श्रीलंका के समाज की जाति बनावट की व्याख्या करें - shreelanka ke samaaj kee jaati banaavat kee vyaakhya karen

कोलंबो (रॉयटर) : श्रीलंका सरकार और तमिल विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) देश में जारी जातीय संघर्ष को स्थायी रूप से समाप्त करने के ऐतिहासिक दौर में प्रवेश कर रहे हैं।
श्रीलंका में शांति स्थापना के प्रयास में लगे नॉर्वे के विदेश उप-मंत्री वीडर हेलगेजन ने शुक्रवार को कहा कि लिट्टे शीघ्र ही एक प्रस्ताव जारी करेगा। यह प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि 1983 में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से लिट्टे पहली बार कोई प्रस्ताव जारी कर रहा है। थिम्पू समझौते के बाद वार्ता-प्रकिया अवरुद्घ हो गई थी। लिट्टे का यह प्रस्ताव सत्ता में हिस्सेदारी के संबंध में होगा।
भूटान की राजधानी थिम्पू में पहली बार लिट्टे और श्रीलंका सरकार के बीच वार्ता हुई थी। उसके बाद से तीन शांति-वार्ताएं हो चुकी हैं लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका है।
श्री हेलगेजन ने बताया कि अप्रैल में लिट्टे के शांति-वार्ता से हटने के बाद पहली बार दोनों पक्षों ने पुन: बातचीत प्रारंभ करने का फैसला किया है। इस रूप में यह एक ऐतिहासिक निर्णय है।
एक वर्ष पूर्व शुरू हुई शांति-प्रक्रिया से लिट्टे ने यह कहते हुए नाता तोड़ लिया था कि युद्ध-ग्रस्त तमिल इलाकों की सहायता करने का वादा सरकार पूरा नहीं कर रही है। लेकिन इसके बावजूद दोनों पक्षों के बीच फरवरी में हुआ संघर्ष-विराम समझौता जारी रहा।
जातीय-संघर्ष शुरू होने के बाद से यह सबसे लंबा संघर्ष-विराम समझौता है। देश में जातीय संघर्ष के दौरान 64 हजार लोग मारे जा चुके हैं। दोनों पक्षों तथा नॉर्वे को यह उम्मीद है कि अगली वार्ता यूरोप के किसी स्थान में होगी। इससे पूर्व लिट्टे अक्टूबर के मध्य तक सरकार को सत्ता में हिस्सेदारी का प्रस्ताव देगा।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका सरकार पहले ही लिट्टे के नियंत्रण वाले उत्तरी और पूर्वी इलाकों में उनकी सत्ता में भागीदारी का प्रस्ताव रख चुकी है। सरकार ने लिट्टे को पुनर्निर्माण और पुनर्वास के कार्यों में हिस्सेदारी का प्रस्ताव दिया है लेकिन योजना और सुरक्षा-व्यवस्था में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं होगी।

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। 1972 तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे 1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। श्री लंका में (वेदास) जनजाति पायी जाती है। पाक जलसंधि भारत-श्री लंका के मध्य में ही है । श्रीलंका और भारत के बीच राम सेतु भी है मौजूद है।

श्री लंका का पिछले 5००० वर्ष का लिखित इतिहास उपलब्ध है। 125,000 वर्ष पूर्व यहाँ मानव बस्तियाँ होने के प्रमाण मिले हैं।[3] यहाँ से २९ ईसापूर्व में चतुर्थ बौद्ध संगीति के समय रचित बौद्ध ग्रन्थ प्राप्त हुए हैं। [4][5]

प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहल वंश का शासन रहा है। समय-समय पर दक्षिण भारतीय राजवंशों का भी आक्रमण भी इस पर होता रहा है। तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र के यहां आने पर बौद्ध धर्म का आगमन हुआ।

सोलहवीं सदी में यूरोपीय शक्तियों ने श्रीलंका में अपना व्यापार स्थापित किया। देश चाय, रबड़, चीनी, कॉफ़ी, दालचीनी सहित अन्य मसालों का निर्यातक बन गया। पहले पुर्तगाल ने कोलम्बो के पास अपना दुर्ग बनाया। धीरे-धीरे पुर्तगालियों ने अपना प्रभुत्व आसपास के इलाकों में बना लिया। श्रीलंका के निवासियों में उनके प्रति घृणा घर कर गई। उन्होंने डच लोगों से मदद की अपील की। १६३० ईस्वी में डचों ने पुर्तगालियों पर हमला बोला और उन्हें मार गिराया, लेकिन इसका असर श्रीलंकाई पर भी हुआ और उन पर डचों ने और ज्यादा कर थोप दिया। १६६० तक अंग्रेजों का ध्यान भी इस पर गया। नीदरलैंड पर फ्रांस के अधिकार होने के बाद अंग्रेजों को डर हुआ कि श्रीलंका के डच इलाकों पर फ्रांसिसी अधिकार हो जाएगा। तदुपरांत उन्होंने डच इलाकों पर अधिकार करना आरंभ कर दिया। १८०० ईस्वी के आते-आते तटीय इलाकों पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। १८१८ तक अंतिम राज्य कैंडी के राजा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया और इस तरह सम्पूर्ण श्रीलंका पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ४ फरवरी १९४८ को देश को यूनाइटेड किंगडम से पूर्ण स्वतंत्रता मिली।

