15 वित्त आयोग की रिपोर्ट Bihar - 15 vitt aayog kee riport bihar

कोरोना के बाद बदले हालात को देखते हुए विभाग ने जिलों से लेकर प्रखंड स्तर तक रोगों की निगरानी की कार्ययोजना तैयार की है। रोगों की निगरानी सहजता से हो इसके लिए प्रखंड स्तर पर अलग से स्वास्थ्य संरचना विकसित की जानी है।

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में रोगों की पहचान व निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग 15वें वित्त आयोग से मिली राशि का उपयोग करेगी। क्षेत्र में कोई नया रोग तो नहीं फैल रहा या इसकी कोई आशंका तो नहीं, इसके लिए प्रखंड स्तर पर प्रयोगशालाएं भी बनाई जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग इस आशय का एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। 15वें वित्त आयोग की ओर से अगले पांच वर्ष के लिए जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य प्रणाली और आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए बिहार को 6,017 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह शत प्रतिशत केंद्र का अनुदान होगा। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 तक के लिए यह राशि मुहैया कराई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वित्त आयोग के अनुदान का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा। जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवन नहीं है या पुराने भवन जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं वैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों को अपने भवन मुहैया कराए जाएंगे। इसके लिए 323.29 करोड़ रुपये की व्यवस्था है।

  • - 2021-22 से 2025-26 तक बिहार के लिए स्वीकृत हैं छह हजार करोड़ रुपये 
  • - ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों को नए भवन देने की कवायद भी 

इसके साथ ही बड़ा कार्य रोगों की निगरानी से संबंधित है। कोरोना के बाद बदले हालात को देखते हुए विभाग ने जिलों से लेकर प्रखंड स्तर तक रोगों की निगरानी की कार्ययोजना तैयार की है। रोगों की निगरानी सहजता से हो, इसके लिए प्रखंड स्तर पर अलग से स्वास्थ्य संरचना विकसित की जानी है। जानकारी के अनुसार, प्रखंडों में जांच प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी, जहां डाक्टर और जांच पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएंगे। इनका मूल काम रोगों पर नजर रखना होगा। यदि किसी प्रकार की बीमारी या महामारी की जानकारी इन्हें मिलती है तो इनका काम उसके कारणों का पता करना और निदान के लिए आवश्यक कदम उठाना होगा। विभाग के अनुसार प्रखंड स्तर पर प्रयोगशाला निर्माण के लिए फिलहाल करीब 50 करोड़ रुपये का उपबंध किया गया है। 

Edited By: Akshay Pandey

  • 05 Jul 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर केंद्र ने बिहार के लिये 60 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस फंड का इस्तेमाल ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद् में तय फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य निचले स्तर तक विकास को ले जाना है।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर भारत सरकार से टाइट अनुदान मद के तहत पहली किश्त के रूप में 60 करोड़ रुपए का फंड बिहार को मिला है। यह फंड बिहार के 8067 ग्राम पंचायतें, 533 पंचायत समितियाँ और 38 जिला परिषदों को सुदृढ़ करने के लिये दिया गया है।
  • सम्राट चौधरी ने बताया कि स्वीकृत राशि की निकासी वित्तीय वर्ष 2022-23 में की जाएगी, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिले अनुदान का वितरण पंचायती राज संस्थाओं के बीच 70:15:15 के अनुपात में किया जाएगा। इस फॉर्मूले के आधार पर ग्राम पंचायतों को 82 करोड़ रुपए, पंचायत समितियों को 172.89 करोड़ रुपए और जिला परिषदों को 172.8 रुपए आवंटित किये जाएंगे।
  • विदित है कि 1 सप्ताह पहले भारत सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में अनटाइड मद में 768.40 करोड़ रुपए पंचायती राज संस्थाओं के बीच आनुपातिक रूप से वितरित किये गए हैं। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा टाइड में 1152.60 एवं अनटाइड मद में 768.40 करोड़ रुपए यानी की कुल मिलाकर बिहार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1921 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

बिहार के गांवों की बदलेगी सूरत, केंद्र ने बिहार को दिए ₹1152 करोड़; जानें पूरी प्‍लानिंग

बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय फंड मिलने की जानकारी दी. (न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

Bihar News: बिहार के गांवों को विकसित करने के लिए 15वें वित्‍त आयोग की अनुशंसा के आधार पर केंद्र ने प्रदेश के लिए ₹1152.60 करोड़ का फंड जारी किया है. इस फंड को ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद में वितरित किया जाएगा. इस फंड की मदद से गांवों का विकास किया जाएगा.

