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सिन्धु (हड़प्पा) सभ्यता की नगर योजना और नगरों की विशेषताएँAug 03, 2022 11:08AM 755 सिन्धु सभ्यता की नगरीय व्यवस्था की विशेषताएँसिन्धु सभ्यता या
हड़प्पा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी। यह अपनी समकालीन अन्य सभ्यताओं की तुलना में अधिक विकसित थी। पुरातात्त्विक अवशेषों और अनुसंधानों से हमें सिंधु सभ्यता की नगरीय व्यवस्था का ज्ञान होता है। इस नगरीय व्यवस्था की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित थीं– इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.) नगरों का वर्गीकरणइस सभ्यता के लगभग सभी नगर निम्नलिखित दो भागों में विभाजित थे– इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.) सिन्धु सभ्यता के नगरों की विशेषताएँसिन्धु सभ्यता के नगरों हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और कालीबंगा की नगर योजना लगभग एकसमान थी। कालीबंगा और रंगपुर को छोड़कर इस सभ्यता के शेष सभी नगरों के निर्माण के लिए पकी हुई ईटों का प्रयोग किया गया था। सामान्यतः प्रत्येक घर में एक आंगन, एक रसोईघर और एक स्नानागार होता था। अधिकतर घरों में कुओं के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के नगरों में बड़े-बड़े भवन थे। इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.) सिन्धु सभ्यता के नगरों के चारों ओर प्राचीर बनाकर किले का निर्माण किया गया था। ऐसी व्यवस्था का उद्देश्य नगर को चोर, लुटेरों, पशु दस्युओं आदि से सुरक्षित रखना था। मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार सिन्धु सभ्यता का अद्भुत निर्माण है। अन्नागार इस सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत है। इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.) सिन्धु सभ्यता के घरों के दरवाजे और खिड़कियाँ मुख्य सड़क पर न खुलकर गलियों की ओर खुलते थे, किन्तु लोथल इसका अपवाद है। इस नगर के दरवाजे और खिड़कियाँ मुख्य सड़कों की ओर खुलते थे। मकान का निर्माण करने के लिए कई प्रकार की ईटों का प्रयोग किया जाता था। इनमें 4:2:1 (लम्बाई, चौड़ाई और मोटाई का अनुपात) के आकार की ईटें सबसे अधिक प्रचलित थी। इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.) सिन्धु सभ्यता में स्वच्छता को विशेष महत्व दिया गया है। सिन्धु सभ्यता के नगरों की सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं। सड़कों के किनारे स्थित नालियाँ ऊपर से ढकी होती थीं। घरों से निकलने वाला गन्दा पानी इन्हीं नालियों से होता हुआ नगर को मुख्य नाली में गिरता था। "भारतीय कला एवं संस्कृति" के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of "Indian Art and Culture".) I hope the above information will be useful and important. सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)Option 1 : ईंट की इमारतें Free BSSC CGL (Check your Preparation) - Mini Live Test 50 Questions 200 Marks 45 Mins सही उत्तर ईंट की इमारतें है।
Last updated on Nov 18, 2022 BPSC 68th Exam Notification has been released for 281 posts. Candidates can apply for the BPSC 68h Prelims from 25th November 2022 to 20th December 2022. Also, the BPSC 67th Mains Notification has also been released. Candidates can apply for the BPSC 67th Mains from 21st November 2022 to 6th December 2022. The BPSC Prelims Result for the 67th Schedule released on 17th November 2022 along with this BPSC 67th Prelims Final Answer Key has also been released. The BPSC Mains Exam will be taking place on 29th December 2022. The candidates will be selected on the basis of their performance in prelims, mains, and personality tests. A total of 802 candidates will be recruited through the BPSC Exam 67th schedule. सिन्धु घाटी की सभ्यता की मुख्य नियोजना विशेषताएं क्या है?ये दोनों नगर सुंदर नगर नियोजन की कला के प्राचीनतम उदाहरण थे। इन नगरों में रहने के मकान, बाजार, भंडार घर, कार्यालय, सार्वजनिक स्नानागार आदि सभी अत्यंत व्यवस्थित रूप से यथास्थान बनाए गए थे। इन नगरों में जल निकासी की व्यवस्था भी काफी विकसित थी। हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो इस समय पाकिस्तान में स्थित हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या थी?सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता नगर नियोजन को माना जाता है। यहां नगर और कस्बे एक निश्चित योजना के अनुसार बसाए जाते थे। पकी ईंट से बनी इमारतों में मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार व अन्नागार प्रमुख हैं। इनकी सतह पकी ईंटों की है, जिसे जिप्सम तथा मोर्टार द्वारा जोड़ा गया है।
सिंधु घाटी सभ्यता नगर नियोजन क्या है?सिन्धु अथवा हड़प्पा सभ्यता के नगर का अभिविन्यास शतरंज पट (ग्रिड प्लानिंग) की तरह होता था, जिसमें मोहनजोदड़ो की उत्तर-दक्षिणी हवाओं का लाभ उठाते हुए सड़कें करीब-करीब उत्तर से दक्षिण तथा पूर्ण से पश्चिम को ओर जाती थीं. इस प्रकार चार सड़कों से घिरे आयतों में “आवासीय भवन” तथा अन्य प्रकार के निर्माण किये गये हैं.
सिन्धु सभ्यता की क्या विशेषता रही है?सिन्धु घाटी सभ्यता का स्वरूप नगरीय था। सिन्धु सभ्यता की नगर योजना की आधार सामग्री मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, चन्हूदड़ों, कालीबंगा, लोथल, बणावली आदि से प्राप्त होती है। सिन्धु सभ्यता नगरों में चौड़ी-चौड़ी सड़कें, पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर थी। ये सड़कें एक दूसरे को प्रायः समकोण पर काटती थीं।
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