अरस्तु के अनुसार शासन का सबसे खराब रूप है।

विषयसूची

  • 1 अरस्तु के अनुसार शासन का सबसे खराब रूप क्या है?
  • 2 संपत्ति के संबंध में अरस्तु के विचार क्या है?
  • 3 अरस्तु के अनुसार राज्य के वर्गीकरण का आधार क्या है?
  • 4 अरस्तु के अनुसार राज्य का उद्देश्य क्या है?

अरस्तु के अनुसार शासन का सबसे खराब रूप क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउपर्युक्त वर्गीकरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि एक व्यक्ति का शासन अपने शुद्ध रूप में राजतंत्र और भ्रष्ट रूप में आततायी तंत्र हो जाता है। बहुसंख्यक व्यक्तियों का शासन अपने शुद्ध रूप में प्रजातंत्र और भ्रष्ट रूप में भीड़तंत्र हो जाता है।

संपत्ति के संबंध में अरस्तु के विचार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअरस्तू की धारणा है कि व्यक्तिगत सम्पत्ति से आर्थिक तथा नैतिक लाभ प्राप्त होते हैं तथा सामूहिक प्रयोग से एकरूपता आती है; अतः अरस्तू जब सम्पत्ति के व्यक्तिगत स्वामित्व का समर्थन करते हैं तो वे व्यक्तिवाद का समर्थन करते हैं और जब वे उसके सामहिक प्रयोग का समर्थन करते हैं तो वे समाजवादी हो जाते हैं।

अरस्तु को राजनीति विज्ञान का जनक क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंराज्य, विषय, चिंतन तथा राजनीतिक विज्ञान को स्वतंत्र विज्ञान का पद प्रदान करने का श्रेय अरस्तु को ही जाता है । अरस्तु ने यूनान की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, राजनीति संबंधी कई विचार दिए । इसी कारण मैक्सी अरस्तु को प्रथम राजनीतिक वैज्ञानिक (Political Scientist) की संज्ञा देते हैं ।

अरस्तु के अनुसार राज्य के वर्गीकरण का आधार क्या है?

इसे सुनेंरोकें(1) कुछ राजनीतिक विचारकों के अनुसार अरस्तु के राज्य के वर्गीकरण में कोई मौलिक बात नहीं है। उसका वर्गीकरण प्लेटो की नकल मात्र है। (2) अरस्तू ने जिसे संविधानों के वर्गीकरण का नाम दिया है, वास्तव में वह संविधानों का वर्गीकरण नहीं है। वह तो सरकारों का वर्गीकरण है।

अरस्तु के अनुसार राज्य का उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअरस्तु के अनुसार राज्य का जन्म मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हुआ है। आदर्श राज्य का उद्देश्य – अरस्तु के अनुसार आदर्श राज्य का उद्देश्य उत्तम जीवन की उपलब्धि है, तथा ऐसे जीवन की प्राप्ति के लिए आवश्यक भौतिक और आत्मिक(नैतिक एवं अध्यात्मिक) साधनों की व्यवस्था करना है।

प्लेटो का कौन सा दर्शन था?

इसे सुनेंरोकेंप्लेटो ने दार्शनिक राजा का सिद्धान्त इसी पद्धति पर आधारित किया है। प्लेटो केअनुसार, “सद्गुण ही ज्ञान है”। दार्शनिक ज्ञानी होते हैं, इसलिए वे सद्गुणी भी होते हैं और उन्हें ही शासक बनना चाहिए। इसी पद्धति का प्रयोग करके प्लेटो ने वर्ग-सिद्धान्त, शिक्षा-सिद्धान्त और दार्शनिक शासक का सिद्धान्त प्रतिपादित किया है।

अरस्तू के अनुसार सर्वश्रेष्ठ शासन प्रणाली कौन सी है?

अरस्तू का आदर्श राज्य- वह 'पालिटी' को सर्वोत्तम एवं सर्वश्रेष्ठ शासन मानता है।

अरस्तु के अनुसार राज्य का अस्तित्व क्या है?

नैतिक स्वरूप – अरस्तु द्वारा प्रतिपादित आदर्श राज्य का स्वरूप भौतिक होने के साथ-साथ नैतिक भी है अर्थात् अरस्तु के अनुसार राज्य द्वारा व्यक्ति के भौतिक उत्थान का लक्ष्य उसका नैतिक दृष्टि से उत्थान करना है, उसे सद्गुणी चरित्र का बनाना है। अरस्तु के अनुसार उत्तम जीवन नैतिक जीवन के अतिरिक्त दूसरा नहीं हो सकता।

अरस्तु के अनुसार सरकार का शुद्ध रूप क्या है?

अरस्तू संवैधानिक सरकार को मानता है, जिसमें जनता को नागरिकता दी जाती है और सभी के हित को ध्यान में रखते हुए शासन किया जाता है, जो सरकार के सर्वोत्तम रूपों में से एक है। यह अमीरों और गरीबों दोनों की माँगों के बीच समझौता करते हुए, कुलीनतंत्र और लोकतंत्र के तत्वों को जोड़ती है।

अरस्तु का सिद्धांत क्या है?

विरेचन सिद्धांत (Catharsis / कैथार्सिस ) द्वारा अरस्तु ने प्रतिपादित किया कि कला और साहित्य के द्वारा हमारे दूषित मनोविकारों का उचित रूप से विरेचन हो जाता है। सफल त्रासदी विरेचन द्वारा करुणा और त्रास के भावों को उद्बुद करती है, उनका सामंजन करती है और इस प्रकार आनंद की भूमिका प्रस्तुत करती है।