सूक्ष्मदर्शी क्या है सूक्ष्मदर्शी के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए? - sookshmadarshee kya hai sookshmadarshee ke vibhinn bhaagon ka varnan keejie?

संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)

सूक्ष्मदर्शी क्या है सूक्ष्मदर्शी के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए? - sookshmadarshee kya hai sookshmadarshee ke vibhinn bhaagon ka varnan keejie?


संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope) एक ऐसा प्रकाशीय यंत्र होता है जिसका प्रयोग अति सूक्ष्म वस्तुओं को देखने में होता है। उत्तल लेंस आवर्धक लेंस की तरह कार्य करता है किंतु उच्च कोटि के आवर्धन के लिए संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है। अर्थात उत्तल लेंस के द्वारा हम चीजों को बड़ा करकर देख सकते हैं लेकिन इसके अंतर्गत वे वस्तुएं आती हैं जिन्हें हम अपनी आँखों से देख सकते हैं। जबकि संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के द्वारा हम उन सूक्ष्म जीवों के देख सकते हैं जिन्हें हम अपनीआंखों से नहीं देख सकते हैं। सूक्ष्मदर्शी के द्वारा हम उनकी संरचना को साफ़ देख सकते हैं।  


संरचना (Construction)
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी दो लेंसों से निर्मित होता है। जो लेंस वस्तु की ओर होता है उसे अभिदृश्यक कहते हैं। जिस लेंस के माध्यम से अंतिम प्रतिबिंब देखा जाता है वह नेत्रिका या अभिनेत्र लेंस कहलाता हैं।
अभिदृश्यक लेंस एक छोटी फोकस दूरी युक्त तथा छोटे द्वारक वाला उत्तल लेंस होता है जो धातु की एक लंबी बेलनाकार नली के एक सिरे पर लगा रहता है। नली के दूसरे सिरे पर एक अन्य छोटी नली फिट होती है। इस नली के बाहर वाले सिरे पर एक अन्य उत्तल लेंस लगा होता है जिसकी फोकस दूरी तथा द्वारक अभिदृश्यक लेंस की अपेक्षाकृत बड़े होते हैं। यह नेत्रिका होता है। यह लेंस नेत्र की ओर रखा जाता है। इसके फोकस पर क्रॉस-तार लगे रहते हैं । यह दोनों लेंस दो खिसकाने वाली समाक्ष नलियों के छोर पर लगे होते हैं।

संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की कार्यविधि (Working of a Compound Microscope)


वस्तु को अभिदृश्यक लेंस की फोकस (Fo) के ठीक बाहर रखा जाता है। अभिदृश्यक लेंस (Lo) वस्तु का वास्तविक, उल्टा और आवर्धक प्रतिबिंब (I1)बनाता है। प्रतिबिंब(I1) नेत्रिका लेंस के लिए वस्तु का कार्य करता है। नेत्रिका की स्थिति इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है कि प्रतिबिंब (I1)नेत्रिका के फोकस (Fe) के अंदर रहे। नेत्रिका वस्तु का आभासी और अत्यंत आवर्धक प्रतिबिंब(I2)बनाता है।

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संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के उपयोग (Uses of a Compound Microscope)
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है:
• इसका उपयोग विश्वविद्यालयों तथा विद्यालयों की प्रयोगशाला में किया जाता है।
• इसके द्वारा पेड़ पौधों तथा जंतुओं की कोशिकाओं की पतली काट की बारीकी को देखा जा सकता है।
• इसका उपयोग लेबोरेटरी में रोगियों के रक्त, मल, तथा कफ को जांचने के लिए किया जाता है।
• इसका उपयोग पादप और जंतुओं की कोशिकाओं व उद्योगों के अध्ययन के लिए किया जाता है।
• इसका उपयोग वैज्ञानिक अपनी प्रयोगशालाओं में भी करते हैं।
• इसका उपयोग तालाब के पानी में Protozoons को देखने के लिए भी किया जाता है।

संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope) : का प्रयोग कई कार्य में किया जाता है। इसके द्वारा हम कई ऐसी चीजों को देख सकते हैं जिन्हें हम अपनी खुली आंखों से नहीं देख सकते हैं इनका हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण उपयोग है।

आवर्धन क्षमता (Magnification capacity)

1. यदि अंतिम प्रतिबिंब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी D पर बनता है तो आवर्धन क्षमता, 

M = - v/u [ 1+ D/f e ]

जहाँ u = वस्तु AB की अभिदृश्यक लेंस L से दूरी v = प्रतिबिम्ब A1B1 की अभिदृश्यक लेंस L1 से दूरी तथा fe = नेत्रिका की फोकस दूरी। 

2. जब अंतिम प्रतिबिम्ब अनंत पर बनता है (श्रांत आँखों के लिए )तो आवर्धन क्षमता,

M = - v /u × D / f e

स्पष्ट है कि संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की अधिक आवर्धन-क्षमता के लिए अभिनेत्र लेंस (नेत्रिका)की फोकस-दूरी f eकम होनी चाहिए। 

संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope) का प्रयोग प्रयोगशालाओं ,विद्यालयों आदि में किया जाता हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण यन्त्र हैं इसके बिना हम सूक्ष्मजीवों (Micro-organisms) के बारे में कभी नहीं जान पाते और न ही उनसे होने वाली बीमारियों के बारे में। 

सूक्ष्मदर्शी किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?

Solution : वह यंत्र जो सूक्ष्म वस्तु का बड़ा एवं स्पष्ट प्रतिबिम्ब बनता है, सूक्ष्म दर्शी कहलाता है । सूक्ष्म दर्शी दो प्रकार के होते हैं - <br> (1) सरल सूक्ष्म दर्शी व (2) संयुक्त सूक्ष्म दर्शी ।

सूक्ष्मदर्शी के कितने भाग होते हैं?

संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में दो सरल लेंसों का समुच्चय-अभिदृष्यक और नेत्रिका का उपयोग किया जाता है। इससे सरल सूक्ष्मदर्शी की अपेक्षा वस्तु का काफी अधिक आवर्धन हो जाता है । संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (चित्र 2.1) के निम्न भाग होते हैं 1. आधार (base) – यह द्विशाखित आधारीय भाग है जो सूक्ष्मदर्शी का भार वहन करता है ।

सूक्ष्मदर्शी से क्या समझते हैं?

सूक्ष्मदर्शी या सूक्ष्मबीन (माइक्रोस्कोप) वह यंत्र है जिसकी सहायता से आँख से न दिखने योग्य सूक्ष्म वस्तुओं को भी देखा जा सकता है। सूक्ष्मदर्शी की सहायता से चीजों का अवलोकन व जांच किया जाता है वह सूक्ष्मदर्शन कहलाता है।

सूक्ष्मदर्शी की खोज कब और किसने की?

सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार जेड. जानसेन (नीदरलैण्ड) ने वर्ष 1590 में किया था। यह छोटी वस्तुओं को आवर्धित करके बड़ा कर देता है, अतः जिन वस्तुओं को आँखों से नहीं देखा जा सकता, उन्हें इस उपकरण से देखा जा सकता है।