विशेषता बताने वाले शब्द कौन से होते हैं? - visheshata bataane vaale shabd kaun se hote hain?

विशेषण, हिंदी में विशेषण के प्रकार, Adjectives Examples, Meaning

 
Adjectives in Hindi – इस लेख में हम विशेषण, विशेष्य, प्रविशेषण और विशेषण के भेदों को उदहारण सहित जानेंगे। विशेषण किसे कहते हैं? विशेष्य किसे कहते हैं? प्रविशेषण किसे कहते हैं? विशेषण के कितने भेद हैं? इन प्रश्नों को बहुत ही सरल भाषा में विस्तार पूर्वक हम इस लेख में जानेंगे

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  • विशेषण की परिभाषा
  • विशेषण के उदाहरण
  • विशेषण के भेद
  • प्रश्न अभ्यास

Adjectives Definition – विशेषण की परिभाषा

“विशेषण”का शाब्दिक अर्थ है – विशेषता उत्पन्न करने वाला या विशेषक। जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उसे विशेषण कहते हैं। अथार्त जो शब्द गुण, दोष, भाव, संख्या, परिणाम आदि से संबंधित विशेषता का बोध कराते हैं, उसे विशेषण कहते हैं।

िशेषण एक विकारी शब्द होता है। जैसे- बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा, आदि।

सरल शब्दों में – जो शब्द विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।

विशेषण लगने के बाद संज्ञा का अर्थ सिमित हो जाता है। इसका अर्थ यह है कि विशेषण रहित संज्ञा से जिस वस्तु का बोध होता है, विशेषण लगने पर उसका अर्थ सिमित हो जाता है।
जैसे ‘घोड़ा’, संज्ञा से घोड़ा-जाति के सभी प्राणियों का बोध होता है, पर ‘काला घोड़ा’ कहने से केवल काले घोड़े का बोध होता है, सभी तरह के घोड़ों का नहीं। यहाँ ‘काला’ विशेषण से ‘घोड़ा’ संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित (सिमित) हो गयी है।

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  • विशेषण वस्तु का स्वरूप स्पष्ट करता है।
  • विशेषण संज्ञा के आभूषण हैं।
  • विशेषण भाषा को सजीव, प्रवाहमय एवं प्रभावशाली बनाने के बड़े ही समर्थ उपकरण है।
  • विशेषण हमारी अनेक जिज्ञासाओं का समाधान करते हैं, अनेक प्रश्रों के उत्तर देते हैं।

जैसे-

  • कैसा आदमी?
  • बुरा आदमी, भला आदमी आदि।
  • कौन विद्यार्थी?
  • पहला विद्यार्थी, दूसरा विद्यार्थी आदि।
  • कितने लड़के?
  • पाँच लड़के, सात लड़के आदि।
  • कहाँ के सिपाही?
  • भारतीय सिपाही, रूसी सिपाही आदि।

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Adjectives in Hindi Examples – विशेषण के उदाहरण

(i) आसमान का रंग नीला है।
(ii) मोहन एक अच्छा लड़का है।
(iii) टोकरी में मीठे संतरे हैं।
(iv) रीता सुंदर है।
(v) कौआ काला होता है।

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विशेष्य किसे कहते हैं?

जिसकी विशेषता बताई जाती है, उसे विशेष्य कहते हैं अथार्त जिस संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। विशेष्य को विशेषण के पहले या बाद में भी लिखा जा सकता है।

दूसरे शब्दों में- विशेषण से जिस शब्द की विशेषता प्रकट की जाती है, उसे विशेष्य कहते है।

जैसे‘अच्छा विद्यार्थी पिता की आज्ञा का पालन करता है’ में ‘विद्यार्थी’ विशेष्य है, क्योंकि ‘अच्छा’ विशेषण इसी की विशेषता बताता है।

प्रविशेषण किसे कहते हैं? – What is an article called?

जिन शब्दों से विशेषण की विशेषता का पता चलता है उन्हें प्रविशेषण कहते हैं।

जैसे- यह लड़की बहुत अच्छी है।

मै पूर्ण स्वस्थ हुँ।

उपर्युक्त वाक्य में ‘बहुत’ ‘पूर्ण’ (प्रविशेषण) शब्द ‘अच्छी’ तथा ‘स्वस्थ’ (विशेषण) की विशेषता बता रहे है, इसलिए ये शब्द प्रविशेषण है।

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Four Types of Hindi Adjectives

  1. गुणवाचक विशेषण – Qualitative Adjective
  2. परिणामवाचक विशेषण – Quantitative Adjective
  3. संख्यावाचक विशेषण – Adjectives of Number
  4. सार्वनामिक विशेषण या संकेतवाचक विशेषण – Universal Adjective or Symbolic Adjective

Types of Adjectives – विशेषण के भेद

विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते हैं –

विशेषता बताने वाले शब्द कौन से होते हैं? - visheshata bataane vaale shabd kaun se hote hain?

