निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए:Question 1: रामन के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है? Show उत्तर: हठयोग में योगी अपने शरीर को असह्य पीड़ा से गुजारता है। रामन भी कुछ ऐसा ही कर रहे थे। वे पूरे दिन सरकारी नौकरी में कठिन परिश्रम करते थे और उसके बाद बहु बाजार स्थित प्रयोगशाला में वैज्ञानिक शोध करते थे। उस प्रयोगशाला में बस कामचलाउ उपकरण ही थे। इसलिए रामन के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग कहा गया है। Question 2: रामन की खोज ‘रामन प्रभाव’ क्या है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: जब एकवर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती है तो गुजरने के बाद उसके वर्ण में परिवर्तन आता है। ऐसा इसलिए होता है कि जब एकवर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन किसी तरल या ठोस रवे से गुजरते हुए इनके अणुओं से टकराते हैं तो टक्कर के बाद या तो वे कुछ ऊर्जा खो देते हैं या कुछ ऊर्जा पा जाते हैं। ऊर्जा में परिवर्तन के कारण प्रकाश के वर्ण (रंग) में बदलाव आता है। ऊर्जा के परिमाण में परिवर्तन के हिसाब से प्रकाश का रंग किसी खास रंग का हो जाता है। इसे ही रामन प्रभाव कहते हैं। Question 3: ‘रामन प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन कौन से कार्य संभव हो सके? उत्तर: रामन प्रभाव की खोज से अणुओं और परमाणुओं के अध्ययन का कार्य सहज हो गया। यह काम पहले इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा किया जाता था और अब रामन स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा किया जाने लगा। इस खोज से कई पदार्थों का कृत्रिम संश्लेषण संभव हो पाया। Question 4: देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन के महत्वपूर्ण योगदान प्र प्रकाश डालिए। उत्तर: देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने के लिए रामन के कई काम किए। रामन ने बंगलोर में एक अत्यंत उन्नत प्रयोगशाला और शोध संस्थान की स्थापना की, जिसे अब रामन रिसर्च इंस्टीच्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने इंडियन जरनल ऑफ फिजिक्स नामक शोध पत्रिका प्रारंभ की। उन्होंने अपने जीवन काल में सैंकड़ों शोध छात्रों का मार्गदर्शन किया। विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए वे करेंट साइंस नामक पत्रिका का संपादन भी करते थे। Question 5: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन के जीवन से प्राप्त होनेवाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन ने हमेशा ये संदेश दिया कि हम विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से करें। न्यूटन ने ऐसा ही किया था और तब जाकर दुनिया को गुरुत्वाकर्षण के बारे में पता चला था। रामन ने ऐसा ही किया था और तब जाकर दुनिया को पता चला कि समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है, कोई और क्यों नहीं। जब हम अपने आस पास घटने वाली घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषन करेंगे तो हम प्रकृति के बारे में और बेहतर ढ़ंग से जान पाएँगे। निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:Question 1: उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख सुविधाओं से कहीं अधिक महत्वपूर्ण थी। उत्तर: रामन एक ऐसी नौकरी में थे जहाँ मोटी तनख्वाह और अन्य सुविधाएँ मिलती थीं। लेकिन रामन ने उस नौकरी को छोड़कर ऐसी जगह नौकरी करने का निर्णय लिया जहाँ वे सारी सुविधाएँ नहीं थीं। लेकिन नई नौकरी में रहकर रामन अपने वैज्ञानिक शोध का कार्य बेहतर ढ़ंग से कर सकते थे। यह दिखाता है कि उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख सुविधाओं से कहीं अधिक महत्वपूर्ण थी। Question 2: हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीजें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं। उत्तर: हमारे पास अनेक ऐसी चीजें हैं या घटनाएँ घटती रहती हैं जिन्हें हम जीवन का एक सामान्य हिस्सा मानकर चलते हैं। लेकिन उन्ही चीजों में कोई जिज्ञासु व्यक्ति महत्वपूर्ण वैज्ञानिक रहस्य खोज लेता है। फिर हम जैसे नींद से जागते हैं और उस नई खोज से विस्मित हो जाते हैं। किसी की जिज्ञासा उस सही पात्र की तरह है जिसमें किसी वैज्ञानिक खोज को मूर्त रूप मिलता है। Question 3: यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था। उत्तर: इस पंक्ति में लेखक रामन के अथक परिश्रम के बारे में बता रहा है। रामन उस समय एक सरकारी नौकरी में कार्यरत थे। अपने दफ्तर में पूरे दिन काम करने बाद जब वे शाम में निकलते थे तो घर जाने की बजाय सीधा बहु बाजार स्थित प्रयोगशाला में जाते थे। वे प्रयोगशाला में घंटों अपने शोध पर मेहनत करते थे। पूरे दिन दफ्तर में काम करने के बाद फिर प्रयोगशाला में काम करना बहुत मुश्किल होता है। यह शारीरिक और मानसिक तौर पर थका देता है। इसलिए लेखक ने ऐसे काम को हठयोग की संज्ञा दी