समांतर श्रेणी का n वाँ पद क्या होता है? - samaantar shrenee ka n vaan pad kya hota hai?

क्लास 10th गणित में अनुक्रम मुख्यतः तिन प्रकार के होता है, जिसे सामान्यतः श्रेढ़ी, अनुक्रम एवं श्रेणी में विभक्त किया गया है. लेकिन मेट्रिक एग्जाम में श्रेढ़ी चैप्टर से प्रश्न पूछा जाता है. श्रेढ़ी भी तिन प्रकार के होते है. जैसे, Samantar Shreni, गुणोंत्तर श्रेढ़ी और हरात्मक श्रेढ़ी. लेकिन क्लास 10 में केवल समान्तर श्रेढ़ी का ही अध्ययन किया जाता है.

सिलेबस के अनुसार इस चैप्टर के अध्ययन से Sequence and Series की मुख्य जानकारी प्रदान किया जाता है. गणितय विशेषज्ञों के अनुसार समान्तर श्रेढ़ी सबसे महत्वपूर्ण चैप्टर होता है.

क्योंकि ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन में इसके फार्मूला से अधिक प्रश्न एग्जाम में होता है. इसलिए, इस लेख में एग्जाम से सम्बंधित सभी आवश्यक फार्मूला एवं महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल किया गया है.

हालांकि, Samantar Shreni क्लास 10th के साथ क्लास 11th और 12th में भी अहम् रोल अदा करता है क्योंकि प्रतियोगिता एवं बोर्ड एग्जाम के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चैप्टर होता है. इसलिए, मैथ्स पढ़ते समय इस पर विशेष ध्यान केन्द्रित करे.

  • अनुक्रम क्या है | Sequence in Hindi
    • अनुक्रम के प्रकार | Types of Sequence in Hindi
  • श्रेणी किसी कहते है Series Formula in Hindi
    • श्रेणी के प्रकार | Types of Series Formula
  • श्रेढ़ी किसे कहते है | Progression Formula in Hindi
    • श्रेढ़ी के प्रकार | Types of Progression in Hindi
      • समान्तर श्रेढ़ी क्या है | Arithmetic Progression Formula in Hindi
        • AP का फुल फॉर्म
      • समान्तर श्रेढ़ी फार्मूला या सूत्र | Samantar Shreni Formula
        • सार्व अंतर (Common Difference)
        • AP का nवाँ पद
        • A.P के प्रथम nपदों का योग
      • गुणोंत्तर श्रेढ़ी | Geometric Progression
      • हरात्मक श्रेढ़ी | Harmonic Progression
  • महत्वपूर्ण तथ्य

अनुक्रम क्या है | Sequence in Hindi

जब संख्याएँ एक विशेष रूप सजी होती है, तो उसे अनुक्रम कहते है. अनुक्रम में सजी संख्याओं के अगले अज्ञात पद को बताया जा सकता है, क्योंकि ये विशेष नियमों का पालन करती है. जैसे:-

  • 2, 4, 6, 8, 10……
  • 2, 5, 10, 17, 26…

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दिए गए उदाहरण में, पहले वाला में 2 का अंतर है जबकि अंत में 2 का अनुक्रम बढ़ता ही जा रहा है जैसे 3, 5, 7, 9 आदि. यानि दो संख्याओं के बिच 3, 5, 7 आदि का अंतर है. इसे अनुक्रम कहा जाता है.

अनुक्रम के प्रकार | Types of Sequence in Hindi

मैथ्स में अनुक्रम को मुख्यतः दो प्रकार से परिभाषित किया जाता है ताकि संख्याओं बिच आने वाले अंतर को सरलता से समझा जा सके. उपर के दोनों उदाहरन में अगर – अलग अंतर है उसी को व्यक्त करने के लिए अनुक्रम को दो प्रकार से विभक्त किया जाता है.

1. परिमित अनुक्रम: वैसा अनुक्रम जिसमे पदों की संख्या सिमित हो, परिमित अनुक्रम कहलाता है. इसके संगत अनुक्रम भी कहा जाता है. जैसे:-

  • 1, 2, 3, 4, …….30
  • 2, 5, 8, 11, 14, 17, आदि

Note:-
इस अनुक्रम के पदों की संख्या सिमित है यानि 1 से 30 तक तथा 2 से 17 तक.

2. अपरिमित अनुक्रम: वैसा अनुक्रम, जिसमे पदों की संख्या असीमित हो, अपरिमित अनुक्रम कहलाता है. इसे, असांत अनुक्रम भी कहा जाता है. जैसे:-

  • 1, 9, 17, 25, ……..
  • 2, 8, 32, …….
  • 22, 23, 24, 25, ……..

