पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निदेशक अर्देशिर को जब सम्मानित किया गया तब सम्मानकर्ताओं ने उनके लिए क्या कहा था? अर्देशिर ने क्या कहा? और इस प्रसंग में लेखक ने क्या टिप्पणी की है? लिखिए। Show पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निदेशक अर्देशिर को 1956 में सम्मानित किया गया। सम्मान करने वालों ने उन्हें ‘भारतीय सवाक् फिल्मों का पिता’ कहा। अर्देशिर ने इस मौके पर कहा-”मुझे इतना बड़ा खिताब देने की जरूरत नहीं है। मैंने तो देश के लिए अपने हिस्से का जरूरी योगदान दिया है।” 548 Views मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते, उसमें दैहिक अभिनय की प्रधानता होती है। पर, जब सिनेमा बोलने लगा उसमें अनेक परिवर्तन हुए। उन परिवर्तनों को अभिनेता, दर्शक और कुछ तकनीकी दृष्टि से पाठ का आधार लेकर खोजें. साथ ही अपनी कल्पना का भी सहयोग लें। यह सत्य है कि मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते दैहिक अभिनय की
प्रधानता होती है पर जब वह बोलने लगी तो उसमें अनेक परिवर्तन हुए। ये परिवर्तन अभिनेता. दर्शक और तकनीकी दृष्टि से हुए जो निम्न प्रकार से हैं- 1065 Views
उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्दांश होते हैं। वाक्य में इनका अकेला प्रयोग नहीं होता। इन दोनों में अंतर केवल इतना होता है कि उपसर्ग किसी भी शब्द में पहले लगता है और प्रत्यय बाद में। हिंदी के सामान्य उपसर्ग इस प्रकार हैं-अ/अन, नि, दु, क/कु, स/सु, अध, बिन, औ आदि। (i) मूल शब्द उपसर्ग नया शब्द (ii) मूल शम्शब्दरत्यय नया शब्द 8238 Views जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए? उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए। जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर लिखा था-’वे सभी सजीव हैं. सांस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इंसान जिंदा हो गए;
उनको बोलते; बातें करते देखो।’ 1559 Views सवाक् शब्द वाक् के पहले ‘स’ लगाने से बना है। स उपसर्ग से कई शब्द बनते हैं। निम्नलिखित शब्दों के साथ ‘स’ का उपसर्ग की भाँति प्रयोग करके शब्द बनाएँ और शब्दार्थ में होनेवाले परिवर्तन को बताएँ। हित. परिवार. विनय, चित्र. बल, सम्मान। शब्द उपसर्ग नया शब्द अर्थ 408 Views पहला बोलता सिनेमा बनाने के लिए फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी को प्रेरणा कहाँ से मिली? उन्होंने आलम आरा फिल्म के लिए आधार कहाँ से लिया? विचार व्यक्त कीजिए। पहला बोलता सिनेमा बनाने के लिए फिल्मकार अर्दशिर एम. ईरानी को प्रेरणा हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म ‘शो बोट’ से मिली। पारसी रंगमंच के नाटक को आधार बनाकर ‘आलम आरा’ फिल्म की पटकथा लिखी गई। 673 Views सवाक फिल्म की शुरुआत करने वाले पहले निर्माता निर्देशक कौन थे?आलमआरा (विश्व की रौशनी) 1931 में बनी हिन्दी भाषा और भारत की पहली सवाक (बोलती) फिल्म है। इस फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी हैं। ईरानी ने सिनेमा में ध्वनि के महत्व को समझते हुये, आलमआरा को और कई समकालीन सवाक फिल्मों से पहले पूरा किया।
पहली सवाक फिल्म बनाने की प्रेरणा निर्देशक को कहाँ से मिली?विचार व्यक्त कीजिए। उत्तर: अर्देशिर ईरानी ने 1929 में हॉलीवुड की बोलती फिल्म 'शो बोट' देखी थी। इसी फिल्म से उन्हें आलम आरा बनाने की प्रेरणा मिली थी।
भारत की पहली बोलती फिल्म के नायक कौन थे?भारत की पहली सवाक (बोलती) फ़िल्म सन 1931 में आलमआरा प्रदर्शित हुई थी, जिसमे मास्टर विट्ठल और पृथ्वीराज कपूर नायक की भूमिका निभाई थे।
आलम आरा फिल्म के निर्देशक का नाम क्या है?अर्देशिर ईरानीआलमआरा / निर्देशकnull
|