खतोली की लड़ाई 1517 में इब्राहिम लोदी के लोदी साम्राज्य और मेवाड़ राज्य के महाराणा राणा सांगा के बीच लड़ी गई थी। जिस दौरान मेवाड़ विजयी हुआ। Show लड़ाई[संपादित करें]1518 में सिकंदर लोदी की मृत्यु पर, उनके पुत्र इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत में लोदी वंश के नए सुल्तान बने। जब राणा साँगा के अतिक्रमण की खबरें उनके पास पहुँचीं, वो अपने रईसों के विद्रोह को रोकने में लगे हुए थे। उन्होंने एक सेना तैयार की और मेवाड़ के खिलाफ मार्च किया। राणा सांगा ने भी राजपूत योद्धाओं की एक बड़ी सेना तैयार की थी और उनसे मिलने के लिए आगे बढ़े। दोनों सेनाएँ हरवती की सीमाओं पर खतोली गाँव (वर्तमान लखेरी राजस्थान में) के पास मिले। इब्राहिम लोदी की सेना राजपूतों के हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकी और पांच घंटे तक चली लड़ाई के बाद, सुल्तान और उनकी सेना लड़ाई के मैदान से भाग गई, और लोदी राजकुमार राणा सांगा के कैद में फस गया। कुछ दिनों के बाद फिरौती के भुगतान पर राजकुमार को रिहा कर दिया गया। राणा साँगा ने तलवार से काटकर एक हाथ खो दिया, और एक तीर भी उसके पैर में जा लगा, जिस से जीवन भर के लिए लंगड़े हो गए।[2] परिणाम[संपादित करें]सांगा के साथ इस युद्ध से इब्राहिम के संसाधन समाप्त हो गए थे इसलिए वह कुछ समय के लिए प्रतियोगिता का नवीनीकरण नहीं कर सका। हालांकि, उन्होंने खतोली में राणा साँगा द्वारा की गई विनाशकारी हार के लिए महाराणा सांगा पर प्रतिशोध की मांग की। जब इस्लाम खान का विद्रोह, जिसने गंभीर अनुपात मान लिया था, को दबा दिया गया, तो सुल्तान इब्राहिम लोदी ने मेवाड़ पर हमला करने के लिए एक और बड़ी सेना तैयार की। लेकिन एक बार फिर राजपूतों और राणा साँगा की सेनाओं ने धौलपुर के युद्ध में लोदी को पराजित किया।[3] यह भी देखें[संपादित करें]
संदर्भ[संपादित करें]
खतौली Ka Yudhh Kab HuaPradeep Chawla on 12-05-2019 1.खातोली का युद्ध (बूंदी) 1518 युद्धो में इब्राहिम लोदी की पराजय हुई। 1518 से 1526 ई. तक के मध्य राणा सांगाा अपने चरमोत्कर्ष पर था। 1519 में राणा सांगा ने गागरोन के युद्ध में मालवा के षासक महमूद खिल्ली द्वितीय को पराजित किया। सम्बन्धित प्रश्नComments Vashu on 18-01-2022 Khatoli kota ya bhundi Ajay Singh on 24-09-2021 Bharatpur ka sthan jha babar or rana sanga ke beech yudhdh hua Lun Singh Chauhan booth on 26-02-2021 विजय स्तंभ की स्थापना किसने की तथा कब की Bheemraj meena on 05-01-2021 Khatoli ka yuda 1517 me kota Manoj meena on 11-03-2020 खतौली का युद्ध 15 सत्र में राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ इसमें राणा सांगा की विजय हुई और बाड़ी धौलपुर का युद्ध 1518 में राणा सांगा और मोदी के बीच हुआ उसमें भी राणा सांगा की विजय हुई Manoj meena on 11-03-2020 खतौली का युद्ध 1517 में राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ इसमें राणा सांगा की विजय हुई और बाड़ी धौलपुर का युद्ध 1518 में राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ उसमें भी राणा सांगा की विजय हुई Vishnu baghel on 18-01-2020 1509 में किस किस के मध्य युद्ध हुआ Kuldeep on 13-01-2020 Khtoli ka yudh knu hua Anil Bishnoi on 04-12-2019 Yuddh ke dauran maharana Pratap ko kin dhanady logon se arthik sahayata Mili thi Irfan ansari on 31-10-2019 Khatoli ka yuddh 1517 ko nahi hua tha 1518 ad Ramkesh meena on 15-10-2019 Khatoli ka yodh kab hua मुरारी लाल राजपूत जारौली, सैंपऊ धौलपुर on 25-09-2019 खातौली का युद्ध 1517 में राणा सांगा व इब्राहिम लोदी के मध्य हुआ | R k on 03-09-2019 Khatole ka yud kes kes bich me hua Manish Chopra on 01-09-2019 1517 me huwa ta Manish on 22-08-2019 Manish Kanuu thakriya on 24-06-2019 Laksya ki book m to 1517 de rakha h plz koi mera margdarsan kre Preeti on 08-04-2019 Khatoli ka yudh kab huaa Pukha ram on 18-01-2019 1517 me konsa ud huaa Gopal sakriya on 11-01-2019 खातोली का युद्ध कब हुआ और किस किसके बीच लड़ा गया priyanka nokhwal on 13-11-2018 khatoli ka yudh khatoli ka yudhhkinke beech huwa tha on 21-10-2018 khatoli ka yudhh kinke beech huwa tha. खतौली का युद्ध कौन जीता था?खतोली की लड़ाई 1517 में इब्राहिम लोदी के लोदी साम्राज्य और मेवाड़ राज्य के महाराणा राणा सांगा के बीच लड़ी गई थी। जिस दौरान मेवाड़ विजयी हुआ।
ईडर का युद्ध कब हुआ?
खतौली का युद्ध कहाँ हुआ?मेवाड़ के महाराणा सांगा एवं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की महत्त्वाकांक्षाओं के फलस्वरूप दोनों के मध्य 1517 ई. में 'खातोली' (पीपल्दा तहसील, कोटा) में युद्ध हुआ। महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
महाराणा सांगा ने कितने युद्ध जीते?मालवा, गुजरात और लोधी सल्तनत की संयुक्त सेनाओं को हराने के बाद मुसलमानों पर अपनी जीत के बाद, वह उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली राजा बन गए। कहा जाता है कि सांगा ने 100 लड़ाइयां लड़ी थीं और विभिन्न संघर्षों में उनकी आँख तथा हाथ और पैर खो गए थे।
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