है। myCBSEguide AppCBSE, NCERT, JEE Main, NEET-UG, NDA, Exam Papers, Question Bank, NCERT Solutions, Exemplars, Revision Notes, Free Videos, MCQ Tests & more. Install NowNCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve Class 9 Hindi Course B book solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE exam. CBSE recommends NCERT books and most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 9 Hindi Course B chapter wise NCERT solution for Hindi Course B part 1 and Hindi Course B part 2 for all the chapters can be downloaded from our website and myCBSEguide mobile app for free. NCERT solutions for Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve Download as PDF Sparsh
Sanchayan
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malveनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –1. रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे? उत्तर:- रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक सुयोग्य और जिज्ञासु वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता थे। 2. समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं? उत्तर:- समुद्र को देखकर रामन् के मन में दो जिज्ञासाएँ
उठीं – NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 3. रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?उत्तर:- रामन् के पिता गणित और भौतिकी के शिक्षक थे। उन्होंने ने रामन् में गणित और भौतिकी की सशक्त नींव डाली। 4. वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे? उत्तर:- रामन् वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के द्वारा उनके कंपन के पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्य की परतें खोलना चाहते थे। 5. सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी? उत्तर:- सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना थी कि वह पढ़ाई करके विश्वविद्यालय के शिक्षक बनकर, अध्ययन अध्यापन और शोध कार्यों में अपना पूरा समय लगाना चाहते थे। 6. ‘रामन् प्रभाव’ की खोज के पीछे कौन-सा सवाल हिलोरें ले रहा था? उत्तर:- रामन् का सवाल था कि आखिर समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों है? इसके लिए उन्होंने तरल पदार्थ पर प्रकाश की किरणों का अध्ययन किया। उनके प्रयोग की परिणति ‘रामन् प्रभाव’ की महत्त्वपूर्ण खोज के रूप में हुई। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 7. प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?उत्तर:- प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया था कि प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव्र धारा के समान है। उन्होंने इन कणों की तुलना बुलेट से की और इन्हें ‘फोटॉन’ नाम दिया। 8. रामन् की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया? उत्तर:- रामन् की खोज ने पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं के बारे में खोज के अध्ययन को सहज बनाया। • प्रश्न-अभ्यास (लिखित)निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए – 9. कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा क्या थी? उत्तर:- कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा थी कि वे नए-नए वैज्ञानिक प्रयोग करें, पूरा जीवन शोधकार्यों में लगा दें। उनका मन और दिमाग विज्ञान के रहस्यों को सुलझाने के लिए बैचेन रहता था। परन्तु इसे कैरियर के रूप में अपनाने की उनके पास खास व्यवस्था नहीं थी। 10. वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की? उत्तर:- रामन् ने देशी और विदेशी दोनों प्रकार के वाद्ययंत्रों का अध्ययन किया। इस अध्ययन के द्वारा वे पश्चिमी देशों की भ्रांति को तोड़ना चाहते थे कि भारतीय वाद्ययंत्र विदेशी वाद्ययंत्रों की तुलना में घटिया है। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 11. रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था?उत्तर:- रामन् के लिए नौकरी संबंधी यह निर्णय कठिन था, जब एक दिन प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री सर आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया। सरकारी नौकरी की बहुत अच्छी तनख्वाह अनेकों सुविधाएँ छोड़कर कम वेतन, कम सुविधाओं वाली नौकरी का फैसला मुश्किल था। परन्तु रामन् ने सरकारी नौकरी छोड़कर विश्वविद्यालय की नौकरी कर ली क्योंकि सरस्वती की साधना उनके लिए महत्वपूर्ण थी। इसलिए यह काम सचमुच हिम्मत का काम था। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 12. सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?उत्तर:- सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर निम्नलिखित
