`( स दाल में प्रमुख तत्व क्या होता है ?`? - `( sa daal mein pramukh tatv kya hota hai ?`?

सिद्धार्थनगर : गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र सोहना पर विश्व दलहन दिवस बनाया गया। इस बीच आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों की ओर से कहा गया कि दाल में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे दलहन की पैदावार बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें।

वरिष्ठ विशेषज्ञ डा. डीपी सिंह ने कहा कि दलहन की फसल बहुत ही लाभप्रद है। इसमें तमाम तरह के पोषक तत्व होते हैं। दलहन को फलियां भी कहा जाता है। इनमें चना, अरहर, सूखी मटर और अन्य प्रकार की दालें शामिल हैं। दालें दुनिया के सभी देशों की थाली का हिस्सा हैं। ये सुपाच्य होने के साथ-साथ पोषक तत्वों का खजाना भी है। दलहनी फसलों में हरी मटर या हरी फलियां शामिल नहीं होती। उन्होंने किसानों को जायद में मूंग एवं उड़द की खेती विज्ञानी विधि से करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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वरिष्ठ विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि दालें डायबिटीज और हृदय रोग में काफी फायदा करती हैं। इनके सेवन से मोटापे जैसी बीमारियां भी दूर रहती हैं। इनमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो रक्त संबंधी बीमारियों को दूर करता है। दालों की सबसे बड़ी विशेषता होती है कि तेज आंच पर पकने के बाद भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं।

डा. एसएन सिंह ने बताया कि दालें खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। विश्व की एक बड़ी जनसंख्या का ये प्रमुख भोजन है। दालों की खेती करने वाले किसानों के लिए भी यह आय का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। कार्यक्रम सहायिका नीलम सिंह ने कहा कि दालें पोषण से भरपूर होती हैं, इनमें प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है। कोलेस्ट्राल तथा ब्लड शुगर को कम करने में काफी उपयोगी होती हैं। श्रीराम, जुबानी प्रसाद मौर्य, रामदास, अजीत कुमार, सुभावती, निर्मला, गोदावरी आदि उपस्थित रहे।

मसूर दाल का रंग लाल होता है। हल्की होने के कारण यह जल्दी पक जाती है। इस दाल को ढककर पकाने से इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा बराबर बनी रहती है। मसूर में प्रोटीन, कैल्शियम, सल्फर, कार्बोहाइड्रेट, एल्युमीनियम, जिंक, कॉपर, आयोडीन, मैग्नीशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन और विटामिन डी जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसमें मौजूद अमिनो एसिड जैसे आईसोल्यूसीन और लाईसीन से बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन मिलता है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है।

मूंग दाल

मूंग की दाल दो प्रकार की होती है हरी और पीली। धुली और छिली हुई मूंग दालें पीले रंग की होती हैं। इन दालों में प्रोटीन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि पीली मूंग दाल मे 50 प्रतिशत प्रोटीन, 20 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 48 प्रतिशत फाइबर, 1 प्रतिशत सोडियम और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ना के बराबर होती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि पीली मूंग दाल में प्रोटीन, आयरन और फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। वहीं इसमें पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन बी कॉम्पलेक्स होता है और सबसे बड़ी बात फैट बिल्कुल नहीं होता। मूंग दाल कैंसर के जीवाणुओं के बनने की प्रक्रिया को खत्म करती है।चावल और मूंग की खिचड़ी खाने से कब्ज दूर होती है | खिचड़ी में घी डालकर खाने से कब्ज दूर होकर दस्त साफ आता है।

अरहर की दाल

हालांकि यह दाल अपने भाव को लेकर अक्सर ही चर्चा में आ जाती है, लेकिन यह बात भी सही है कि सभी दालों में अरहर का प्रमुख स्थान है। पौष्टिक गुणों को समेटे हुए अरहर की हरी-हरी फलियों के दाने निकालकर उन्हें तवे पर भूनकर भी खाना काफी लाभकारी होता है। वैसे तो यह दाल जल्दी पच जाती है, लेकिन इसका सेवन गैस, कब्ज और सांस के रोगियों को कम करना चाहिए। 100 ग्राम अरहर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन, 343 कैलोरी, 17 मिलीग्राम सोडियम, 1392 मिलीग्राम पोटैशियम, 63 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 15 ग्राम फाइबर और विटामिन ए, बी12, डी और कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। इस दाल के सेवन के कई फायदे हैं। दांत दर्द की शिकायत होने पर अरहर के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से फायदा मिलता है।

