विषयसूची सिपाही विद्रोह के क्या कारण थे?इसे सुनेंरोकेंचर्बीयुक्त कारतूसों के प्रयोग और सैनिकों से सम्बंधित मुद्दों को इस विद्रोह का मुख्य कारण माना गया लेकिन वर्त्तमान शोध द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि कारतूसों का प्रयोग न तो विद्रोह का एकमात्र कारण था और न ही मुख्य कारण | वास्तव में यह विद्रोह सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक-धार्मिक आदि अनेक कारणों का सम्मिलित परिणाम था. 1857 के विद्रोह के क्या कारण थे?इसे सुनेंरोकें1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारण सैनिक थे। एक अफवाह यह फैल गई कि नई ‘एनफिल्ड’ राइफलों के कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता है। सिपाहियों को इन राइफलों को लोड करने से पहले कारतूस को मुँह से खोलना पड़ता था। हिंदू और मुस्लिम दोनों सिपाहियों ने उनका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया। 1857 के विद्रोह का क्या प्रभाव पडा? इसे सुनेंरोकेंसिपाही विद्रोह ने हर भारतीय को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित किया था, जिसमें इंग्लैंड में रहने वाले ब्रिटिश भी शामिल थे। ब्रिटिश सेना दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, ग्वालियर और मेरठ राज्यों को फिर से हासिल करने में सफल रही। हजारों निर्दोषों को बिना किसी वैध कारण के निर्दयतापूर्वक मार डाला गया। सिपाही विद्रोह कहाँ से शुरू हुआ? इसे सुनेंरोकेंकोलकाता में 1857 के मार्च से बहुत पहले शुरू हुई सिपाही विद्रोह को ब्रिटिशों के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए पहला युद्ध कहा जाता है। सिपाही विद्रोह हालांकि एक व्यापक आंदोलन था, लेकिन अंततः असफल रहा और 1858 में इसका पाठ्यक्रम समाप्त हो गया। यह मेरठ से शुरू हुआ और अंततः दिल्ली, आगरा, कानपुर और लखनऊ में फैलने लगा। सिपाही विद्रोह के समय गवर्नर जनरल कौन था?इसे सुनेंरोकेंसिपाही विद्रोह के दौरान लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। भारत का पहला वायसराय और अंतिम गवर्नर-जनरल। 1857 का विद्रोह का भारत की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?इसे सुनेंरोकेंचार्ल्स जॉन कैनिंग 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान भारत का राजनेता और गवर्नर जनरल था। वह वर्ष 1858 में भारत का पहला वायसराय बना। वह 1857 के विद्रोह को सफलतापूर्वक दबाने में सक्षम था। भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 पारित करना जिसने भारत में पोर्टफोलियो प्रणाली की शुरुआत की। अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी के जन विद्रोह के संदेश का आम जनता में प्रचार प्रसार कैसे हुआ? इसे सुनेंरोकेंमेरठ में 24 अप्रैल को तीसरी देसी घुड़सवार सेना के 85 सिपाहियों ने गाय और सुअर की चर्बी से बने कारतूसों को लेने से मना कर दिया। 9 मई को मेरठ परेड ग्राउंड में इन्हीं 85 सिपाहियों के कोर्ट मार्शल की घटना ने 1857 के क्रांति की तात्कालिक पृष्ठभूमि तैयार की। कोर्ट मार्शल के साथ उनको 10 साल की सजा सुनाई गई थी। भारत में सिपाही विद्रोह कब हुआ था? इसे सुनेंरोकेंसिपाही विद्रोह 1857, जिसे 1857 के भारतीय विद्रोह के रूप में भी जाना जाता है, ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ ब्रिटिश उपनिवेशित भारत के मूल पैदल सैनिकों का विद्रोह था। 1857 का विद्रोह अंग्रेजों के औपनिवेशिक अत्याचार के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत थी. 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, सिपाही विद्रोह, आदि नामों से भी जाना जाता है. यह विद्रोह 10 मई, 1857 को मेरठ में सिपोई म्युटिनी के रूप में शुरू हुआ था. ये ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ बंगाल प्रेसीडेंसी में सिपाहियों द्वारा शुरू किया गया था. स्वतंत्रता के इस युद्ध ने आगे चलकर भारत पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत किया. Source: social media इसके बाद, गवर्नर-जनरल के नाम से जाने जाने वाले प्रतिनिधियों के माध्यम से भारत पर सीधे ब्रिटिश सरकार का शासन शुरू हो गया था. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण –इस विद्रोह का तत्कालिक कारण 'एनफील्ड' राइफल के इस्तेमाल की शुरूआत थी. कारतूस को बंदूक में लोड करने से पहले उसे दांत से काटना पड़ता था. भारतीय सिपाहियों का मानना था कि कारतूस या तो सुअर की चर्बी से चिकना किया गया था या गाय की चर्बी से. Free Demo ClassesRegister here for Free Demo Classes Please fill the name Please enter only 10 digit mobile number Please select course Please fill the email और यह बात हिंदू और मुस्लिम दोनों की भावनाओं को आहत करने वाली थी. इसलिए भारतीय सैनिक 'एनफील्ड' राइफल का उपयोग करने के अनिच्छुक थे. यह अंग्रेजों के खिलाफ सैनिकों के भड़कने का एक फ्लैशपोइंट था. इस बात को हीं 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण माना गया.
