राजस्थान के वर्तमान विधानसभा उपाध्यक्ष कौन है - raajasthaan ke vartamaan vidhaanasabha upaadhyaksh kaun hai

नोट :- लोकसभा चुनाव (2019) में दो विधायक रालोपा के हनुमान बेनिवाल खींवसर (नागौर) एवं भाजपा के नरेन्द्र कुमार मण्डावा (झुन्झुनूं) सांसद के रूप में चुन लिये गए अत: राजस्थान विधानसभा में दो सीटें रिक्त हो गई है। उपचुनाव में खींवसर (नागौर) विधानसभा सीट से रालोपा तथा भाजपा का संयुक्त उम्मीदवार नारायण बेनिवाल ने कांग्रेस के हरेन्द्र मिर्धा को जबकि मंडावा (झुन्झुनूं) विधानसभा सीट से कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला सीगड़ा को हराया।

जयपुर. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के लिए कांग्रेस नेता सीपी जोशी को अध्यक्ष बनाया गया है। महेश जोशी मुख्य सचेतक और महेंद्र चौधरी को उप मुख्य सचेतक बनाए गए हैं। राहुल गांधी के आदेश के बाद ही तीनों का नाम फाइनल किया गया। 15वीं विधानसभा का पहला सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर गुलाबचंद कटारिया नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। सोमवार को राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजभवन में कटारिया को विधानसभा के सदस्य पद की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने कटारिया को प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को मंजूरी भी दी।

कटारिया ही होंगे नेता प्रतिपक्ष

राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी होंगे। भाजपा विधायक कटारिया 15वीं विधानसभा में आठवीं बार विधायक बनकर पहंचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विधायक दल की बैठक के बाद कटारिया को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का ऐलान किया। 

सीपी जोशी : चार बार विधायक रहे हैं

  • सीपी जोशी नाथद्वारा से 4 बार विधायक बन चुके हैं। इसके साथ ही मनमोहन सरकार में केंद्र मंत्री भी रह चुके हैं।  राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के भी अध्यक्ष रहे। 
  • 2008 विधानसभा चुनाव में जोशी सिर्फ 1 वोट से हार गए थे। बाद में 2009 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर मनमोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इस दौरान वे पंचायतीराज, ग्रामीण विकास, भूतल परिवहन एवं राजमार्ग और रेल मंत्रालय के मंत्री रहे। 
  • यूपीए सरकार जाने के बाद उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाकर बंगाल, बिहार एवं असम का प्रभारी बनाया गया। एक समय ऐसा आया जब कांग्रेस ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों का प्रभार जोशी को दे दिया। बिहार में महा गठबंधन जीता। लेकिन, बाद में लगातार पार्टी पूर्वोत्तर राज्यों में हारती गई। 

महेश जोशी : सीएम गहलोत के करीबी, पहले भी उप मुख्य सचेतक रह चुके हैं

  • 1998 से 2003 तक किशनपोल सीट से विधायक रहे। तब गहलोत सरकार में उप मुख्य सचेतक की भूमिका में थे। 2009 से 2014 के बीच जयपुर सीट से सांसद रहे।
  • इस बार हवामहल सीट से विधायक हैं। कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन्हें सीएम गहलोत का करीबी माना जाता है।
  • जोशी को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी देकर ब्राह्मण वोट बैंक को साधने का प्रयास है।

महेंद्र चौधरी : नागौर से कोई मंत्री नहीं, जाट वोट बैंक साधने का प्रयास

  • 2008 से 2013 में नावा से पहली बार विधायक बने। इस बार भी नावा सीट से विधायक हैं।
  • इन्हें भी अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। नागौर से किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया था।
  • ऐसे में महेंद्र को उप मुख्य सचेतक की भूमिका दी गई। साथ ही जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश की गई है।

गुलाबचंद कटारिया ने ली प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ

सोमवार को राजभवन में भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल कल्याण सिंह ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य मंत्री मौजूद रहे। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। मंगलवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर कटारिया नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद दो दिन विधानसभा सदस्यों की शपथ होगी। बता दें कि विधानसभा की 199 सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान हुआ था। अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी की मौत की वजह से इस सीट पर चुनाव स्थगित हो गए थे। अब यहां 28 जनवरी को मतदान होना है।

प्रथम विधानसभा उपाध्यक्ष लाल सिन्ह शक्तावत थे भारतीय राज्य राजस्थान में राजस्थान विधानसभा का मुखिया अध्यक्ष होता है। राजस्थान के प्रथम प्रोटम स्पीकर महारावल संग्राम सिंह ।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष[संपादित करें]

यह सूची राजस्थान विधान सभा के अध्यक्षों की सूची है।[1][2]

राजस्थान विधानसभा सभा सत्र: उपाध्यक्ष-मुख्य सचेतक के पदों पर होगी नियुक्ति, सरकार बचाने वाले निर्दलीय विधायकों को मिलेगा तोहफा

राजस्थान विधानसभा सभा सत्र: उपाध्यक्ष-मुख्य सचेतक के पदों पर होगी नियुक्ति, सरकार बचाने वाले निर्दलीय विधायकों को मिलेगा तोहफा

राजस्थान विधानसभा का सत्र 9 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। सत्र में मुख्य सचेतक और विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा सभापति पैनल में भी एक विधायक को नियुक्ति किया जाएगा। साथ में...

