सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं Show सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताओं में सामाजिक जीवन, आर्थिक जीवन, धार्मिक जीवन, कला और संस्कृति, राजनैतिक और सामाजिक संगठन आदि का अध्ययन करते हैं । 1. राजनैतिक संगठन सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 600 वर्षों तक निरन्तर कायम रही । इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यहाँ कोई न कोई उच्च केन्द्रीय राजनीतिक संगठन रहा होगा । dr. R. S. शर्मा के अनुसार सिंधु सभ्यता के लोगों ने सबसे अधिक ध्यान वाणिज्य और व्यापार की ओर दिया । अतः हड़प्पा सभ्यता का शासन सम्भवतः "वणिक वर्ग" के हाथों में था । कुछ अन्य विद्वान जैसे- हंटर के अनुसार यहाँ की शासन व्यवस्था जनतान्त्रिक पद्धति से चलती थी । 2. सामाजिक संगठन - सैन्धव समाज तीन वर्गों में विभाजित था । विशिष्ट वर्ग, खुशहाल मध्यम वर्ग, अपेक्षाकृत कमजोर वर्ग । ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि दुर्ग में निवास करने
वाले लोग पुरोहित वर्ग के थे । नगर क्षेत्र में व्यापारी, अधिकारी, सैनिक एवं शिल्पी रहते थे । जबकि नगर के निचले हिस्से में अपेक्षाकृत कमजोर वर्ग जैसे- कृषक, कुम्भकार, बढ़ई, नाविक, सोनार, जुलाहे तथा श्रमिक रहते थे । हड़प्पा सभ्यता में सम्भवतः दास प्रथा प्रचलित थी । 3. आर्थिक जीवन सिंधु सभ्यता का आर्थिक जीवन अत्यन्त विकसित अवस्था में था । आर्थिक जीवन के प्रमुख आधार कृषि, पशुपालन, शिल्प और व्यापार थे । Next Page सिंधु सभ्यता के प्रमुख विशेषता क्या थी?अन्न भंडारों का निर्माण हड़प्पा सभ्यता के नगरों की प्रमुख विशेषता थी। जली हुई ईंटों का प्रयोग हड़प्पा सभ्यता की एक प्रमुख विशेषता थी क्योंकि समकालीन मिस्र में मकानों के निर्माण के लिये शुष्क ईंटों का प्रयोग होता था। हड़प्पा सभ्यता में जल निकासी प्रणाली बहुत प्रभावी थी।
एक सिंधु घाटी की सभ्यता की क्या विशेषता थी?सिंधु घाटी सभ्यता ने फ़ारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से संबंध स्थापित किया और व्यापार किया। कुछ दृष्टियों से यह सभ्यता उनकी तुलना में बेहतर थी । यह एक ऐसी नागर सभ्यता थी जिसमें व्यापारी वर्ग धनाढ्य था और उसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण थी। सड़कों पर दुकानों की कतारें थीं और दुकानें संभवतः छोटी थीं।
सभ्यता की विशेषताएं क्या है?सभ्यता शब्द का प्रयोग मानव समाज के एक सकारात्मक, प्रगतिशील और समावेशी विकास को इंगित करने के लिये किया जाता है। सभ्य समाज अक्सर उन्नत कृषि, लंबी दूरी के व्यापार, व्यावसायिक विशेषज्ञता और नगरीकरण आदि की उन्नत स्थिति का द्योतक है।
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