उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई क्यों थी? उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया निश्चित रूप से उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई थी। औपनिवेशिक शासकों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान लोग आपसी एकता को पहचानने लगे थे। उनका समान रूप से उत्पीड़न और दमन हुआ था। इस साझा अनुभव ने उन्हें एकता के सूत्र में बाँध दिया। वे यह जान गए थे कि विदेशी शासकों को एकजुट होकर ही देश से बाहर निकाला जा सकता है। उनकी इस भावना ने भी राष्ट्रवाद के उदय
में सहायता पहुँचाई। प्रश्न 1. दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद गांधी जी ने किन तीन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया और कब-कब? : उत्तर- (क) 1916 में बिहार के चंपारन प्रदेश में। प्रश्न 2. सत्याग्रह के विचार में किन दो बातों पर जोर दिया जाता है? उत्तर- (क) सत्य की शक्ति पर आग्रह । प्रश्न 3. भारत में अंग्रेजी सरकार के संदर्भ में ज़बरन भर्ती का क्या अर्थ है? उत्तर- इस प्रक्रिया में अंग्रेज़ भारत के लोगों को ज़बरदस्ती सेना में भर्ती कर लेते थे। प्रश्न 4. 1919 में बंबई में गठित खिलाफ़त समिति के दो बड़े नेता कौन-कौन थे? उत्तर- मोहम्मद अली तथा शौकत अली बंबई में गठित खिलाफ़त समिति के दो बडे नेता थे। प्रश्न 5. खलीफ़ा कौन था? उत्तर खलीफ़ा ऑटोमन तुर्की के सम्राट को खलीफ़ा कहा जाता था जो इस्लामी विश्व का आध्यात्मिक नेता था। प्रश्न 6. असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम को कब और कहाँ स्वीकृति मिली? उत्तर- 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में। प्रश्न 7. असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम में शामिल कोई दो बातें बताएं। उत्तर- (क) सरकार द्वारा दी गई पदवियाँ वापिस लौटाना। प्रश्न 8. असहयोग आंदोलन का भारतीय कपड़ा उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ा? उत्तर- लोगों द्वारा केवल भारतीय कपड़े पहनने से भारतीय कपड़ा मिलों तथा हथकरघों का उत्पादन बढ़ गया। प्रश्न 9. असहयोग आंदोलन में तालुकदारों तथा ज़मींदारों का विरोध क्यों हुआ? उत्तर- तालुकदार तथा ज़मींदार किसानों से बहुत अधिक लगान तथा तरह-तरह के कर वसूल करते थे। उनसे बेगार भी ली जाती थी। इसलिए उन्होंने जमींदारों का विरोध किया। प्रश्न 10. गिरमिटिया मज़दूर कौन थे? उत्तर- औपनिवेशिक शासन के दौरान जिन मज़दूरों को काम करने के लिए फिजी, गयाना, वेस्ट इंडीज़ आदि स्थानों पर ले जाया जाता था, उन्हें गिरमिटिया मज़दूर कहा जाता था। प्रश्न 11. बेगार का क्या अर्थ है ? उत्तर- जब किसी व्यक्ति से बिना मज़दूरी दिए काम करवाया जाता है तो उसे बेगार कहते हैं। प्रश्न 12. गूडेम विद्रोहियों (आंध्र प्रदेश) की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए। उत्तर- गूडेम विद्रोहियों नेः प्रश्न 13. ब्रिटिश सरकार ने 1857 के पश्चात् प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध क्यों लगा दिया? उत्तर- भारतीय समाचार-पत्रों द्वारा राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के कारण ब्रिटिश सरकार ने 1857 के पश्चात् प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रश्न 14. असहयोग आंदोलन वापिस लिए जाने के बाद कांग्रेस के कुछ नेता प्रांतीय परिषदों के चुनाव में हिस्सा क्यों लेना चाहते थे? उत्तर- कांग्रेस के ये नेता परिषदों में रहकर ब्रिटिश नीतियों का विरोध करना चाहते थे। प्रश्न 15. स्वराज पार्टी का गठन करने वाले दो कांग्रेसी नेता कौन-कौन