श्रीलंका में रावण को क्या मानते हैं? - shreelanka mein raavan ko kya maanate hain?

हिंदी न्यूज़ उत्तर प्रदेशश्रीलंका का ‘हीरो’ रावण आज भी अजर-अमर, श्रीलंका की छात्राओं ने दशहरा पर रखी अपनी बात

श्रीलंका का ‘हीरो’ रावण आज भी अजर-अमर, श्रीलंका की छात्राओं ने दशहरा पर रखी अपनी बात

भारत में आज दशहरा मनाया जा रहा है। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। भारत में इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत की तरह देखा जाता है। इससे लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने की सीख मिलती है।

भारत में आज दशहरा मनाया जा रहा है। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। भारत में इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत की तरह देखा जाता है। इससे लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने की सीख मिलती है। लेकिन हर कहानी को दो पहलुओं की तरह इस कहानी का भी एक दूसरा हिस्सा है। लंकाधिपति रावण को लेकर श्रीलंका के लोगों की राय दूसरी है। वहां के लोग रावण के लिए कोई त्योहार नहीं मनाते हैं। ये लोग रावण को एक ऐसे महान शासक के रूप में देखते हैं जिसे अपनों से धोखा मिला और उसका दुखद अंत हुआ। 

यह कहना है हिंदी सीखने आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान आयीं श्रीलंका की छात्राओं का। एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ़्यक्रम में प्रवेश लेने वाली ये छात्राएं कहती हैं कि रावण अजर और अमर हैं, उन्हें कोई नहीं मार सकता। बुद्ध के अनुयायी होने से हम पूजा पर विश्वास नहीं करते लेकिन हमारा रावण में पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा, श्रीलंका में रावण के लिए कोई दिन तय नहीं है। हमारे यहां कहावत है कि रावण हर जगह है। हमारे यहां उनके प्रति सबकुछ सकारात्मक है। उन्होंने सच्चा जीवन जिया है। हमारे स्कूलों में रावण के बारे में कुछ भी नहीं पढ़ाया जाता है। लेकिन रावण से संबंधित कई स्थल हैं। जहां पर आसानी से उनकी महिमा के बारे में जान सकते हैं। 

दशहरा पर नहीं होता विशेष आयोजन
भारत में मनाया जाने वाला दशहरा का दिन हमारे लिए सामान्य दिनों की तरह है। श्रीलंका के कॉगल्ल से आयीं समल्का बताती हैं कि कोनेश्वरम मंदिर धार्मिक तीर्थस्थल है। इसे पंच ईश्वरम भगवान शिव का निवास माना गया है। यह मंदिर समुद्र से तीन तरफ से घिरी एक पहाड़ी पर बना है। मान्यता है कि रावण, अपनी मां के साथ कोनेस्वरम के भक्त थे। उन्होंने ही तलवार से चट्टान को काटा था। रावण ने अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए थिरुकोनेश्वरम के हिस्से के रूप में गर्म झरनों का निर्माण किया था।

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लोग रूमास्सला हिल भी जाते हैं
गम्पट से आयीं दिमल्षा बताती हैं कि लोग रूमास्सला हिल भी जाते हैं। मान्यता है कि जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण घायल हो जाते हैं तो हनुमान उन्हें ठीक करने के लिए बूटी न मिलने पर हिमालय पर्वत उठा लाते हैं। कहा जाता है कि श्रीलंका के दक्षिण समुद्री किनारे पर कई ऐसी जगह हैं जहां हनुमान जी के लाए पहाड़ के टुकड़े गिरे थे। रुमास्सला हिल सबसे अहम माना गया है। हमारे लोग मानते हैं कि जहां टुकड़े गिरे वहां की जलवायु और मिट्टी बदल गई। हमारे यहां लगे पेड़ पौधों का इलाज में इस्तेमाल होता है।

