राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष - raashtreey baal adhikaar sanrakshan aayog adhyaksh

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग

स्थापनामुख्यालयक्षेत्रप्रमुख व्यक्ति
2007; 15 वर्ष पहले
५ वाँ तल , चंद्रलोक बिल्डिंग , ३६ जनपथ , नई दिल्ली - ११०००१, भारत
भारत
प्रियांक कानूनगो (अध्यक्ष)

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन.सी.पी.सी.आर) समस्त विधियाँ, नीतियां कार्यक्रम तथा प्रशासनिक तंत्र बाल अधिकारों के संदर्श के अनुरूप हों, जैसाकि भारत के संविधान तथा साथ ही संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन (कन्वेशन) में प्रतिपाादित किया गया है। बालक को 0 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में शामिल व्यक्ति के रूप में पारिभाषित किया गया है। आयोग की स्थापना संसद के एक अधिनियम (दिसम्बर 2005) बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के अंतर्गत मार्च 2007 में की गई थी।[1]

आयोग अधिकारों पर आधारित संदर्श की परिकल्पना करता है, राष्ट्रीय नीतियों और कार्यक्रमों में प्रवाहित होता है, जिसके साथ राज्य, जिला और खण्ड स्तरों पर पारिभाषित प्रतिक्रियाएं भी शामिल है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्टताओं के प्रकाश में प्रत्येक बालक तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से, इसमें समुदायों तथा कुटुम्बों तक गहरी पैठ बनाने का आशय रखा गया है तथा अपेक्षा की गई है कि क्षेत्र में हासिल किए गए सामूहिक अनुभव पर उच्चतर स्तर पर सभी प्राधिकारियों द्वारा विचार किया जाएगा। इस प्रकार, आयोग बाल तथा उनकी कुशलता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के लिए एक अपरिहार्य भूमिका, सुदृढ़ संस्था-निर्माण प्रक्रियाओं, स्थानीय निकायों और समुदाय स्तर पर विकेन्द्रीकरण के लिए सम्मान तथा इस दिशा में वृहद सामाजिक चिंता की परिकल्पना करता है।[1]

आयोग का गठन[संपादित करें]

केन्द्रीय सरकार अधिनियम के अंतर्गत निर्दिष्ट किए गए कृत्यों का निष्पादन करने के लिए एक निकाय का गठन करेगी जिसे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(एन. सी. पी. सी. आर.) के नाम से जाना जाएगा। आयोग निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगा:[2]

  • अध्यक्ष जिन्होंने बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए असाधारण कार्य किया है।
  • निम्नलिखित क्षेत्रों से 6 सदस्य (जिसमें से कम से कम दो महिलाएं होगी) जिनकी नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिष्ठित, सक्षम, ईमानदार और इन क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त तथा अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से की जाएगी-
  • शिक्षा;
  • बाल स्वास्थ्य, देखभाल, कल्याण और बाल विकास;
  • किशोर न्याय या उपेक्षित या वंचित बच्चों की देखभाल या निःशक्त बच्चे;
  • बालश्रम या बच्चों में तनाव का उन्मूलन;
  • बाल मनोविज्ञान या सामाजिक विज्ञान, और
  • बच्चों से संबंधित कानून।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. ↑ अ आ "हमारे बारे में - राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग". ncpcr.gov.in. मूल से 5 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-01-27.
  2. "राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन". मूल से 28 जनवरी 2019 को पुरालेखित.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन है?

संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के द्वारा अनुच्छेद 21 क जोड़ा जाकर बच्चों के शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में जोड़ा गया है, जिसके अंतर्गत राज्य, 6 से 14 वर्ष की आयु वाले सभी बालकों के लिये, निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने का, ऐसे रीति में, जो राज्य विधि द्वारा अवधारित करें, उपबंध करेगा।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन कब किया गया?

आयोग की स्थापना संसद के एक अधिनियम (दिसम्बर 2005) बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के अंतर्गत मार्च 2007 में की गई थी।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन क्यों किया गया?

National Commission for Protection of Child Rights – NCPCR आयोग का अधिदेश यह सुनिश्चित करना है कि समस्त विधियाँ, नीतियाँ कार्यक्रम तथा प्रशासनिक तंत्र बाल अधिकारों के संदर्श के अनुरूप हों, जैसा कि भारत के संविधान तथा साथ ही संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन (कन्वेशन) में प्रतिपादित किया गया है।

वर्तमान में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कौन है?

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता संगीता बेनीवाल को राजस्थान राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

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