थे? उत्तर- सी० आर० दास तथा मोतीलाल नेहरू। प्रश्न 16. असम के बागानी मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा क्या थी? उत्तर- असम के बागानी मजदूरों के लिए स्वराज का अर्थ था अपने उस सीमित क्षेत्र से बाहर जाने की स्वतंत्रता अथवा अधिकार जिसमें से वे बाहर नहीं जा सकते थे। प्रश्न 17. भारत में साइमन कमीशन (आयोग) का विरोध क्यों हुआ? उत्तर- क्योंकि इस कमीशन (आयोग) में कोई भारतीय सदस्य नहीं था। प्रश्न 18. ‘पूर्ण स्वराज’ को औपचारिक रूप से कब और कहाँ स्वीकार किया गया? उत्तर- पूर्ण स्वराज’ की माँग को औपचारिक रूप से दिसंबर 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में स्वीकार किया गया। प्रश्न 19. दिसंबर 1929 के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के अध्यक्ष कौन थे? उत्तर- पं० जवाहरलाल नेहरू । प्रश्न 20. सविनय अवज्ञा आंदोलन असहयोग आंदोलन से किस तरह अलग था? उत्तर- असहयोग आंदोलन में लोगों को सरकार से केवल सहयोग न करने के लिए कहा गया था जबकि सविनय अवज्ञा आंदोलन में लोगों को औपनिवेशिक कानूनों को तोड़ने तथा कर न चुकाने के लिए भी कहा गया। प्रश्न 21. गांधी जी के राष्ट्रीय संघर्ष के तरीके के दो मुख्य सिद्धांत बताओ। उत्तर- सत्याग्रह तथा अहिंसा। प्रश्न 22. गांधी-इरविन समझौता कब हुआ? उत्तर- 5 मार्च, 1931 को। इस पोस्ट में आपको उपनिवेश विरोधी आंदोलन क्या था? भारत में राष्ट्रवाद का विकास कैसे हुआ? उपनिवेशवाद कितने प्रकार के होते है? उपनिवेशवाद का अंत कब हुआ? उपनिवेशवाद का क्या मतलब है? भारत में राष्ट्रवाद प्रश्न और उत्तर Bharat mein Rashtravad Questions and Answers भारत में राष्ट्रवाद उपनिवेश विरोधी आंदोलन से कैसे विकसित हुआ? भारत में उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन की प्रकृति क्या है? से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे. error: Content is protected !! अपनी विश्व में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई क्यों थी?दूसरे उपनिवेशों की तरह भारत में भी आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय की परिघटना उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी । औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ संघर्ष के दौरान लोग आपसी एकता को पहचानने लगे थे। उत्पीड़न और दमन के साझा भाव ने विभिन्न समूहों को एक-दूसरे से बाँध दिया था।
भारत में राष्ट्रवाद उपनिवेश विरोधी आंदोलन से कैसे विकसित हुआ?2. भारत में राष्ट्रवाद उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से कैसे विकसित हुआ ? उत्तर ⇒ हिंद – चीन के समान भारत में भी राष्ट्रवाद का उदय और विकास औपनिवेशिक शासन के प्रतिक्रिया स्वरूप हुआ। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से अंग्रेजी राज की प्रशासनिक, आर्थिक और अन्य नीतियों के विरुद्ध असंतोष की भावना बलवती होने लगी।
भारत में उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन की प्रकृति क्या है?उपनिवेशवाद का आरम्भ
1453 ई. में तुर्कों द्वारा कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लेने के पश्चात् स्थल मार्ग से यूरोप का एशियायी देशों के साथ व्यापार बंद हो गया। अतः अपने व्यापार को निर्बाध रूप से चलाने हेतु नये समुद्री मार्गों की खोज प्रारंभ हुई।
उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद का विकास कैसे हुआ?उपनिवेशवाद एक पद्धति के रूप में आधुनिक काल के आरंभ, यानी सोलहवीं शताब्दी में ही उद्गमित होना शुरू हो गया था।
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