केंद्रीय हिंदी संस्थान ही क्यों चुना
हिंदी के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान को चुनने के बारे में कोलंबो से आयीं लक्षि, कुरुणेगल की इमाली और कागल्ल की अयेषा बताती हैं कि हमारे यहां सिंहली भाषा का प्रयोग होता है। लेकिन हिंदी पढ़ाने वाले को बहुत सम्मान मिलता है। इसलिए हम सभी ने इसे चुना। हिंदी सीखने के बाद अच्छी सैलरी भी मिलती है। हमारे यहां अच्छे हिंदी शिक्षकों की कमी भी है।

श्रीलंका के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल 
श्री अंजनेया मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति देखने को मिलेगी। सीता अम्मन मंदिर देख सकते हैं। मान्यता है कि यहां सीता माता को बंदी बनाकर रखा गया था। कतारागामा मंदिर में भगवान कार्तिकेय सुब्रमण्यम की पूजा होती है। कहा जाता है कि यह देव इंद्र के कहने पर भगवान राम की मदद के लिए युद्ध में शामिल हुए थे। इसके अलावा दिवूरमपोला मंदिर वह जहां है, जहां माता सीता की अग्निपरीक्षा हुई थी।

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की प्रो. उमापति दीक्षित ने कहा कि भारत सरकार ने मैत्री संबंधों की वजह से सबसे ज्यादा सीटें श्रीलंका को ही (20) दी हैं। इस बार 18 छात्र-छात्राएं भारत आए हैं। इनमें 15 लड़कियां हैं। भारत से पढ़ाई करके लौटने के बाद सांस्कृतिक कला में पारंगत माना जाता है। शिक्षक की नौकरी मिलने पर खूब सम्मान मिलता है। शादी में भी आसानी होती है। 

श्रीलंका के ‘हीरो’ रावण के नायक होने के 5 कारण 
1. शिक्षा व युद्ध में निपुण : रावण के दस सिर थे जिन्हें ज्ञान का उपहार माना जाता था। रावण को हर मामले में विशेषज्ञता हासिल थी।  
2. तकनीक का ज्ञान : तकनीक को लेकर उत्सुक रावण ने पुष्पक विमान का अविष्कार किया था। जिससे सीताजी का हरण किया था। 
3. महान वैद्य : आयुर्वेद में सात पुस्तकें हैं जिनकी रचना रावण के नाम पर है। चिकित्सा हो या विज्ञान हर क्षेत्र में महारथ हासिल थी।
4. महान राजा : श्रीलंका के लोगों के लिए रावण ऐसा राजा था जिसे ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त था, वो उसे एक महान राजा मानते हैं।
5. शिव भक्त : भले ही रावण राक्षस था, पर उसकी भक्ति बिल्कुल सच्ची थी, इसीलिए शिव ने दिव्य हथियारों की शक्ति प्रदान की थी।

क्या श्रीलंका में रावण की पूजा की जाती है?

महान राजा के गुण- श्रीलंका के लोग रावण को भगवान के रूप में नहीं पूजते हैं, लेकिन वो उसे एक महान राजा मानते हैं.

श्री लंका में कौन से भगवान को मानते हैं?

श्रीलंका में हिंदुओं का मानना है कि द्वीप में एक बार भगवान शिव को समर्पित 5 प्रमुख मंदिर थे। दक्षिण में टोंदेश्वरम।

क्या श्रीलंका में रावण रहता था?

माना जाता है कि रावण का साम्राज्य मध्य श्रीलंका में, बदुल्ला, अनुराधापुरा, केंडी, पोलोन्नुरुवा और नुवारा एलिया तक फैला हुआ था, मगर रावण सिगिरिया में रहता था. इस महल के लिए कहा जाता है कि यह महल भी कुबेर ने बनाया था, जो उनके भाई हैं.

श्रीलंका में किसकी पूजा की जाती है?

श्रीलंका में भगवान् मुरुगन की पूजा की जाती है । भगवान श्री राम लंका पर चढ़ाई के लिए वानरों की सेना को लेकर क्यों गए थे? क्या भगवान कृष्ण किसी भगवान की पूजा करते थे?

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