चना दाल

काले चनों को दो टुकड़ों में तोड़कर उन्हें पॉलिश करके चना दाल तैयार किया जाता है। यह भारतीय खाने का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। लजीज और पौष्टिक होने के साथ ही पचने में भी आसान होते हैं। 100 ग्राम चना दाल में 33000 कैलोरी, 10-11 ग्राम फाइबर, 20 ग्राम प्रोटीन और सिर्फ 5 ग्राम फैट होता है। चने की दाल खाने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह कोलेस्ट्रॉल घटाती है। चना दाल में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है जो कोलेस्ट्रॉल कम करती है।

उड़द दाल

उड़द को एक अत्यंत पौष्टिक दाल के रूप में जाना जाता है। यह अन्य प्रकार की दालों से अधिक बल देने वाली और पौष्टिक भी होती है। उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन,कैल्‍शियम, घुलनशील रेशा और स्‍टार्च पाया जाता है। भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज लवण वाली इस दाल में कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता। प्रति 100 ग्राम उड़द दाल में 341 कैलोरी, 38 मिलीग्राम सोडियम, 983 मिलीग्राम पोटैशियम, 59 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 18 ग्राम फाइबर और 25 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है। इसमें बहुत सारा आयरन होता है, जिसे खाने से शरीर को बल मिलता है।

भारत में कई प्रकार की दालें प्रयोग की जाती हैं। दालें अनाज में आती हैं। इन्हें उगाने वाली उपज को दलहन कहा जाता है। दालें हमारे भोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दुर्भाग्यवश आज आधुनिकता की दौड़ में फास्ट फूड के प्रचलन से हमारे भोजन में दालों का प्रयोग घटता जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों, विशेषकर बच्चों एवं युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।[1] दालों की सर्व प्रमुख विशेषता यह होती है कि आँच पर पकने के उपरांत भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं। इनमें प्रोटीन और विटामिन बहुतायत में पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दालें हैं:

अन्य

खेसरी , गौर, लोबिया, कुल्थी, मटर, सोयाबीन

दालें मानव आहार में प्रोटीन की आवश्यकता पूर्ति का प्रमुख स्रोत है लगभग ३ प्रतिशत प्रोटीन की पूर्ति दालों द्वारा की जाती है भोजन में प्रयोग आने वाली दालें मुख्यत: छिलका रहित दो टुकड़ों वाली होती हैं अत: दलहनों से दाल बनाने के लिए उनके ऊपर का छिलका उतारना सर्वप्रथम तथा प्रमुख क्रिया है इसके लिए दानों को उपचारित किया जाता है और तत्पश्चात् ही उनका संसाधन किया जाता है पुरानी पद्वति द्वारा दाल बनाने में लगभग १ से १५ प्रतिशत तक दाल की हानि संसाधन क्रिया में होती है अत: दालों की उपलब्धि बढ़ाने के लिए उन्नत उत्पादन तकनीक के साथ ही साथ संसाधन की भी उन्नत तकनीक एवं उपकरणों का उपयोग किया जानं चाहिए इसी दिशा में केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल तथा अन्य संस्थानों में शोध किये गये हैं।[2]

दाल में प्रमुख तत्व क्या होता है?

दालों में प्रोटीन के अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, कई प्रकार के विटामिन्स, फॉस्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं, ये शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखते हैं।

दालों में कौन सा पोषक तत्व पाया जाता है?

दाल में ढेर सारा फाइबर, विटामिन B, मैग्नीशियम, जिंक और पोटैशियम पाया जाता है. ये सारे पोषक तत्व शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं. प्रोटीन के किसी भी दूसरे माध्यम की तुलना में इसमें कम फैट होता है. इसके साथ ही ये खनिज, विटामिन, एंटी-ऑक्सीडेंट और पाचन क्रिया में मददगार फाइबर्स से युक्त होती हैं.

दालों में सबसे ज्यादा क्या पाया जाता है?

दालों में भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम और जिंक पाया जाता है। इनकी मौजूदगी से कई प्रकार के संक्रामक रोगों से सुरक्षा होती है।

दालों से हमें क्या मिलता है?

दालें प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं जो वेट लॉस करना चाह रहे हैं। लो फैट होने के कारण यह एक्स्ट्रा कैलोरी इंटेक को रोकती हैं। रोजाना दाल खाने से आपको सही मात्रा में ऊर्जा और पोषण मिल सकता है, वो भी बिना कैलोरी जमा किए।

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