सहभागी एवं असहभागी अवलोकन क्या है - sahabhaagee evan asahabhaagee avalokan kya hai

विषयसूची

  • 1 सहभागी अवलोकन क्या होता है?
  • 2 निम्नलिखित में से कौन सा सहभागी अवलोकन का गुण नहीं है?
  • 3 सहभागी प्रेक्षण का मुख्य गुण क्या है?
  • 4 सामाजिक सहभागिता क्या है?
  • 5 अवलोकन कर्ता कौन होता है?
  • 6 सहभागिता विकास की अवधारणा कब शुरू हुई?
  • 7 सहभागी अवलोकन के दौरान समाजशास्त्र क्या कार्य करते हैं?

सहभागी अवलोकन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसहभागी अवलोकन सामाजिक घटनाओं के अध्ययन की वह प्रविधि है जिसमें अवलोकनकर्ता अध्ययन समूह के साथ इस प्रकार घुल-मिल जाता है कि उस समूह के सभी सदस्य अवलोकनकर्ता के वास्तविक उद्देश्य से परिचित न होते हुए उसे अपने समूह का वास्तविक सदस्य मानने लगते हैं।

अवलोकन विधि के उपयोग द्वारा सृजित आंकड़े को क्या कहते है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी सजीव प्राणी (जैसे मानव) द्वारा अपने ज्ञानेन्द्रियों (senses) के द्वारा अथवा किसी अन्य कृत्रिम उपकरण (जैसे बहुमापी) द्वारा बाह्य जगत का ज्ञान प्राप्त करना प्रेक्षण (Observation) कहलाता है। प्रेक्षण की क्रिया में संकलित आंकड़ों को भी ‘प्रेक्षण’ कहते हैं।

निम्नलिखित में से कौन सा सहभागी अवलोकन का गुण नहीं है?

इसे सुनेंरोकें2. अपरिचित गुण का लाभ सम्भव नहीं- सामाजिक जीवन में घनिष्ठ सम्पर्क भी कभी-कभी सूक्ष्म अध्ययन या निरीक्षण में बाधक होती है, जबकि समूह में अपरिचित होने पर प्रत्येक क्रिया में नवीनता व आकर्षण दिखायी पड़ता है। अतः स्पष्ट है कि सहभागी अवलोकन में अपरिचित गुण का लाभ प्राप्त नहीं हो पाता।

सहभागी अनुसंधान क्या है सहभागी अनुसंधान के गुणों की व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंयह अनुसंधान वह अनुसंधान है जिसमें एक अनुसंधानकर्ता की पूर्ण भागीदारी रहती है मान लिया जाये कि एक अनुसंधान कर्ता किसी समाज में प्रचलित विवाह सम्बन्धी अनुष्ठानों का अध्ययन करना चाहता है तथा वह प्रारम्भ से अंत तक सभी प्रकार के अनुष्ठानों का अध्ययन अपनी सहभागिता के आधार पर करता है, तब उसका सहभागी अनुसंधान पूर्ण सहभागी …

सहभागी प्रेक्षण का मुख्य गुण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसहभागी अवलोकन पद्धति मानव विज्ञान की सर्वप्रमुख विशेषता है। सहभागी प्रेक्षण के माध्यम से अध्ययन के दौरान शोध कर्ता से यह आशा की जाती है कि वह अपना अध्ययन मूल्य निरपेक्ष होकर करे। इसका तात्पर्य है कि वह अपने अध्ययन के दौरान अपने निजी ये अपने सामाजिक परिवेश के मूल्यों को सामने न लाये।

अनियंत्रित अवलोकन के निम्न में से कितने प्रकार होते हैं?

इसमें अवलोकनकर्ता का समूह अलग-अलग रूप से किसी घटनाक्रम या सामूहिक व्यवहार का निरीक्षण करता है। सामूहिक अवलोकन नियंत्रित एवं अनियंत्रित अवलोकन का मिश्रित रूप है।…अवलोकन के प्रकार

  • सहभागी अवलोकन
  • असहभागी अवलोकन
  • अर्द्ध-सहभागी अवलोकन
  • अनियंत्रित अवलोकन
  • नियंत्रित अवलोकन
  • व्यक्तिगत अवलोकन
  • सामूहिक अवलोकन

सामाजिक सहभागिता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसामाजिक सहभागिता का अर्थ है संपूर्ण समाज या समुदाय को स्वयं के विकास के लिए जागरूक करना। यह तभी संभव है जब व्यक्ति, स्थानीय संगठन व सामाजिक संस्थाओं में पूर्ण रूप से भाग लेंगे। आदर्श रूप में, सक्रिय या सही सहभागिता का अर्थ है कि जनता अपनी समस्याओं के प्रति सचेत हो।

सहभागी समूह आकलन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसहभागिता ग्रामीण मूल्यांकन (पीआरए) गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अंतर्राष्ट्रीय विकास में शामिल अन्य एजेंसियों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण का लक्ष्य विकास परियोजनाओं और कार्यक्रमों के नियोजन और प्रबंधन में ग्रामीण लोगों के ज्ञान और राय को शामिल करना है।

अवलोकन कर्ता कौन होता है?

