fruit in biology in hindi फल : पुष्पीय पादपों में निषेचन के बाद अण्डाशय से फल विकसित होता है। Show बीजपुष्पीय पादपों में बीजाण्ड के बाद विकसित होकर बीज बनाते है , बीज में निम्न भाग होते है – (a) बीजावरण – बाहरी आवरण (b) भ्रूण – मुलान्कुर , प्रांकुर (c) भ्रूणपोष – भ्रूण को पोषण देता है। (d) बीजपत्र – भोजन संचय करते है। द्विबीज पत्री की संरचना (a) बीजावरण : बीज के आवरण को बीजावरण कहते है , इसकी बाहरी स्तर को टेस्टा व भीतरी स्तर को टैगमैंन कहते है। (b) नाभिका : बीज के सिरे पर एक चिन्ह की तरह रचना पाई जाती है जिसे नाभिक कहते है। नाभिक बीज को फल से जोड़े रखती है। (c) बीजांडद्वार : नाभिक के ऊपर छिद्रनुमा रचना को बीजाण्ड द्वार कहते है। (d) बीजपत्र : बीजावरण को हटाने पर द्विबीजपत्री बीजो में दो गुद्देदार बीजपत्र पाये जाते है जिनमे भोजन का संचय होता है। (e) भ्रूण : दोनों बीजपत्रों के बीज भ्रूण स्थित होता है , भ्रूण में भ्रूणीय अक्ष के ऊपरी पत्तिनुमा रचना को प्रांकुर कहते है तथा भ्रूणीय अक्ष के नीचे नुकीली रचना को मूलांकुर कहते है। (f) भ्रूणपोष : द्विबीजपत्री पादपों में भ्रूणपोष पतला या अनुपस्थित होता है , उदारहण – मटर , चना , सेम , मूंग आदि। एकबीजपत्री बीज की संरचना (a) बीजावरण : बीज के आवरण को बीजावरण कहते है , बाहरी स्तर टेस्ट व भीतरी स्तर टैगमेन कहलाता है। (b) एल्यूरोन सतह : भ्रूणपोष के चारों ओर उपस्थित परत को एल्यूरोन सतह कहते है , यह प्रोटीन की बनी होती है। (c) भ्रूणपोष : बीज का अधिकांश भाग भ्रूणपोष होता है , यह स्थुलीय होता है तथा भोजन का संचय करता है। यह भ्रूण का पोषण प्रदान करता है। (d) भ्रूण : भ्रूणपोष के नीचे खांच में भ्रूण स्थित होता है , भ्रूण के ऊपरी भाग को प्रांकुर चोल जिससे प्रांकुर विकसित होता है तथा भ्रूण के निचले भाग को मूलांकुर चोल कहते है जो मूलांकुर विकसित करता है। उदाहरण – मक्का , बाजरा , गेहू आदि। पुष्प सूत्र लिखने के नियम 1.पुष्प के सदस्यों की संख्या को सदस्य के प्रत्येक चिन्ह के बाद लिखते है। 2. सदस्य असंख्य हो तो उसे अनन्त से दर्शाते है। 3. किसी चक्र के सदस्य दो घेरो में हो तो उनके बींच ‘+’ का चिन्ह लगाते है। 4. सदस्य आपस में जुड़े हो तो सदस्य संख्या को ‘()’ में लिखते है। 5. यदि किसी चक्र के सदस्य अन्य चक्र के सदस्य से जुड़े हो तो उनके प्रतिक चिन्हों के बीच “~ ” रेखा चिन्ह लगाते है । 5. जायांग के उर्ध्ववर्ती होने पर “G” के ऊपर या नीचे रेखा खीचते है। Home » Notes » फल एवं इसके प्रकार (FRUITS AND THEIR TYPES)
आज के लेख में हम फल एवं इसके प्रकार (FRUITS AND THEIR TYPES) के बारे में जानेगे। फल पादप का मुख्य अंग है फल का निर्माण निषेचन(FERTILIZATION) के पश्चात जायांग के अण्डाशय(OVARY) से होता हैं। फल की संरचना(STRUCTURE OF FRUITS)एक फल में फलभित्ती (PERICARP) (Pericarp) और बीज होते हैं। फल एवं इसके प्रकार (FRUITS AND THEIR TYPES) बीज का निर्माण निषेचन के बाद बिजाण्ड (OVULE) से होता हैं। बिजाण्ड का बीजावरण (SEED COAT) फलभित्ती के पास होता है। बाह्य फलभित्ती (Epicarp) – यह सबसे बाहरी स्त्तर होता है। जो पतला नरम या कठोर होता है। यह फल का छिलका बनती है। मध्य फलभित्ती (Mesocarp)– यह मोटी गूदेदार तथा खाने योग्य होती है, जैसी की आम का मध्य का पीला खाने योग्य भाग लेकिन नारियल में रेशेदार जटा होती है। अन्तः फलभित्ती (Endocarp)- यह सबसे भीतरी स्तर है आम नारियल बेर में यह कठोर लेकिन खजूर, संतरा में पतली झिल्ली के रूप में होती है। बीजावरण अन्तः फलभित्ती के पास होता है। फल एवं इसके प्रकार (FRUITS AND THEIR TYPES) फलों के प्रकार (TYPES OF FRUITS):(1) सरल फल(SIMPLE FRUITS)ऐसा फल पुष्प के एकल अंडाशय(OVARY) से विकसित होता है, यानि पुष्प के जायांग (GYNOECIUM) से केवल एक ही फल बनता है। (2) पुंज फल (AGGREGARE FRUITS)ऐसा फल बहुअण्डपी(POLYCARPELLARY) तथा वियुक्ताण्डपी(APOCARPOUS) अंडाशय(OVARY) से विकसित होता है, यानि पुष्प के अलग-अलग अंडाशय (OVARY) से अलग-अलग फल बनते है। एक प्रकार पुष्पासन पर अनेक सरल या एकल फलों का गुच्छा बन जाता है। (3) संग्रथिल फल (COMPOSITE FRUITS)ये आभासी फल होते है। इनके निर्माण में बाह्यदलपुंज (CALYX), दलपुंज (COROLLA) पुष्पासन (THALAMUS) भी भाग लेते है। Take a test शुष्क फल क्या है?शुष्क फल (Dry fruits) : इन फलों में फलभित्ति (pericarp) विभिन्न स्तरों में विभेदित नहीं होती और ये गूदेदार (succulent) नहीं होते हैं। स्फोटक फल अथवा सम्पुटी फल (Dehiscent fruits or Capsular fruits) : इन फलों की फलभित्ति (pericarp) परिपक्व (mature) होने पर फट जाती है और बीज फलभित्ति (pericarp) से बाहर आ जाते हैं।
फलों के प्रकार कितने हैं?फल के तीन बुनियादी प्रकार हैं: साधारण फल, गुच्छेदार फल और बहुखण्डित फल।
फल के कितने भाग होते हैं?फल (Fruits)
फलभित्ती के तीन भाग होते हैं।
भारत में कितने प्रकार के फल मिलते हैं?मुख्य फलों में आम, केला, पपीता, अमरूद, चीकू (सपोटा) कटल, लीची, अगर (ट्रोपिकल एवं सबट्रोपिकल) सेब, नाशपाती, पुलम, खुबानी, बादाम, अखरोट, चिलगोजा (शीतोष्ण कटिबंधीय फल) हैं । आंवला, बेर, अनार, अंजीर, फालसा, शुष्क जलवायु के फल हैं । भारत विश्व के कुल फलों का 10 उत्पादन करता है ।
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