पेट के संक्रमण के लिए सबसे अच्छा एंटीबायोटिक - pet ke sankraman ke lie sabase achchha enteebaayotik

Published on: 18 November 2021, 14:00 pm IST

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एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन हम बिना किसी हिचकिचाहट के कर लेते थे। लेकिन जब से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीबायोटिक दवाइयों के ज्यादा और गलत उपयोग को लेकर चेतावनी दी है, तब से एंटीबायोटिक का सेवन करने से पहले दिमाग में कई विचार आ जाते हैं। क्या जिस दवा का हम सेवन कर रहे हैं, वह हमारे शरीर के लिए उचित है? क्या यह एंटीबायोटिक उसी समस्या के लिए है जिसके लिए हम इसे खा रहे हैं?

यह सवाल केवल आपका ही नहीं बल्कि करोड़ों लोगों का है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस बार के वर्ल्ड एंटीबायोटिक अवेयरनेस वीक की थीम जागरूकता फैलाना और प्रतिरोध रोकने पर केंद्रित की गई है। आज हम आपके लिए ऐसी 5 एंटीबायोटिक दवाओं के बारे में जानकारी लेकर आए हैं, जिन पर आप भरोसा कर सकती हैं।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध आखिर होता क्या है ? 

एंटीबायोटिक प्रतिरोध की स्थिति तब होती है, जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक द्वारा खुद को मारे जाने से बचा लेता है। इस दौरान बैक्टीरिया का इलाज करना काफी कठिन हो जाता है। एंटीबायोटिक के ज्यादा प्रयोग या दुरुपयोग करने से एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या होने लगती है। 

यहां वे 5 एंटीबायोटिक दवाओं के सॉल्यूशन हैं, जिन पर आप भरोसा कर सकती हैं 

1 अमोक्सिसिलिन ( Amoxicillin )

एमोक्सिसिलिन एक पेनिसिलिन एंटीबायोटिक साल्ट है, जो बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता करता है। यह बैक्टीरिया से होने वाले अलग-अलग प्रकार के इंफेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है। जिसमें टॉन्सिलिटिस, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और कान, नाक, गले, त्वचा या यूरिनरी ट्रैक का संक्रमण शामिल है। 

एंटीबायोटिक्स का अधिक इस्तेमाल आपको परेशानी में डाल सकता है। चित्र-शटरस्टॉक।

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण के कारण होने वाले पेट के अल्सर का इलाज करने के लिए कभी-कभी एमोक्सिसिलिन का उपयोग डॉक्टरों द्वारा किया जाता है।

ध्यान रहे कि आप इस दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। यदि आपको इससे एलर्जी की समस्या है तो भी इस से दूर रहें। बता दें कि अमोक्सिसिलिन गर्भनिरोधक गोलियों को कम प्रभावी बना सकती है।

2 एज़िथ्रोमाइसिन ( Azithromycin )

कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के दौरान आपने एज़िथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक टेबलेट का नाम जरूर सुना होगा। सरकार द्वारा जारी किए गए मेडिकेशन में इस दवा का जिक्र किया गया था। कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को भी यह दवा दी जा रही थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि एज़िथ्रोमाइसिन एक एंटीबायोटिक है, जो बैक्टीरिया से लड़ता है।

एज़िथ्रोमाइसिन का उपयोग बैक्टीरिया के कारण होने वाले कई अलग-अलग प्रकार के संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है- जैसे कि श्वसन संक्रमण, त्वचा में संक्रमण, कान में संक्रमण, आंखों में संक्रमण और यौन संचारित रोग।

ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि इस एंटीबायोटिक का सेवन केवल इन्हीं समस्याओं के लिए किया जा रहा हो। डॉक्टर द्वारा कई बार अन्य बीमारियों के लिए भी हालात को देखते हुए इन दवाइयों का सेवन करने की सलाह दी जाती। लीवर की समस्या वाले लोगों को इस एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए।

3 डॉक्सीसैकलिन ( Doxycycline or Tetracycline )