पुरस्कारों से सम्मानित किया गया – NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 13. रामन् को मिलनेवाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। ऐसा क्यों कहा गया है?उत्तर:- रामन् को मिलनेवाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। इनमें से अधिकांश पुरस्कार विदेशी थे और प्रतिष्ठित भी। अंग्रेज़ों की गुलामी के दौर में एक भारतीय वैज्ञानिक को इतना सम्मानित दिए जाने से भारत को आत्मविश्वास और आत्मसम्मान मिला। इसके लिए भारतवासी स्वयं को गौरवशाली अनुभव करने लगे। रामन् नवयुवकों के प्रेरणास्रोत बन गए। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए – 14. रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है? उत्तर:- रामन् के समय में शोधकार्य करने के लिए परिस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत थीं। वे सरकारी नौकरी करते थे, वे बहुत व्यस्त रहते थे। परन्तु फिर भी रामन् फुर्सत पाते इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की प्रयोगशाला में काम करते। इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था लेकिन रामन् इन काम चलाऊ उपकरणों से भी शोध कार्य करते रहें। ऐसे में अपनी इच्छाशक्ति के बलबूते पर अपना शोधकार्य करना आधुनिक हठयोग ही कहा जा सकता है। यह हठयोग विज्ञान से सम्बन्धित था इसलिए आधुनिक कहना उचित था। 15. रामन् की खोज रामन् प्रभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर:- रामन् की खोज को रामन् प्रभाव के नाम से जाना जाता है। रामन् के मस्तिष्क में समुद्र के नीले रंग को लेकर जो सवाल 1921 की समुद्र यात्रा के समय आया, वह ही रामन् प्रभाव खोज बन गया। अर्थात् रामन् द्वारा खोजा गया सिद्धांत, इसमें जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती है तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है। एक वर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस रवे से टकराते हैं तो उर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा लेते हैं। दोनों ही स्थितियाँ प्रकाश के वर्ण में (रंग में) बदलाव लाती हैं। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 16. ‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?उत्तर:- ‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में
निम्नलिखित कार्य संभव हो सके – NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 17. देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।उत्तर:- सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् का व्यक्तित्व प्रयोगों और शोधपत्र – लेखन तक ही सिमटा हुआ नहीं था। उनके अंदर एक राष्ट्रीय चेतना थी और वह देश में वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन के विकास के प्रति समर्पित थे। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोध पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरु की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया। 18. सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप्त होने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर:- सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलता है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए रामन् की तरह सुख-सुविधाओं को छोड़ना पड़े। इच्छा शक्ति हो तो राह निकल आती है। रामन् ने संगीत के सुर-ताल और प्रकाश की किरणों की आभा के अंदर से वैज्ञानिक सिद्धांत खोज निकाले। इस तरह रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए। हमें प्रकृति के बीच छुपे वैज्ञानिक रहस्य का भेदन करना चाहिए। निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए – 19. उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी। उत्तर:- डॉ. रामन् विश्वविद्यालय के शिक्षक बनकर, अध्ययन अध्यापन और शोध कार्यों में अपना पूरा समय लगाना चाहते थे। इसलिए सरकारी सुख-सुविधाओं का त्याग किया क्योंकि उनके अनुसार सरस्वती अर्थात् शिक्षा पाने और देने का काम अधिक महत्त्वपूर्ण था। 20. हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं। उत्तर:- रामन् ने संगीत के सुर-ताल और प्रकाश की किरणों की आभा के अंदर से वैज्ञानिक सिद्धांत खोज निकाले। इस तरह रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए। हमें प्रकृति के बीच छुपे वैज्ञानिक रहस्य का भेदन करना चाहिए। हमारे आस-पास के वातावरण में अनेक प्रकार की चीज़ें बिखरी होती हैं। उन्हें सही ढंग से सँवारने वाले व्यक्ति की आवश्यकता होती है। वही उनको नया रुप देता है। 21. यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था। उत्तर:- रामन् के समय में शोधकार्य करने के लिए परिस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत थीं। रामन् किसी न किसी प्रकार अपना कार्य सिद्ध कर लेते थे। वे हठ की स्थिति तक चले जाते थे। योग साधना में हठ का अंश रहता है। वे सरकारी नौकरी करते थे, वे बहुत व्यस्त रहते थे। परन्तु फिर भी रामन् फुर्सत पाते इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की प्रयोगशाला में काम करते। इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था लेकिन रामन् मामूली उपकरणों से भी अपनी प्रयोगशाला का काम चला लेते थे। यह एक प्रकार का हठयोग ही था। