पदार्थ क्या है इसकी कितनी अवस्थाएं होती हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए? - padaarth kya hai isakee kitanee avasthaen hotee hain udaaharan sahit spasht keejie?

पदार्थ क्या है इसकी कितनी अवस्थाएं होती हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए? - padaarth kya hai isakee kitanee avasthaen hotee hain udaaharan sahit spasht keejie?

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पदार्थ क्या है इसकी कितनी अवस्थाएं होती हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए? - padaarth kya hai isakee kitanee avasthaen hotee hain udaaharan sahit spasht keejie?

रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में पदार्थ (matter) उसे कहते हैं जो स्थान घेरता है व जिसमे द्रव्यमान (mass) होता है। पदार्थ और ऊर्जा दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। विज्ञान के आरम्भिक विकास के दिनों में ऐसा माना जाता था कि पदार्थ न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न नष्ट ही किया जा सकता है, अर्थात् पदार्थ अविनाशी है। इसे पदार्थ की अविनाशिता का नियम कहा जाता था। किन्तु अब यह स्थापित हो गया है कि पदार्थ और ऊर्जा का परस्पर परिवर्तन सम्भव है। यह परिवर्तन आइन्स्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E=m*c<su के अनुसार होता है। पदार्थ की तीन अवस्थाएँ होती हैं। पदार्थ की मुख्य अवस्थाएं हैं - ठोस, द्रव तथा गैस। इसके अतिरिक्त कुछ विशेष परिस्थितियों में पदार्थ प्लाज्मा, अतितरल (सुपरफ्लुइड), अतिठोस आदि अन्य अवस्थायें भी ग्रहण करता है।2

परिभाषा[संपादित करें]

पदार्थ की आम परिभाषा है कि 'कुछ भी' जिसका कुछ-न-कुछ वजन (Mass) हो और कुछ-न-कुछ 'जगह घेरती' (Volume) हो उसे पदार्थ कहते है। उद्धरण के तौर पर, एक कार जिसका वजन होता है और वह जगह भी घेरती है उसे पदार्थ कहेंगे।

पदार्थ के कणों की विशेषताएँ[संपादित करें]

पदार्थ के कणों की विशेषताये-

  • पदार्थ के कण बहुत छोटे होते हैं।
  • पदार्थ के कणों के बीच स्थान होता है।
  • पदार्थ के कण निरंतर घूमते रहते हैं।
  • पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।

पदार्थ की अवस्थाएं[संपादित करें]

पदार्थ तीन अवस्थाओं- ठोस, द्रव और गैस में पाये जाते हैं। ताप और दाब की दी गई निश्चित परिस्थितियों में, कोई पदार्थ किस अवस्था में रहेगा यह पदार्थ के कणों के मध्य के दो विरोधी कारकों अंतराआण्विक बल और उष्मीय ऊर्जा के सम्मिलित प्रभाव पर निर्भर करता है। अंतराआण्विक बलों की प्रवृत्ति अणुओं (अथवा परमाणुओं अथवा आयनों) को समीप रखने की होती है, जबकि उष्मीय ऊर्जा की प्रवृत्ति उन कणों को तीव्रगामी बनाकर पृथक रखने की होती है।[1]

ठोस[संपादित करें]

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ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (Force of attaraction) आधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उद्हरण - जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस आदि।[1]

द्रव[संपादित करें]

द्रव में कणों के मध्य बन्धन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकर नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है।

गैस[संपादित करें]

गैस में कणों के मध्य बन्धन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (Shape) और न ही निश्चित आयतन (Volume) होता है।

पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन[संपादित करें]

पदार्थ तीन भौतिक अवस्था में रह सकते है :- ठोस अवस्था, द्रव अवस्था और गैस अवस्था। उदाहरण के तौर पर, पानी बर्फ के रूप में ठोस अवस्था में रह सकता है, पानी के रूप में द्रव अवस्था में रह सकता है और भाप के रूप में गैस अवस्था में रह सकता है।

भारतीय दर्शन में पदार्थ[संपादित करें]

भारत के विभिन्न दर्शनकारों ने पदार्थों की भिन्न-भिन्न संख्या मानी है। गौतम ने 16 पदार्थ माने, वेदान्तियों ने चित् और अचित् दो पदार्थ माने, रामानुज ने उनमें एक 'ईश्वर' और जोड़ दिया। सांख्यदर्शन में 25 तत्त्व हैं और मीमांसकों ने 8 तत्त्व माने हैं। वस्तुतः इन सभी दर्शनों में ‘पदार्थ’ शब्द का प्रयोग किसी एक विशिष्ट अर्थ में नहीं किया गया, प्रत्युत उन सभी विषयों का, जिनका विवेचन उन-उन दर्शनों में है, पदार्थ नाम दे दिया गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. ↑ अ आ रसायनशास्त्र, भाग-१, (कक्षा १२), एनसीईआरटी, नई दिल्ली, पृष्ठ-२

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • पदार्थ की अवस्थाएँ
  • पदार्थ की अविनाशिता का नियम
  • पदार्थ विज्ञान
  • पदार्थवाद
  • पदार्थ (भारतीय दर्शन)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • वेदों में पदार्थविज्ञान

1 पदार्थ क्या है इसकी कितनी अवस्थाएँ होती हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?

<br> पदार्थ की अवस्थाएँ-पदार्थ की तीन भौतिक अवस्थाएँ होती हैं-ठोस, द्रव और गैसा <br> (i) ठोस—“पदार्थ की वह भौतिक अवस्था जिसमें पदार्थ का आकार तथा आयतन दोनों निश्चित होते हैं, ठोस कहलाती है।" पत्थर, लकड़ी, लोहा, मेज, पुस्तक आदि ठोस पदार्थ हैं

पदार्थ क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

उदाहरण के लिए -हवा और पानी ; हाइड्रोजन और ऑक्सीजन; चीनी और रेत; चांदी और स्टील; लोहे और लकड़ी; बर्फ और शराब; दूध और तेल; कार्बन डाइऑक्साइड और भाप; कार्बन और सल्फर; चट्टानों और खनिज आदि। ये विभिन्न प्रकार के पदार्थ है जिनके पास मास, आयतन है और जो स्थान घेरते हैं। वे ठोस, तरल, गैस और प्लाज्मा के रूप में मौजूद होते है।

पदार्थ की तीन अवस्था क्या है प्रत्येक का उदाहरण दीजिए?

ये तीन वर्ग हैं- ठोस (solid), द्रव (Liquid) तथा गैस (Gas)। दूसरे शब्दों में पदार्थ इन्हीं तीन अवस्थाओं में रहते हैं। किसी पदार्थ की अवस्था (ठोस, द्रव या गैस) उसके अन्तराण्विक बल (Intermolecular Force) पर निर्भर करती है। ठोस (solid) ठोस पदार्थ की वह अवस्था है, जिसमें उसके आकार एवं आयतन निश्चित होते.

पदार्थ की कितनी अवस्थाएं होती हैं वर्णन कीजिए?

पदार्थ की चार अवस्थाएं होती हैं. ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा. प्लाज्मा गैसीय अवस्था ही होती है, लेकिन यह आयनित होती है. बताया जाता है कि तारे प्लाज्मा से ही बने होते हैं.