फिर चली! मैजिक पॉट (A short moral story in hindi)एक बार की बात है एक गाँव में एक किसान रहता था वह रोजाना अपने खेत में जाता था और खेती करता था एक दिन वह खेत की खुदाई कर रहा था उसे तैयार करने के लिए बीज बोने के लिए क्युकि मानसून आने वाला था अचानक से एक बड़ा बर्तन उसे मिला खेत में उसने बर्तन निकाल लिया और वह आश्चर्यचकित हो गया वह बर्तन क्या है के लिए उपयोगी होगा तो उसने बस उस बर्तन को एक तरफ रख दिया और अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू किया. लंच के समय आया वह बस रखा उस बर्तन में उसकी कुदाल जब वह भोजन कर रहा था जब किसान ने अपना लंच खत्म किया उसने अपने आश्चर्य को देखा उसकी कुदाल गुणा किया गया था उस बर्तन में 100 हुकुम हैं, वह वाकई हैरान था वह सोचने लगा ओह! मैं 100 हुकुम नहीं लाया मैं सिर्फ 1 कुदाल लेकर आया कैसे 1 कुदाल 100 हुकुम बन जाती है उसे समझ नहीं आ रहा था तो उसने सोचा यह बर्तन के साथ कुछ करना चाहिए इसलिए, उसने उन 100 हुकुमों को ले लिया तथा पास से एक पत्थर उठा लिया और उस बर्तन में पत्थर रख दो और जब वह बर्तन के अंदर देखा उस एकल पत्थर के बजाय बर्तन में 100 पत्थर थे तभी उसे एहसास हुआ बर्तन जादुई था, तो वह बर्तन ले आया घर वापस आया और उसे सील में रखा उस दिन से उसने बर्तन का उपयोग किया उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसलिए जब भी उसे कोई कपड़ा चाहिए होता वह कपड़े का एक टुकड़ा डाल देता और वह उसके लिए पर्याप्त कपड़ा लेगा उसके कपड़े बनाने के लिए जब भी उसे भूख लगती थी वह उस बर्तन में एक फल डालता और उसे बर्तन से 100 फल वापस मिलेंगे इस तरह धीरे-धीरे वह अमीर बनने लगा, लेकिन वह किसान बहुत ईमानदार था उसने कभी गमले का जादू नहीं चलाया उसके लालच को संतुष्ट करने के लिए वह लालची किसान नहीं था! हालांकि, उनके पड़ोसी ने गौर किया यह किसान रोज अमीर और अमीर हो रहा है इसलिए उसने अपनी समृद्धि का रहस्य जानने की कोशिश की इसलिए एक दिन उसका पड़ोसी उसकी खिड़की के बाहर खड़ा था इस किसान के घर में झाँक कर देखा यह पता लगाने के लिए कि यह किसान क्या कर रहा है उस समय, किसान दूध का एक छोटा चम्मच रखता था बर्तन के अंदर और उसने बर्तन से एक लीटर दूध निकाला हममम! अब मुझे समझ आई पड़ोसी ने कहा उन्होंने कहा कि जादुई पॉट उन्हें सारी समृद्धि दे रहा है तो, यह दुष्ट पड़ोसी ईर्ष्यालु पड़ोसी इस किसान से इस बर्तन को चुराने का फैसला किया उस रात स्व उसने वह बर्तन चुरा लिया किसानों के घर से और उसे वापस अपने घर ले गया वह बर्तन के जादू का पता लगाने के लिए बहुत उत्सुक था लेकिन इससे पहले वह यह पता लगाना चाहता था कि बर्तन के अंदर कुछ है या नहीं तो उसने बर्तन में हाथ डाला लेकिन जाहिर है कि बर्तन में कुछ भी नहीं था, लेकिन उसके आश्चर्य को जब उसने अपना हाथ बाहर निकाला उन्होंने महसूस किया कि अब उनके शरीर में 100 हाथ हैं और अब वह वास्तव में डर गया था क्योंकि वह नहीं जानता था कि उन 100 चीजों को फिर से 1 में कैसे लाया जाए इसलिए अगले दिन वह अपने घर से बाहर आ गई लोग वास्तव में डर गए थे और उन्होंने सोचा कि वह किसी प्रकार का दानव है एक तरफ 100 हाथ के साथ और एक हाथ दूसरे पर तो दूसरे ग्रामीण ने उसे पत्थर मारना शुरू कर दिया और उन्होंने उसे भगा दिया जब इस किसान ने यह सब होते देखा पड़ोसी ने उससे बर्तन चुरा लिए होंगे और उसमें हाथ डाला होगा. कहानी का नैतिक