सांस लेने में दिक्कत होने का क्या कारण है? - saans lene mein dikkat hone ka kya kaaran hai?

सांस लेने में दिक्कत (Breathing Problem) होना कोई आम समस्या नहीं है। इसके चलते लोगों को कभी-कभी छाती में अकड़न महसूस होती है तो कुछ लोग सांस फूलने की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। इसके चलते कुछ लोगों को सांस चढ़ने का अनुभव भी महसूस हो सकता है। जरूरी नहीं है कि अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इसके पीछे कारण वायु मार्ग में रुकावट हो कभी कभी कुछ और भी गंभीर समस्याएं होती हैं, जिसके कारण इस तरह की दिक्कत उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है। आज का हमारा लेख इन्हीं कुछ कारणों पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे की सांस लेने में तकलीफ के क्या लक्षण होते हैं। साथ ही कारण और बचाव भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

सांस लेने में दिक्कत होने का क्या कारण है? - saans lene mein dikkat hone ka kya kaaran hai?

सांस लेने में तकलीफ के कारण  (Causes of difficulty breathing)

बता दें कि सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है तो उसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं कभी यह समस्या दिल की कारण हो सकती है तो कभी ऑक्सीजन ना मिलने के कारण। आइए जानते हैं सांस लेने में दिक्कत के मुख्य कारण...

1 - किसी बैक्टीरियल संक्रमण के कारण सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है।

2 - वायरल इंफेक्शन के कारण भी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है।

3 - जो व्यक्ति किसी एलर्जी रिएक्शन के संपर्क में आता है तब भी सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।

4 - जब गले में फोड़ा या टॉन्सिल्स पैदा हो जाते हैं तो सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।

5 - सिस्टिक फाइब्रोसिस भी सांस लेने में दिक्कत का प्रमुख कारण है।

6 - अस्थमा के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है।

7 - वोकल कॉर्ड संबंधी समस्या के कारण भी सांस में दिक्कत हो जाती है।

8 - जब नली की दीवार क्षतिग्रस्त हो जाती है तब भी सांस लेने में दिक्कत आ जाती है।

9 - जब कोई व्यक्ति अधिक धुएं में सांस लेता है तब भी सांस लेने में दिक्कत आ जाती है।

10 - जब ऊपर के वायु मार्ग में सूजन आती है तो क्रुप की समस्या बन जाती है और सांस लेने में दिक्कत आती है।

11 - सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज के कारण भी यह समस्या हो जाती है।

ध्यान दें कि जो लोग धूम्रपान करते हैं या शराब जैसी चीजों का सेवन करते हैं उन लोगों में सांस लेने की ये समस्या और गंभीर हो सकती हैं। ऐसे में कारण पता होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सांस लेने में दिक्कत होने का क्या कारण है? - saans lene mein dikkat hone ka kya kaaran hai?

सांस लेने में तकलीफ के लक्षण क्या है (symptoms of difficulty breathing)

जब  सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है तो अलग लक्षण भी नजर आते हैं जो इस प्रकार हैं-

1 - बेहोशी की हालत सांस लेने के लक्षणों में से एक है।

2 - गर्दन में दर्द सांस लेने के लक्षणों में से एक है।

3 - चक्कर आना

4 - छाती में दर्द इसके लक्षण हैं।

5 - व्याकुलता भी इसी के लक्षणों में से एक है।

6 - हांफना भी इसके लक्षण में से एक है।

7 - थकान भी इन लक्षणों में से एक है।

8 - सांस लेने के दौरान तेज आवाज में आना भी इनके लक्षण में से एक है।

9  - छाती में चोट लगना भी इसके लक्षण में से एक है।

10 - साइनोसिस यानी नीले रंग की त्वचा हो जाती है तब भी यह इसके लक्षण ही हैं।

बता दें कि इससे कुछ अलग भी लक्षण होते हैं जो नजर आते हैं। जैसे खांसी रहना, जुकाम रहना, सर्दी महसूस करना, टखनों में सूजन हो जाना आदि लक्षणों के चलते भी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

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सांस लेने में परेशानी से बचाव

