यूरोपीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित क्यों हो रही थी? - yooropeey kampaniyaan bhaarat kee or aakarshit kyon ho rahee thee?

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन से जुड़े तथ्‍य

भारत के समुद्र के रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ. हालांकि यूरोपीय भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में कामयाब हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था.

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यूरोपीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित क्यों हो रही थी? - yooropeey kampaniyaan bhaarat kee or aakarshit kyon ho rahee thee?

यूरोपीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित क्यों हो रही थी? - yooropeey kampaniyaan bhaarat kee or aakarshit kyon ho rahee thee?

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 05 सितंबर 2014,
  • (अपडेटेड 05 सितंबर 2014, 1:24 PM IST)

भारत के समुद्र के रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ. हालांकि यूरोपीय भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में कामयाब हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था.

(1) 20 मई, 1498 ई. में वास्कोडिगामा ने भारत के पश्चिमी तट पर स्थित कालीकट बन्दरगाह पहुंचकर भारत एवं यूरोप के बीच नए समुद्री मार्ग की खोज की.

(2)

1505 ई. में फ्रांसिस्को द अल्मोडा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर बनकर आया.

(3)

1509 ई. में अलफांसो द अल्बुर्क भारत में पुर्तगालियों का वायसराय बना.

(4)

अल्बुकर्क ने 1510 ई. में बीजापुर के युसुफ आदिल शाह से गोवा को जीता.

(5)

पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली.

6)
1596 ई. में भारत आनेवाला प्रथम डच नागरिक था- कारनेलिस डॅहस्तमान.

(7)

डचों को भारत में अन्तिम रूप से पतन 1759 ई. को अंग्रेजों एवं डचों के मध्य हुए वेदरा युद्ध से हुआ.

(8)

31 दिसम्बर, 1600 ई. को इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को अधिकार पत्र प्रदान किया.

(9)

प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कम्पनी में 217 साझीदार थे और पहला गवर्नर टॉमस स्मिथ था.

(11)

मुगल दरबार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिन्स था. जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में 1609 ई. में जहॉंगीर के दरबार में गया था.

(12)

1615 ई. में सम्राट जेम्स प्रथम ने सर टॉमस रो को अपना राजदूत बनाकर मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार में भेजा.

(13)

अंग्रेजों की प्रथम व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) सूरत में 1608 ई. में खोली गई.

(14)

1611 ई. में दक्षिण पूरब समुद्रतट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मुसलीपट्टम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की.

(15)

1668 ई. में इंग्लैंड के सम्राट् चार्ल्स-2 का विवाह पुर्तगाल की राजकुमारी केथरीन से होने के कारण चार्ल्स को दहेज के रूप में बम्बई प्राप्त हुआ था. जिसे उन्होनें पौंड के किराये पर ईस्ट इंडिया कम्पनी को दे दिया.

(16)

1698 ई. में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने तीन गाँव- सूतानुती, कालीकट एवं गोबिन्दपुर की जमींदारी 1200 रुपये भुगतान पर प्राप्त की और यहां पर फोर्ट विलियम का निर्माण किया. कालान्तर में यही कलकत्ता (कोलकाता) नगर कहलाया, जिसकी नींव जॉर्ज चारनौक ने रखी.

(17)

भारत में फ्रांसीसियों की प्रथम कोठी फैंको कैरों के द्वारा सूरत में 1668 ई. में स्थापित की गई.

(18)

1674 ई. में फ्रांसिस मार्टिन ने पांडिचेरी की स्थापना की.

(19)

प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-48 ई. में आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध से प्रभावित था. 1748 ई. में हुई ए-ला शापल की संधि के द्वारा ऑस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया और इसी संधि के तहत प्रथम कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ.

(20)

दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-1754 ई. में हुआ. इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले की हार हुई. उसे वापस बुला लिया गया और उसकी जगह पर गोडेहू को भारत में अगला फ्रांसीसी गवर्नर बनाया गया. पांडिचेरी की संधि (जनवरी, 1755 ई.) के साथ युद्धविराम हुआ.

(21)

कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-1763 ई. के बीच हुआ जो 1756 ई. में शुरू हुए सप्तवर्षीय युद्ध का ही एक अंश था. पेरिस की संधि होने पर यह युद्धसमाप्त हुआ.

(22)

1760 ई. में अंग्रेजी सेना ने सर आयरकूट के नेतृत्व में वांडिवाश की लड़ाई में फ्रांसीसियों को बुरी तरह हराया.

(23)

1761 ई. में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से छीन लिया.

(24)

1763 ई. में हुई पेरिस संधि के द्वारा अंग्रेजों ने चन्द्रनगर को छोड़कर शेष अन्य प्रदेशों को लौटा दिया, जो 1749 ई. तक फ्रांसीसी कब्जे में थे, ये प्रदेश भारत की आजादी तक फ्रंसीसियों के कब्जे में रहे.
                                                           कम्पनी और उसका स्थापना वर्ष

पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कम्पनी

1649 ई.

    अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी

     1600 ई.

डच ईस्ट इंडिया कम्पनी

  1602 ई.

    डेनिश ईस्ट इंडिया कम्पनी

   1616 ई.

फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कम्पनी

1664 ई.

    स्वीडिश ईस्ट इंडिया कम्पनी

  1731 ई.

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  • यूरोपीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित क्यों हो रही थी? - yooropeey kampaniyaan bhaarat kee or aakarshit kyon ho rahee thee?

  • यूरोपीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित क्यों हो रही थी? - yooropeey kampaniyaan bhaarat kee or aakarshit kyon ho rahee thee?

यूरोपीय कंपनी भारत की ओर क्यों आकर्षित हुई?

यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ इसलिए आकर्षित हो रही थीं क्योंकि यूरोप में भारत के कपड़े जैसे - सूती , रेशम तथा गर्म मसालों की बहुत ज्यादा मांग थी। भारत से यह सामान यूरोप के व्यापारी कम कीमतों पर खरीद कर अधिक कीमतों पर यूरोप में बेच सकते थे। इस प्रकार वे खूब फायदा कमा सकते थे।

यूरोपीय कंपनियां आपस में क्यों झगड़ती रहती थी?

यूरोपीय कम्पनियाँ आपस में क्यों झगड़ती रहती थीं? Solution : (1) सभी कम्पनियाँ एक जैसी चीजें ही खरीदना चाहती थीं। इसलिए वे व्यापार में एक-दूसरे की प्रतिस्पर्धी थीं। <br> (2) यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ तभी फल-फूल सकती थीं जब वे अपनी प्रतिस्पर्धी कम्पनी को समाप्त कर देतीं।

यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों ने भारत में नगरीकरण को कैसे बढ़ावा दिया?

यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों (European trading companies) ने भारत में नगरीकरण को बढ़ावा दिया। इंग्लैंड में निर्मित वस्तुओं का एक व्यापक बाजार मिल सके। भारत में शहरी आबादी का एक ऐसा वर्ग तैयार किया जा सके, जो पश्चिमी शिक्षा, रहन-सहन, संस्कृति का अनुकरण कर सके।

व्यापार कंपनी से आप क्या समझते हैं?

व्यापारिक कंपनियों का अर्थ है- व्यापार में कई लोगों की हिस्सेदारी। सभी हिस्सेदार व्यापार में अपनी-अपनी पूँजी लगाते थे और लगाई गई पूँजी के अनुपात में व्यापार से होने वाले मुनाफे को आपस में बाँट लेते थे।