NewsPari आसमान में उड़ने वाला हवाई जहाज और समुद्री जहाज बरमूडा ट्रायंगल पर आते ही हो जाता है गायब, जानिए रहस्य
दुनिया के तमाम
साइंटिस्ट अपनी- अपनी पूरी कोशिश कर चुके लेकिन बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य आज की दुनिया के लिए एक राज है, न जाने ऐसी कौन सी चीज है जिसकी वजह से आसमान में उड़ने वाला हवाई जहाज और समुंदर में चलने वाला समुद्री जहाज इस बरमूडा ट्रायंगल के ऊपर से गुजरते ही गायब हो जाते है 1945 में एक अमरीकी प्लेन बरमूडा ट्रायंगल पर से गुजरता है और गायब हो जाता है, फिर 13 अलग अलग लोगों से भरे हुए 5 प्लेन एक साथ उड़ान भरते है और एक साथ बरमूडा ट्रायंगल के ऊपर से गुजरते ही गायब हो जाते है, फिर उन्हें ढूंढने अमेरिकी नौसेना का स्पेशल जहाज मरीन प्लाई बोर्ड इस बरमूडा ट्रायंगल के ऊपर से गुजरता है और वह भी गायब हो जाता है, इस जहांज की खास बात यह थी कि यह जहाज समुंदर में तैर भी सकता है और आसमान में उड़ भी सकता है लेकिन यह भी गायब हो जाता है, और फिर बाद में दुनिया को बरमूडा ट्रायंगल के बारे में पता चलता है । समुद्र की आवाज : प्रत्येक समुद्र की आवाज भिन्न है। प्रशांत महासागर को अपेक्षाकृत शांत माना जाता है तो हिन्द महासागर को अशांत। कहीं-कहीं समुद्र की चिंघाड़ती हुई आवाज होती है, तो कहीं पर किसी वाद्य यंत्र के बजने जैसी। कहीं पर सांय-सांय, तो कहीं पर हवा का इतना जोर होता है कि हू-हू जैसी आवाज उत्पन्न होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार हर समुद्र की आवाज के पीछे कुछ कारण होता है। यह आवाज समुद्र की पहचान होती है। कुछ समय पूर्व दक्षिणी महासागर में एक विचित्र बत्तख जैसी आवाज सुनाई देती थी। वैज्ञानिकों ने बड़ी मशक्कत के बाद इस रहस्य को सुलझाया। उन्होंने उस बत्तख जैसी आवाज को 'जैव-बत्तख' उपनाम दिया था। यह आवाज दक्षिणी महासागर में सर्दियों और वसंत के मौसम में सुनाई देती है। ध्वनि रिकॉर्डर की मदद से पता चला है कि ध्वनि वास्तव में पानी के नीचे अंटार्कटिक मींक व्हेल के दांत बजाने की आवाज है। ये निष्कर्ष 'रॉयल सोसायटी जर्नल बायोलॉजी लेटर्स' में प्रकाशित हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रबंधन (एनओएए) पूर्वोत्तर मत्स्य विज्ञान केंद्र मैसाचुसेट्स के प्रमुख शोधकर्ता डेनिस रिस्च ने कहा कि इस ध्वनि संकेत के स्रोत को खोजना मुश्किल था। पिछले कुछ वर्षों में कई सुझाव दिए गए लेकिन कोई भी वास्तव में अब तक यह दिखाने में सक्षम नहीं था कि ये प्रजाति यह आवाज निकाल रही थी। इस अजीब आवाज को पहली बार 50 साल पहले पनडुब्बियों ने पकड़ा था। जिसने भी इसे सुना वह इस बत्तखनुमा आवाज को सुनकर हैरान था। तब से लेकर कई बार पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पास अंटार्कटिक के पानी में कम आवृत्ति वाली यह ध्वनि रिकॉर्ड की गई। इसके स्रोत को लेकर किसी मछली से लेकर जहाज तक की अटकलें लगाई जा रही थीं। इसी तरह प्रत्येक समुद्र की आवाज भी रहस्यमयी है। जरूरी नहीं है कि जो आवाज आ रही है वह लहरों या हवाओं की ही हो। अगले पन्ने पर दसवां रहस्य....
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