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आजकल की भागदौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी में लोग अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं। इसके लिए उनका अत्यधिक व्यस्त कार्यक्रम, रात के समय काम करना, मानसिक तनाव या देर रात तक मोबाइल या टीवी देखना एक कारण है। यहां तक की अच्छी नींद के लिए बहुत से लोग गोली खाकर सोने को मजबूत होते हैं। लेकिन इसके कारण सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बिना अच्छी नींद के व्यक्ति को सफलता भी नहीं मिलती क्योंकि वह नींद से होने वाली उलझनों में ही फंसा रहता है और साफ विचार अपने मन में नहीं ला पाता है। अच्छी नींद आना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी होती है। इससे वह अपनी थकान दूर होती है, शरीर में फिर से ऊर्जा आती है और तरोताजा होकर एक नए दिन की शुरुआत जोश के साथ कर पाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 86 फीसदी जनता को अनिद्रा की शिकायत है। भागदौड़ और तनाव के कारण एक अच्छी नींद न आना, आज की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। ज्योतिष शास्त्र में कुछ मंत्र बताए गए हैं, इन मंत्रों के जप करने से आपको एक अच्छी और सुखद नींद मिलेगी। साथ ही इनसे आपका तनाव भी कम हो जाएगा, जिससे आप एक नई ताजगी भरी सुबह की शुरुआत कर सकते हैं। Authored by Gitika dubey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 29, 2022, 9:30 PM
Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network रात को सोते समय कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?इससे भूत-प्रेत का डर खत्म होता है और अनिद्रा की समस्या दूर होती है. -ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। -राम शिव हरे राम शिव राम राम शिव हरे. रात को सोने से पहले इन सबी मंत्रों का जाप आपके लिए लाभदायक हैं.
सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?” नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे. सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:.. '' माना जाता है कि जीवन में आने वाली किसी भी तरह कि बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन सुबह इस शक्तिशाली-मंत्र मंत्र का जाप करना चाहिए।
कलयुग में श्रेष्ठ मंत्र कौन सा है?कलियुग में सबसे श्रेष्ठ मंत्र अपने इष्टदेव का नामजप है , संत तुलसीदास ने भी रामचरितमानस में है कि “ कलियुग केवल नाम अधारा । सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा ।। “ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने भी विराटरूप का वर्णन करते समय श्रीमदभगवद्गीता में यही कहा कि मंत्रो में वह जपयग्य है ।
सुबह उठते ही कौन सा मंत्र करना चाहिए?मंत्र- “कराग्रे वसति लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।। “
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