है किसी से ईर्ष्या न करें और कभी किसी से चीजें नहीं चुराते अनहेल्दी फ्रेंड्स (Hindi stories easy)बनी खरगोश जंगल में रहता था। उसके कई दोस्त थे। उसे अपने दोस्तों पर गर्व था। एक दिन बनी खरगोश ने जंगली कुत्तों के जोर से भौंकने की आवाज़ सुनी। वह बहुत डरा हुआ था। उसने मदद मांगने का फैसला किया। वह जल्दी से अपने मित्र हिरण के पास गया। उन्होंने कहा, “प्रिय मित्र, कुछ जंगली कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं। क्या आप उन्हें अपने तीखे एंटीलर्स से दूर कर सकते हैं? ” हिरन ने कहा, “यह सही है, मैं कर सकता हूँ।” लेकिन अब मैं व्यस्त हूं। आपने मदद क्यों मांगी? ” बनी खरगोश भालू के पास दौड़ा। “मेरे प्यारे दोस्त, आप बहुत मजबूत हैं। क्रिप्या मेरि सहायता करे। कुछ जंगली कुत्ते मेरे पीछे हैं। कृपया उनका पीछा करें, ”उन्होंने भालू से अनुरोध किया। भालू ने उत्तर दिया, “मुझे क्षमा करें। मैं भूखा और थका हुआ हूँ। मुझे कुछ खाने को खोजने की जरूरत है। कृपया मदद के लिए बंदर से पूछें। ” बेचारी बनी बंदर के पास गई, हाथी, बकरी और उसके अन्य सभी दोस्त। बनी को दुःख हुआ कि कोई भी उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं था। वह समझ गया कि उसे खुद से बाहर निकलने का रास्ता सोचना होगा। वह एक झाड़ी के नीचे छिप गया। वह बहुत स्थिर था। जंगली कुत्तों को बन्नी नहीं मिली। वे अन्य जानवरों का पीछा करते हुए चले गए। बनी खरगोश ने सीखा कि उसे खुद से जीवित रहना सीखना था, उसके अनछुए दोस्तों पर निर्भर नहीं। Moral of the Story:-दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद पर भरोसा करना बेहतर है। द ओल्ड लायन और द फॉक्स (Child short story in hindi)एक बार एक जंगल में, वहाँ एक शेर रहता था जो बहुत बूढ़ा हो गया था। शेर के दांत और पंजे बुढ़ापे के साथ खराब हो गए थे, और वह अब भोजन के लिए शिकार नहीं कर सकता था! एक दिन उन्हें एक विचार आया, और गाँव में सभी को संदेश भेजा। उन्होंने बीमार होने का नाटक किया, और सभी को अपने पास आने और बुलाने के लिए बुलाया। अगले दिन, शेर अपनी सहानुभूति प्रदान करने के लिए शेर की गुफा में आया। लेकिन जैसे ही बकरी अंदर आई, शेर ने उसे पकड़ लिया और खा लिया। अगले दिन एक हिरण गुफा में आया। लेकिन जैसे ही वह अंदर आया, शेर ने उसे पा लिया और उसे भी खा गया! एक एक करके, शेर उन जानवरों को खा गया जो उससे मिलने आए थे। एक दिन, चतुर लोमड़ी गुफा के बाहर आई। लोमड़ी बहुत सतर्क थी, और गुफा से सुरक्षित दूरी पर खड़ा था। तब उन्होंने शेरों के स्वास्थ्य के बारे में विनम्रता से पूछताछ की। शेर ने जवाब दिया कि वह वास्तव में बहुत अच्छा था, और लोमड़ी को एक क्षण के लिए कदम बढ़ाने को कहा। फॉक्स बुद्धिमानी से बाहर रहे निमंत्रण के लिए शेर को बहुत धन्यवाद। उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा करने में खुशी होनी चाहिए जैसा आप पूछते हैं।” “लेकिन मैंने देखा है कि बहुत सारे हैं आपकी गुफा तक जाने वाले पैरों के निशान, लेकिन किसी के बाहर आने के कोई निशान नहीं हैं ” “कृपया मुझे बताओ, आपके आगंतुक कैसे अपना रास्ता निकालते हैं? ” शेर ने महसूस किया कि वह लोमड़ी को बेवकूफ नहीं बना सकता है, जो बहुत बुद्धिमान था। लोमड़ी फिर वापस चली गई और सबको बताया कि शेर क्या कर रहा है। वह बच गया था केवल इसलिए कि उसने दूसरों की गलतियों से सीखा। Moral:- हमें सिर्फ खुद