(क) गुणवाचक विशेषण – Qualitative Adjective
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण के रूप की विशेषता बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे – कालिदास विद्वान् व्यक्ति थे, वह लम्बा पेड़ है, उसने सफेद कमीज पहनी है, मंजू का घर पुराना है, यह ताजा फल है, पुराने फर्नीचर को बेच दो।
उपर्युक्त वाक्यों में विद्वान्, लम्बा, सफेद, पुराना, ताजा, पुराने शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। गुण का अर्थ अच्छाई ही नहीं, बल्कि किसी भी विशेषता से है। अच्छा, बुरा, खरा, खोटा सभी प्रकार के गुण इसके अंतर्गत आते हैं।

गुणवाचक विशेषण के कुछ रूपों के उदाहरण इस प्रकार हैं –
समय संबंधी – नया, पुराना, ताजा, वर्तमान, भूत, भविष्य, अगला, पिछला आदि।
स्थान संबंधी – लंबा, चौड़ा, ऊँचा, नीचा, सीधा, बाहरी, भीतरी आदि।
आकार संबंधी – गोल. चौकोर, सुडौल, पोला, सुंदर आदि।
दशा संबंधी – दुबला, पतला, मोटा, भारी, गाढ़ा, गीला, गरीब, पालतू आदि।
वर्ण संबंधी – लाल, पीला, नीला, हरा, काला, बैंगनी, सुनहरी आदि।
गुण संबंधी – भला, बुरा, उचित, अनुचित, पाप, झूठ आदि।
संज्ञा संबंधी – मुंबईया, बनारसी, लखनवी आदि।

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(ख) परिणामवाचक विशेषण – Quantitative Adjectives
परिणाम का अर्थ होता है – मात्रा। जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या नाप-तौल के परिणाम की विशेषता बताएं उसे परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – वह विशेषण जो अपने विशेष्यों की निश्चित अथवा अनिश्चित मात्रा (परिमाण) का बोध कराए, परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है। यह किसी वस्तु की नाप या तौल का बोध कराता है।
जैसे- ‘सेर’ भर दूध, ‘तोला’ भर सोना, ‘थोड़ा’ पानी, ‘कुछ’ पानी, ‘सब’ धन, ‘और’ घी लाओ, ‘दो’ लीटर दूध, ‘बहुत’ चीनी इत्यादि।

इस विशेषण का एकमात्र विशेष्य द्रव्यवाचक संज्ञा है। जैसे-

मुझे थोड़ा पानी चाहिए, बहुत प्यास लगी है।

मंदिर में धाम देने के लिए चार क्विंटल चावल चाहिए।

उपर्युक्त उदाहरणों में ‘थोड़ा’ अनिश्चित एवं ‘चार क्विंटल’ निश्चित मात्रा का बोधक है।

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परिणामवाचक विशेषण के भेद – Differences of quantitative adjectives
(i) निश्चित परिणामवाचक विशेषण
(ii) अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण

(i) निश्चित परिणामवाचक विशेषण – जहाँ पर वस्तु की नाप-तौल का निश्चित ज्ञान होता है, उसे निश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे – पांच लिटर घी, दस किलो आलू, दस हाथ की जगह, चार किलो चावल, एक लीटर पानी, दस किलोमीटर, एक एकड़ जमीन आदि।

(ii) अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण जहाँ पर वस्तु की नाप-तौल का निश्चित ज्ञान न हो उसे अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे – थोडा पानी, कुछ आटा, बहुत दूध, थोडा धन, बहुत मिठाई, बहुत घी, थोड़ी चीनी आदि।

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(ग) संख्यावाचक विशेषण
संख्या की विशेषता का बोध कराने वाले शब्दों को संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। अथार्त जिन संज्ञा और सर्वनाम शब्दों से प्राणी, व्यक्ति, वस्तु की संख्या की विशेषता का पता चले उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

दूसरे शब्दों में- वह विशेषण, जो अपने विशेष्यों की निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए, ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहलाता है।
जैसे-
‘पाँच’ विद्यार्थी दौड़ते हैं।
सात घोड़े घास चर रहे हैं।
इन वाक्यों में ‘पाँच’ और ‘सात’ संख्यावाचक विशेषण हैं, क्योंकि इनसे ‘घोड़े’ और ‘विद्यार्थी’ की संख्या संबंधी विशेषता का ज्ञान होता है।

संख्यावाचक विशेषण के भेद :-
(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण – जिन संज्ञा, सर्वनाम शब्दों से किसी प्राणी, व्यक्ति, वस्तु आदि की संख्या का निश्चित ज्ञान हो उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