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 22. उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।इंफ़्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस, फिलॉसफिकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट। 1. रामन् का पहला शोधपत्र _______________ में प्रकाशित हुआ था। 2. रामन् की खोज _______ के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी। 3. कोलकाता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम ____________________________ था। 4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान _______________________________ नाम से जाना जाता है। 5. पहले पदार्थो के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए _______________________ का सहारा लिया जाता था। उत्तर:- 1. रामन् का पहला शोधपत्र फिलॉसफिकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve • भाषा अध्ययन23. नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके। (क) प्रमाण – (ख) प्रणाम – (ग) धारणा – (घ) धारण – (ङ) पूर्ववर्ती – (च) परवर्ती – (छ) परिवर्तन – (ज) प्रवर्तन – उत्तर:- (क) प्रमाण – प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है? NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 24. रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए –(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से ____________ हैं। (ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को ____________ रुप से नौकरी दे दी गई है। (ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और ____________पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया। (घ) आज बाज़ार में देशी और ____________ दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं। (ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ____________में परिवर्तित हो जाता है। उत्तर:- रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की
पूर्ति कीजिए – NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 25. नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द-युग्म का प्रयोग हुआ है –उदाहरण : चाऊतान को गाने-बजानेमें आनंद आता है। उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए – सुख-सुविधा – अच्छा-खासा – प्रचार-प्रसार – आस-पास – उत्तर:- सुख-सुविधा – माँ अपने बच्चे की सुख-सुविधा का ध्यान रखती हैं । 26. प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए – उत्तर:-
उत्तर:-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 27. पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए –घंटों खोए रहते, स्वाभाविक रुझान बनाए रखना, अच्छा-खासा काम किया, हिम्मत का काम था, सटीक जानकारी, काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए, कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था, मोटी तनख्वाह उत्तर:-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 28. पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।उत्तर:-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course B Sparsh Dhirnjan Malve 29. नीचे दिए गए उदाहरण ‘ही’ का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।उदाहरण : उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी। उत्तर:- • तुम ही को मिलना है। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course BNCERT Solutions Class 9 Hindi Course B PDF (Download) Free from myCBSEguide app and myCBSEguide website. Ncert solution class 9 Hindi Course B includes text book solutions from part 1 and part 2. NCERT Solutions for CBSE Class 9 Hindi Course B have total 21 chapters. 9 Hindi Course B NCERT Solutions in PDF for free Download on our website. Ncert Hindi Course B class 9 solutions PDF and Hindi Course B ncert class 9 PDF solutions with latest modifications and as per the latest CBSE syllabus are only available in myCBSEguide. CBSE app for StudentsTo download NCERT Solutions for class 9 Social Science, Computer Science, Home Science,Hindi ,English, Maths Science do check myCBSEguide app or website. myCBSEguide provides sample papers with solution, test papers for chapter-wise practice, NCERT solutions, NCERT Exemplar solutions, quick revision notes for ready reference, CBSE guess papers and CBSE important question papers. Sample Paper all are made available through the best app for CBSE students and myCBSEguide website. |