शेर के मुंह और रोजगार के दफ्तर के बीच में क्या अंतर है? - sher ke munh aur rojagaar ke daphtar ke beech mein kya antar hai?

शेर के मुँह और रोज़गार के दफ़्तर के बीच क्या अंतर है?

शेर का मुँह में गए जानवर कभी लौटकर नहीं आते हैं। वह मुँह में समाकर मर जाते हैं या उनका अस्तित्व नष्ट हो जाता है। रोज़गार के दफ़्तर में ऐसी स्थिति नहीं होती है। यहाँ पर लोग नौकरी पाने की आशा में जाते हैं। वे यहाँ के चक्कर लगाते हुए थक जाते हैं लेकिन उन्हें नौकरी कभी नहीं मिलती। बस उनका अस्तित्व समाप्त नहीं होता है। शेर के मुँह के समान रोज़गार का दफ़्त्तर लोगों को निगलता नहीं है। बस उनकी आशा समाप्त कर देता है।

Concept: गद्य भाग

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शेर के मुंह और रोजगार के दफ्तर के बीच क्या अंतर है?

शेर कs मुँह में गए जानवर कभी लौटकर नहीं आते हैं। वह मुँह में समाकर मर जाते हैं या उनका अस्तित्व नष्ट हो जाता है। रोज़गार के दफ़्तर में ऐसी स्थिति नहीं होती है। यहाँ पर लोग नौकरी पाने की आशा में जाते हैं।

लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुंह में क्यों चली जा रही है?

लोमड़ी बेरोज़गार थी। उसे पता चला था कि शेर के मुँह में रोज़गार कार्यालय है, जहाँ उसे नौकरी मिल सकती है। अतः वह नौकरी की अर्जी जमा कराने के लिए स्वेच्छा से शेर के मुँह में चली जा रही थी।

मजदूरों को चार हाथ देने के लिए मिल मालिक ने क्या किया और उसका क्या परिणाम निकला?

मिल मालिक ने कई विख्यात वैज्ञानिकों को कई वर्षों तक मोटी तनख्वाह पर रखा। लेकिन उसे इसका कोई परिणाम नहीं निकला। उसने मृत व्यक्तियों के हाथ मंगवाकर मज़दूरों पर लगवाए लेकिन वे व्यर्थ हुआ। उसने लकड़ी के हाथ बनवाकर मज़दूरों पर लगवाए लेकिन इससे कुछ न मिला।

प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण क्या है?

'प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास' कहानी के आधार पर टिप्पणी कीजिए। उत्तर- विश्वास प्रमाण से बड़ा होता है। कई बार लोग प्रमाण देखने पर भी बात नहीं मान पाते है परन्तु यदि उन्हें किसी के ऊपर विश्वास हो तो वे प्रमाण के बिना विश्वास कर लेते Page 3 है। विश्वास होने पर लोग कही भी साथ देने चल सकते हैं।