1857 के विद्रोह के अन्य कारण –1857 के विद्रोह के अन्य भी बहुत सारे कारण थे : धार्मिक और सामाजिक कारण - जातिवाद या नस्लीय भेदभाव को 1857 के विद्रोह का एक प्रमुख कारण माना जाता था. भारतीयों का शोषण किया जाता था और उन्हें यूरोपीय लोगों के साथ घुलने-मिलने से दूर रखा जाता था. अंग्रेज भी भारतीयों के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों में हस्तक्षेप करते थे और उन्हें प्रताड़ित करते थे. सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now राजनीतिक कारण - ब्रिटिश विस्तार ने अन्यायपूर्ण नीतियों के प्रसार को जन्म दिया जिसके कारण भारत के विभिन्न स्थानों पर रहने वाले नवाबों और जमींदारों की शक्ति का नुकसान हुआ. अनुचित नीतियों की शुरूआत जैसे व्यापार और वाणिज्य की नीति (policy of trade and commerce), अप्रत्यक्ष अधीनता की नीति (सहायक गठबंधन), युद्ध और विलय की नीति, प्रत्यक्ष अधीनता की नीति (चूक का सिद्धांत), कुशासन की नीति (जिसके माध्यम से अवध संलग्न) ने देशी राज्यों के शासकों के हितों को बहुत बाधित किया, और वे एक-एक करके ब्रिटिश विस्तारवाद के शिकार हो गए. इसलिए, वे शासक, जिन्होंने अपने राज्य अंग्रेजों के हाथों गँवा दिए थे, स्वाभाविक रूप से अंग्रेजों के खिलाफ थे और उन सभी ने इस विद्रोह के दौरान उनका पक्ष लिया. आर्थिक कारक - कराधान और राजस्व प्रणाली में कई बदलाव हुए जिसने किसानों को वृहद् रूप से प्रभावित किया. ब्रिटिश सरकार ने अपने क्षेत्र का विस्तार करने के लिए विभिन्न प्रशासनिक नीतियां लागू की. जानें एक्सिस और सेंट्रल पॉवर्स क्या है व इनमें क्या अंतर हैं 1857 के विद्रोह का प्रभाव –1857 के विद्रोह ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की नींव हिला दी. इस विद्रोह के बाद भारतीय प्रशासन को संभालने में ब्रिटिश सरकार कितनी अक्षम है इस बात का खुलासा हुआ. विद्रोह के परिणामस्वरूप भारत सरकार अधिनियम, 1858 पारित किया गया. इस अधिनियम से पारित होने से भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया और ब्रिटिश राज की शुरुआत हुई जिसने ब्रिटिश सरकार के हाथों में सीधे प्रतिनिधियों के माध्यम से भारत पर शासन करने की शक्ति प्रदान की. 1857 के विद्रोह के प्रमुख नेतृत्वकर्ता – (Major leader of the Revolt of 1857)
1857 के विद्रोह की विफलता के कारण –(Reasons for the failure of the Revolt of 1857)1857 का विद्रोह कुछ कारणों की वजह से अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त करने में असफ़ल रहा. ये कारण थे –
बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ सिपाही विद्रोह का तत्कालीन कारण क्या था?1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारण सैनिक थे। एक अफवाह यह फैल गई कि नई 'एनफिल्ड' राइफलों के कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता है। सिपाहियों को इन राइफलों को लोड करने से पहले कारतूस को मुँह से खोलना पड़ता था। हिंदू और मुस्लिम दोनों सिपाहियों ने उनका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया।
सैनिक विद्रोह का मुख्य कारण क्या था?दूसरी वजह यह थी कि पुलों और सड़कों को ब्रिटिश शासन का प्रतीक माना जाता था। उन्होंने दिल्ली में विद्रोह करने वाले सिपाहियों को रसद पहुँचाई और ब्रिटिश हेडक्वार्टर व मेरठ के बीच तमाम सरकारी संचार बंद कर दिया।
1857 के विद्रोह के क्या कारण थे यह एक सिपाही विद्रोह या राष्ट्रीय आंदोलन था उत्तर की पुष्टि में तर्क दीजिए?इतिहासकारों ने 1857 का विद्रोह (भारतीय स्वतंत्रता का पहला युद्ध 1857) के विविध राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य, धार्मिक और सामाजिक कारणों की पहचान की है। फरवरी 1857 में एनफील्ड राइफल के लिए नए बारूद कारतूस के मुद्दे से बंगाल सेना की कई सिपाहियों द्वारा कंपनियों में एक विद्रोह छिड़ गया था।
विद्रोह के क्या कारण थे?1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारण सैनिक थे। एक अफवाह यह फैल गई कि नई 'एनफिल्ड' राइफलों के कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता है। सिपाहियों को इन राइफलों को लोड करने से पहले कारतूस को मुँह से खोलना पड़ता था। हिंदू और मुस्लिम दोनों सिपाहियों ने उनका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया।
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