श्रेणी किसी कहते है Series Formula in Hindi

सामन्यतः श्रेणी भी एक प्रकार का अनुक्रम है लेकिन जब किसी अनुक्रम में + (प्लस / जोड़) या – (माइनस / घटाव) का प्रयोग किया जाता है, तो उसे श्रेणी कहते है. जैसे:-

  • 1 + 3 + 5+ 7 + ………
  • 3 + 6 + 9 + 12 + ……..

श्रेणी के प्रकार | Types of Series Formula

उपयोगिता के अधार श्रेणी को प्रमुख दो वर्गों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है.

1. परिमित श्रेणी: जिसमे पदों की संख्या सिमित हो, उसे परिमित श्रेणी कहा जाता है. इसे सांत श्रेणी भी कहा जाता है. जैसे:-

  • 1 + 3 + 5+ 7 + ……… + 31
  • 3 + 6 + 9 + 12 + ……..+ 60

2. अपरिमित श्रेणी: वैसा श्रेणी, जिसमे पदों की संख्या असीमित हो, अपरिमित श्रेणी कहलाता है. जैसे:-

  • 2 + 4 + 6 + 8 + ……… + 40
  • 5 + 10 + 15 + 20 + ……..+ 60

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रैखिक समीकरण का हल करना सीखें
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श्रेढ़ी किसे कहते है | Progression Formula in Hindi

वैसा अनुक्रम जो निम्नलिखित तीनों नियमों में से किसी एक का पालन करता है, तो उसे श्रेढ़ी कहते है.

  • लगातार दो पदों का अंतर सामान या अचर हो.
  • श्रेढ़ी के लगातार दो पदों का अंतर सर्वदा अचर हो.
  • लगातार पदों का व्युत्क्रम सामान हो.

Note:-
किसी भी अनुक्रम के पदों के बिच के अंतर या व्युत्क्रम के बिच का अंतर सामान हो, तो वह समान्तर श्रेढ़ी कहलाता है. जैसे:
अनुक्रम = 2, 4, 6, 8, ……… 40

श्रेढ़ी के प्रकार | Types of Progression in Hindi

विशेषज्ञों द्वरा श्रेढ़ी को प्रमुख तिन भागों में बातां गया है. दरअसल, इनके पढों को समझने के लिए इसे तिन प्रकार में विभाजित किया जाता है.

  1. समान्तर श्रेढ़ी (Arithmetic Progression)
  2. गुणोंत्तर श्रेढ़ी (Geometric Progression)
  3. हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression)

समान्तर श्रेढ़ी क्या है | Arithmetic Progression Formula in Hindi

गणित में समान्तर श्रेढ़ी अथवा समान्तर अनुक्रम का अर्थ है, संख्याओं का एक ऐसाअनुक्रम या श्रेणी है जिसके दो क्रमागत पदो का अन्तर सामान या नियत होता है, उसे समान्तर श्रेढ़ी कहा जाता है. Or

संख्याओं की एक ऐसी सूची है जिसमें प्रत्येक पद अपने पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने पर प्राप्त होती है, वह समांतर श्रेढ़ी या Arithmetic Progression कहलाता हैं।

जैसे:-

अनुक्रम 4, 7, 10, 13, 16 …
श्रेढ़ी 2, 5, 8, 11, 14 ……
अनुक्रम 1, 4, 7, 10, 13 ….

Note:-
दिए गए उदाहरण में श्रेढ़ी का सार्व अंतर 3 है जो नियत है. अर्थात प्रत्येक अनुक्रम श्रेढ़ी का सर्व अंतर सामान होता है. पढ़ाई करने के तरीके मैथ्स को सरल बना सकते है. अतः याद करने के स्वं तरीके इजाद करे ताकि आप भी विद्वानों में शामिल हो.

AP का फुल फॉर्म

A.P का फुल फॉर्म Arithmetic Progression होता है. समांतर श्रेढ़ी को संक्षिप्त में A.P सूचित किया जाता है.

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समान्तर श्रेढ़ी फार्मूला या सूत्र | Samantar Shreni Formula

समान्तर श्रेढ़ी एक ऐसा अनुक्रम या श्रेणी है जिसमे प्रथम पद के अतिरिक्त प्रत्येक पर्द उससे पूर्व पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने या घटाने पर प्राप्त होता है, सामान्यतः वह समान्तर श्रेढ़ी के समरूप होता है.अतः कोई अनुक्रम a1, a2, a3, a4, a5, a6……an एक समान्तर श्रेढ़ी कहलाता है

सार्व अंतर (Common Difference)

किसी भी AP में पहले पद से जुड़ने या घटने वाली संख्या को सार्व अंतर कहा जाता है. समान्तर श्रेढ़ी के सार्व अंतर धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य हो सकता है.

AP के प्रथम पद को a1, दुसरे पद को a2, …… nवें पद को an तथा सार्व अंतर को d से व्यक्त किया जाता है.

अतः a2 – a1 = a3 – a2 = ……. = an – an-1 = d होता है.

