सेल्स का मतलब क्या होता है? - sels ka matalab kya hota hai?

सेल्स का अर्थ होता है बिक्री यानी बेचना, प्राचीन काल मे जब किसी वस्तु की जरूरत होती थी तो उस वस्तु को लेने के लिए बदले मे कोई अन्य वस्तु देना होता था लेकिन अब समय के साथ जैसे परिवर्तन हुआ तो यह तरीका बदल गया। अब कोई वस्तु को लेना हो तो उस वस्तु के बदले पैसा देना होता है। अर्थात किसी उत्पाद या सेवा को बेचना और उसके बदले कोई मूल्य लेना sales कहलाता है। परन्तु किसी वस्तु का सेल्स करना इतना आसान नहीं है जितना समझाया जाता है। माल बेचने का तरीका, ग्राहक से बात करने का तरीका, रहन-सहन एक विक्रेता के अंदर होना चाहिए तभी तरकी होगा। एक सेल्समैन की बहादुरी ग्राहकों के ना को भी हाँ मे बदलने मे मानी जाती हैं जो हर किसी से नहीं हो पाता यहा presentation skil बेहतर होना चाहिए। 

सेल्स का मतलब क्या होता है? - sels ka matalab kya hota hai?

सेल्स क्या होता है ? Sales Kya Hota Hai In Hindi 

आप जीवन मे कभी कुछ ना कुछ खरीदा और बेचा तो जरूर होगा। जब आप कुछ खरीदते हो तो बेचने वाले व्यक्ति को पैसे या कोई वस्तु देते हो और अगर बेचते तो खरीदने वाले व्यक्ति से पैसा या कोई वस्तु लेते हो। कहने का मतलब है कि सेल्स दो व्यक्ति से जुड़ता है जिसमें की एक व्यक्ति समान खरीदा है और दूसरा व्यक्ति समान बेचता है। इसमें खरीदने वाला व्यक्ति ग्राहक कहलाता है और बेचने वाला व्यक्ति विक्रेता कहलाता है। जब ग्राहक सेल्समैन से कुछ खरीदता है तो उसका एक निश्चित मूल्य उस सेल्समैन को देता है।


सेल्समैन ग्राहक को कोई समान देने के बाद उसे यह भी यकीन दिलाता है कि उसके द्वारा दिया गया समान ग्राहक की जरूरत को पूरा करेगा साथ ही यह भी भरोसा दिलाता हैं कि आगे कभी कोई दिक्कत आता हैं तो मदत दिया जाएगा। यानी ग्राहक को उस समान को ले कर दिक्कत आता हैं तो सेल्समैन द्वारा कंपनी से उस समान का गारंटी दिलाने का प्रयास भी करता हैं।


अर्थात,  यहा सिर्फ समान बेचना नहीं होता है बल्कि ग्राहक को पूरा संतुष्ट भी कराना होता हैं कि जो समान उसे दे रहे वह पूरी तरह अच्छा है साथ ही उस समान का जो मूल्य हैं वो भी ग्राहक को सही प्रदान करना चाहिए जिसे ग्राहक संतुष्ट हो। कई ग्राहक के साथ ऐसा होता हैं कि वे जो मूल्य पर समान खरीदते है वही समान किसी और सेल्समैन के द्वारा सस्ते दामों पर मिलता है तो ग्राहक के दिमाग मे धोखा मिलने जैसा बात सामाने आ जाता हैं। ऐसे मे फिर वह दुबारा कभी समान लेने नहीं आता है। इसलिए समान बेचने के साथ ग्राहक को संतुष्ट कर उन्हें जोड़े रखना ही एक बेहतर सेल्समैन होता हैं।


सेल्समैन किसे कहते है ? Salesman Kise Kahte Hai - कोई भी सेवा या समान को बेचने वाला एक सेल्समैन कहलाता है चाहे वह फल, सब्जी या किसी प्रकार का उत्पाद हो, कोई उद्योगपति जब प्रोडक्ट बनाता है तो उसे बेचने के लिए सेल्समैन की ही जरूरत पड़ती है।

 

सेल्स कितने प्रकार के होते है- sales kitne prakar ke hote hain In Hindi

  1. आंतरिक बिक्री ( INTERNAL SALES )
  2. बाह्य बिक्री ( EXTERNAL SALES )

आंतरिक बिक्री

आंतरिक बिक्री का मतलब है कि एक अस्थाई जगह से समान को बेचना। जैसे मे शॉप स्टोर, शोरूम, मॉल आदि हो गए इसमें ग्राहक खुद अपने जरूरतों के हिसाब से समान लेने आता है। 


किन्तु एक समस्या इसमें होती है की कोई-कोई  ग्राहक आते तो है पर समान लिए बिना चले जाते है उनके मन मे यह आता हैं कि क्यूँ ना कहीं और भी पता लगा लिया जाए। ऐसे मे salesman पर निर्भर करता की वह उस ग्राहक के साथ कैसे बात की कैसे प्रोडक्ट को present किया, अगर salesman की बात- चित और presentation उस ग्राहक को संतुष्ट कर दिया हो तो वह घूम फिर कर वापस उसी salesman के पास समान लेने आता है।


