राहु केतु के क्या लक्षण है? - raahu ketu ke kya lakshan hai?

राहु-केतु दोष द‍िखें तो हो जाएं सतर्क

राहु केतु के क्या लक्षण है? - raahu ketu ke kya lakshan hai?

कुंडली में अगर राहु-केतु दोष हो तो लाइफ काफी स्‍ट्रेसफुल हो जाती है। कुछ न कुछ लगा ही रहता है। कभी असफलता तो कभी बीमारी, कभी अपनों के साथ दूरी तो कभी मानस‍िक तनाव। यानी क‍ि ये दोनों ग्रह जब भी खराब होते हैं तो जातकों को कई द‍िक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। इसल‍िए हम इस आर्टिकल में आपको राहु-केतु के लक्षण और उनसे बचने के उपायों के बारे में बता रहे हैं। ताकि आप समय रहते ही राहु-केतु के दोषों को पहचान सकें और उपाय कर सकें। ताकि आप आने वाली द‍िक्‍कतों से राहत पा सकें। आइए जानते हैं ऐस्‍ट्रॉलजर प्रमोद पांडेय से….

राहु हो खराब तो ऐसी होती हैं द‍िक्‍कतें

राहु केतु के क्या लक्षण है? - raahu ketu ke kya lakshan hai?

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार राहु खराब हो तो जातक को मानस‍िक तनाव संबंधी समस्‍या होती है। इसके अलावा आर्थिक नुकसान, कमज़ोर याददाश्त, चीज़ों का खोना, बात-बात पर अपना आपा खोना, कड़वे शब्द बोलना, डर और शत्रुओं का बढ़ना, मरा हुआ सांप या छिपकली का दिखना, मरे हुए पक्षी का द‍िखना, नाख़ून का अपने आप टूटना,घर का पालतू जानवर खो जाना या फिर मर जाना, गैरजिम्मेदार और लापरवाह होना। संबधी समस्‍याएं होती हैं। इसके अलावा वाहन दुर्घटना, कोर्ट-कचहरी की समस्‍याएं, खुद को लेकर कई गलतफहमियां और आपसी तालमेल में कमी संबंधी समस्‍याएं भी बढ़ने लगती है।

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केतु हो खराब तो होती हैं ये परेशान‍ियां

राहु केतु के क्या लक्षण है? - raahu ketu ke kya lakshan hai?

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार केतु ग्रह जब भी खराब होता है तो उसके पहले ही उसके लक्षण नजर आने लगते हैं। क‍िसी भी जातक की कुंडली में केतु के दोष से उसके सिर के बाल झड़ने लगते हैं। शरीर की नसों में कमज़ोरी आने लगती है। पथरी संबंधी समस्‍याएं होने लगती हैं। जोड़ों में दर्द और चर्म रोग की भी आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा कान में समस्या के कारण सुनने की क्षमता कम होना। अक्सर खांसी आती है। संतान उत्पत्ति में रुकावट होती है। पेशाब की बीमारी के अलावा रीढ़ की हड्डी में दिक्कत हो सकती है।

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राहु की दशा से बचने के ल‍िए करें ये उपाय

राहु केतु के क्या लक्षण है? - raahu ketu ke kya lakshan hai?

राहु दोष से बचने के ल‍िए जातकों को न‍ियम‍ित रूप से दुर्गा चालीसा, हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाह‍िए। शुक्रवार के दिन गोमेद धारण करना चाह‍िए। इसके अलावा घर के पूजा स्थल पर राहु यंत्र की स्थापना करके न‍ियम‍ित रूप से इसकी व‍िध‍ि-व‍िधान से पूजा करनी चाह‍िए। राहु बीज मंत्र ‘ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:’ का 108 बार जप करना चाह‍िए। शनिवार के दिन व्रत रखें और पूजा पाठ करें। घर में पीले रंग के फूल जरूर लगाएं। न‍िराश्रितों को दान जरूर करें। नहाने के पानी में इत्र या चंदन जरूर डालें।

केतु ग्रह के दोष से बचने के उपाय

राहु केतु के क्या लक्षण है? - raahu ketu ke kya lakshan hai?

