छठे वेतन आयोग का गठन किसकी अध्यक्षता में किया गया था? - chhathe vetan aayog ka gathan kisakee adhyakshata mein kiya gaya tha?

क्र.सं. शीर्षक शीर्षक
1 पेंशन के प्रयोजन के लिए मानद रैंकों का कल्पित वेतन निर्धारण- छठा केन्द्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (158.95 KB)
2 सामान्य पारिवारिक पेंशन की बढ़ी हुई दर जहां सशस्त्र बलों के कर्मियों की सेवानिवृत्ति डिस्चार्जअवैध होने के बाद मृत्यु हो जाती है डाउनलोड (198.11 KB)
3 शुद्धिपत्र 2006 के बाद के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन का संशोधन छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (196.38 KB)
4 पूर्व 1996 ईसी एसएससी पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन का संशोधन - छठा सीपीसी डाउनलोड (180.45 KB)
5 छठे केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का कार्यान्वयन - 2006 से पूर्व के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन में संशोधन डाउनलोड (139.1 KB)
6 छठे केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का कार्यान्वयन - 2006 से पूर्व सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) के सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन में संशोधन डाउनलोड (199.86 KB)
7 2006 से पहले के सशस्त्र बल पेंशनभोगियों के लिए करणीय पेंशन पुरस्कार का युक्तिकरण - छठा सीपीसी डाउनलोड (341.45 KB)
8 2006 के बाद के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों के लिए पेंशन पुरस्कार को विनियमित करने वाले प्रावधानों में संशोधन- छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (559.63 KB)
9 शुद्धिपत्र II 2006 से पहले के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (247.96 KB)
10 2006 के बाद के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए शुद्धिपत्र-II - छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (132.98 KB)
11 2006 से पहले के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन का शुद्धिपत्र-I-संशोधन - छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (150.95 KB)
12 2006 के बाद के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए शुद्धिपत्र-I-पेंशन का संशोधन - छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (33.75 KB)
13 2006 से पूर्व के सशस्त्र सेना पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन का संशोधन - छठा केन्द्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (2.38 MB)
14 2006 के बाद के सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन में संशोधन छठा केंद्रीय वेतन आयोग डाउनलोड (6.88 MB)
15 राजपत्र अधिसूचना- रक्षा में नागरिक- छठा सीपीसी (संशोधित वेतन) नियम, 2008 डाउनलोड (4.53 MB)

क्या आप भारत के सभी वेतन आयोगों का इतिहास जानते हैं?

भारत में अब तक 7 वेतन आयोगों का गठन किया गया है. भारत में पहले वेतन आयोग का गठन जनवरी, 1946 में श्रीनिवास वरादाचरियर की अध्यक्षता में स्थापित किया गया था. देश में वेतन आयोग का गठन हर 10 साल के अन्तराल पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए किया जाता है.

Pay Commission in India

 भारत में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था जिन्हें 1 जनवरी, 2016 से लागू किया जा चुका है. ध्यान रहे कि 7वें वेतन आयोग को लागू किये जाने से सरकार को 1 लाख करोड़ से अधिक का वित्तीय बोझ सहन करना पड़ेगा l पहले वेतन आयोग में 9 सदस्य थे जबकि दूसरे में एक सैन्य सदस्य सहित छह सदस्य थे; तीसरे और चौथे कमीशन में 5 सदस्य थे लेकिन कोई सैन्य सदस्य नहीं थाl

Image Source: Central Government Employees News

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आइये अब एक-एक करके सभी वेतन आयोगों के बारे में जानने का प्रयास करते हैं :

प्रथम वेतन आयोग (First Pay Commission):

1946 में गठित पहले वेतन आयोग (Pay Commission) में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का मूल वेतन 30 रूपए और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी का मूल वेतन 60 रूपए निर्धारित किया गया थाl