सरल शब्दों में – जिससे किसी निश्र्चित संख्या का ज्ञान हो, वह निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
उदाहरण-
कक्षा में कितने छात्र हैं?
चालीस
कमरे में कितने पंखे घूम रहे हैं?
एक
डाल पर कितनी चिड़ियाँ बैठी हैं?
दो
प्रार्थना-सभा में कितने लोग उपस्थित थे?
सौ।

निश्चित संख्यावाचक के छः भेद हैं-
पूर्णांक बोधक- जैसे-एक, दस, सौ, हजार, लाख आदि।
अपूर्णांक बोधक- जैसे-पौना, सवा, डेढ, ढाई आदि।
क्रमवाचक- जैसे-दूसरा, चौथा, ग्यारहवाँ, पचासवाँ आदि।
आवृत्तिवाचक- जैसे-दुगुना, तिगुना, दसगुना आदि।
समूहवाचक- जैसे-तीनों, पाँचों, आठों आदि।
प्रत्येक बोधक- जैसे-प्रति, प्रत्येक, हरेक, एक-एक आदि।

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण – जिन शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध न हो उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
दूसरे शब्दों में- जिस विशेषण से संख्या निश्चित रूप से नहीं जानी जा सके, वह अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहे जाते हैं।
उदाहरण-
कितने लोग बेहोश हो गए?
कुछ।
कितने छात्र उपस्थित थे?
कम।
कितने फल खाकर भूख मिट गई?
कुछ।
कितनी देर बाद हम चले जाएँगे?
कुछ।

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(घ) सार्वनामिक विशेषण या संकेतवाचक विशेषण

जो सर्वनाम संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता की ओर संकेत करते हैं उन्हें सार्वनामिक विशेषण भी कहते हैं।

दूसरे शब्दों में – जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं तथा जो सर्वनाम संज्ञा से पहले लगकर संज्ञा की विशेषता की तरफ संकेत करें, उन्हें संकेतवाचक विशेषण या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। इन्हें निर्देशक भी कहते हैं।
जैसे – मेरी पुस्तक, कोई बालक, किसी का महल, वह लड़का, वह लडकी आदि।

उदाहरण –
1 – यह लड़का तेज भागता है |
2 – इस कबूतर को पिंजरे से निकालो |
3 – उस मटके में पानी भरो |
नोट – सार्वनामिक विशेषण में (उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष तथा निजवाचक सर्वनाम शब्दों को छोड़कर) अन्य सर्वनाम शब्दों के तुरंत बाद संज्ञा शब्द आता है।
जैसे-
यह मेरा घर है | (सर्वनाम)
यह घर मेरा है | (सर्वनामिक विशेषण)
वह मेरी पुस्तक है | (सर्वनाम)
वह पुस्तक मेरी है | (सर्वनामिक विशेषण)

प्रश्न अभ्यास

 
प्रश्न 1 – विशेषण किसे कहते हैं?

उत्तर : जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम शब्द की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं। विशेषण हर परिस्थिति में संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बतलाता है। 

जैसे :

यहाँ रंग-बिरंगें फूल हैं।

पीले आम मीठे होते हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में रंग-बिरंगें, पीले, मीठे शब्द क्रमशः फूल और आम शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। ऐसे ही विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता है।

प्रश्न 2 – विशेषण के कितने भेद हैं और वे कौन-कौन से हैं?

उत्तर : विशेषण के चार भेद हैं : 

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. परिणामवाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण
  4. सार्वनामिक विशेषण

प्रश्न 3 – परिमाण वाचक और संख्या वाचक विशेषण में क्या अंतर है?

उत्तर : जिन वस्तुओं को नापा या तोला जा सके उनके वाचक शब्दों को परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं और जिन वस्तुओं की गिनती की जा सके उनके वाचक शब्दों को संख्या वाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे :

कुछ दूध ले आओ। 

कुछ पुस्तकें ले आओ। 

पहले वाक्य में ‘कुछ’ परिमाण वाचक विशेषण है और दूसरे वाक्य में ‘कुछ’ संख्या वाचक विशेषण है। 

प्रश्न 4 – गुणवाचक विशेषण को परिभाषित कीजिए।

उत्तर : जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम के गुण-दोष, रंग-रूप, स्थान, आकार आदि के विषय में बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :

सफेद कमल बहुत सुंदर है।

राधा आलसी लड़की है।

इन वाक्यों में ‘सफेद’ व ‘सुंदर’ शब्द फूल का गुण बता रहे हैं, तो ‘आलसी’ शब्द राधा का दोष बता रहा है। अतः ये शब्द गुणवाचक विशेषण के अंतर्गत आएँगे।

प्रश्न 5 – सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में क्या अंतर है?