के गलतियों से ही नहीं बल्कि दुसरो के गलतियों से भी सीखनी चाइये। प्यासा कौआ (Short Story in Hindi)एक कौआ एक दिन वह बहुत प्यासा हो गया वह इधर उधर पानी की तलाश में उड़ रहा था लेकिन उसे कहीं भी पीने के लिए पानी नहीं मिला उसे बहुत दुख हुआ और वो एक लंबे पेड़ की शाखा पर बैठ गया, अचानक से कौआ देखा एक घड़ा बगीचे में कुछ दूरी पर है वह सोचने लगा वहां कुछ पानी लगता है मुझे घड़े के पास जाके देखना चाहिए और देखना चाहिए क्या मुझे कुछ पानी मिल सकता है? तो वह उड़ गया और चला गया और घड़े के रिम पर बैठ गया उसने देखा उस घड़े के तल में थोड़ा पानी था वह सोचने लगा मैं इस पानी को कैसे पी सकता हूं लेकिन मैं घड़े के नीचे तक नहीं पहुँच सकता की तुरंत उसे एहसास हुआ, कि उसे कुछ करना है ताकि जल स्तर ऊपर आए ताकि वह पानी पी सकता है उसने एक पल के लिए अपने आपसे सोचा और वहा से विचार आया उसने चारों ओर देखा और देखा कि कुछ छोटे पत्थर थे आसपास लेटा हुए है पूरे बगीचे में वह गया और एक बार में एक पत्थर उठाया तथा घड़े में डाल दिया उन्होंने महसूस किया 5-6 ऐसे पत्थर लगाने के बाद जल स्तर बढ़ी है तो उसे महसूस हुआ अगर वह कुछ और पत्थर डालता है तो जल स्तर फिर से बढ़ेगा इसलिए वह छोटे पत्थरों को इकट्ठा करता चला गया और घड़े में डाल दिया कुछ समय बाद कई पत्थरों को घड़े में गिराए जाने के बाद पानी एक स्तर पर आ गया ताकि कौवा प्यास बुझा सकता था उसकी प्यास उस पानी को पीने से जब कौवा वह पानी पिया वह पूरी तरह से खुस हुआ और दूर उड़ गया. Short Stories In Hindi Videoकहानी का नैतिक :-आवश्यकता सभी आविष्कारों की जननी है Thank you for reading Kids Moral Short Stories In Hindi which really helps you to learn many things about life which are important nowadays these Moral Short Stories In Hindi are very helping full for children who are under 13. If you want more stories then you click on the above links which are also very interesting. सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर का नाम क्या है?बता दें कि लोग चीते को सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर के रूप में जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि चीता विश्व का सबसे चेज दौड़ने वाला जानवर कैसे बना?
इंसानों में सबसे तेज कौन भागता है?विश्व का सबसे तेज धावक कौन है? वर्तमान में जवाब जमैका के धावक उसेन बोल्ट हैं, वह 9.58 सेकंड के विश्व रिकॉर्ड समय के साथ इतिहास में सबसे तेज आदमी भी हैं। सबसे तेज़ महिला है फ्लोरेंस ग्रिफ़िथ-जोनर 10.49 के विश्व रिकॉर्ड समय के साथ।
शेर से तेज कौन दौड़ता है?चीता (Cheetah)
चीता दुनिया का सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला जानवर है। चीता आमतौर पर 112 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ता, हालांकि इसकी दौड़ने की अधिकतम रफ्तार 120 किमी प्रतिघंटे हो सकती है। लेकिन चीता ज्यादा दूरी तक नहीं दौड़ सकता है।
दुनिया में सबसे तेज आवाज किसकी है?लेकिन तुम्हें पता है, दुनिया में सबसे तेज चिल्लाने का रिकॉर्ड ब्रिटेन की क्लासरूम असिस्टेंट जिल ड्रेक के नाम है। अक्टूबर 2000 में लंदन के मिलेनियम डोम में आयोजित हेलोवीन फेस्टिवल में जिल के चिल्लाने पर जब उनकी आवाज की तीव्रता को नापा गया, तो वह 129 डेसिबल निकली। यह अब तक की सबसे तेज इंसानी आवाज है।
|