राजस्थान के वर्तमान विधानसभा उपाध्यक्ष कौन है - raajasthaan ke vartamaan vidhaanasabha upaadhyaksh kaun hai

Prem Meenaलाइव हिंदुस्तान,जयपुरFri, 28 Jan 2022 11:57 AM

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राजस्थान विधानसभा का सत्र 9 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। सत्र में मुख्य सचेतक और विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा सभापति पैनल में भी एक विधायक को नियुक्ति किया जाएगा। साथ में विधानसभा की समितियों में बदलाल किया जाएगा। पिछले तीन साल से विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली चल रहा है। जबकि महेश जोशी के मंत्री बनने के बाद मुख्य सचेतक का पद पर भी नियुक्ति की जानी है। सचेतक के पद पर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को प्रमोट किया जा सकता है। महेंद्र चौधरी गहलोत कैंप के विधायक माने जाते हैं। तीन साल से खाली चल रहे विधानसभा उपाध्यक्ष पद चुनाव तय माना जा रहा है। इस पद पर नियुक्ति को लेकर जातीय समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। उपाध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं

करीब 25 विधायक सरकार को दे रहे हैं समर्थन

सीएम गहलोत महत्वपूर्ण पदों पर सरकार को सियासी संकट से उबारने वाले निर्दलीय विधायकों और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों को तोहफ दे सकते हैं। क्योंकि कैबिनेट के विस्तार में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में एकमात्र राजेंद्र सिंह गुढ़ा को ही मंत्री बनाया गया है। वहीं निर्दलीय विधायकों में एकमात्र संयम लोढ़ा को सीएम सलाहकार बनाया गया है। जबकि सरकार के बाहर से समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 25 है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन विधायकों को खुश करने के लिए सीएम गहलोत खाली चल रहे विधानसभा को पदों पर नियुक्त कर सकते हैं।

उपाध्यक्ष पद के लिए महादेव सिंह प्रबल दावेदार

प्रदेश में तीन साल से खाली चल रहे विधानसभा उपाध्यक्ष पद चुनाव तय माना जा रहा है। इस पद पर नियुक्ति को लेकर जातीय समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। सीएम गहलोत ने सत्ता में आते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीपी जोशी को विधानसभा अध्यक्ष बना दिया, लेकिन उपाध्यक्ष पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की। गहलोत सरकार चौथे साल में प्रवेश कर गई है। विधानसभा उपाध्यक्ष की रेस में सीकर जिले के खंडेला से विधायक महादेव सिंह खंडेला प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला का विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने टिकट काट दिया था। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपने समर्थक को टिकट दिलाने के लिए महादेव सिंह का खंडेला का टिकट काट दिया था। महादेव सिंह ने निर्दलीय लड़े और जीत दर्ज की। महादेव सिंह को गहलोत कैंप के विधायक माने जाते हैं। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से नगर विधायक वाजिब अली और नदबई विधायक जोगिंद्रर सिंह अवाना को भी सीएम गहलोत एडजस्ट कर सकते हैं। 

समितियों में किया जाएगा बदलाव

तीन साल से खाली चल रही विधानसभा की समितियों में भी बदलाव किया जाएगा। महेंद्रजीत सिंह मालवीय के मंत्री बनने के बाद उनकी जगह सभापति पैनल में किसी नए विधायक को नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही विधानसभा की नियुक्तियों में भी बदलाव किया जाएगा। सीएम गहलोत मंत्री नहीं बनाने से नाराज चल रहे निर्दलीय विधायकों को कुछ पदों पर नियुक्त कर सकते हैं। 

राजस्थान विधानसभा के प्रथम उपाध्यक्ष कौन है?

प्रथम विधानसभा उपाध्यक्ष लाल सिन्ह शक्तावत थे भारतीय राज्य राजस्थान में राजस्थान विधानसभा का मुखिया अध्यक्ष होता है।

राजस्थान के वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष कौन?

इसमें 160 सदस्य थे। वर्तमान में राजस्थान विधानसभा के अंदर 200 सीटें हैं15वी विधान सभा के अध्यक्ष सी.पी. जोशी है। 15वी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी ने युवा नेता प्रदेसाध्यक्ष सचिन पायलट ओर अनुभवी नेता अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव जीता और अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।

विधानसभा के अध्यक्ष को क्या कहते हैं?

विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख, पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष) होता है, जिसे संविधान, प्रक्रिया, नियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के अन्तर्गत व्यापक अधिकार होते हैं। सभा के परिसर में उनका प्राधिकार सर्वोच्च है।

प्रथम विधानसभा चुनाव कब हुए?

उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुनाव 26 मार्च, 1952 को आयोजित किये गए थे। 347 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 2,604 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।