अगर सांस लेने में दिक्कत महसूस हो तो मैं निम्न बचावो को अपनाना चाहिए-

1 - धूम्रपान से बचें।

2 - भोजन को आराम आराम से और धीरे-धीरे खाएं।

3 - अगर आप किसी प्रदूषित वाले माहौल से रहते हैं तो वहां से तुरंत दूर हो जाएं।

4 - अगर आप एलर्जी वाले पदार्थों और विषाक्त पदार्थों वाले वातावरण में सांस लेंगे तो दिक्कत और बढ़ सकती है।

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5 - आहार में बदलाव करने से भी आप अपने सांस की परेशानी को कम कर सकते हैं। आप अपने आहार में फलों सब्जियों के साथ मछली, बींस आदि को जोड़ सकते हैं। बता दें कि फलों सब्जियों के अंदर भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं जो संक्रमण को दूर करते हैं। वहीं बींस के अंदर विटामिन ई के साथ साथ एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं जो इस समस्या से लड़ने में मददगार हैं। मछली के सेवन से भी शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अंदर पाई जाने वाली ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर को फिजिकली मजबूती देते हैं।

नोट - बता दें कि सांस लेने में दिक्कत कोई समस्या नहीं है लेकिन अपने आहार में बदलाव कर के या डाइट में थोड़ा सा बदलाव करके इस समस्या से लड़ सकते हैं। बता दें कि ऊपर दिए कारणों में से अगर किसी एक के कारण सांस लेने में समस्या हो रही तो तुरंत संपर्क करें। अपनी डाइट में कुछ भी जोड़ने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भवती महिलाओं को इस तरह की समस्याएं हो तो तुरंत डॉक्टर से राय लें। किसी के कहने पर अपनी डाइट में  कुछ भी ना जोड़ें। साथ ही सांस में दिक्कत की समस्या को नजरअंदाज न करें। वरना इससे दिल की समस्या हो सकती है।

नई दिल्ली: सांस लेने में दिक्कत एक आम समस्या है. ज्यादा खाना खाने के बाद भी सांस लेने में परेशानी (breathing problem) अनुभव हो सकती है. लेकिन यदि ऐसा बार-बार होता है और लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहती है तो ध्यान देने की जरूरत है. सांस नली के जाम होने या फेफड़ों में छोटी-मोटी परेशानी होने पर सांसें छोटी आने लगती हैं. यदि आपको यह समस्या लंबे समय से है तो यह किसी दूसरी बीमारी का लक्षण हो सकता है, जैसे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी (सीओपीडी) और निमोनिया. आइये जानते किस कारण हो सकती ये समस्या (reason of breathing problem).

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या उपाय करें?

सांस फूलने की समस्या के लिए घरेलू उपाय | Home Remedies for Shortness of Breath.
ब्लैक कॉफी.
भांप लेना.
होंठ दबाकर सांस लेना.

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या बीमारी होती है?

सांस लेने में कठिनाई होना ऐसी ही एक समस्या है, जिसे आमतौर पर फेफड़ों की दिक्कत या अस्थमा मान लिया जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि यह हार्ट अटैक का शुरुआती संकेत भी हो सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सांस से संबंधित किसी भी तरह की दिक्कत को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।

कभी कभी सांस लेने में दिक्कत क्यों होती है?

न्यूमोनिया (pneumonia) (फेफड़ों में सूजन) भी सांसों के उखड़ने और खांसी का कारण बन सकता है। यह आमतौर पर संक्रमण के कारण होता है इसलिए आपको एंटीबायोटिक (antibiotics) लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। (chronic obstructive pulmonary disease) है तो यह आपके सांस फूलने का संकेत हो सकता है और इसमें अचानक स्थिति गंभीर हो सकती है।

सांस लेने में कठिनाई को क्या कहते हैं?

डिस्पनिया (Dyspnea) (जिसकी अंग्रेज़ी वर्तनी dyspnoea भी है) या (श्वास की लघुता (एसओबी), श्वास क्षुधा), श्वासल्पता का व्यक्तिपरक लक्षण है। यह अत्यधिक श्रम का एक आम लक्षण होता है तथापि यदि यह अप्रत्याशित स्थिति में उत्पन्न हो तो यह एक रोग बन जाता है।