डॉक्सीसैकलिन एक टेट्रासाइक्लिन एंटीबायोटिक है जो शरीर में बैक्टीरिया से लड़ने और उन्हें खत्म करने का काम करती है। इसका उपयोग अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरियल इनफेक्शन के लिए किया जाता है। जैसे कि मुंहासे, यूनरी ट्रैक इनफेक्शन, आंतों में संक्रमण, श्वसन संक्रमण, आंखों में संक्रमण, सूजाक, क्लैमाइडिया, पीरियोडोंटाइटिस आदि।

4 मेट्रोनिडाजोल (metronidazole)

मेट्रोनिडाजोल एंटीबायोटिक का उपयोग योनि बैक्टीरियल संक्रमण, पेट, यकृत, त्वचा, जोड़ों, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी, फेफड़े, हृदय या रक्तप्रवाह के बैक्टीरियल इनफेक्शन के इलाज में किया जाता है। कई बार इस एंटीबायोटिक का सेवन ट्राइकोमोनिएसिस की बीमारी से जूझ रहे रोगियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। जो एक परजीवी के कारण होने वाली यौन संचारित बीमारी है।  

5  सेफैलेक्सिन ( Cephalexin )

सेफैलेक्सिन आपके शरीर में बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें मारने का काम करता है। सेफैलेक्सिन का उपयोग श्वसन संक्रमण, कान में संक्रमण, त्वचा संक्रमण और हड्डी में संक्रमण शामिल हैं। सेफैलेक्सिन का उपयोग वयस्कों और कम से कम 1 वर्ष के बच्चों में संक्रमण के इलाज के लिए भी किया जाता है।

कब और कितना करना चाहिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल 

कोविड – 19 के गंभीर मरीजों को भी एंटीबायोटिक दवाई दी जाती हैं । चित्र-शटरस्टॉक।

एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में किया जाता है। लेकिन उचित मात्रा में डॉक्टर द्वारा सुझाए हुए एंटीबायोटिक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। हर एंटीबायोटिक हर प्रकार के इंफेक्शन पर असरदार नहीं होती है। जिससे आपको साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ सकता है। एंटीबायोटिक का सेवन वायरल इनफेक्शन के दौरान ज्यादा नहीं करना चाहिए। अन्यथा यह एंटीबायोटिक प्रतिरोध का कारण बन जाता है।

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सबसे अच्छी एंटीबायोटिक दवा कौन सी है?

यहां वे 5 एंटीबायोटिक दवाओं के सॉल्यूशन हैं, जिन पर आप भरोसा कर सकती हैं.
1 अमोक्सिसिलिन ( Amoxicillin ) ... .
2 एज़िथ्रोमाइसिन ( Azithromycin ) ... .
3 डॉक्सीसैकलिन ( Doxycycline or Tetracycline ) ... .
4 मेट्रोनिडाजोल (metronidazole) ... .
5 सेफैलेक्सिन ( Cephalexin ).

एंटीबायोटिक दवा का कोर्स कितने दिन का होता है?

कोर्स पूरा करना होता है जरूरी बैक्टीरियल संक्रमण के आधार पर रोगी को एंटीबायोटिक दवाओं का 3 से 5 दिन का कोर्स कराया जाता है। रोगी को अधिकतर 8-12 घंटे के अंतराल पर ये दवाएं लेनी पड़ती हैं। लेकिन चेस्ट इंफेक्शन जैसी कुछ बीमारियों में ये दवाएं 24 घंटे में एक या दो बार लेने की सिफारिश की जाती है।

एंटीबायोटिक दवा का नाम क्या है?

फ़्लोरोक्विनोलोन (fluoroquinolones) अगर आप निम्न में से कोई भी दवा ले रहे हैं, तो फ्लोरोक्विनोलोन (fluoroquinolone) लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लेनी चाहिए: थियोफिलाइन (theophylline) - इसका उपयोग अस्थमा के इलाज के लिए किया जाता है; यह कुछ खांसी और सर्दी की दवाओं में भी पाया जाता है

पेट का इन्फेक्शन कैसे ठीक होगा?

मामूली मामलों के लिए कुछ घरेलू उपचार.
दिन भर तरल पदार्थ लें, विशेष रूप से दस्त और बाउट के बाद.
नियमित रूप से, लेकिन कम खाओ। ... .
केले और फलों के रस जैसे पोटेशियम युक्त खाद्य और पेय,.
चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें.
यदि आप में तरल की कमी है तो अस्पताल जाएं.

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