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  • News18 हिंदी
  • Last Updated : July 05, 2022, 08:40 IST

पटना. बिहार के गांवों में विकास की रफ्तार अब और तेज होगी. 15वें वित्‍त आयोग की सिफारिश पर केंद्र ने बिहार के लिए ₹1152.60 करोड़ का फंड जारी कर दिया है. इस फंड का इस्‍तेमाल ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद में तय फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा. इसका उद्देश्‍य निचले स्‍तर तक विकास को ले जाना है. बिहार के लिए यह राहत वाली खबर है. बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने इस बाबत जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास को अंतिम पायदान तक ले जाने के लिए सतत प्रयत्‍नशील हैं.

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर भारत सरकार से टाइट अनुदान मद के तहत पहली किश्‍त के रूप में 1152.60 करोड़ रुपये का फंड बिहार को मिला है. यह फंड बिहार के 8067 ग्राम पंचायतें, 533 पंचायत समितियां और 38 जिला परिषदों को सुदृढ़ करने के लिए दिया गया है. सम्राट चौधरी ने बताया कि स्वीकृत राशि की निकासी वित्तीय वर्ष 2022-23 में की जाएगी. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिले अनुदान का वितरण पंचायती राज संस्थाओं के बीच 70:15:15 के अनुपात में किया जाएगा. इस फॉर्मूले के आधार पर ग्राम पंचायतों को 806.82 करोड़, पंचायत समितियों को 172.89 करोड़ और जिला परिषदों को 172.8 रुपया आवंटित किया जाएगा.

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मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि 1 सप्ताह पहले भारत सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में अनटाइड मद में 768.40 करोड़ रुपये पंचायती राज संस्थाओं के बीच अनुपातिक रूप से वितरित किया गया है. इस प्रकार भारत सरकार द्वारा टाइड में 1152.60 एवं अनटाइड मद में 768.40 करोड़ यानी की कुल मिलाकर बिहार को वित्तीय वर्ष 2022-23 मेंकुल 1921 करोड़ रुपया प्राप्त हुआ है. इससे गांव का मुकम्मल विकास संभव है. सम्राट चौधरी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांव में निवास करने वाले अंतिम पायदान के व्यक्तियों तक विकास पहुंचाने में सतत प्रयत्नशील है. पीएम की सोच महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने का सार्थक प्रयास है. सम्राट चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से धरातल पर काम करने का आग्रह किया और गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले प्रतिनिधियों को नपने की भी नसीहत भी दी.

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Tags: Bihar News, Patna News Update

FIRST PUBLISHED : July 05, 2022, 08:40 IST

15 वे वित्त आयोग के सदस्य कौन कौन हैं?

Status of the availability of SFC Reports with MoPR.

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष कौन है?

संविधान के अनुच्छेद 280 में वित्त आयोग संस्था को स्थापित करने की व्यवस्था है।

15 वित्त आयोग स्थापना कब हुई?

योजना आयोग की समाप्ति के साथ ही योजनागत व गैर-योजनागत व्यय में भेद समाप्त किये जाने तथा वस्तु एवं सेवा कर को लागू किया जाना जिसने संघीय राजकोषीय संबंधों के मौलिक रूप को पुनः परिभाषित किया है की पृष्ठभूमि में 27 नवंबर 2017 को पंद्रहवे वित्त आयोग का गठन किया गया।

वर्तमान में कौन सा राज्य वित्त आयोग चल रहा है?

3. षष्ठम राज्य वित्त आयोग, राजस्थान द्वारा प्रस्तुत अन्तरिम रिपोर्ट (2020-21 एवं 2021-22 के लिए) के अन्तर्गत की गई सिफारिशों के सारांश के बिन्दु संख्या 30(XI) में की गई संस्तुति के अनुसार अंतरिम प्रतिवेदन में की गई सिफारिशें, आयोग के अंतिम प्रतिवेदन के प्रभावी होने तक प्रवृत्त रहेगी।

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