अर्थात प्रथम पद में d जोड़कर AP प्राप्त किया जा सकता है. जैसे:- a, a + d, a + 2d, a + 3d,….. आदि.

AP का nवाँ पद

समान्तर श्रेढ़ी में nवाँ पद व्यक्त करने के लिए इस फार्मूला का प्रयोग किया जाता है.

an = a + (n-1)d

जहाँ,
a = प्रथम पद, d सार्व अंतर तथा an अंतिम पद को व्यक्त करता है. कभी-कभी अंतिम पद को l से भी व्यक्त किया जाता है.

A.P के प्रथम nपदों का योग

समान्तर श्रेढ़ी यानि A.P के किसी n पदों का योग S निम्नलिखित तरीकें से व्यक्त किया जाता है.

sn = n/2 ( 2a + ( n-1 ) d)

अर्थात sn = n/2 ( a + an ) या sn = n/2 ( a + l ), जहाँ, a = प्रथम पद, l अंतिम पद है.

Note:-
किसी A.P का nवाँ पद उसके प्रथम पद n पदों का योग और प्रथम (n-1) पदों के योग के अंतर के बराबर होता है.
an = sn – sn-1

गुणोंत्तर श्रेढ़ी | Geometric Progression

वैसी, श्रेढ़ी, जिसमे कोई और उसके पूर्ववती पद का अनुपात हमेशा अचर होता है, उसे गुणोंत्तर श्रेढ़ी कहा जाता है. गुणोंत्तर श्रेढ़ी को GP से सूचित किया जाता है. जैसे:-

  • 1, 52, 53, 54 …………
  • 2, 2, 4, 8, 16, 32……… आदि. ये गुणोंत्तर श्रेढ़ी के उदाहरण है.

Note:-
अनुक्रम के किन्ही दो क्रमागत पदों का अनुपात अचर हो या गुणोत्तर श्रेढ़ी का प्रत्येक पद पिछले पद में एक नियत अशून्य संख्या का गुणा करके पाप्त किया जा सकता है.

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हरात्मक श्रेढ़ी | Harmonic Progression

वैसी, श्रेढ़ी, जिसमे प्रत्येक पद को व्युत्क्रम करने के पश्चात् वह AP में बदल जाता है, तो उसे हरात्मक श्रेढ़ी कहते है. जैसे

  • 1/10, 1/20, 1/30, 1/40,…….
  • 1/1, 1/2, 1/3, 1/4, ……….

महत्वपूर्ण तथ्य

मैथमेटिक्स का सबसे महत्वपूर्ण एवं क्लास 10 में अत्यधिक प्रश्न पूछे जाने वाले चैप्टर samantar shreni, Sequence and Series एक भाग है जिसमे अनुक्रम, श्रेणी और श्रेढ़ी आदि चैप्टर शामिल है. ये तीनो बनावट और उपियोगिता के अनुसार अलग-अलग कार्य करते है. समान्तर श्रेढ़ी से क्लास दस में लगभग 15% तक प्रश्न पूछा जाता है.

इसलिए, यह चैप्टर यानि समान्तर श्रेढ़ी एक अहम् किरदार निभाता है, साथ ही ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन में भी फार्मूला से प्रश्न पूछे जाते है. यहाँ शामिल सभी फार्मूला एग्जाम के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. अतः इन्हें अवश्य स्मरण रखे. धन्यवाद!!!

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समांतर श्रेणी 2 4 6 8 का छठा पद क्या है?

Solution : प्रथम A.P. : 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18,………. <br> प्रथम A.P. का अंतिम पद `t_(100)=2+(100-1)2=200` <br> दूसरा A.P. : 3, 6, 9, 12, 15, 18,…….

समांतर श्रेणी के n पदों का योगफल क्या होता है?

एक समांतर अनुक्रम में पहले n पदों का योग (n/2)⋅(a₁+aₙ) होता है। इसे समांतर श्रेणी का सूत्र कहा जाता है।

समान्तर श्रेणी क्या है समान्तर श्रेणी के n पदों का योग ज्ञात कीजिए?

निम्नलिखित श्रेणी का योग ज्ञात कीजिए `:` <br> `1+(4)/(5) + ( 7)/( 5^(2))+(10)/( 5^(3))+"..........."n` पदों तक । यदि गुणोत्तर श्रेणी के अन्नत पदों का योगफल S तथा प्रथम पद a है, तो सार्वअनुपात r ज्ञात कीजिए

समांतर श्रेणी का व्यापक रूप क्या है?

समांतर श्रेणी का व्यापक रूप (General form of an AP) a,a+d,a+2d,a+3d a , a + d , a + 2 d , a + 3 d , .... यदि एक सूची है, तो इसे समानांर श्रेणी का व्यापक रूप कहा जाता है। जहाँ पहला पद a तथा सार्व अंतर d है।