बाहरी बिक्री

बाहरी बिक्री का मतलब होता है बाहर जा कर समान को बेचना। जिसमें shop to shop समान देना या Insurance बेचना घूम घूम कर, आपने देखा होगा कभी नहीं कभी अपने गली मुहल्ले मे फेरियां वालों को जो कपड़े ले कर घूमते हैं और घर घर जा कर बेचा करते हैं। इसमें एल salesman को बहुत पापड बेलने पड़ते क्युकी इसमें ग्राहक पहले ना ही बोलते यह सोच कर salesman द्वारा ठगे तो नहीं जा रहे लेकिन salesman को अपना कला ऐसी जगहों पर ही दिखानी पड़ती हैं यहा ग्राहक के भरोसा को जितना और संतुष्टि दिलाना एक महान salesman की पहचान हैं जो ग्राहक के ना को हाँ मे बदल दे।


ग्राहक कैसे बनाये

व्यपार को ऊचाईयों तक ले जाना है तो उसके लिए ग्राहक का होना जरूरी है क्युकी बिना ग्राहक सेवा या उत्पाद बेकार है अगर उसे लेने वाला ही कोई नहीं है तो ।

ग्राहक को बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बात जो कि नीचे बताया गया है-

  • शुरूवात मे ही ज्यादा पैसा कमाने का नहीं सोचे, जब नए व्यपार सुरु करते हैं और उसे सेल करने के लिए जब पहली बार बाजार मे लाते हैं,  तो कोशिश करे ग्राहक बनाने की न कि कमाने की ग्राहक को उचित मूल्य बताए, जिसे की वो सन्तुष्ट हो और हमेसा आपसे ही समान ले ज्यादा पैसा कमाने का सोचा तो, ग्राहक का बिश्वास टूट जाएगा उसे यह लगेगा कि मुझे ठगा गया है और वह दुबारा कभी समान लेने नहीं आएगा।
  • ग्राहक को उम्मीद से ज्यादा दे यानी कोई समान नहीं देना है जिसे अपना नुकसान हो बल्कि सुविधाएं देनी है , इज़्ज़त देनी है। 
  • ऑफर निकाले समान पर इससे समान जल्दी बिकता है और ग्राहक भी खुश हो जाते हैं क्युकी की फ्री का कुछ भी मिल जाए ग्राहक बहुत खुश होते हैं उससे जैसे पेस्ट पर ब्रश मुफ्त या टार्गेट दे सकते हैं ग्राहक को 1000 रुपये के समान पर 50 रुपये का वाउचर इस तरह ऑफर बना सकते है।
  • हमे ग्राहकों की जरूरतों की पहचान क्यूँ करनी चाहिए ताकि ग्राहक को जो समान चाहिए उसे वह संतुष्ट हो सके।

Conclusion

इस आर्टिकल मे जाना कि सेल्स क्या है, सेल्स के प्रकार, वह ग्राहक कैसे बनाएं दोस्तो उम्मीद हैं कि आप इस आर्टिकल से सेल्स के बारे मे समझ गए होंगे। सेल्स जुड़ी कोई बात हो तो comment कर आप बता सकते वह पूछ सकते है। हमारे वेबसाइट की नए पोस्ट को पाने के subscribe जरूर करे।

सेल्स का हिंदी अर्थ क्या है?

सेल्स का हिंदी अर्थ होता है बिक्री, लेकिन वास्तव में देखा जाए तो सेल्स वह होता है जिसमे हम किसी प्रोडक्ट को बेच रहे है, लेन देन की प्रकिया होती है जो कि विपणन (Marketing) कहलाता है।

सेल्स और मार्केटिंग क्या है?

क्या है सेल्समार्केटिंग किसी भी कंपनी का मुनाफा उसके सेल्स और मार्केटिंग विभागों के कार्य पर निर्भर करता है। सेल्स विभाग के कर्मचारी मिल कर कंपनी के उत्पादों या सेवाओं की बिक्री को बढ़ाते हैं। इसमें मार्केटिंग विभाग के कर्मचारी मार्केट रिसर्च/मार्केट सर्वे, योजना, विज्ञापन आदि के जरिये अपना सहयोग देते हैं।

Sales कितने प्रकार के होते हैं?

सेल्स कितने प्रकार के होते है- sales kitne prakar ke hote hain In Hindi.
आंतरिक बिक्री ( INTERNAL SALES ).
बाह्य बिक्री ( EXTERNAL SALES ).

सेल्स पर्सन क्या होता है?

Sales Man :- सेल्समैन वह व्यक्ति होता है जो किसी प्रोडक्ट ओर सर्विस को मार्केट में जाकर लोगों तक ले जाकर बेचने का काम करता है. Back office Salesman :- वह व्यक्ति होता है जो कि ऑफिस में ही बैठकर फोन पर से प्रोडक्ट ओर सर्विस को बेचने का काम करता है.