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर केतु ग्रह की समस्‍या से जूझ रहे हों तो मां दुर्गा, हनुमान जी और गणेश जी की आराधना करें। दो रंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं। भैरवजी को केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएं। पूजा स्‍थल पर शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं और हो सके तो मंदिर में जला सकते हैं। तिल के लड्डुओं का दान करें। रविवार के दिन कन्याओं को मीठी दही और हलवा खिलाएं। दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को केतु के निमित्त व्रत रखें। जरूरतमंदों और न‍िराश्रितों को दान करें। अपने पास हमेशा हरे रंग का रुमाल रखें। पके हुए चावल में मीठा दही म‍िलाकर उसे एक दोने में डाल लें।साथ ही उसमें कुछ काले तिल के दाने भी डाल दें और पीपल के वृक्ष के नीचे दोने को रखकर केतु दोष की शांत‍ि की प्रार्थना करें। ध्‍यान रखें क‍ि कृष्ण पक्ष में न‍ियम‍ित रूप से इस प्रक्रिया को करना है। मान्‍यता है यह अत्‍यंत लाभकारी होता है।

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केतु का नकारात्मक प्रभाव : लाल किताब अनुसार अब केतु का प्रभाव जानें। संसार में दो तरह के केतु होते हैं। पहला कुत्ता जो घर की रखवाली करता है और दूसरा चूहा जो घर को खोखला कर देता है। इस तरह के मित्र और रिश्तेदार भी होते हैं। घर में चूहों की तादाद ज्यादा है तो समझों केतु का प्रभाव ज्यादा है।

केतु रात की ‍नींद हराम कर देता है। धन का अनावश्यक अपव्यय करा देता है। पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द, सन्तान उत्पति में रुकावट और गृहकलह का कारण भी केतु है। बच्चों से संबंधित परेशानी, बुरी हवा या अचानक धोखा होने का खतरा भी केतु के अशुम होने के कारण बना रहता है।

केतु का सकारात्मक प्रभाव : केतु का शुभ होना अर्थात पद, प्रतिष्ठा और संतानों का सुख। यह मकान, दुकान या वाहन पर ध्वज के समान है। शुभ केतु से व्यक्ति का रुतबा कायम रहता है।

अगले पन्ने पर राहु-केतु के सामान्य उपाय...

राहु की दशा खराब होने से क्या होता है?

- राहु खराब हो तो घर की देहरी दब जाती है या खराब हो जाती है. वहीं घर की सीढ़ियों का गलत दिशा में बनना या टूटा-फूटा रहना राहु दोष पैदा करता है. - यदि कुंडली में राहु अशुभ हो तो जातक नशे की लत का शिकार हो जाता है. - व्‍यक्ति बात-बात पर चिड़चिड़ाता है.

राहु कौन से रोग देता है?

राहु ग्रह के दोष के चलते अक्सर इंसान को अनिद्रा, उदर रोग, मस्तिष्क से संबंधी रोग और मानसिक चिंताएं बनी रहती हैं. राहु के प्रभाव से जातक को हड्डी और चर्म रोग आदि भी होते हैं. यह अक्सर लोगों को आलसी बना देता है. राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले अपनी आदतों में बदलाव लाना चाहिए.

राहु केतु को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?

राहु-केतु के शुभ फल की प्राप्ति के लिए हर रोज रात के समय इनके बीज मंत्रों का जप करें। साथ ही शिव सहस्रनाम और हनुमत सहस्त्रनाम का भी पाठ कर सकते हैं। इनका पाठ और जप करने से ग्रह पीड़ाएं शांत होती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं। वहीं कन्या दान करने से राहु और कपिला गौ दान करने से केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

केतु खराब होने पर क्या होता है?

* शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है। * केतु के अशुभ प्रभाव से चर्म रोग होता है। * कान खराब हो जाता है या सुनने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। * कान, रीढ़, घुटने, लिंग, जोड़ आदि में समस्या उत्पन्न हो जाती है।