रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है। व्यक्ति की उन्नति तथा स्वतंत्रता हेतु इन रूढ़ियों को तोड़ देना चाहिए, नहीं तो ये हमारी उन्नति में बाधक बनकर खड़ी रहेंगी। प्रश्न 12-12: वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया? उत्तर 12-12: वामीरो से मिलने के बाद तताँरा बहुत बैचेन रहने लगा। वह अपनी सुधबुध खो बैठा। वह शाम की प्रतिक्षा करता जब वह वामीरो से मिल सके। वह दिन ढलने से पहले ही लपाती की समुद्री चट्टान पर पहुँच गया। उसे एक-एक पल पहाड़ जैसा लग रहा था। प्रश्न 12-13: प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे? उत्तर 12-13: प्राचीन काल में हष्ट पुष्ट पशुओं के साथ शक्ति प्रदर्शन किए जाते थे। लड़ाकू साँडों, शेर, पहलवानों की कुश्ती, तलवार बाजी जैसे शक्ति प्रदर्शन के कार्यक्रम होते थे। तीतर, बटेर की लड़ाई, पंतगबाजी, पैठे लगाना जिसमें विशिष्ठ सामग्रियाँ बिकती। खाने पीने की दुकाने, जानवरों की नुमाइश, ये सभी मनोरंजन के आयोजन होते थे। प्रश्न 12-14: रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए। उत्तर 12-14: रूढ़ियां और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। इस कहानी के सन्दर्भ में देखा जाए तो तांतरा-वामीरो का विवाह एक रूढ़ि के कारण नही हो सकता था जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूढ़ियाँ किसी भला करने की जगह नुकसान करती हैं। समयानुसार समाज में परिवर्तन आते रहते हैं और रूढ़ियाँ आडम्बर प्रतीत होती हैं इसलिए इनका टूट जाना बेहतर होता है। प्रश्न 12-15: जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा। उत्तर 12-15: तताँरा-वामीरो को पता लग गया था कि उनका विवाह नहीं हो सकता था। फिर भी वे मिलते रहे। एक बार पशु पर्व मे वामीरो तताँरा से मिलकर रोने लगी। इस पर उसकी माँ ने क्रोध किया और तताँरा को अपमानित किया। तताँरा को भी क्रोध आने लगा। अपने गुस्से को शान्त करने के लिए अपनी तलवार को ज़मीन में गाड़ कर खींचता चला गया। इस कारण धरती दो हिस्सों में बंट गयी। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए- रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए। रूढ़ियां और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं परन्तु इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। जिस प्रकार तताँरा वामीरो से प्रेम करता है, उससे विवाह करना चाहता है परन्तु गाँव के लोग तताँरा को पसंद नहीं करते हैं। वे इस समय विरोध करते हैं और अन्त में उन्हें अपनी जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूढ़ियाँ भला करने की जगह नुकसान करती हैं तो उन्हें टूट जाना समाज के लिए बेहतर है। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? Solution : रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं, परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। इस कहानी के सन्दर्भ में देखा जाए तो तताँरा-वामीरो का विवाह एक रूढ़ि के कारण नहीं हो सकता था जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूढ़ियाँ किसी भला करने की जगह नुकसान करती हैं। समयानुसार समाज में परिवर्तन आते रहते हैं और रूढ़ियाँ आडम्बर प्रतीत होती हैं, इसलिए इनका टूट जाना बेहतर होता है। Solution : रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तक उनका टूट जाना ही अच्छा है क्योंकि प्रस्तुत कहानी .तताँरा-वामीरो कथा. के अनुसार अण्डमान द्वीप समूह पर स्थित पासा और लपाती गाँव के रीति-रिवाज के अनुसार विवाह सम्बन्ध के लिए युवक-युवती दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। यह रूढ़िवादी बंधन तताँरा और वामीरो के प्रेम सम्बन्ध के मध्य रुकावट बन रहा था। इसके विरोधस्वरूप दोनों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। अत: ऐसी रूढ़ियाँ जिनसे मानव समाज को नुकसान हो, उन्हें समय के साथ बदलना या तोड़ना ही उचित है। Try our Mini CourseMaster Important Topics in 7 DaysLearn from IITians, NITians, Doctors & Academic Experts Dedicated counsellor for each student 24X7 Doubt Resolution Daily Report Card Detailed Performance Evaluation view all courses RELATED QUESTIONS : न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 ‘ NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 ( NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 न NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2 रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब क्या करना चाहिए?1 Answer. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है।
रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही बेहतर है क्यों स्पष्ट कीजिये?रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए। Solution : रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं, परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है।
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