आज हम आपको इस लेख में गुड़ के 3 अलग-अलग प्रकार के बारे में बताने वाले हैं जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा। Show
हम सर्दियों में कई तरह की गर्म चीजें खाते हैं जो गुड़ से बनी होती है जैसे तिल-गुड़ के लड्डू, गुड़ और आटे का हलवा आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस गुड़ का आप इस्तेमाल कर रही हैं वो कौन सा गुड़ है? जी हां, गुड़ भी कई तरह के होते हैं और अगर आप ये नहीं जानते हैं तो हमारे इस लेख को जरूर पढ़ें। आज हम आपको इस लेख में गुड़ के प्रकार के बारे में बताने वाले हैं। पाल्म गुड़पाल्म गुड़ जिसे खजूर का गुड़ भी कहा जाता है, इसके अर्क से बनाया जाता है। कई जगहों पर इस गुड़ का इस्तेमाल होता है जैसे साउथ इंडियन के सुक्कू कापी बनाने में। अन्य गुड़ की तुलना में यह काला होता है और इसका स्वाद और गंध भी अजीब होती है लेकिन सेहत के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है। चीनी की तुलना में इसमें अधिक खनिज होता है। इसे जरूर पढ़ें- चलिए जानते हैं गुड़ से बनने वाली 5 तरह की सबसे फेमस रेसिपीज के बारे में नारियल से बना गुड़नारियल से बनाए इस गुड़ को दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा खाया जाता है। अनफर्मेंटेड रस से बने इस में गुड़ आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है। नारियल से बना गुड़ थोड़ा सा सख्त होता है क्योंकि यह क्रिस्टलाइन फॉर्म में होता है। खांसी-जुकाम और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए बहुत ही फायदेमंद है।(ऐसे बनाएं गुड़ और नारियल की बर्फी) मरयूर गुड़केरल का मरयूर गुड़ भारत में बहुत ही फेमस है। इसका नाम केरल के इडुक्की जिले के एक स्थान के नाम पर रखा गया है और इसे मथुआ जनजाति के किसानों द्वारा बनाया गया है। यह बाकी गुड़ की तुलना में बहुत ही मीठा होता है। इसे सबसे ज्यादा दक्षिण भारत में खाया जाता है। अन्य गुड़ की तरह यह भी चीनी का बहुत ही अच्छा विकल्प है। गुड़ के फायदेचीनी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला गुड़ हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है(गुड़ के नुकसान)। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह गुड़ हमारी कई स्वास्थ समस्याओं जैसे ऐनीमिया, सर्दी-जुकाम और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने जैसी कई चीजों के लिए फायदेमंद होता है। आप चाय, खीर, हलवा और खाने की कई चीजों को बनाने के लिए गुड़ का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसे जरूर पढ़ें- गुड़ की जगह इन चीजों का करें इस्तेमाल आपने इनमें से कौन-सा गुड़ नहीं खाया है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हम इसी तरह नए-नए लेख आपके लिए लाते रहेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image credit- freepik, wikipedia क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें।
गुड़ एक सुपर फूड और स्वीटनर है, जो गन्ने से बनता है। यह कच्चे गन्ने के रस को उबालकर बनाया जाता है। यह 20 प्रतिशत इनवर्टेड शुगर, 50 प्रतिशत सुक्रोज और 20 प्रतिशत नमी और कई तरह के घुलनशील पदार्थ से बनता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, पोटेशियम और जिंक , प्रोटीन , विटामिन बी की प्रचुर मात्रा के कारण यह चीनी का हेल्दी ऑप्शन है। गन्ने के रस को सांचों में डालने से पहले घंटों तक उबाला जाता है और फिर इसे सख्त होने के लिए रख दिया जाता है। वहीं चीनी को पैक करने से पहले क्रिस्टलाइजेशन के साथ कई अन्य प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इस प्रकार चीनी स्वास्थ्य के लिए
