Show पारले जी बिस्किट के रैपर पर हमें एक प्यारी सी बच्ची दिखाई देती है जिसे लेकर लोगों ने खूब चर्चा की है। इस तस्वीर को लेकर हमेशा तीन महिलाओं के नाम सामने आते रहे हैं। इनमें से पहली हैं नागपुर की नीरू देशपांडे, गुंजन गंडानिया और आईटी इंडस्ट्रियलिस्ट नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति। मीडिया में जब इस तरह की खबरें फैलती रही तो मजबूरन पारले के प्रोडक्ट मैनेजर को सामने आना पड़ा। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि पैकेट पर दिखने वाली बच्ची की तस्वीर का वास्ता किसी से नहीं है। यह एक काल्पनिक प्रतिकृति है। मगनलाल दहिया नामक एक चित्रकार द्वारा 60 के दशक में इस तस्वीर को बनाया गया था।
अब जहां तक रही नीरू देशपांडे की बात तो उन्हें इन सुर्खियों के चलते काफी प्रसिद्धि मिली। वर्तमान समय में नीरू देशपांडे लगभग 65 वर्ष की हैं और इस वक्त नागपुर में रह रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब नीरू की उम्र 3-4 साल थी, तब उनके पिता ने उनकी एक ऐसी ही फोटो खींची थी। हालांकि उनके पिता प्रोफेशनल फोटोग्राफर नहीं थे, लेकिन उनकी खींची यह तस्वीर काफी अच्छी आई थी। इस बीच एक दिन किसी ऐसे शख्स की नजर इस तस्वीर पर पड़ी जिनका संबंध पारले वालों से था। फिर क्या, यह तस्वीर बिस्किट के पैकेट पर छप गई।
अब जानते हैं पारले का इतिहास। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पारले बिस्कुट को बनाने का आइडिया अंग्रेजों को देखकर आया। मुंबई के विले पारले इलाके में रहने वाले चौहान परिवार ने साल 1929 में इस कंपनी शुरूआत की थी। उन दिनों कंपनी में केवल केक, पेस्ट्री और कुकीज बनाए जाते थे। साल 1939 में कंपनी ने बिस्किट बनाना शुरू कर दिया क्योंकि उस जमाने में अंग्रेजी कंपनियों के बिस्किट की बिक्री बाजार में खूब थी। सस्ता और टेस्टी होने की वजह लोगों को यह खूब पसंद आया। साल 2011 में नीलसन सर्वे ने पारले जी बिस्किट को दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट करार दिया था। वाकई में आज भी बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर कोई पारले जी को खाना पसंद करते हैं। महज पांच रुपये में बिकने वाला यह बिस्किट बाजार में अभी भी हिट है। पारले जी बिस्कुट पर किसकी फोटो लगी हुई है?कैप्शन में लिखा है नीरू देशपांडे ने 4 साल की उम्र में पार्ले-जी के लिए फोटो क्लिक करवाया था, अब ये 65 वर्ष की हो चुकी हैं। इस फोटो को The Pagla Engineer नाम के फेसबुक पेज से ही 700 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं और भी कई जगह से इसे वायरल किया जा रहा है।
पारले जी बिस्कुट पर वह लड़की कौन है?उस बच्ची का नाम था नीरू देशपांडे। नीरू देशपांडे नाम के उस बच्ची के पिता का संपर्क पारले जी कंपनी के किसी व्यक्ति के साथ था और उन्होंने वह तस्वीर उन्हें दी थी। वह तस्वीर पारले जी बिस्किट के मैनेजमेंट वालों को इतनी पसंद आई कि उन्होंने उसे तस्वीर को पारले जी के कवर पर छाप दिया।
Parleजब फैली थी Parle-G से जुड़ी अफवाह
ऐसे में कुछ समय पहले पार्ले के मैनेजर मयंक शाह ने खुद जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि पैकेट पर बनी बच्ची सिर्फ इलेस्ट्रेशन है। इसे 60 के दशक में बनाया गया था।
पारले जी में जी का मतलब क्या होता है?इस 'जी' का मतलब ग्लूकोज था. 80 के दशक में यह बिस्किट बच्चों से लेकर बड़ों तक में पॉप्युलर हुआ.
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