विषयसूची अधिकतम सामाजिक कल्याण से आप क्या समझते हैं पूर्ण प्रतियोगिता में अधिकतम सामाजिक कल्याण को समझाइए?इसे सुनेंरोकेंपरेटो ने सामाजिक कल्याण को अधिकतम करने का एक जांच सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसे कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है। उपयोगिता एक क्रम वाचक तत्व है तथा प्रत्येक व्यक्ति के लिए कर्मवाचक उपयोगिता फलन दिया हुआ होता है। उत्पादक या फॉर्म का उत्पादन फलन एक निश्चित अवधि के अंतर्गत दिया हुआ है। पीकू ने कल्याण को कितने भागों में बांटा है?इसे सुनेंरोकेंवास्तव में, यह मानदंड किसी भी परिवर्तन के प्रभावों को दो भागों में विभाजित करता है: (1) दक्षता लाभ / हानि; (2) आय वितरण के परिणाम। प्रो पीगू द्वारा प्रतिपादित कल्याणवादी अर्थशास्त्र से आप क्या समझते है?इसे सुनेंरोकेंप्रो. पिगु ने कल्याण शब्द को लोकप्रिय बनाया और इसका एक ठोस अर्थ दिया। कल्याण अर्थशास्त्र सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए वस्तुओं और संसाधनों के आवंटन को संदर्भित करता है। यह लोगों की भलाई के लिए संसाधनों के आर्थिक रूप से कुशल वितरण से संबंधित है। कल्याणकारी अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं? इसे सुनेंरोकेंअमर्त्य सेन अर्थशास्त्र के लिये 1998 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई हैं। पैरेटो अनुकूलतम क्या है? इसे सुनेंरोकेंपरैटो की सामान्य (अथवा सामाजिक) अनुकूलतम वह स्थिति है जिसके अन्तर्गत साधनों (inputs) अथवा उत्पादन (outputs) पुनराबंटन (re-allocation) द्वारा बिना कम से कम एक व्यक्ति को हीनतर (worse off) किए हुए किसी अन्य व्यक्ति को श्रेष्ठतर (better off) करना सम्भव नहीं होता है। पीगू के कल्याणकारी अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंपीगू के कथनानुसार, “अर्थशास्त्र में आर्थिक कल्याण, सामाजिक कल्याण के उस भाग से है जिसे प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः मुद्रा के मापदण्ड से सम्बन्धित किया जा सकता है।” उन्होने इस बात पर बल दिया कि अर्थशास्त्र में आर्थिक हित का अध्ययन किया जाता है । * आधुनिक अर्थशास्त्र को कितने भागों में बांटा गया है?* 1⃣ सकारात्मक 2⃣ आदर्शक 3⃣ उपरोक्त दोनों 4⃣ इनमें से कोई नहीं?इसे सुनेंरोकेंअर्थशास्त्र की विषय सामग्री के सम्बन्ध में आर्थिक क्रियाओं का वर्णन भी जरूरी है। पूर्व में उत्पादन, उपभोग, विनिमय तथा वितरण – अर्थशास्त्र के ये चार प्रधान अंग (या, आर्थिक क्रियायें) माने जाते थे। आधुनिक अर्थशास्त्र में इन क्रियाओं को पांच भागों में बांटा जा सकता है। कल्याणवादी क्या है?इसे सुनेंरोकेंअर्थशास्त्र के क्षेत्र को सीमित करना – प्रो. रॉबिन्स के अनुसार, अर्थशास्त्र की कल्याणवादी परिभाषा अत्यंत संकुचित है क्योंकि इसमें केवल भौतिक वस्तुओं का ही समावेश है और अभौतिक वस्तुओं की उपेक्षा कर दी गई है। अतः यह परिभाषा बहुत ही असन्तोषजनक है। आधुनिक अर्थशास्त्र कितने भागों में बांटा गया?वर्तमान में अर्थशास्त्र का अध्ययन दो भागों में किया जाता है - व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र। व्यष्टि का अर्थ है-छोटा, सूक्ष्म ।
आधुनिक अर्थशास्त्र के दो भाग कौन से हैं?इकाई 1: अर्थशास्त्र की परिभाषा, अर्थशास्त्र का क्षेत्र एवं प्रकृति, सकारात्मक एवं (मानक) आदर्शात्मक अर्थशास्त्र, आर्थिक विश्लेषण की पद्यतियां आगमन एवं निगमन विधि, व्यष्टि अर्थशास्त्र की आधारभूत अवधारणाएं, उपयोगिता, मांग, पूर्ति, सार्वजनिक वस्तुये, निजी वस्तुये एवं उत्कृष्ट वस्तुये, मूल्य एवं कीमत, बाजार प्रशासित मूल्य ...
अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है?अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'।
मानव की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन करने वाले विज्ञान का नाम क्या है?इन आर्थिक गतिविधियों के अध्ययन का शास्त्र अर्थशास्त्र कहलाता है । अर्थशास्त्र को कला एवं विज्ञान दोनों की संज्ञा दी जाती है, क्योंकि इनमें जिन गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है उन्हें मनुष्य समाज में रहते हुए विशेष तरीके से करता है । इनका अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से करने के कारण इसे विज्ञान माना जाता है।
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