उपयोगिता से हम क्या समझते हैं? - upayogita se ham kya samajhate hain?

उपयोगिता का अर्थ

अर्थशास्त्र में उपयोगिता शब्द का अभिप्राय किसी पदार्थ के उपभोग से मिलने वाली संतुष्टि से है। अर्थात उपयोगिता किसी वस्तु की वह शक्ति है जो किसी व्यक्ति की आवश्यकता को पूरा करती है।

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उपयोगिता की उपस्थिति

जब किसी वस्तु में आवश्यकता संतुष्ट करने की शक्ति होती है तो उसमें उपयोगिता होती है, भले ही उस वस्तु से उपभोक्ता को उससे नुकसान क्यों न हो रहा हो। जैस नशीले पदार्थों को सामान्य ढंग से अनुपयोगी माना जाता है, परंतु अर्थशास्त्र की भाषा में ये उपयोगिता रखते हैं, क्योंकि ये उपभोक्ता की आवश्यकताओं की संतुष्टि करते हैं।

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प्रो. वॉघ के अनुसार उपयोगिता की परिभाषा 

अर्थशास्त्री के लिए उपयोगिता, आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की क्षमता है। 

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एडवर्ड नेविन के अनुसार उपयोगिता की परिभाषा 

अर्थशास्त्र में उपयोगिता का अर्थ उस संतुष्टि या आनंद या लाभ से है, जो किसी व्यक्ति को धन या संपत्ति के उपभोग से प्राप्त होता है।

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उपयोगिता की विशेषताएं 

उपयोगिता एक सापेक्षिक शब्द है

उपयोगिता का कोई भौतिक रूप नहीं 

उपयोगिता का संबंध हितकारकता से नहीं

यह आवश्यकता की तीव्रता पर निर्भर करती है।

यह वास्तविक उपभोग पर निर्भर नहीं करती

उपयोगिता त्याग के बिना असंभव 

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उपयोगिता के मापन सम्बन्धी अवधारणाएं 

उपयोगिता की माप के संबंध में दो विचारधाराएं प्रचलित हैं

-गणवाचक दृष्टिकोण-मार्शल का

-क्रमवाचक दृष्टिकोण-पैरेटो, हिक्स का

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मार्शल का गणवाचक दृष्टिकोण

मार्शल ने उपयोगिता को द्रव्य के माध्यम से मापने की बात कही है। उनके अनुसार उपयोगिता की गणना संख्याओं में मसलन 1,2,3,4,5,6 आदि में की जा सकती है। ये संख्याएं बताती हैं कि संख्या 5 संख्या 1 से पांच गुना बड़ी है। इस प्रकार मार्शल का दृष्टिकोण गणवाचक है।

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उपयोगिता के मापन के सम्बन्ध में मार्शल का कथन

उपयोगिता को द्रव्य के पैमाने से मापने के संदर्भ में मार्शल ने कहा है कि किसी वस्तु की इकाई के उपभोग से वंचित रहने की अपेक्षा उस वस्तु की इकाई के लिए जितना मूल्य देने की तत्परता रहती है, वही उस वस्तु से प्राप्त होने वाली उपयोगिता का मौद्रिक माप है। मार्शल के कथन से स्पष्ट है कि व्यक्ति जिस वस्तु के उपयोग के लिए जितना अधिक द्रव्य देने की तत्परता रखता है, उसे उस वस्तु से उतनी ही अधिक उपयोगिता मिलेगी।

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गणवाचक मापन के दो दृष्टिकोण

गणवाचक दृष्टिकोण से उपयोगिता को निम्न दो प्रकार से मापा जा सकता है-

1. मुद्रा के रूप में माप

एक उपभोक्ता,  एक अण्डे के लिए एक रुपया देता है तो उसके लिए अण्डे की उपयोगिता एक रुपए के बराबर होगी। इस प्रकार उपयोगिता का मापन गणवाचक है

2. इकाइयों के रूप में माप

प्रो. फिशर ने उपयोगिता की माप के लिए यूटिल शब्द का उपयोग किया है। इसके अंतर्गत उपयोगिता को यूटिल में स्पष्ट किया जाता है। उदाहरण के लिए ए व्यक्ति को चाय के प्याले से 10 यूटिल उपयोगिता प्राप्त होती है, वहीं बी व्यक्ति को उसी प्याले से 5 या सात यूटिल उपयोगिता मिल सकती है। इस प्रकार उपयोगिता को संख्यात्मक रूप से गिना जा सकता है, जोड़ा या  घटाया जा सकता है, आपस में तुलना भी की जा सकती है।

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किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने से हमें जो संतुष्टि प्राप्त होती हैं, उसे ही उपयोगिता कहते हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • उपयोगितावाद
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उपयोगिता से आप क्या समझते?

किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने से हमें जो संतुष्टि प्राप्त होती हैं, उसे ही उपयोगिता कहते हैं।

उपयोगिता से आप क्या समझते हैं क्या उपयोगिता मापी जा सकती है?

सीमांत उपयोगिता (MU) कुल उपयोगिता में वह परिवर्तन है जो वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग से होता है। उदाहरण के लिए, मान लीजिये 4 केलों से हमें 28 इकाई कुल उपयोगिता प्राप्त होती है और 5 केलों से कुल उपयोगिता 30 इकाई मिलती है।

उपयोगिता क्या है उपयोगिता के प्रकार लिखिए?

सामान्य बोलचाल की भाषा में उपयोगिता का अर्थ किसी वस्तु के उपयोग या प्रयोग से मिलने वाले लाभ से लगाया जाता है, परन्तु अर्थशास्त्र में इस शब्द का अर्थ सामान्य अर्थ से कुछ अलग तथा व्यापक होता है। अर्थशास्त्र में उपयोगिता किसी वस्तु की क्षमता अथवा वह गुण है जिससे मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।

उपयोगिता का अर्थ क्या है इसके प्रकार बताइए?

'उपयोगिता' का तात्पर्य किसी वस्तु के उपभोग से प्राप्त होने वाले संतोष से लगाया जाता है। संक्षेप में जिन वस्तुओं से हमारा प्रत्यक्ष में परोक्ष संबंध होता है और उन वस्तुओं से हमें जो कुछ भी लाभ प्राप्त होता है वही 'लाभ'उपयोगिता है और यह वस्तु उपयोगी है। किंतु अर्थशास्त्र में उपयोगिता का अर्थ अधिक व्यापक है।

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