इसे सुनेंरोकेंअवलोकन सामाजिक अनुसंधान की प्रत्यक्ष पद्धति है, जिसमें अनुसंधानकर्ता सीधे अध्ययन वस्तु को देखता है और निष्कर्ष निकालता है। 2. प्राथमिक सामग्री- का सामाजिक अनुसंधान में जो सामग्री संग्रहित की जाती है, उसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-प्राथमिक और द्वितीयक।

अवलोकन क्या है इसके प्रकार?

इसे सुनेंरोकेंअवलोकन का अर्थ ‘देखना, प्रेक्षण, निरीक्षण। यह ‘Observe’ शब्द से बना है जिसका अर्थ ध्यान देना, परीक्षा करना, अनुष्ठान करना आदि। इसका सीधा अर्थ है आंखों से देखना।। प्रो0 गडे एवं हॅाट के अनुसार विज्ञान निरीक्षण से प्रारम्भ होता है और फिर सत्यापन के लिए अन्तिम रूप से निरीक्षण पर ही लौटकर आता है।

सहभागिता विकास की अवधारणा कब शुरू हुई?

इसे सुनेंरोकेंसन 1979 में समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम शुरू किया गया। इसमें पूर्व के समुदाय विशिष्ट कार्यक्रमों को एक में मिला दिया गया। सन 1980 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम का आरंभ किया गया। 1983 – 84 में ग्रामीण भूमिहीनों के लिए रोजगार गारंटी योजना शुरू हुई।

अवलोकन के कितने प्रकार होते हैं?

अवलोकन के प्रकार

  1. सहभागी अवलोकन किसी भी घटना का निर्वाचन शुद्ध स्वरूप में करना हो तो उस घटना के बाहरी एवं आंतरिक स्वरूप का पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
  2. असहभागी अवलोकन
  3. अर्द्ध-सहभागी अवलोकन
  4. अनियंत्रित अवलोकन
  5. नियंत्रित अवलोकन
  6. व्यक्तिगत अवलोकन
  7. सामूहिक अवलोकन

सहभागी अवलोकन के दौरान समाजशास्त्र क्या कार्य करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसहभागी प्रेक्षण के दौरान समाजशास्त्री और मानवविज्ञानी फील्ड वर्क की शुरुआत करते हैं उस समुदाय की जनसंख्या के बारे में जानने से जिसका कि वे अध्ययन करने जा रहे हैं। वह उस समुदाय में रहने वाले लोगों की लंबी चौड़ी लिस्ट बनाते हैं , उनके लिंग, उम्र, परिवार इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

सहभागिता अधिकार से क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंइस स्तर की सहभागिता में उद्यम से संबद्ध कुछ क्षेत्रों में प्रशासन का भार कर्मचारियों और प्रबंधकों की संयुक्त समितियों को सौंप दिया जाता है। सहभागिता के इस स्तर में कर्मचारियों को अपेक्षाकृत अधिक जिम्मेदारी और अधिकार प्राप्त होते हैं तथा उन्हें प्रशासन और निरीक्षण-संबंधी कार्यों में अधिक स्वायत्तता प्राप्त होती है।

सहभागी एवं असहभागी अवलोकन क्या है इन दोनों में अंतर स्पष्ट कीजिए?

अध्ययन की प्रकृति- सहभागी अवलोकन में अवलोकनकर्त्ता सामुदायिक जीवन की गहरा तक पहुँच कर समूह का गहन, आन्तरिक एवं सूक्ष्म अध्ययन कर सकता है। इसके विपरीत असहभागी अवलोकन से समूह के केवल बाहरी व्यवहार का अध्ययन सम्भव हो सकता है। गोपनीय सूचनायें प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।

सहभागी और गैर सहभागी अवलोकन क्या है?

सहभागी अवलोकन पद्धति मानव विज्ञान की सर्वप्रमुख विशेषता है। इसके अंतर्गत मानवविज्ञानी एक निश्चित समय अपने द्वारा अध्ययन किए जा रहे मानव समूह के साथ बिताते हैं। यह समय कम से कम एक वर्ष होता है। मानवविज्ञानी जनसमूह में घुल मिल कर रहता है।

असहभागी अवलोकन क्या होता है?

असहभागी अवलोकन- इस अवलोकन में अनुसंधानकर्ता किसी ऐसे समूह का सदस्य नहीं बनता जिसकी क्रियाओं एवं व्यवहारों का वह अध्ययन करता है ना ही वह ऐसे समूह के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत संपर्क स्थापित करता है इस प्रकार का अवलोकन प्रभाव रहित एवं विश्वासनीय होता है।

अवलोकन कितने प्रकार के होते हैं?

अवलोकन के प्रकार.
सहभागी अवलोकन किसी भी घटना का निर्वाचन शुद्ध स्वरूप में करना हो तो उस घटना के बाहरी एवं आंतरिक स्वरूप का पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है। ... .
असहभागी अवलोकन ... .
अर्द्ध-सहभागी अवलोकन ... .
अनियंत्रित अवलोकन ... .
नियंत्रित अवलोकन ... .
व्यक्तिगत अवलोकन ... .
सामूहिक अवलोकन.