Image Source: Zee News 

इसके अलावा आयोग ने केन्द्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी 55 रूपए (30 रूपए मूल वेतन और 25 रूपए मंहगाई भत्ता) निर्धारित किया गया थाl पहले वेतन आयोग की सिफारिश को 1946 में ही लागू कर दिया गया थाl यह वेतन आयोग श्रीनिवास वरादाचरियर (Srinivasa Varadachariar) की अध्यक्षता में गठित किया गया था। इस आयोग का मुख्य काम सामान्य कर्मचारियों के वेतनमान की जांच और अन्य वेतन की अनुशंसा करना था। पहले वेतन आयोग ने न्यूनतम आय को 55 रुपये प्रति माह और अधिकत्तम आय को 2000 रुपये प्रति माह तय किया था l

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दूसरा वेतन आयोग (Second Pay Commission)

दूसरे वेतन आयोग का गठन अगस्त 1957 में आजादी के 10 साल बाद स्थापित हुआ था और इसने दो साल के बाद अपनी रिपोर्ट दे दी। दूसरे वेतन आयोग की सिफारिशों का सरकार पर ₹ 39.6 करोड़ का वित्तीय प्रभाव पड़ा था। इस वेतन आयोग के अध्यक्ष जगन्नाथ दास थे। दूसरे वेतन आयोग ने इस बात को सुनिश्चित किया कि किस आधार पर कर्मचारियों का वेतन निर्धारण किया जाना चाहिये l इसने अपनी अनुशंसा में कहा कि वेतन संरचना और सरकारी कर्मचारियों की कामकाजी परिस्थितियां एक तरह से तैयार की जानी चाहिए ताकि कम से कम योग्यता वाले लोगों की भर्ती के द्वारा सिस्टम के कुशल कार्य को सुनिश्चित किया जा सके।

तीसरा वेतन आयोग (Third Pay Commission)

तीसरे वेतन आयोग का गठन अप्रैल 1970 में हुआ था जिसने अपनी रिपोर्ट 1973 में पेश कर दी थी l इसके अध्यक्ष रघुबीर दयाल थे। इस कमीशन की सिफारिसों के आधार पर सरकार पर 144 करोड़ रुपये का खर्चा आया था l इस कमीशन ने वेतन ढांचे को ठीक करने के लिए तीन बहुत ही जरूरी पॉइंट्स अपनी सिफरिसोँ में जोड़े थे: सबका समावेश, सामान आय और आय की पर्याप्तताl  इस वेतन आयोग ने न्यूनतम निर्वाह के विचार को छोड़ दिया था (जो कि कर्मचारियों को न्यूनतम भरण पोषण करने लायक वेतन की बात पर आधारित था), जो कि पहले वेतन आयोग ने शुरू किया था l इस कमीशन ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सैलरी इतनी पर्याप्त और आकर्षक जरूर हो कि लोगों को काम करने के लिए प्रेरित करती रहे l

चौथा वेतन आयोग (Fourth Pay Commission)

चौथे वेतन आयोग की स्थापना जून 1983 में की गई थी जिसे जिसने 4 साल बाद अपनी रिपोर्ट 18.3.1987 को सौंप दी थी l इस वेतन आयोग के अध्यक्ष पी एन सिंघल थेl इसकी सिफारिसों के अनुपालन पर सरकार के ऊपर कुल 1282 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आया था l इस कमीशन की सिफारिसों के आधार पर देश में पहली बार सशस्त्र बलों के अधिकारियों के लिए 'रैंक वेतन' की अवधारणा को लागू किया गया था l हालांकि बाद में इसे ('रैंक वेतन') सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया था l

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पांचवां वेतन आयोग (Fifth Pay Commission)

पांचवे वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना 9 अप्रैल, 1994 को जारी की गई थी, लेकिन इसने काम करना 2 मई 1994 को शुरू किया था lइस वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एस रत्नवेल पांडियन और सदस्य सुरेश तेंदुलकर ( प्रोफेसर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स) और एम.के. काव (IAS) थे l इसकी सिफारिशें लागू करने पर सरकार के ऊपर 17,000 करोड़ रुपये का खर्च आया था l इसने कर्मचारियों की सैलरी में 31% बढ़ोत्तरी की बात कही थी l 1996-97 में केंद्र सरकार की कर्मचारियों के वेतन पर कुल 218.85 अरब रुपये खर्च करती थी जो कि पांचवे वेतन आयोग की सिफारिसों के लागू होने के बाद 99% बढ़कर ₹ 43,568 करोड़ हो गया था l