उत्तर : जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा शब्द की जगह पर हो उसे सर्वनाम कहते हैं और जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पहले अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो वह सार्वनामिक विशेषण कहलाता है।

जैसे : वह विद्यालय जाता है। यहाँ ‘वह’ सर्वनाम है। 

वह धावक दौड़ता है। इस वाक्य में ‘वह’ धावक शब्द का विशेषण है। अतः वह यहाँ सार्वनामिक विशेषण है।

बहुविकल्पात्मक प्रश्न

प्रश्न 1 : विशेषण किसकी विशेषता बताते हैं?

(क) पर्यायवाची शब्द की 

(ख) क्रिया की 

(ग) विपरीतार्थक शब्द की 

(घ) संज्ञा और सर्वनाम की 

उत्तर : (घ) संज्ञा और सर्वनाम की 

प्रश्न 2 – जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रंग-रूप के बारे में बताते हैं, वे कहलाते हैं

(क) परिमाणवाचक विशेषण

(ख) संख्यावाचक विशेषण

(ग) गुणवाचक विशेषण

(घ) सार्वनामिक विशेषण

उत्तर : (ग) गुणवाचक विशेषण

प्रश्न 3 – दुष्ट कौन सा विशेषण है?

(क) परिमाणवाचक विशेषण

(ख) संख्यावाचक विशेषण

(ग) गुणवाचक विशेषण

(घ) सार्वनामिक विशेषण

उत्तर : (ग) गुणवाचक विशेषण

प्रश्न 4 – विशेषण के कितने भेद होते हैं?

(क) तीन

(ख) चार

(ग) पाँच

(घ) छह

उत्तर : (ख) चार

प्रश्न 5 – ‘बहुत धन’ में कौन सा विशेषण है?

(क) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(ख) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(ग) अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण

(घ) परिमाणवाचक विशेषण

उत्तर : (क) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

प्रश्न 6 – इस कक्षा में चालीस छात्र हैं। रेखांकित शब्द का भेद है

(क) गुणवाचक

(ख) परिमाणवाचक

(ग) संकेतवाचक/सार्वनामिक 

(घ) संख्यावाचक

उत्तर : (घ) संख्यावाचक

प्रश्न 7 – मानव शब्द का विशेषण क्या होगा?

(क) मनुष्य 

(ख) मानवीय

(ग) पशु 

(घ) अमानवीय

उत्तर : (ख) मानवीय

प्रश्न 8 – इनमें परिमाणवाचक विशेषण शब्द कौन सा है?

(क) दस लीटर दूध

(ख) बीस गाय

(ग) बंगाली

(घ) कुछ छात्र

उत्तर : (क) दस लीटर दूध

प्रश्न 9 – सार्वनामिक विशेषण को और किस नाम से पुकारा जाता है?

(क) गुणवाचक विशेषण

(ख) संख्यावाचक विशेषण

(ग) सर्वनाम 

(घ) संकेतवाचक विशेषण

उत्तर : (घ) संकेतवाचक विशेषण

प्रश्न 10 – वर्ष का विशेषण क्या होगा?

(क) वर्षा 

(ख) वार्षिक

(ग) सालाना 

(घ) मानसिक 

उत्तर : (ख) वार्षिक

 
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विशेषता बताने वाले शब्द कौन कौन से हैं?

अनुक्रम.
1.1 गुणवाचक विशेषण.
1.2 परिमाणवाचक विशेषण.
1.3 संख्यावाचक विशेषण.
1.4 सार्वनामिक विशेषण.

विशेषण क्या होता है 30 उदाहरण भी लिखिए?

अथार्त जो शब्द गुण, दोष, भाव, संख्या, परिणाम आदि से संबंधित विशेषता का बोध कराते हैं, उसे विशेषण कहते हैं। िशेषण एक विकारी शब्द होता है। जैसे- बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा, आदि।

विशेष्य क्या होता है example?

Solution : जिस संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है, उसे विशेष्य कहते हैं। जैसे—(1) मनोहर परिश्रमी लड़का है। (2) मुझे मीठे आम पसंद हैं । इन वाक्यों में मनोहर, आम विशेष्य शब्द हैं।

विशेषण की पहचान कैसे की जाती है?

विशेषण वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताएं। उदाहरस्वरूप “आप बहुत सुंदर है”, इस वाक्य में आपकी विशेषता “सुंदर” शब्द दर्शाता है अतः यहां “सुंदर” विशेषण है। और “बहुत” शब्द प्रविशेष्य है जोकि विशेषण की विशेषता बता रहा है। धन्यवाद!