हिन्द महासागर के उत्तरी भाग मे स्थित इस द्वीप राष्ट्र की भूमि केन्द्रीय पहाड़ों तथा तटीय मैदानों से मिलकर बनी है। वार्षिक वर्षा २५०० से ५००० मि.मी. तक होती है। वार्षिक तापमान का औसत मैदानी इलाकों में २७ डिग्री सेल्सियस तथा नुवर एलिय (ऊंचाई - १८०० मीटर) के इलाके में १५ डिग्री सेल्सियस रहता है। इस देश का विस्तार ६-१० गिग्री उत्तरी अक्षांश के मध्य होने, तथा चारो ओर समुद्र से घिरे होने की वजह से यह एक उष्ण कटिबंधीय जलवायु क्षेत्र है। यहां की औसत सापेक्षिक आर्द्रता दिन में ७०% से लेकर रात के समय में ९०% तक हो जाती है।

प्रशासकीय रूप से श्रीलंका ९ प्रान्तों में बंटा हुआ है। इन ९ प्रान्तों में कुल २५ जिले हैं। इन जिलों के तहत मंडलीय सचिवालय आते हैं और इनके घटक इकाईयों को ग्राम सेवक खंड कहते हैं।

श्रीलंका के जातीय समूहजातीय समूहप्रतिशतसिंहली74%मूर7.5%तमिल18%अन्य0.5%

यह देश एक बहुजातीय तथा बहुधार्मिक है। यहां के निवासियों में ७४% सिंहली, १८% तमिल, ७% ईसाई तथा १% अन्य जातिमूल के हैं।

श्रीलंकाई गृहयुद्ध श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहला और अल्पसंख्यक तमिलो के बीच 23 जुलाई, 1983 से आरंभ हुआ गृहयुद्ध है। मुख्यतः यह श्रीलंकाई सरकार और अलगाववादी गुट लिट्टे के बीच लड़ा जाने वाला युद्ध है। 30 महीनों के सैन्य अभियान के बाद मई 2009 में श्रीलंकाई सरकार ने लिट्टे को परास्त कर दिया।[1]

लगभग 25 वर्षों तक चले इस गृहयुद्ध में दोनों ओर से बड़ी संख्या में लोग मारे गए और यह युद्ध द्वीपीय राष्ट्र की अर्थव्यस्था और पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हुआ। लिट्टे द्वारा अपनाई गई युद्ध-नीतियों के चलते 32 देशों ने इसे आतंकवादी गुटो की श्रेणी में रखा जिनमें भारत[2], ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ[3] के बहुत से सदस्य राष्ट्र और अन्य कई देश हैं। एक-चौथाई सदी तक चले इस जातीय संघर्ष में सरकारी आँकड़ों के अनुसार ही लगभग 80,000 लोग मारे गए हैं। .

श्रीलंका में कौन सी जाति के लोग रहते हैं?

असल में जाति के आधार पर श्रीलंका को देखें तो यहां 74% सिंहली, 18% तमिल, 7% ईसाई व 1% दूसरे जाति के लोग हैं.

श्रीलंका की जाति संरचना क्या है?

सिंहली समुदाय बहुसंख्यक है (74%), फिर तमिलों का नंबर है, जिनकी आबादी कुल जनसंख्या में 18% है। ये द्वीप के उत्तर तथा पूर्वी प्रांतों में आबाद हैं। अन्य समुदायों में मुस्लिम सम्मिलित हैं। तमिलों में दो उप-समूह हैं।

श्रीलंका में सबसे अधिक जाति कौन सी है?

2011 की जनगणना के अनुसार श्रीलंका के 70.2% थेरावा बौद्ध थे, 12.6% हिंदू थे, 9.7% मुसलमान (मुख्य रूप से सुन्नी) और 7.4% ईसाई (6.1% रोमन कैथोलिक और 1.3% अन्य ईसाई) थे।

श्रीलंका में सबसे प्रमुख सामाजिक समूह कौन सा?

Answer. Explanation: श्रीलंका में आबादी का 74 प्रतिशत हिस्सा सिंहला समुदाय का है.

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