इसकी सिफारिशों में से एक यह थी कि सरकार कर्मचारियों की संख्या लगभग 30% तक घटा दे; और खली पड़े करीब 3,50,000 रिक्त पदों पर भर्ती ना करे l हालांकि इसकी इन सिफारिशों में से किसी को भी लागू नहीं किया गया था l इस आयोग की सिफारिसों की निंदा विश्व बैंक ने भी की थी l

छठा वेतन आयोग (Sixth Pay Commission)

मंत्रिमंडल ने जुलाई 2006 में, न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में छठे वेतन आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी थीl  आयोग को 18 महीने की समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी l छठे वेतन आयोग की सिफारिसों के आधार पर करीब 55 लाख सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर कुल 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार सरकार के ऊपर आया था l छठा वेतन आयोग मुख्य रूप से विभिन्न वेतनमानों के संबंध में अस्पष्टता को दूर करने और मुख्य रूप से वेतनमानों की संख्या को कम करने और वेतन बैंड (pay bands) के विचार को लाने पर केंद्रित था। इसने समूह-डी के कैडर को हटाने की सिफारिश भी की थी l सभी वेतन आयोगों में बढ़ी हुई सैलरी में प्रतिशत बृद्धि इस प्रकार है:

Image Source: Govt. Employees India

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इस आयोग के गठित होने से पहले भारत में क्लास 1 अधिकारियों का वेतन भी बहुत कम था जैसे 25 साल के काम का अनुभव रखने वाले आईएएस अधिकारी को भी सिर्फ 55,000 रूपये प्रति महीने मिलते थे l

सातवाँ वेतन आयोग (Seventh Pay Commission)

25 सितंबर, 2013 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7 वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इस आयोग का अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. माथुर को बनाया गया था l 29 जून 2016 को, सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था जिन्हें 1 जनवरी, 2016 से लागू किया जा चुका है। इस कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर लगभग 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों (50 लाख) और पेंशनधारियों (58 लाख) के लिए वेतन, भत्ते और पेंशन में 23.55 प्रतिशत समग्र वृद्धि हो गयी है l इस आयोग की सिफारिशों के लागू होने के कारण सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.7% अतिरिक्त बोझ बढ़ने का अनुमान है।

(ए.के. माथुर वित्त मंत्री को रिपोर्ट सौंपते हुए)

Image Source:The Hindu

आयोग ने न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तय करने की सिफारिश की है जबकि वर्तमान में यह 7,000 रुपये है। सर्वोच्च वेतन की अधिकतम सीमा 2,25,000 रुपये प्रति महीना और कैबिनेट सचिव और अन्य के लिए वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह के रूप में निर्धारित किया गया है जो कि छठवें आयोग के समय में 90,000 रुपये प्रति माह था l

Image Source: Govt. Employees India  

पहले वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की शुरूआती सैलरी 35 रुपये थी जो कि दूसरे आयोग के लागू होने पर 80 रुपये, तीसरे आयोग के बाद 185 रुपये और सातवें आयोग के बाद 18000 हो गयी है l इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि सरकार अपने कर्मचरियों को बढती महंगाई और जिम्मेदारियों से निपटने के लिए हर 10 साल पर एक वेतन आयोग का गठन कर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती  है l

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छठे वेतन आयोग का गठन किसकी अध्यक्षता में किया गया?

यह फैसला मंत्रिमंडल की एक बैठक में किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की।

6 वेतन आयोग कब से लागू हुआ?

छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी माना जाएगा। इस फैसले से सूबे के 5.4 लाख सरकारी कर्मचारियों और सेवामुक्त कर्मचारियों को लाभ होगा। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 6950 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह करने को भी मंजूरी दी गई है।

वेतन आयोग के अध्यक्ष कौन है?

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों के नामों को मंजूरी दे दी है जो केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों के वेतनमानों में संशोधन की सिफारिश करेगा।

पहला वेतन आयोग कब लागू हुआ?

पहला पे कमीशन जनवरी 1946 में बना था और सातवां पे कमीशन 28 फरवरी, 2014 को गठित हुआ था, जिसे 2016 में मंजूरी मिली. दरअसल, हर 10 साल पर वेतन आयोग का गठन होता है.

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