सागर ने रस्ता छोड़ा परवत ने सीस झुकाया साहिर ने ऐसा क्यों कहा है लिखो - saagar ne rasta chhoda paravat ne sees jhukaaya saahir ne aisa kyon kaha hai likho

Short Note

‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’-साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।

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Solution

साहिर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि एक साथ मिलकर काम करने से बड़ी से बड़ी बाधाओं में भी रास्ता निकल आता है, यानी काम आसान हो जाता है। साहसी व्यक्ति सभी बाधाओं पर आसानी से विजय पा लेता है क्योंकि एकता और संगठन में शक्ति होती है जिसके बल पर वह पर्वत और सागर को भी पार कर लेता है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 6)

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Chapter 7: साथी हाथ बढ़ाना - गीत से [Page 44]

Q 2Q 1Q 3

APPEARS IN

NCERT Class 6 Hindi - Vasant Part 1

Chapter 7 साथी हाथ बढ़ाना
गीत से | Q 2 | Page 44

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सागर ने रास्ता छोड़ा पर्वत ने सिर झुकाया कवि ने ऐसा क्यों कहा है?

प्रश्न 7-2: 'सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया' साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो। उत्तर 7-2: कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि संगठन में ही षक्ति होती है, और इस ताकत के सामने बड़े से बड़े तूफान भी हार मान लेते हैं। इसी के बल पर हमनें सागर को भी अपने अधीन कर लिया।

गैरों के लिए हमने क्या किया है?

प्रश्न 4. “गैरों' के लिए हमने क्या किया है? 'गैरों' के लिए हमने अपनी सुख-सुविधाओं की परवाह न करके उनके कार्यों को पूरा किया है।

क्या बिना किसी के सहयोग के आगे बढ़ा जा सकता है?

बिना किसी के सहयोग के अकेले आगे बढ़ना कठिन कार्य है। जीवन में हर पल पर हमें किसीकिसी के मदद की आवश्यकता होती है। इसका समाधान हमारे जीवन में कई लोगों के सहयोग एवं मार्गदर्शन से होता है। अतः बिना सहयोग के आगे बढ़ना असंभव-सा लगता है।