नुकसानदायक बन जाती है। आपका घी असली है या नकली, इन तरीकों से कर सकते हैं घर पर पहचान गुड़ की शुद्धता जांचने के तरीके
ऐसा होता है नकली गुड़ का रंगगुड़ का रंग भी शुद्धता की पहचान करने का अच्छा तरीका है। आदर्श रूप से गुड़ का रंग गहरा भूरा होना चाहिए। लेकिन अगर आपके द्वारा खरीदे गए गुड़ में पीला रंग दिख रहा है, तो यह असली नहीं है। इसका पीला रंग रसायनिक उपचार का संकेत है। इस गुड़ को अगर आप पानी में
डालेंगे, तो मिलावटी पदार्थ बर्तन में नीचे बैठ जाएंगे। जबकि अगर ये शुद्ध होगा तो पूरी तरह से पानी में घुल जाएगा। सरसों के तेल में मिलावट का खेल, इन तरीकों से करें घर पर असली और नकली तेल की पहचा गुड़ का वजन बढ़ाने के लिएआमतौर पर मिलावटी गुड़ में कैल्शियम और सोडियम बायकार्बोनेट मिलाया जाता है। कैल्शियम कार्बोनेट गुड़ में इसलिए मिलाया जाता है , ताकि इसका वजन बढ़ाया जा सके। जबकि सोडिसम बायकार्बोनेट का इस्तेमाल पीला रंग मिलाने के बाद इसके लुक को निखारने के लिए होता है। गुड़ खरीदने के बाद याद रखें ये बातें-कहीं चाक पाउडर तो नहीं मिला
है? अधिकांश विक्रेता गुड़ में चाक पाउडर मिलाते हैं। अगर आपको इसकी पहचान करनी है, तो ट्रांसपैरेंट बर्तन में एक कटोरा पानी लें और गुड़ के एक टुकड़े को पानी में घोलें। अगर गुड़ नकली होगा, तो पाउडर पानी में नीचे बैठ जाएगा। आर्टिफिशियल कलर्स का यूजगुड़ को सही रंग देने के लिए आर्टिफिशियल कलर्स का यूज होता है। इसकी शुद्धता की पहचान करने के लिए आधा चम्मच गुड़ लें। इसमें छह मिलीलीटर शरब डालकर अच्छी तरह मिला लें। अब इसमें 20 बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मिलाएं। अगर गुड़ गुलाबी रंग का हो जाए, तो इसका मतलब है
कि इसमें आर्टिफिशियल कलर मिलाया गया है। तो अब गुड़ खरीदना आपके लिए काफी आसान हो जाएगा। यहां बताए गए टिप्स की मदद से आप गुड़ की शुद्धता की पहचान कर खुद की और दूसरों की सेहत के साथ खिलवाड़ होने से रोक सकते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें कौन सा गुड़ खाने में अच्छा होता है?असल में नारियल का गुड़ अपने खास पोषक तत्वों के कारण सबसे ज्यादा सेहतमंद माना जाता है। यह गुण खांसी-जुखाम जैसी बीमारियों में एक अच्छा घरेलू नुस्खा भी है। लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये सख्त सा दिखने वाला गुड़ ब्लड-प्रेशर को कंट्रोल करता है।
असली गुड़ की पहचान क्या है?शुद्ध गुड़ की पहचान उसके रंग से की जा सकती है. ब्राउन या गहरे भूरे रंग के गुड़ को असली (Real Jaggery) माना जाता है. वहीं, पीला या हल्का भूरा गुड़ मिलावटी हो सकता है. गन्ने और केमिकल के रिएक्शन से पकने पर असली गुड़ का रंग गहरा भूरा होता है जबकि मिलावट वाले गुड़ का रंग इतना पक्का नहीं होता.
नकली गुड़ की पहचान कैसे करें?असली और नकली गुड़ की पहचान करने के लिए पानी की मदद लेना भी काफी आसान तरीका होता है. बता दें कि नकली गुड़ को मीठा बनाने के लिए इसमें शुगर क्रिस्टल एड किया जाता है. ऐसे में फेक गुड़ को पानी में डालने से ये नीचे बैठ जाता है. वहीं, लाइट वेट होने के कारण असली गुड़ पानी में तैरने लगता है और जल्दी घुल जाता है.
गुड़ कब नहीं खाना चाहिए?वैसे तो दिनभर में गुड़ को कभी भी खाया जा सकता है लेकिन सोने से पहले गुड़ के सेवन करने से बचना चाहिए। रात को गुड़ के सेवन से दांत संबंधी दिक्कतें, शरीर में सूजन और दस्त की समस्या भी हो सकती है। गुड़ का फायदा तभी होता है, जब इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
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